भारत ने कोरिया को हराकर एशिया कप जीता, विश्व कप के लिये किया क्वालीफाई
राजगीर/ दिलप्रीत सिंह के दो गोल की मदद से भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने गत चैम्पियन दक्षिण कोरिया को रविवार को फाइनल में 4 . 1 से हराकर आठ साल बाद एशिया कप खिताब जीता और अगले साल होने वाले विश्व कप के लिये भी क्वालीफाई कर लिया । भारत ने चौथी बार एशिया कप खिताब जीता है और इसके साथ ही वह पांच बार की चैम्पियन कोरिया के बाद टूर्नामेंट की दूसरी सबसे सफल टीम बन गई । भारत ने इससे पहले 2003 (कुआलालंपुर) , 2007 (चेन्नई) और आखिरी बार 2017 (ढाका) में एशिया कप जीता था । दक्षिण कोरिया ने 1994, 1999, 2009, 2013 और 2022 में खिताब जीता है । इसके साथ ही भारत ने अगले विश्व कप के लिये क्वालीफाई कर लिया जो 14 से 30 अगस्त तक बेल्जियम और नीदरलैंड में होना है । भारत ने अब तक सिर्फ एक बार 1975 में कुआलालंपुर विश्व कप जीता है । खचाखच भरे राजगीर खेल परिसर में भारत के लिये सुखजीत सिंह ने पहले ही मिनट में गोल दागा जबकि दिलप्रीत ने 28वें और 45वें मिनट में गोल किये । अमित रोहिदास ने 50वें मिनट में चौथा गोल दागा । वहीं पांच बार की चैम्पियन दक्षिण कोरिया के लिये एकमात्र गोल 51वें मिनट में डेन सोन ने किया ।
भारत ने टूर्नामेंट में पांच जीत दर्ज की और एक ड्रॉ खेला । हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली टीम ने तीनों पूल मैच जीते । सुपर 4 चरण में मलेशिया को 4 . 1 और चीन को 7 . 0 से हराया जबकि कोरिया से मैच 2 . 2 से ड्रॉ रहा था । पहले ही सेकंड से भारतीय टीम ने आक्रामक शुरूआत की । डिफेंस, मिडफील्ड और फॉरवर्ड पंक्ति के बीच कमाल का तालमेल था और एक ईकाई के रूप में विरोधी गोल पर कई हमले बोले गए । दूसरी ओर कोरियाई टीम अधिकांश समय रक्षात्मक खेल दिखाती नजर आई जो उस पर भारी पड़ा । पहले दो क्वार्टर में भारतीय डिफेंस को भेदने में उसे कामयाबी नहीं मिली और गोल करने के मौके भी कोरियाई टीम बना नहीं सकी । भारत के लिये पहला गोल 30वें सेकंड में सुखजीत ने दागा । कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने बायें फ्लैंक से शानदार प्रदर्शन करते हुए सुखजीत को गेंद सौंपी जिसने बायें कार्नर पर से रिवर्स हिट लगाकर गेंद को गोल के भीतर डाला । दिलप्रीत आठवें मिनट में गोल करने के करीब पहुंचे लेकिन विवेक सागर प्रसाद के पास पर उनका शॉट कोरियाई गोलकीपर जेहान किम ने बचा लिया । अगले ही मूव पर भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला लेकिन जुगराज सिंह की कोशिश नाकाम रही ।
भारतीय आक्रामक पंक्ति ने कोरियाई डिफेंस को पूरे मैच में दबाव में रखा । हरमनप्रीत ने हवा में गेंद उछालकर बायें कॉर्नर पर संजय को पास दिया जिसने सर्कल के भीतर दिलप्रीत को गेंद सौंपी । उन्होंने गोल करके हाफटाइम तक भारत को 2 . 0 से बढत दिला दी । कोरिया को पहला मौका 40वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला लेकिन भारतीय डिफेंस एक बार फिर अडिग था । भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर 44वें मिनट में मिला लेकिन हरमनप्रीत की कोशिश पहले रशर ने नाकाम कर दी । तीसरे क्वार्टर के आखिर में दिलप्रीत ने भारत के लिये एक और गोल किया । हरमनप्रीत ने फ्री हिट पर राजकुमार पाल को पास दिया जिन्होंने दिलप्रीत को गेंद सौंपी और उन्होंने गोल करने में कोई गलती नहीं की । पांच मिनट बाद भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे रोहिदास ने गोल में बदला । कोरिया के लिये आखिरी मिनटों में सोन ने एकमात्र गोल किया । वहीं मलेशिया ने चीन को 3 . 0 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया । जापान ने बांग्लादेश को हराकर पांचवां स्थान पाया ।
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