परिवार में हुई त्रासदी को पीछे छोड़ वेदा कृष्णमूर्ति का डब्ल्यूपीएल से दमदार वापसी का लक्ष्य
नई दिल्ली। पिछले तीन साल में परिवार में बड़ी त्रासदी झेलने के साथ भारतीय टीम में जगह बनाने में विफल रही बल्लेबाज वेदा कृष्णमूर्ति का लक्ष्य महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) के आगामी सत्र के जरिये राष्ट्रीय टीम में वापसी करने का है। इस साल की शुरुआत में महिला प्रीमियर लीग की पहली नीलामी में नजरअंदाज होने के बाद वेदा ने अपनी फिटनेस पर काफी मेहनत की है। पहले के मुकाबले दुबली और अधिक फिट वेदा को उम्मीद है कि शनिवार को डब्ल्यूपीएल की नीलामी में उनके नाम पर बोली लगेगी जो उनके लिए राष्ट्रीय टीम के दरवाजे खोल सकता है।
वेदा ने कहा, मुझे लगता है कि मेरे पास जो क्षमता और अनुभव है, उससे मुझे एक प्रणाली में आने और फिर से तालमेल बिठाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। यह सब वहां जाने और अपनी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन करने के बारे में है। उन्होंने कहा, डब्ल्यूपीएल निश्चित रूप से खिलाड़ियों के लिए एक बेहतरीन मंच है, खासकर जो मेरी तरह की स्थिति का सामना कर रहे हैं। मैंने पिछले तीन वर्षों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला है, इसलिए यह एक ऐसा मंच है जहां आप अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं। आप अगर इस तरह की परिस्थितियों और मंच पर जाकर प्रदर्शन करने में सक्षम हैं तो यह भारतीय टीम के लिए भी दरवाजे खोलता है।
वेदा ने कहा, हमने पुरुष क्रिकेट में ऐसा होते देखा है। यह कुछ ऐसा है जो मेरे दिमाग में है। वेदा के नाम 48 एकदिवसीय में 71 के सर्वश्रेष्ठ स्कोर के साथ 829 रन हैं। वह 2017 में महिला एकदिवसीय विश्व कप फाइनल खेलने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थी। भारत को इस मैच में इंग्लैंड से नौ रन से हार का सामना करना पड़ा था। वह इसके बाद वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया में क्रमश: 2018 और 2020 आईसीसी महिला विश्व टी 20 टूर्नामेंट के लिए गयी भारत की टीम का भी हिस्सा थीं। इस बल्लेबाज को साल 2021 में दो बड़ी त्रासदी का सामना करना पड़ा। उनकी मां और बड़ी बहन का कोविड-19 के कारण दो सप्ताह के अंतराल में निधन हो गया था। वेदा को इस सदमे से उबरने में काफी समय लग गया।
उन्होंने कहा, ईमानदारी से कहूं तो बहुत मुश्किल है, क्योंकि अचानक जब आप किसी को हमेशा के लिए खो देते है तो आप नहीं जानते कि क्या करें। मुझे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा क्योंकि मुझे नहीं पता था कि इस दुख के साथ कैसे जीना है। मैं बहुत बेचैन थी और बहुत अवसाद का सामना कर रही थी। मुझे ठीक से नींद नहीं आ रही थी। आप इससे बाहर आना चाहते हैं लेकिन ये इतना आसान नहीं है। मैं सुबह पांच-छह बजे तक जागती थी। मुझे आंखें बंद करने से डर लगता था।
देश के लिए 76 टी20 में 875 रन बनाने वाली वेदा ने कहा, मुझे इस त्रासदी से बाहर निकलने में लगभग डेढ़ साल का समय लगा। अब भी इस बारे में सोच कर डर लगता है लेकिन आपको मौजूदा परिस्थितियों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। फिर से फिटनेस हासिल कर अच्छा लग रहा है।’’ डब्ल्यूपीएल से वापसी की राह देख रही इस खिलाड़ी ने कहा, मैं कई घंटे तक अभ्यास कर रही हूं। पिछले चार महीनों में मैं काफी फिट और दुबली हो गयी हूं। मैं गेंद को बहुत अच्छे से हिट कर रही हूं। अब मैं नौ दिसंबर का इंतजार कर रही हूं।
Leave A Comment