मीरा बाई चानू...केवल ओलंपिक का रजत पदक नहीं... इसने तो नम्रता और कृतज्ञता का स्वर्ण पदक जीता ......!
-आनंद महिंद्रा हुए कायल-- लिखा मीराबाई चानू का यह भाव उन्हें गोल्ड मेडलिस्ट बनाता है
नई दिल्ली। भारतीय वेेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने तोक्यो ओलंपिक में न केवल रजत पदक हासिल कर भारतीयों के दिलों में अपनी जगह बना ली है, बल्कि उन्होंने नम्रता और कृतज्ञता का स्वर्ण पदक भी हासिल किया है। जी हां... यदि आप इस बारे में जानेंगे, तो आपका दिल भी मीराबाई चानू की दाद दिए बिना नहीं रहेगा।
तोक्यो से लौटकर अपने गांव पहुंचते ही मीराबाई ने उसके गांव के आसपास से राजधानी इम्फाल तक नदी की रेत ढोने वाले ट्रकों के ड्राइवरों एवं उनके सहायकों को ढूंढ निकाला और उन्हें अपने घर बुलाकर ना केवल उनका सम्मान किया बल्कि उनके पांव छूकर उनसे आशीर्वाद भी लिया। मीरा बाई की इस सफलता के पीछे कहीं ना कहीं इन ट्रक चालकों और सहायकों की सहृदयता भी मददगार रही है।
दरअसल मीराबाई का गांव "नांगपॉक काकचिंग" इम्फाल में स्थित "खुमान लाम्पाक" क्रीडा संकुल से लगभग 30 किमी दूर है और भारोत्तोलन के प्रशिक्षण के लिये प्रतिदिन इतनी दूर बस से जाने का खर्च करना मीराबाई के परिवार के लिए सम्भव नहीं था। सीखने का जुनून था इसलिए मीराबाई ने बीच का रास्ता निकाला और इस रास्ते से बालू ढुलाई करने वाले ट्रक चालकों से परिचय बढ़ाया और उनसे मदद ली। ग्रामीण भारतीयों में बसी अपनत्व एवं सहयोग की भावना ने अपना असर दिखाया और उस मार्ग से गुजरने वाले ट्रक चालकों ने मीरा बाई की मदद की। मीराबाई के क्रीडा संकुल जाने के समय में जो कोई भी ट्रक चालक उपलब्ध होता था, वह उन्हें मुफ्त में इम्फाल पहुंचा देता था। घर वापसी भी मीराबाई चानू की ऐसे ही होने लगी। यह क्रम करीब छह साल तक चलता रहा। इससे मीराबाई को काफी आर्थिक मदद मिली। अब जब मीराबाई ने ओलंपिक में रजत पदक हासिल किर लिया तो उन्होंने सबसे पहले उनकी सफलता के मददगार रहे ट्रक चालकों की सुध ली ताकि वे उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर सकें। उन्होंने ऐसे करीब डेढ़ सौ ट्रक चालकों और उनके सहायकों को ढूंढा और उन्हें सम्मानपूर्वक अपने घर बुलाया। चानू ने सभी को एक-एक शर्ट का कपड़ा और मणिपुरी गमछा भेंट कर उनके पैर छूए और वरिष्ठ सदस्यों से आशीर्वाद लिया और भोजन भी कराया। ऐसा करके मीराबाई ने साबित कर दिखाया कि उनका दिल खरा सोना है।
एक तरफ मीराबाई चानू को मणिपुर के मुख्यमंत्री ने "अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक" का पद देकर उन्हें सम्मानित किया है, तो वहीं दूसरी तरफ मीरा बाई ने अपनी सफलता के मददगार रहे ट्रक चालकों और उनके सहायकों को सम्मानित कर पूरे देश का दिल एक बार फिर जीत लिया।
मीरा बाई का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और जो कोई इसे देख रहा है, वह उनकी तारीफ कर रहा है। इनमें महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिन्द्रा भी शामिल हैं। उन्होंने इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट ट्वीटर पर पोस्ट लिया और लिखा-जहां तक मेरा सवाल है, मीराबाई चानू का यह भाव उन्हें गोल्ड मेडलिस्ट बनाता है। उन्हें चरण स्पर्श करते देख मेरी आंखें नम हो गई हैं। हमारे देश के सबसे खूबसूरत भावों में से एक...।
श्री महिंद्रा के इस ट्वीट को बहुत से लोगों ने रिट्वीट किया और मीराबाई की तारीफ की।
Leave A Comment