ये हैं प्यार के ताले
दुनिया भर में कई स्थानों पर बने पुलों में प्रेमी अपने प्रेम के प्रतीक के रूप में ताले लटका देते हैं। एक ओर जहां ये ताले पुलों का वजन बढ़ा रहे हैं वहीं दुनिया के कुछ देश हैं जहां ये ताले लटकाने के लिए खास जगहें बना दी गई हैं।
टिबरिस, रोम- प्रेम के प्रतीक के तौर पर ताले लटकाने और चाबी नदी में फेंकने की शुरुआत रोम के मिल्वियन ब्रिज से हुई। इसे इतालवी में लुचेती द अमोरे यानी लव लॉक कहा जाता है।
सर्बिया की कहानी- प्यार के तालों का इतिहास सर्बिया से शुरू होता है । पहले विश्व युद्ध के दौरान नादा नाम की एक स्कूल टीचर सर्बियाई सैनिक रेलिया से प्यार करने लगी और सगाई कर ली, लेकिन रेलिया जब लड़ाई के लिए ग्रीस गया तो उसे वहां की लड़की से मुहब्बत हो गई। नादा इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकी और मर गई। नादा के इलाके की लड़कियों ने अपने प्यार को पक्का करने के लिए उन पुलों पर ताले लगाने शुरू किए जहां नादा और रेलिया मिला करते थे, लेकिन इसकी परंपरा रोम में एक किताब आई वॉन्ट यू के आने के बाद परवान चढ़ी।
चीन की दीवार- मुहब्बत के ये ताले अब चीन की दीवार से लेकर कोपनहागन के पुलों तक लटके हुए हैं। अक्सर प्रेमी अपना नाम इन पर लिख कर चाबी नदी या खाई में फेंक देते हैं। उनका विश्वास है कि इससे प्यार कभी नहीं टूटेगा।
सेन, पेरिस -जर्मनी में राइनलैंड रीजनल काउंसिल में लोकसाहित्य विभाग के प्रमुख डाग्मार हैनेल कहते हैं कि पुल हमेशा से प्रेमियों के लिए प्यार का प्रतीक रहे हैं। मुहब्बत की तरह ही वो हिस्सों को जोड़ते हैं और शायद इसी कारण आज दुनिया भर के पुलों पर प्यार के ताले जड़े हुए हैं।
पेरिस में अभियान- पुलों के बढ़ते वजन के कारण पेरिस में नया अभियान शुरू किया गया है, लव विदाउट लॉक। इस वेबसाइट पर लिखा गया है, हमारे पुल आपके प्यार का वजन अब नहीं उठा पा रहे हैं इसलिए अपने प्यार का इजहार बिना ताले के करें।
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