47 साल के हुए मास्टर ब्लास्टर, ये हैं वर्ल्ड कप रिकॉर्ड
मुंबई। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का आज जन्मदिन है। वे 47 साल के हो गए हैं। उनके खेल का हर कोई दीवाना है। अपने खेल के दौरान उन्होंने कई कीर्तिमान रच डाले, जो आज भी रिकॉर्ड बने हुए हैं, जिन्हें आज तक कोई तोड़ नहीं पाया है। सचिन ने इस बार देश और दुनिया में फैले कोरोना वायरस महामारी के संकट के चलते अपना बर्थडे सेलिब्रेट नहीं करने का फैसला लिया है।
उनके जन्मदिन पर उनसे जुड़ी खास बातें-----
-सचिन का जन्म 24 अप्रैल 1973 को दिन में 1 बजे मुंबई के शिवाजी पार्क राणाडे रोड स्थित निर्मल नर्सिंग होम में हुआ था।
- इस महान बल्लेबाज ने अपने कॅरिअर में कुल 6 विश्व कप खेले। अपना पहला विश्व कप खेलने से पहले सचिन कुल 31 वनडे मैच खेलकर 894 रन बना चुके थे और उनके नाम कोई शतक नहीं था।
- वल्र्ड कप 1992, ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड में- सचिन तेंदुलकर का यह पहला विश्व कप टूर्नमेंट था। उन्होंने इस टूर्नामेंट में राउंड रॉबिन स्टेज के सभी 8 मैच खेले और उन्होंने यहां कुल 283 रन बनाए। इस वल्र्ड कप में तेंदुलकर ने तीन फिफ्टी जमाईं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 84 था, जो उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाया था। भारत इस विश्व कप में पहले ही स्टेज (राउंड रॉबिन) में ही बाहर हो गया।
- वल्र्ड कप 1996, भारत-पाकिस्तान-श्रीलंका में- इस विश्व कप में उतरने से पहले सचिन के पास अब 102 वनडे मैचों का अनुभव हो चुका था और अब तक 4 शतक बना चुके थे। इस विश्व कप में सचिन ने कुल 523 रन बनाकर विश्व कप में सर्वाधिक स्कोर बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इस टूर्नामेंट में उन्होंने 2 शतक भी जमाए। लेकिन भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गई।
-विश्व कप 1999, इंग्लैंड में- मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के लिए यह विश्व कप व्यक्तिगत रूप से दुखदायी रहा। इससे पहले कि सचिन इस टूर्नामेंट में अपनी लय पकड़ते उन्हें पहले मैच के बाद ही यह शोकजनक खबर मिली कि उनके पिता का देहांत हो गया है। सचिन को टूर्र्नामेंट छोड़कर वापस अपने घर लौटना पड़ा। इसके बाद सचिन एक बार फिर वापस लौटकर टीम से जुड़े, तब तक टीम 2 मैच हारकर अपनी वापसी के लिए संघर्ष कर रही थी। सचिन ने आते ही केन्या के खिलाफ शतक जड़कर भारत को टूर्नामेंट में पहली जीत दिलाई। सचिन ने इस टूर्नामेंट में 7 मैच खेलकर 253 रन बनाए, जिसमें एक शतक ही शामिल रहा। भारत का सफर इस टूर्नामेंट में सुपर 6 राउंड (दूसरे चरण) में ही खत्म हो गया।
-विश्व कप 2003, साउथ अफ्रीका-जिम्बाब्वे-केन्या में -मास्टर ब्लास्टर और टीम इंडिया के लिए यह विश्व कप बेहद खास रहा। टीम इंडिया यहां खिताब तो नहीं जीत पाई लेकिन उसने फाइनल तक का सफर तय किया और इस टूर्नामेंट की उपविजेता रही। भारतीय टीम ने पूरे टूर्र्नामेंट में शानदार खेल दिखाया था। सचिन ने इस विश्व कप में 11 मैच खेलकर एक शतक और 6 फिफ्टी की बदौलत कुल 673 रन बनाए। आज भी वल्र्ड कप में सर्वाधिक स्कोर बनाने का यह रिेकॉर्ड उनके ही नाम है। सचिन ने यहां अपना ही पुराना रिकॉर्ड (523 रन, 1996 वल्र्ड कप) तोड़कर यह नया कीर्तिमान स्थापित किया था।
-विश्व कप 2007, वेस्ट इंडीज में- इस विश्व कप में भारत का प्रदर्शन फीका रहा और तेंदुलकर को यहां ज्यादा कुछ करने का मौका नहीं मिला। भारतीय टीम टूर्नामेंट के पहले ही राउंड (ग्रुप स्टेज) में बाहर हो गई। सचिन ने यहां 3 मैच में 64 रन बनाए, जिनमें 57 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर था।
- विश्व कप 2011, भारत-बांग्लादेश-श्रीलंका में- मास्टर ब्लास्टर का यह आखिरी वल्र्ड कप था और यह यह उनका सपना सच होने जैसा था। सचिन हर बार विश्व कप में इस इरादे से उतरते थे कि वह भारत को विश्व चैंपियन बनाएं। लेकिन छठी बार उनका यह सपना सच हो गया। तेंडुलकर ने इस टूर्नामेंट में 2 शतक और 2 हाफ सेंचरी समेत कुल 482 रन अपने नाम किए। सबसे अहम बात भारत इस बार विश्व कप चैंपियन बनकर उभरा। 1983 के बाद यह उसका दूसरा विश्व कप खिताब है।
- विश्व कप में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज- े 6 विश्व कप खेलकर तेंदुलकर ने कुल 2278 रन बनाए हैं, जो किसी भी बल्लेबाज द्वारा सर्वाधिक वल्र्ड कप स्कोर है। उनके बाद रिकी पॉन्टिंग का नाम आता है, जो उनसे करीब 500 रन पीछे रह गए। सर्वाधिक विश्व कप शतक और विश्व हाफ सेंचुरी के मामले में मास्टर ब्लास्टर नंबर 1 हैं। सर्वाधिक विश्र्व कप शतक के मामले में वह अपने हम वतन रोहित शर्मा के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर हैं, जबकि विश्व कप 15 हाफ सेंचुरी लगाने वाले वह इकलौते खिलाड़ी हैं।
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