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आपके घर पर पड़ रही ये छाया होती है बेहद अशुभ, उठाना पड़ सकता है भयंकर नुकसान

 वास्तु में दिशाओं का विशेष महत्व होता है यदि घर की दिशा गलत या निर्माण करवाते समक्ष किसी भी चीज को गलत दिशा में बना दिया जाए तो व्यक्ति के जीवन में उन्नति रुक जाती है और जीवन में कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं। वास्तु शास्त्र में कई वेधों के बारे में उल्लेख किया गया है। इनमें स्तंभवेध, वृक्षवेध और छाया वेध आदि होते हैं। इन वेधों में से एक छायावेध होता है। इसका मतलब होता है, आपके मकान पर किसी अन्य मकान, पेड़ या ऊंची बिल्डिंग की छाया पडऩा। यदि आपके मकान पर किसी चीज की छाया पड़ती है तो यह वास्तु दोष माना जाता है। छाया वेध के कारण परिवार के सदस्यों को गंभीर रोग जैसे मस्तिष्क के रोग, लकवा और हृदय संबंधी रोग आदि होने की आशंका रहती है। छायावेध के प्रभाव से तरक्की, सफलता और आर्थिक उन्नति में भी बाधाएं बनी रहती हैं। हांलांकि छाया कितनी अशुभ है यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस प्रकार का छाया वेध है। तो चलिए जानते हैं कि किस प्रकार बनता है छायावेध और यह कितनी तरह का होता है।  

  किसी मकान पर पडऩे वाली छाया अशुभ है या नहीं , यह इस बात पर निर्भर करता है कि छाया किस तरह की है और कितने समय तक पड़ रही है। यदि आपके घर पर किसी भी चीज की छाया लगभग छह घंटों तक पड़ती है तो इसे छाया वेध माना जाता है। वास्तु शास्त्र में मुख्यता पांच प्रकार के छाया वेध के बारे में बताया गया है। मंदिर, वृक्ष, भवन, पर्वत, ध्वज। 
मंदिर छाया वेध
घर के पास मंदिर होना सभी को अच्छा लगता है क्योंकि इससे वातावरण सकारात्मक बना रहता है लेकिन मंदिर की छाया आपके मकान पर पडऩा भी नुकसानदायक हो सकता है। यदि सुबह के 10 बजे से लेकर दोपहर के 3 बजे तक किसी भी मंदिर की छाया मकान पर पड़ती है तो ये छाया वेध बनता है। इसके कारण विवाह और संतान प्राप्ति में देरी, करोबार में नुकसान और पारिवारिक कलह का सामना करना पड़ता है। 
ध्वज छाया वेध
किसी मंदिर के पास 100 फीट के अंतर्गत बने हुए मकान ध्वज छाया वेध के अंदर आते हैं हालांकि यदि मंदिर की ऊंचाई कम है और उसके ध्वज की छाया मकान के ऊपर नहीं पड़ती है तो यह छाया वेध मान्य नहीं होता है। इसका कोई प्रभाव नहीं रहता है। यदि ध्वज की ऊंचाई से दोगुनी जगह छोड़कर मकान का निर्माण करवाते हैं तो वास्तु दोष नहीं लगता है। 
पर्वत छाया वेध
यदि किसी के घर की पूर्व दिशा की ओर किसी पर्वत, ऊंचे टीले आदि की छाया पड़ती है तो यह छाया वेध के अंतर्गत आता है। यह परिवार के सदस्यों की सफलता में बाधक होता है साथ ही मान-प्रतिष्ठा की हानि होने का डर रहता है। पूर्व के अलावा अन्य दिशाओं पर इस छाया का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।  
भवन छाया वेध
यदि आपके मकान पर किसी बड़े मकान, ऊंची बिल्डिंग आदि की छाया पड़ती है तो यह छाया वेध हो सकता है लेकिन यह छाया कितनी अशुभ है यह इस बात पर निर्भर करता है कि छाया कहां पर पड़ती है। यदि आपके मकान के आसपास बोरिंग या कुंए आदि पर यह छाया पड़ रही है तो यह छाया वेध के अंदर आती है। इसके कारण आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। माना जाता है कि किसी अन्य घर की छाया पडऩे के कारण परिवार के मुखिया को घोर कष्ट का सामना करना पड़ता है। 
वृक्ष छाया वेध
यदि आपके घर पर सुबह के 10 बजे से दोपहर के 3 बजे तक किसी पेड़ की छाया घर पर पड़ती है तो यह बहुत अशुभ माना जाता है, लेकिन इसमें दिशा का ज्ञान होना आवश्यक होता है। यदि घर के घर की आग्नेय दिशा में वट, पीपल, सेमल, पाकड़ तथा गूलर का वृक्ष है तो जीवन में असफलता का सामना करना पड़ता है। इसके कारण प्राणों तक पर संकट आ सकता है।

 

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