चीन पर 7-0 की प्रभावशाली जीत के साथ भारत एशिया कप हॉकी के फाइनल में पहुंचा
राजगीर। स्ट्राइकर अभिषेक के दो गोल की बदौलत भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने शनिवार को यहां सुपर चार के आखिरी मैच में चीन को 7-0 से हराकर एशिया कप टूर्नामेंट के फाइनल में अपनी जगह पक्की की। अभिषेक ने मैच के 46वें और 50वें मिनट में गोल दागे। उनसे पहले इस एकतरफा मुकाबले में शिलानंद लाकड़ा (चौथे मिनट), दिलप्रीत सिंह (सातवें), मनदीप सिंह (18वें), राजकुमार पाल (37वें) और सुखजीत सिंह (39वें) के गोल ने टीम की बड़ी जीत पक्की कर दी। रविवार को खेले जाने वाले फाइनल में भारत के सामने मौजूदा चैंपियन दक्षिण कोरिया की चुनौती होगी।
इस जीत के साथ भारत सुपर चार लीग तालिका में सात अंकों के साथ शीर्ष पर रहा जबकि दक्षिण कोरिया चार अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा। चीन और मलेशिया दोनों तीन-तीन अंकों के साथ उनसे पीछे रहे। इससे पहले भारत ने सुपर चार चरण के अपने शुरुआती दो मैचों में पांच बार के चैंपियन दक्षिण कोरिया के साथ 2-2 से ड्रॉ खेला था और मलेशिया को 4-1 से हराया था। इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट की विजेता टीम को अगले साल बेल्जियम और नीदरलैंड द्वारा संयुक्त मेजबानी में आयोजित होने वाले विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने का मौका मिलेगा। भारत ऐसे में विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने से बस एक कदम दूर है। कोरिया ने दिन के एक अन्य मैच में पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए मलेशिया को 4-3 से हराया।
चीन अब रविवार को तीसरे-चौथे स्थान के लिए मलेशिया से खेलेगा।
भारतीय खिलाड़ी चीन के खिलाफ पूरी तरह से हावी रहे और यह मुकाबला ज्यादातर चीन के हाफ में ही खेला गया। मैच में भारतीय रक्षापंक्ति को भी कोई चुनौती नहीं मिली क्योंकि चीन के खिलाड़ी भारत के सर्कल में घुसने संघर्ष करते रहे। भारत ने मैच में एक भी पेनल्टी कॉर्नर नहीं दिया। भारतीयों ने शुरू से ही मैच पर अपना दबदबा बनाने में कोई समय नहीं गंवाया। टीम को चौथे मिनट में उनके प्रयासों का फल मिला जब शिलानंद ने पहला गोल कर खाता खोला। कप्तान हरमनप्रीत सिंह की हाफ लाइन से शानदार हवाई पास को दाहिनी ओर से जरमनप्रीत सिंह ने नियंत्रित किया और इसे शिलानंद की ओर मोड़ दिया। शिलानंद ने इसे गोल में बदलने में कोई गलती नहीं की। गोल करने के बाद भी भारतीयों का हमलावर तेवर जारी रहा और कुछ ही मिनटों बाद शिलानंद ने अपनी टीम के लिए एक पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। हरमनप्रीत का पहला फ्लिक चीनी गोलकीपर वेइहाओ वांग ने बचा लिया लेकिन दिलप्रीत सही जगह पर मौजूद थे और उन्होंने रिबाउंड से गेंद को गोल में डालकर भारत की बढ़त को दोगुना कर दिया। संजय मैच के 13वें मिनट में गोल करने के बहुत करीब थे, लेकिन बाएं कोने से उनका प्रयास थोड़ा बाहर रह गया। भारत ने 18वें मिनट में अपना दूसरा पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया और विवेक सागर प्रसाद के शॉट को चीनी गोलकीपर द्वारा बचाए जाने के बाद मंदीप ने रिबाउंड से स्कोर 3-0 कर दिया। भारतीय खिलाड़ी चीन के सर्कल में हावी थे और 23वें मिनट में हार्दिक सिंह का जोरदार शॉट सतर्क वांग ने रोक दिया। भारत ने मध्यांतर के बाद उसी तरह खेलना जारी रखा लेकिन दिलप्रीत के करारे प्रहार पर चीन के गोलकीपर ने शानदार तरीके से बचाव किया। भारत ने हालांकि बढ़त को बड़ा करने में ज्यादा समय नहीं लिया। मैच के 37वें मिनट में विवेक सागर प्रसाद ने बाएं ओर शिलानंद को गेंद दी। शिलानंद ने इसे दिलप्रीत को पास दिया उन्होंने गेंद को राजकुमार की ओर मोड़ दिया। राजकुमार ने खूबसूरती से टैप करके गेंद को गोल में डाल दिया। भारत ने इसके बाद पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया लेकिन टीम का यह प्रयास विफल रहा। सुमित और दिलप्रीत के शानदार पास पर सुखजीत ने डाइव लगाते हुए स्लैम शॉट से गोल कर भारत की बढ़त को 5-0 कर दिया। चौथे क्वार्टर की शुरुआत के ठीक बाद अभिषेक ने 46वें मिनट में स्कोर शीट में अपना नाम दर्ज कराया। इसके चार मिनट बाद शिलानंद से एक शानदार डिफ्लेक्शन पर अभिषेक ने एक जोरदार रिवर्स हिट से मैच का अपना दूसरा गोल किया। कोरिया के खिलाफ सुपर चार मैच में हार ने मलेशिया को फाइनल की दौड़ से बाहर कर दिया।
कोरिया के लिए गोल ह्येनहोंग किम (24वें, 51वें), सेयोंग ओह (44वें) और जुंगजुन ली (50वें) ने किए।
मलेशिया के लिए फिट्री सारी (9वें), ऐमन रोजेमी (29वें) और सैयद चोलन (31वें) ने गोल किए।
कोरिया पहले तीन क्वार्टर के अधिकांश समय पीछे चल रहा था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरी 15 मिनट में ज़ोरदार दबाव बनाया, जिसके परिणामस्वरूप एक मिनट के भीतर दो गोल हुए और वे मैच में पहली बार आगे निकल गए। इससे पहले अग्यमते डुइसेंगाजी (12वें, 23वें, 30वें, 36वें, 56वें) के पांच गोल के दम पर विश्व रैंकिंग में 88वें स्थान पर काबिज कजाकिस्तान ने रैंकिंग में 41वें पायदान की टीम चीनी ताइपे को 6-4 से हराया। डुइसेंगाजी (12वें, 23वें, 30वें, 36वें, 56वें) के अलावा अल्त्यनबेक ऐतकालिएव (47वें) विजेता टीम के लिए गोल किया। चीनी ताइपे के लिए, यू-चेंग चांग (सातवां) ने पहला गोल किया जबकि सुंग-यू हसिह (13वें, 18वें, 32वें) ने हैट्रिक लगाई।
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