स्ट्राइकर एस वी सुनील ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कहा
नयी दिल्ली। भारतीय पुरूष हॉकी टीम के अनुभवी स्ट्राइकर एस वी सुनील ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास ले लिया जिसके साथ ही 14 वर्ष के उनके सुनहरे कॅरिअर पर भी विराम लग गया ।
इससे एक दिन पहले ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह और डिफेंडर बीरेंद्र लाकड़ा ने संन्यास की घोषणा की थी । रूपिंदर और लाकड़ा तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम के सदस्य थे । कर्नाटक के 32 वर्ष के सुनील तोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम का हिस्सा नहीं थे । उन्होंने कहा कि युवा खिलाडिय़ों के लिये मार्ग प्रशस्त करने की कवायद में उन्होंने यह फैसला लिया है ।सुनील ने 264 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलकर 72 गोल किये । उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा- ब्रेक लेने का समय है । भारत के लिये खेलते हुए 14 साल से ज्यादा हो गए । अगले सप्ताह से शुरू हो रहे राष्ट्रीय शिविर के लिये उपलब्ध नहीं हूं । उन्होंने कहा , यह आसान फैसला नहीं था लेकिन उतना कठिन भी नहीं था चूंकि मैं तोक्यो ओलंपिक के लिये टीम में जगह नहीं पा सका था । इससे एक खिलाड़ी के तौर पर 11 खिलाडिय़ों के प्रारूप में मेरे भविष्य पर भी सवाल उठ गये थे । सुनील ने कहा , पेरिस ओलंपिक में तीन ही साल बचे हैं और मुझे लगता है कि सीनियर खिलाड़ी होने के नाते मेरे लिये यह जरूरी है कि युवाओं के लिये मार्ग प्रशस्त करूं और भविष्य के लिये विजयी टीम बनाने में मदद करूं ।
कुर्ग के रहने वाले इस अर्जुन पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ी ने 2007 में एशिया कप में अंतरराष्ट्रीय हॉकी में पदार्पण किया था । भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता था । दो बार ओलंपिक खेल चुके सुनील भारत की फॉरवर्ड पंक्ति का अहम हिस्सा रहे । वह 2011 एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में स्वर्ण और 2012 में रजत पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे । उन्होंने 2014 इंचियोन एशियाई खेलों और 2018 में जकार्ता में क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक जीता । वह 2015 एफआईएच विश्व लीग फाइनल में कांस्य जीतने वाली टीम के भी सदस्य थे और 2017 में भुवनेश्वर में इसी टूर्नामेंट में कांस्य जीतने वाली टीम में भी थे ।
Leave A Comment