इंडिया ओपन: सेन और सात्विक एवं चिराग की जोड़ी ने चैम्पियन बनकर दिया दोहरी खुशी मनाने का मौका
नयी दिल्ली। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन ने पुरुष एकल और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी एवं चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन बैडमिंटन प्रतियोगिता में में अपने-अपने वर्ग का पहला खिताब जीत कर रविवार को खेल प्रेमियों को दोहरी खुशी मनाने का मौका दिया।
सेन ने फाइनल में सिंगापुर के मौजूदा विश्व चैंपियन लोह कीन यू पर सीधे गेम में 24-22, 21-17 की शानदार जीत के साथ सुपर 500 स्तर के टूर्नामेंट का अपना पहला खिताब जीता तो वहीं सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी इंडोनेशिया के तीन बार के विश्व चैंपियन मोहम्मद अहसान और हेंड्रा सेतियावान की जोड़ी पर सीधे गेम में 21-16, 26-24 से जीत दर्ज करते हुए इंडिया ओपन जीतने वाली देश की पहली जोड़ी बनी। पिछले महीने स्पेन में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक का खिताब जीतने वाले सेन के लिए यह मुकाबला पिछले साल के डच ओपन की फाइनल की तरह था। डच ओपन के फाइनल में लोह ने उन्हें हराया था लेकिन सेन ने इस बार 54 मिनट तक चले मुकाबले को अपने नाम कर हिसाब बराबर किया।
सेन ने इस जीत के बाद कहा, '' पहला गेम महत्वपूर्ण था। मैं आगे चल रहा था और फिर स्कोर 20-20 हो गया। लेकिन मैं पहला गेम जीतने में कामयाब रहा और इससे मुझे काफी आत्मविश्वास मिला।'' उन्होंने कहा, '' मैं इस टूर्नामेंट में बहुत अधिक उम्मीदों के साथ नहीं आया था क्योंकि विश्व चैंपियनशिप के बाद मुझे बहुत अभ्यास नहीं मिला था। मैं हालांकि काफी बेहतर लय के साथ फाइनल में पहुंचा था। मैंने इससे पहले तीन मैचों में अच्छा नतीजा हासिल किया जिससे आज खुल कर खेलने में मदद मिली।'' सात्विक और चिराग इस मैच से पहले इंडोनेशिया की इस जोड़ी के खिलाफ चार मुकाबलों में सिर्फ एक जीत दर्ज कर सके थे। कोविड-19 जांच में गलत पॉजिटिव नतीजे के कारण टूर्नामेंट से बाहर होने के खतरे का सामना करने के बाद इस जोड़ी ने खिताब जीतकर मजबूत मानसिकता का परिचय दिया है। चिराग ने मैच के बाद कहा, '' हम पिछले साल कोई ना तो कोई खिताब जीत सके ना ही फाइनल में पहुंच सके। अपने देश में आना और खिताब के साथ साल की शुरुआत करना अच्छा अनुभव है। उन्होंने कहा, '' ऐसी जोड़ी के खिलाफ जीत खास है, जिसे आप अपना आदर्श मानते है। रणनीतिक रूप से यह हमारे लिए सर्वश्रेष्ठ मैचों में से एक है।'' सेन और लोह ने इससे पहले एक दूसरे के खिलाफ चार मुकाबले खेले थे जिसमें दोनों ने दो-दो जीत दर्ज की थी।
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