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सरगुजा जिला बेरोजगारी भत्ता प्रकरणों के निराकरण में राज्य में अव्वल
पढ़ाई कर रहे युवाओं के लिए मददगार बनी बेरोजगारी भत्ता योजना
रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर शुरू की गई बेरोजगारी भत्ता योजना पढ़ाई कर रहे एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए मददगार साबित हो रही है। योजना का लाभ लेकर बेरोजगार युवा खुद को प्रशिक्षित कर रहे हैं और प्रशिक्षण उपरांत नौकरी हासिल कर आर्थिक रूप से स्वावलंबी भी बन रहे हैं। अंबिकापुर में रहने वाली सुभद्रा मिंज व स्टेला लकड़ा किराए में रहकर पढ़ाई कर रही हैं। बेरोजगारी भत्ता मिलने से पुस्तक, कॉपी, पेन ,प्रतियोगी पुस्तकें व परीक्षा फॉर्म भरने में काफी मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि हमें अब आर्थिक रूप से परिजनों पर आश्रित नहीं रहना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि बेरोजगारी भत्ता का प्रयोग वो अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कर रही हैं ।
इसी तरह उमेश चौधरी लखनपुर निवासी ने बताया कि बेरोजगारी भत्ता मिलने से वह अपने हिसाब से पढ़ाई लिखाई की सामग्री खरीदने में प्रयोग कर रहा है जिससे उसे पढ़ाई में परेशानी नहीं हो रही है।
आज इनके जैसे ही 50 युवाओं को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के हाथों प्रशिक्षण पूरा करने के बाद नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ है और अब ये अपनी स्वयं की आर्थिक जरूरतें पूरी करने के लिए सक्षम हो चुके हैं। नियुक्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद प्रशिक्षित युवाओं ने कहा कि वो अपने स्किल में और सुधार लाएंगे ताकि आगे चलकर वो और भी बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकें।
गौरतलब है कि बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत सरगुजा जिले के 3 हजार 76 आवेदक बेरोजगारी भत्ता हेतु पात्र पाये
गये हैं जिन्हें 1 करोड़ 42 लाख 15 हजार का भुगतान किया गया है। सरगुजा जिला 92.4 फीसदी बेरोजगारी भत्ता आवेदनों के निराकरण के साथ पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर है।
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मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत 23 जिलों में होगी मलेरिया की जांच
अभियान के आठवें चरण में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर 22 लाख लोगों की करेगी जांच
रायपुर। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के साथ ही 15 जून से राज्य में सघन कुष्ठ रोग अभियान और राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान भी शुरू होगा। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के आठवें चरण में 23 जिलों में मलेरिया की जांच की जाएगी। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा करीब 22 लाख लोगों की मलेरिया जांच की जाएगी। प्रदेश के सभी 33 जिलों के 146 विकासखंडों में राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान व सघन कुष्ठ खोज अभियान भी संयुक्त रूप से चलाया जाएगा। इस दौरान कुष्ठ के संदेहास्पद रोगियों की पहचान कर जांच व उपचार किया जाएगा। अभियान के दौरान नेत्र रोगियों की पहचान कर समुचित इलाज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि मलेरिया नियंत्रण की दिशा में राज्य सरकार लगातार बेहतर लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है। राज्य को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए 15 जून से 10 जुलाई तक मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का आठवां चरण शुरू किया जा रहा है जिससे मलेरिया के मामलों को निम्नतम स्तर तक ले जाकर पूर्ण मलेरिया मुक्त राज्य के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। बस्तर संभाग के सभी सातों जिलों सहित प्रदेश के कुल 23 जिलों में 25 दिनों तक यह अभियान संचालित किया जाएगा।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के आठवें चरण में प्रदेश के लगभग 22 लाख लोगों की मलेरिया जांच का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रदेश भर में 2854 टीमों का गठन किया गया है। मलेरिया से ज्यादा प्रभावित बस्तर संभाग में 1539 और अन्य 16 जिलों में 1315 टीमें बनाई गई हैं। अभियान के दौरान 274 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 904 उप स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत मलेरिया की जांच व उपचार के लिए दल सक्रिय रहेंगे। अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम और मितानिनें घर-घर जाकर मलेरिया की जांच करेंगी।
सर्वे दलों द्वारा मलेरिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक कर उन्हें मच्छरदानी के नियमित उपयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस दौरान गांवों में घरों के आसपास जमा पानी और नालियों में बीटीआई व जले हुए तेल का छिड़काव भी किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी घरों में कुष्ठ और नेत्र रोगों के संभावित मरीजों की भी जानकारी लेंगी।
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पहले सात चरणों में 1.41 करोड़ मलेरिया जांच, 1.49 लाख पीड़ितों का तत्काल इलाज
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पहले सात चरणों में कुल एक करोड़ 41 लाख मलेरिया जांच की गई हैं। इस दौरान पॉजिटिव पाए गए एक लाख 49 हजार मरीजों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर पहले चरण में 14 लाख छह हजार, दूसरे चरण में 23 लाख 75 हजार, तीसरे चरण में 15 लाख 70 हजार, चौथे चरण में 19 लाख 98 हजार, पांचवें चरण में 14 लाख 36 हजार, छटवें चरण में 43 लाख 61 हजार और सातवे चरण में नौ लाख 34 हजार लोगों की मलेरिया जांच की है। इस दौरान पहले चरण में पॉजिटिव पाए गए 64 हजार 646, दूसरे चरण में 30 हजार 076, तीसरे चरण में 16 हजार 148, चौथे चरण में 11 हजार 363, पांचवे चरण में 11 हजार 321, छटवें चरण में 7479 एवं सातवें चरण में 7974 मलेरिया पीड़ितों का तत्काल उपचार किया गया।
23 जिलों में इतनी आबादी की जांच का लक्ष्य
स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के अंतर्गत बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में दो लाख 87 हजार 567, दंतेवाड़ा में दो लाख 51 हजार 627, कांकेर में 84 हजार 469, कोंडागांव में दो लाख आठ हजार 514, नारायणपुर में एक लाख 52 हजार 552, बस्तर में तीन लाख 93 हजार 366 और सुकमा में दो लाख 75 हजार 483 लोगों की जांच का लक्ष्य रखा है। वहीं गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 17 हजार 692, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 52 हजार 985, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 71 हजार 283, सक्ती में 11 हजार 635 और कबीरधाम जिले में 54 हजार 850 लोगों की मलेरिया जांच की जाएगी।
अभियान के तहत बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 55 हजार 980, दुर्ग में 5535, बिलासपुर में दस हजार 716, कोरबा में 33 हजार 136, गरियाबंद में 48 हजार 563, कोरिया में 19 हजार 893, राजनांदगांव में 50 हजार 317, बालोद में 33 हजार 611, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 27 हजार 955, सूरजपुर में 12 हजार 742 तथा जशपुर में 79 हजार 110 लोगों की जांच का लक्ष्य रखा गया है। -
स्वामी आत्मानंद के शिक्षकों ने मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया
सरगुजा में अब आत्मानंद स्कूलों की संख्या हुई 16
रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव पहल करते हुए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना शुरू की है। योजना के अंतर्गत सरगुजा जिले में 11 स्वामी आत्मानंद स्कूल संचालित थे। भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान स्थानीय लोगों की मांग पर मुख्यमंत्री ने 5 नए स्वामी आत्मानंद स्कूल घोलने की घोषणा की थी। घोषणा पूरी होने के बाद अब जिले में कुल 16 स्वामी आत्मानंद स्कूल संचालित हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 39 शिक्षकों की भर्ती की गयी है। आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इन 39 नव नियुक्त शिक्षकों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
इस दौरान स्वामी आत्मानंद स्कूलों में अध्यापन कार्य कर रहे शिक्षकों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में हमें अध्यापन कार्य के लिए नियुक्ति मिली है जिसे हम पूरी तन्मयता से से पूरा करेंगे। -
‘‘स्कूल जतन योजना’’: स्कूल आकर्षक एवं सीखने के प्रभावी केन्द्र के रूप में होंगे विकसित
कक्षाओं में नवीन, रोचक एवं प्रभावी शिक्षण प्रक्रियाओं को लागू किया जाएगा
अधिक से अधिक गांव होंगें शून्य ड्राप आउट घोषित
रायपुर/ राज्य में इस साल शाला प्रवेशोत्सव 16 जून से 15 जुलाई तक मनाया जाएगा। प्रवेश उत्सव के आधार पर स्कूलों में व्यापक बदलाव देखने को मिलेगा। इस वर्ष अधिक से अधिक सरकारी स्कूलों को ‘सुघ्घर पढ़वैय्या योजना’ के निर्धारित मानदंडो में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप ‘‘स्कूल जतन योजना’’ शालाओं को आकर्षक एवं सीखने के प्रभावी केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। शिक्षकों के सतत् क्षमता विकास के माध्यम से कक्षाओं में नवीन, रोचक एवं प्रभावी शिक्षण प्रक्रियाओं को लागू किया जाएगा। अधिक से अधिक गांवों को शून्य ड्राप आउट गांव के रूप में घोषित किया जा सकेगा। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री आलोक शुक्ला ने इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश सभी कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को जारी किए हैैं।
प्रवेशोत्सव के दौरान ट्रेकिंग के लिए सूचकांक निर्धारित किए गए हैं। यह ट्रेकिंग बसाहट, ग्राम, वार्ड, शाला संकुल, विकासखण्ड, जिला एवं राज्य स्तर पर प्रतिदिन करने के प्रावधान प्रस्तावित किए गए हैं। शाला से बाहर रहने वाले बच्चों और अनियमित उपस्थिति वाले बच्चों की पहचान कर उनकी सूची बनाना एवं संख्या से अवगत करवाना। ऐसे बच्चों की सूची एवं संख्या से अवगत करवाना जिन्हें प्रवेशोत्सव के दौरान मुख्यधारा में शामिल करने में सफलता मिल गई हो। ऐसे गांव, वार्ड जहां शून्य ड्राप आउट हों एवं सभी बच्चे शाला में नियमित रूप से उपस्थित हो रहे हों। ऐसे स्कूलों की संख्या जिन्होंने ‘सुघ्घर पढ़वैय्या योजना’ में अपना पंजीयन करवाया हो। इसके साथ ही ऐसे स्कूलों की संख्या जिन्होंने सुघ्घर पढ़वैय्या योजना में अपना थर्ड पार्टी आंकलन करवाया हो। ऐसे स्कूलों की संख्या जिन्होंने ‘सुघ्घर पढ़वैय्या योजना’ में प्लेटिनम, गोल्ड, सिल्वर प्राप्त किया हो और ऐसे स्कूलों की संख्या जिन्होंने अपने बच्चों में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता के लक्ष्यों को प्राप्त करने की चुनौती देकर समुदाय के सहयोग से अपना स्व-आकलन कर लिया हो। ट्रेकिंग के लिए इन सभी सूचकांकों को शामिल किया गया है।
इस वर्ष शिक्षा सत्र में कक्षाओं में कुछ नयापन और बदलाव लाने के सुझाव दिए गए हैं, जिन्हें शालाओं में संकुलों के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा। प्रत्येक शाला में उसके फीडर शाला एवं पिछली कक्षा के सभी बच्चों को अगली कक्षा में प्रवेश लेने की स्थिति एवं बच्चों से शाला जाने योग्य सभी बच्चे एवं शाला त्यागी, अप्रवेशी बच्चों की पहचान की जाए। सभी शाला अप्रवेशी बच्चों को इस सत्र में प्रत्येक बच्चे की ट्रेकिंग करते हुए उनका नियमित प्रवेश एवं सीखना सुनिश्चित करवाया जाए। कक्षा 1 से 3 तक उपलब्ध करवाए गए होलिस्टिक रिपोर्ट के आधार पर उन कक्षाओं के लिए निर्धारित सभी लर्निंग आउटकम को अगली कक्षा में प्रवेश लेने के पूर्व अच्छे से हासिल किया जाना सुनिश्चित करें, ताकि शिक्षकों को कक्षा अनुरूप दक्षताओं पर पूरे सत्र में कार्य करने का अवसर मिल सके। शाला परिसर में प्रिंट रिच वातावरण एवं शाला की बाहरी दीवार पर सभी कार्यरत शिक्षकों के फोटोग्राफ एवं उनका विवरण प्रत्येक प्राथमिक शाला के कक्षा 1 के बच्चों के साथ 90 दिनों का शाला हेतु तैयारी कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करना है। प्रत्येक बच्चे को अभ्यास पुस्तिकाएं देते हुए उन पर नियमित अभ्यास कर उनके कार्यों में सुधार हेतु नियमित फीडबैक देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का सुझाव दिया गया है।
इसी प्रकार विद्यार्थियों को एक दूसरे से सीखने के लिए प्रत्येक विद्यार्थी को छोटे-छोटे समूहों में एक दूसरे के साथ मिलकर सीखने-सिखाने के नियमित अनुभव को साझा करेंगें। बच्चों को प्रदत्त पाठ्यपुस्तकों में कव्हर डलवाएं ताकि उन्हें सुरक्षित रखा जा सके। प्रारंभ से ही बच्चों के पठन कौशल विकास पर फोकस करते हुए उनकी समझ के साथ पढ़ने की गति में सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रत्येक बच्चे को कक्षा तीन तक पढ़ने के कौशल के विकास एवं उसके बाद समझ एवं गति के साथ पढने में निरंतर सुधार लाने की दिशा में प्रत्येक बच्चे पर ध्यान देते हुए आगे बढ़ने कहा गया है। शिक्षक कक्षा शिक्षण में नवीन प्रविधियों का अधिकाधिक उपयोग करते हुए बच्चों के बेहतर सीखने की दिशा में काम करना जारी रखें। खिलौनों से सीखना, स्थानीय भाषा में सीखने में सहयोग करना, खेल-खेल में सीखना, अनुभवों से सीखना, बड़े एवं छोटे समूह बनाकर एक दूसरे से सीखना, समुदाय से सीखने में सहयोग लेने जैसे रणनीतियों का पूरी कड़ाई से अपनी अपनी कक्षाओं में पालन करवाएं। आंकलन को प्रभावी बनाने हेतु सीखने का आंकलन के बदले में सीखने के लिए आंकलन को उपयोग में लाएं। -
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उप स्वास्थ्य केन्द्र मझगांव, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दुल्ला, पीपरोल, पीथमपुर, शिवप्रसादनगर, ससहा, दकई को जारी किया एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन
रायपुर।उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले राज्य के आठ और स्वास्थ्य केन्द्रों को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने विगत अप्रैल से मई माह के बीच इन आठ अस्पतालों का निरीक्षण कर मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया था। टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बिलासपुर जिले के मझगांव उप स्वास्थ्य केंद्र, गरियाबंद के दुल्ला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, बस्तर के कलचा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, बलरामपुर जिले के पीपरोल हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के पीथमपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, सरगुजा के शिवप्रसाद नगर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, बलौदाबाजार के ससहा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तथा सरगुजा के दकई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र से नवाजा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में मझगांव उप स्वास्थ्य केंद्र को 81 प्रतिशत, दुल्ला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 82 प्रतिशत, कलचा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 89 प्रतिशत, पीपरोल हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 73 प्रतिशत, पीथमपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 89 प्रतिशत, शिवप्रसाद नगर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 93 प्रतिशत, ससहा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 96 प्रतिशत एवं दकई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 88 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्टता प्रमाण पत्र हासिल करने वाले इन सभी अस्पतालों के स्टॉफ को बधाई दी है। उन्होंने भरोसा जताया है कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे और प्रदेश के दूसरे अस्पतालों के लिए नए प्रतिमान स्थापित करेंगे। दूरस्थ अंचलों में स्थित शासकीय अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र मिलना इस बात का संकेत है कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं सभी क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं। -
ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित हुई प्रतियोगिता में 18 राज्यों के खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा
रायपुर/ ओडिशा के भुवनेश्वर में 9 से 12 जून तक आयोजित प्रथम जनजातीय राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने 1 स्वर्ण, 6 रजत, 8 कांस्य मिलाकर कुल 15 पदक अपने नाम किया है। स्पर्धा में 18 राज्यों के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा और खेल कौशल का प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए 50 मीटर तैराकी में रजत और 100 मीटर में कांस्य पदक जीता।
छत्तीसगढ़ की फुटबॉल बालिका टीम ने गोल्ड मैडल जीतकर अपना लोहा मनवाया। इस बड़ी जीत की हीरो रायपुर के बालिका फुटबॉल अकादमी में अभ्यासरत खिलाड़ी किरण पिस्दा रहीं। खो-खो बालिका टीम और कबड्डी बालिका टीम को कांस्य पदक मिला। एथलेटिक्स के ऊंची कूद इवेंट में तानिया ने कांस्य पदक, 5000 मीटर दौड़ पुरुष में मनीष मांडवी ने रजत पदक, 100 मीटर दौड़ में बिलासपुर के बहतराई आवासीय खेल अकादमी की तर्नीका टेटा ने रजत पदक और लंबी कूद में कांस्य पदक प्राप्त किया। 5000 मीटर दौड़ बालिका में प्रमिला मांडवी ने रजत पदक हासिल किया।
तीरंदाजी में बिलासपुर के बहतराई आवासीय खेल अकादमी के कुबेर सिंह जगत ने व्यक्तिगत 30 मीटर में रजत पदक तथा व्यक्तिगत ओवर ऑल में रजत पदक अपने नाम किया। मिक्स इवेंट में कुबेर सिंह और बुंदेश्वरी मरावी ने कांस्य पदक जीता। वहीं, तीरंदाज़ी में टीम चौंपियनशिप बलिका ने कांस्य पदक और बालक तीरंदाजी टीम ने रजत पदक हासिल किया।
इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं खेल तथा युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल ने खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन पर उन्हें बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। -
स्कूलों में मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री के संदेश का होगा वाचन
‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ पुस्तक में लिखी कहानियों एवं चित्रों पर बच्चे करेंगे चर्चा
शाला प्रवेश उत्सव के शुरूआती 10 दिनों के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए विशेष कार्यक्रम
आयोजन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी
रायपुर/राज्य में इस साल शाला प्रवेश उत्सव 16 जून से 15 जुलाई तक मनाया जाएगा। इस दौरान बच्चों के प्रवेश के साथ ही विभिन्न गतिविधियों का आयोजन होगा। एक माह तक चलने वाले शाला प्रवेश उत्सव के शुरूआती 10 दिनों के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रथम दिवस सभी स्कूलों में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के संदेश का वाचन होगा। जनप्रतिनिधियों द्वारा नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत, बच्चों को मिलने वाले विभिन्न सुविधाओं का वितरण किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों द्वारा स्कूल के विकास हेतु शपथ एवं विचार व्यक्त किए जाएंगे। बच्चों द्वारा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। शाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान और पालकों का स्कूल के बारे में अभिमत और मुख्य अतिथि का उद्बोधन होगा। शाला प्रवेश उत्सव आयोजन के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने सभी जिला कलेक्टर और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि शाला प्रवेश उत्सव को जन-जन का अभियान बनाने के लिए व्यक्तिगत रूचि लेते हुए इसे सभी स्तर पर सफल बनाएं ताकि शत्-प्रतिशत बच्चों को शाला में प्रवेश एवं ठहराव सुनिश्चित करते हुए उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर समग्र शिक्षा की लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके। सत्र प्रारंभ होने से पहले शाला प्रबन्धन समिति की विशेष बैठक का आयोजन करने कहा गया है। शाला प्रवेश उत्सव आयोजन के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रवेश उत्सव के दौरान प्रथम दिवस राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सभी शालाओं में आयोजन किया जाए। शाला प्रवेश उत्सव के द्वितीय दिवस- शाला में बड़े कक्षाओं के विद्यार्थी, शिक्षा में रूचि लेने वाले युवाओं, माताओं एवं सेवानिवृत्त व्यक्तियों की बैठक लेकर अपने क्षेत्र को शून्य ड्राप आउट गाँव घोषित करने आवश्यक कार्यवाहियों, प्रतिदिन प्रभात फेरी निकाले जाने की प्रक्रिया एवं रूट चार्ट, घर-घर संपर्क की प्रक्रिया का विवरण एवं अभ्यास, नुक्कड़ नाटक का अभ्यास, शाला से बाह्य बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ने के प्रयास आदि पर चर्चा एवं बच्चों को तैयार किया जाएगा।
तृतीय दिवस-बड़ी कक्षाओं के बच्चों को घर-घर संपर्क कार्यक्रम के अंतर्गत कैसे प्रत्येक घर मैं जाकर पालकों से संपर्क कर उन्हें अपने बच्चों को नियमित शाला भेजने प्रेरित किया जाएगा। घरों में यदि अप्रवेशी, प्रवेश योग्य बच्चे एवं अनियमित उपस्थिति वाले बच्चे हैं तो उन्हें शाला में प्रवेश दिलवाते हुए नियमित शाला आने के लिए आवश्यक वातावरण तैयार करेंगे। बड़ी कक्षा के बच्चे यह कार्य प्रतिदिन तब तक करेंगे जब तक कि शाला जाने योग्य आयु के सभी बच्चों को ये शाला नियमित आने के लिए सहमत न कर लेवें एवं प्रवेश प्रक्रिया पूरी न कर लें।
चतुर्थ दिवस-बच्चों में आकांक्षा स्तर विकसित कर उनके लिए आगे जीवन में विकास के क्षेत्रों की पहचान करने, विभिन्न रोजगार के अवसर से परिचित करवाने एवं आसपास का भ्रमण कर विभिन्न रोजगारों से परिचित करवाएंगे। विगत वर्षों में सभी शालाओं में ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ नामक पुस्तक बच्चों को एवं स्कूल में उपलब्ध करवाई गयी है। इस पुस्तक को सभी बच्चों को पढ़वाएं एवं इस पुस्तक में लिखी गयी कहानियों एवं चित्रों पर आगामी दो तीन दिनों तक बच्चों को दिखाते हुए चित्रों एवं कहानियों पर चर्चा आयोजित करें।
पंचम दिवस-बच्चों को साधारण गणित के सवाल देकर बनाने का अभ्यास करवाया जाएगा। शाला में उपलब्ध गणित किट गणित की सहायक सामग्री एवं गणित के रोचक खेल आदि का संकलन कर बच्चों से दिन भर अकेले एवं समूह में रहकर विभिन्न सवालों को हल करवाएं। बच्चों से कुछ मौखिक गणित के सवाल भी हल करवाते हुए उन्हें गणित में रूचि विकसित करने का प्रयास किया जाए।
छठवां दिवस-प्रत्येक शाला में खेलगढ़िया के अंतर्गत खेल सामग्री उपलब्ध करवाई गयी है। प्रवेशोत्सव के छठवें दिवस सभी शालाओं में बच्चों को आमंत्रित कर उन्हें विभिन्न खेलकूद में शामिल करते हुए उनका उत्साहवर्धन करें। छोटी कक्षा में बच्चों को सीखने में सहयोग करने हेतु खिलौने बनाने की प्रतियोगिता भी आयोजित कर स्कूल के लिए समुदाय की मदद से खिलौने एकत्र करने एवं स्थानीय संसाधनों से विभिन्न खिलौने बनाए जाने का कार्य भी करवाएं। पुस्तकालय संचालन के सम्बन्ध में रंगोत्सव सामग्री का अध्ययन कर लिया जाए।
सातवां दिवस-सभी शालाओं में संचालित मुस्कान पुस्तकालय से बच्चों को अपनी इच्छा से पुस्तकें लेकर उन्हें पढ़ने, समझने एवं जोड़ी में पढ़ी गयी पुस्तकों पर आपस में चर्चा करने के अवसर दिया जाए। बच्चों में पढ़ने में रूचि विकसित करने के साथ-साथ पढ़ने के स्पीड का भी आकलन करने की व्यवस्था की जाए। बच्चों को पूरे सत्र में समझ के साथ-साथ अधिक से अधिक स्पीड में पुस्तकों को पढ़ने का अभ्यास करने हेतु प्रेरित किया जाए।
आठवां दिवस-कुछ दिन पहले से ही आसपास के समुदाय के बड़े-बुजुर्गों को किसी एक स्थल में आमंत्रित कर बच्चों के छोटे-छोटे समूह में कहानी सुनाने का अवसर दिया जाए। बड़े कक्षाओं के बच्चों को इन कहानियों को सुनकर कागज में लिखने की जिम्मेदारी दी जाए। स्थानीय युवाओं को ऐसी बेहतर कहानियों को मोबाइल से रिकार्ड कर उनका पोडकास्ट बनाने हेतु प्रेरित करें। इन पोडकास्ट को जिले एवं राज्य स्तर पर भिजवाते हुए व्यापक स्तर पर उपयोग करने के अवसर प्रदान किया जाए।
नवम दिवस-इस दिन समुदाय में बोले जाने वाली प्रचलित स्थानीय भाषा में सामग्री तैयार करने हेतु आवश्यक प्रक्रियाएं अपनाएं। बड़े-बुजुगों द्वारा सुनाई गयी कहानियों एवं प्रचलित कहानियों पर स्थानीय भाषा में कहानी पुस्तकें तैयार कर प्रत्येक स्कूल के पुस्तकालय में रखवाएं। प्रवेशोत्सव के दौरान प्रत्येक स्कूल में कम से कम दस कहानी की पुस्तकें जनसहयोग से तैयार करवाते हुए उपयोग में लाई जाए। इन पुस्तकों को बाद में एक दूसरे के स्कूलों में बदलकर पढ़ने के अवसर दिए जा सकते हैं, शालाओं को प्रदाय की गई स्थानीय सामग्री का उपयोग एवं अध्ययन करें।
दसवां दिवस-इस दिन अवकाश के अवसर पर अधिक से अधिक समुदाय के सदस्यों को पहले से आमंत्रित करते हुए कम से कम आधे दिन का कार्यक्रम आयोजित किया जाए। समुदाय के साथ शाला विकास योजना, शाला एवं परिसर का सुरक्षा ऑडिट बच्चों का सामाजिक अंकेक्षण, अनियमित उपस्थिति एवं रोजगार के लिए लंबी अवधि तक बाहर रहने वाले बच्चों के पालकों से संपर्क कर उन्हें नियमित उपस्थिति के लिए प्रेरित किया जाए। पालकों एवं समुदाय को निपुण भारत शपथ लेकर सभी बच्चों को सीखने-सिखाने के लिए जागरूक करना एवं घर पर बच्चों की पढ़ाई पर नियमित रूप से विशेष ध्यान देने हेतु पालकों को तैयार किया जाना होगा। इस दौरान शाला सुरक्षा योजना एवं शाला संकुल योजना से संबंधित सामग्री का उपयोग एवं अध्ययन कर लिया जाए। -
बिलासपुर/कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने साप्ताहिक जनदर्शन में जिले के विभिन्न क्षेत्र से आए लोगों की समस्याओं को सुना। उन्होंने आम नागरिकों की समस्याओं और आवश्यकताओं को गंभीरता से सुनकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक जांच कर निराकरण के निर्देश दिए। जनदर्शन में आज राशन कार्ड, पेंशन, आवास, राशन, पानी की समस्या, रोजगार सहित विभिन्न समस्याओं को लेकर कलेक्टर से मुलाकात कर लगभग 98 आवेदन दिए।
जनदर्शन में तखतपुर ब्लाक के ग्राम जुनसरी निवासी श्रीमती शांति बाई ने दिव्यांग पेंशन एवं वृद्धा पेंशन दिलाने की मांग की। कलेक्टर ने इस मामले पर सीईओ जनपद तखतपुर को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। तखतपुर जनपद के ग्राम राजपुर निवासी श्री दुकालुराम मरावी ने आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने और उनका मकान जर्जर होने की जानकारी देते हुए पक्का मकान के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। वहीं ग्राम बीजा निवासी श्री हेमंत कुमार साहू ने भी कच्चा मकान होने की जानकारी देते हुए पक्का आवास दिलाने की मांग की। उनके आवेदन पर आवश्यक कार्यवाही हेतु सीईओ जनपद तखतपुर को निर्देश दिया गया। कतियापारा निवासी श्रीमती ललिता पांडेय ने बताया कि पूर्व में उन्हें दिव्यांगता पेंशन मिल रहा था, लेकिन वर्तमान में नहीं मिल रहा है। उन्होंने पुनः पेंशन की राशि दिलाने की मांग की। इस पर कार्यवाही हेतु नगर निगम को निर्देशित किया गया। ग्राम सिंघरी निवासी श्रीमती सर्वमंगला देवी कौशिक ने बताया कि उनका पति बालक छात्रावास में पदस्थ था, लेकिन मार्च में उनके पति का निधन हो गया है। उनकेे स्थान पर कन्या छात्रावास में कार्य पर रखने की मांग की। कलेक्टर ने इसे टीएल में लेते हुए आदिम जाति कल्याण विभाग को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। छत्तीसगढ़ झेरिया यादव समाज के प्रतिनिधियों ने मस्तूरी तहसील के ग्राम कुकुर्दीकला यादव समाज के लिए सामुदायिक भवन निर्माण हेतु भूमि आबंटित करने की मांग की। कलेक्टर ने उनकी मांग पर कार्यवाही के लिए एसडीएम मस्तूरी को निर्देशित किया। ग्राम गनियारी के ग्रामीणों ने बरसात के पानी के निकासी हेतु नाला निर्माण करने की मांग की, जिस पर सिंचाई विभाग को कार्यवाही हेतु निर्देश दिया गया। ग्राम रानीगांव निवासी श्रीमती शशि सोनी ने आंगनबाड़ी केन्द्र 01 रानीगांव में कार्यकर्ता पद के लिए जारी चयन सूची में आपत्ति दर्ज करते हुए आवश्यक जांच की मांग की। इसके लिए सीईओ जनपद पंचायत को निर्देश दिया गया। ग्राम पंचायत भैंसाझार के सरपंच श्रीमती अलका राज द्वारा गौठान निर्माण के निए वन भूमि प्रदाय करने की मांग की। इस पर आवश्यक कार्यवाही हेतु एसडीएम कोटा को निर्देश दिया। -
*खाद-बीज उठाने में किसानों को दिक्कत नहीं होने चाहिए*
बिलासपुर/कलेक्टर सौरभ कुमार ने गैर ऋणि किसानों के शतप्रतिशत फसल बीमा सुनिश्चित कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि ऋणि किसानों का फसल बीमा तो बैंक द्वारा स्वतः कर लिया जाता है। इसमें कोई दिक्कत नहीं है। हमें बैंक से लोन न लेकर अपनी निजी संसाधनों से खेती किसानी करने वाले सभी किसानों को फसल बीमा योजना का फायदा दिलाना है। ऐसे सभी किसान हमारे लक्ष्य में शामिल हैं। मानसून आधारित खेती होने के कारण फसलों की अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने ऐसे सभी किसानों से बीमा करा लेने की अपील की है। उन्होंने इस संबंध में कृषि, राजस्व एवं बैंक अधिकारियों को किसानों का आवश्यक सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर आज टीएल की बैठक में राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं की समीक्षा करते हुए इस आशय के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने मानसून के आगमन को ध्यान में रखते हुए खेती-किसानी की तैयारी की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। किसानों को इन्हें उपलब्ध कराने में कोई दिक्कत नहीं होने चाहिए। उन्होंने गोठानों में निर्मित वर्मीकम्पोस्ट खाद की समितियों में निरंतर उपलब्धता बनाये रखने को कहा है। कलेक्टर ने वन विभाग द्वारा कराये गये काम की मजदूरी भुगतान में अत्यधिक विलंब किये जाने पर नाराजगी प्रकट की और एक सप्ताह में भुगतान करके पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा। राजस्व मामलों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने समय-सीमा के बाहर हो चुके मामलों के निराकरण पर ज्यादा जोर दिया। कलेक्टर ने कहा कि स्कूलों के मरम्मत काम में और ज्यादा तेजी लाया जाये। स्कूल अब खुलने वाले हैं। जरूरत पड़े तो मनरेगा के इंजीनियरों की सेवाएं भी इस कार्य में लिये जाएं। उन्होंने कहा कि स्कूलों की मरम्मत के लिए फण्ड की कोई कमी नहीं हैं। मांग पर और राशि आवंटित की जायेगी। कलेक्टर ने अरपा भैंसाझार प्रोजेक्ट के काम में भी तेजी लाकर जल्द पूर्ण करने को कहा है। कलेक्टर ने बेरोजगारी भत्ता योजना की प्रगति की भी समीक्षा की। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री अजय अग्रवाल, निगम आयुक्त श्री कुणाल दुदावत, एडीएम आरए कुरूवंशी सहित जिला स्तरीय तमाम वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। - -129 पदों से अधिक पदों पर भर्ती पर मिलेगा अवसररायपुर / जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र द्वारा आज प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। यह जिला रोजगार कार्यालय पुराना पुलिस मुख्यालाय में प्रातः 11 बजे से 2 बजे तक आयोजित होगा। इस प्लेसमेंट कैम्प का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है।जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र के उपसंचालक ने बताया कि इस कैम्प के माध्यम से Pinea Matering Lab & Robo Automation Pvt. Ltd.,PNG Products, CR Capital, Zenix Naukri & Consultancy इत्यादि संस्थानों द्वारा भर्ती की जाएगी। कैम्प में 12 वीं, स्नातक, आई.टी.आई., डिप्लोमा, इंजीनियरिंग शैक्षणिक योग्यता वाले अभ्यर्थियों की भर्ती होगी। विभिन्न संस्थाओं द्वारा भ़र्ती किए जाने वाले पदांे में इंजीनियर, क्लस्टर हेड, सेल्स मैनेजन, टेक्नििशयन, ड्राइवर, डिलीवरी बाय, एंकाउटेंट, रिशेप्सनीस्ट, आपरेशन हेड, डिजिटल मैनेजर, टेलीकालर, हिन्दी टायपिस्ट, विडियो एडिटर इत्यादि 129 पद शामिल है। इन पदों पर अनुभव न्यूनतम 01 वर्ष से 20 वर्ष तक होगी जिनका वेतन अधिकतम 45 हजार रूपए होगी।
- -‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ पुस्तक में लिखी कहानियों एवं चित्रों पर बच्चे करेंगे चर्चा-शाला प्रवेश उत्सव के शुरूआती 10 दिनों के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए विशेष कार्यक्रम-आयोजन के संबंध में दिशा-निर्देश जारीरायपुर /राज्य में इस साल शाला प्रवेश उत्सव 16 जून से 15 जुलाई तक मनाया जाएगा। इस दौरान बच्चों के प्रवेश के साथ ही विभिन्न गतिविधियों का आयोजन होगा। एक माह तक चलने वाले शाला प्रवेश उत्सव के शुरूआती 10 दिनों के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रथम दिवस सभी स्कूलों में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के संदेश का वाचन होगा। जनप्रतिनिधियों द्वारा नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत, बच्चों को मिलने वाले विभिन्न सुविधाओं का वितरण किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों द्वारा स्कूल के विकास हेतु शपथ एवं विचार व्यक्त किए जाएंगे। बच्चों द्वारा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। शाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान और पालकों का स्कूल के बारे में अभिमत और मुख्य अतिथि का उद्बोधन होगा।शाला प्रवेश उत्सव आयोजन के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने सभी जिला कलेक्टर और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि शाला प्रवेश उत्सव को जन-जन का अभियान बनाने के लिए व्यक्तिगत रूचि लेते हुए इसे सभी स्तर पर सफल बनाएं ताकि शत्-प्रतिशत बच्चों को शाला में प्रवेश एवं ठहराव सुनिश्चित करते हुए उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर समग्र शिक्षा की लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके। सत्र प्रारंभ होने से पहले शाला प्रबन्धन समिति की विशेष बैठक का आयोजन करने कहा गया है। शाला प्रवेश उत्सव आयोजन के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रवेश उत्सव के दौरान प्रथम दिवस राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सभी शालाओं में आयोजन किया जाए।शाला प्रवेश उत्सव के द्वितीय दिवस- शाला में बड़े कक्षाओं के विद्यार्थी, शिक्षा में रूचि लेने वाले युवाओं, माताओं एवं सेवानिवृत्त व्यक्तियों की बैठक लेकर अपने क्षेत्र को शून्य ड्राप आउट गाँव घोषित करने आवश्यक कार्यवाहियों, प्रतिदिन प्रभात फेरी निकाले जाने की प्रक्रिया एवं रूट चार्ट, घर-घर संपर्क की प्रक्रिया का विवरण एवं अभ्यास, नुक्कड़ नाटक का अभ्यास, शाला से बाह्य बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ने के प्रयास आदि पर चर्चा एवं बच्चों को तैयार किया जाएगा।तृतीय दिवस-बड़ी कक्षाओं के बच्चों को घर-घर संपर्क कार्यक्रम के अंतर्गत कैसे प्रत्येक घर मैं जाकर पालकों से संपर्क कर उन्हें अपने बच्चों को नियमित शाला भेजने प्रेरित किया जाएगा। घरों में यदि अप्रवेशी, प्रवेश योग्य बच्चे एवं अनियमित उपस्थिति वाले बच्चे हैं तो उन्हें शाला में प्रवेश दिलवाते हुए नियमित शाला आने के लिए आवश्यक वातावरण तैयार करेंगे। बड़ी कक्षा के बच्चे यह कार्य प्रतिदिन तब तक करेंगे जब तक कि शाला जाने योग्य आयु के सभी बच्चों को ये शाला नियमित आने के लिए सहमत न कर लेवें एवं प्रवेश प्रक्रिया पूरी न कर लें।चतुर्थ दिवस-बच्चों में आकांक्षा स्तर विकसित कर उनके लिए आगे जीवन में विकास के क्षेत्रों की पहचान करने, विभिन्न रोजगार के अवसर से परिचित करवाने एवं आसपास का भ्रमण कर विभिन्न रोजगारों से परिचित करवाएंगे। विगत वर्षों में सभी शालाओं में ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ नामक पुस्तक बच्चों को एवं स्कूल में उपलब्ध करवाई गयी है। इस पुस्तक को सभी बच्चों को पढ़वाएं एवं इस पुस्तक में लिखी गयी कहानियों एवं चित्रों पर आगामी दो तीन दिनों तक बच्चों को दिखाते हुए चित्रों एवं कहानियों पर चर्चा आयोजित करें।पंचम दिवस-बच्चों को साधारण गणित के सवाल देकर बनाने का अभ्यास करवाया जाएगा। शाला में उपलब्ध गणित किट गणित की सहायक सामग्री एवं गणित के रोचक खेल आदि का संकलन कर बच्चों से दिन भर अकेले एवं समूह में रहकर विभिन्न सवालों को हल करवाएं। बच्चों से कुछ मौखिक गणित के सवाल भी हल करवाते हुए उन्हें गणित में रूचि विकसित करने का प्रयास किया जाए।छठवां दिवस-प्रत्येक शाला में खेलगढ़िया के अंतर्गत खेल सामग्री उपलब्ध करवाई गयी है। प्रवेशोत्सव के छठवें दिवस सभी शालाओं में बच्चों को आमंत्रित कर उन्हें विभिन्न खेलकूद में शामिल करते हुए उनका उत्साहवर्धन करें। छोटी कक्षा में बच्चों को सीखने में सहयोग करने हेतु खिलौने बनाने की प्रतियोगिता भी आयोजित कर स्कूल के लिए समुदाय की मदद से खिलौने एकत्र करने एवं स्थानीय संसाधनों से विभिन्न खिलौने बनाए जाने का कार्य भी करवाएं। पुस्तकालय संचालन के सम्बन्ध में रंगोत्सव सामग्री का अध्ययन कर लिया जाए।सातवां दिवस-सभी शालाओं में संचालित मुस्कान पुस्तकालय से बच्चों को अपनी इच्छा से पुस्तकें लेकर उन्हें पढ़ने, समझने एवं जोड़ी में पढ़ी गयी पुस्तकों पर आपस में चर्चा करने के अवसर दिया जाए। बच्चों में पढ़ने में रूचि विकसित करने के साथ-साथ पढ़ने के स्पीड का भी आकलन करने की व्यवस्था की जाए। बच्चों को पूरे सत्र में समझ के साथ-साथ अधिक से अधिक स्पीड में पुस्तकों को पढ़ने का अभ्यास करने हेतु प्रेरित किया जाए।आठवां दिवस-कुछ दिन पहले से ही आसपास के समुदाय के बड़े-बुजुर्गों को किसी एक स्थल में आमंत्रित कर बच्चों के छोटे-छोटे समूह में कहानी सुनाने का अवसर दिया जाए। बड़े कक्षाओं के बच्चों को इन कहानियों को सुनकर कागज में लिखने की जिम्मेदारी दी जाए। स्थानीय युवाओं को ऐसी बेहतर कहानियों को मोबाइल से रिकार्ड कर उनका पोडकास्ट बनाने हेतु प्रेरित करें। इन पोडकास्ट को जिले एवं राज्य स्तर पर भिजवाते हुए व्यापक स्तर पर उपयोग करने के अवसर प्रदान किया जाए।नवम दिवस-इस दिन समुदाय में बोले जाने वाली प्रचलित स्थानीय भाषा में सामग्री तैयार करने हेतु आवश्यक प्रक्रियाएं अपनाएं। बड़े-बुजुगों द्वारा सुनाई गयी कहानियों एवं प्रचलित कहानियों पर स्थानीय भाषा में कहानी पुस्तकें तैयार कर प्रत्येक स्कूल के पुस्तकालय में रखवाएं। प्रवेशोत्सव के दौरान प्रत्येक स्कूल में कम से कम दस कहानी की पुस्तकें जनसहयोग से तैयार करवाते हुए उपयोग में लाई जाए। इन पुस्तकों को बाद में एक दूसरे के स्कूलों में बदलकर पढ़ने के अवसर दिए जा सकते हैं, शालाओं को प्रदाय की गई स्थानीय सामग्री का उपयोग एवं अध्ययन करें।दसवां दिवस-इस दिन अवकाश के अवसर पर अधिक से अधिक समुदाय के सदस्यों को पहले से आमंत्रित करते हुए कम से कम आधे दिन का कार्यक्रम आयोजित किया जाए। समुदाय के साथ शाला विकास योजना, शाला एवं परिसर का सुरक्षा ऑडिट बच्चों का सामाजिक अंकेक्षण, अनियमित उपस्थिति एवं रोजगार के लिए लंबी अवधि तक बाहर रहने वाले बच्चों के पालकों से संपर्क कर उन्हें नियमित उपस्थिति के लिए प्रेरित किया जाए। पालकों एवं समुदाय को निपुण भारत शपथ लेकर सभी बच्चों को सीखने-सिखाने के लिए जागरूक करना एवं घर पर बच्चों की पढ़ाई पर नियमित रूप से विशेष ध्यान देने हेतु पालकों को तैयार किया जाना होगा। इस दौरान शाला सुरक्षा योजना एवं शाला संकुल योजना से संबंधित सामग्री का उपयोग एवं अध्ययन कर लिया जाए।
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-मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले की नगर पंचायत खोंगापानी के वार्ड क्रमांक 6 में निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति
रायपुर, /छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगर पालिकाओं और त्रिस्तरीय पंचायतों में रिक्त पदों के लिए जारी निर्वाचन प्रक्रिया के तहत 12 जून को नाम वापसी के बाद कुल 555 अभ्यर्थी चुनाव मैदान में हैं। नगर पालिकाओं में पार्षद के रिक्त 8 पदों के लिए 18 अभ्यर्थियों तथा त्रिस्तरीय पंचायतों की कुल 198 सीटों के लिए 537 अभ्यर्थियों के मध्य चुनाव होगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले की नगर पंचायत खोंगापानी के रिक्त वार्ड क्रमांक 6 के पार्षद पद के लिए कुल 3 नामांकन दाखिल किया था। नाम निर्देशों पत्रों की संवीक्षा के दौरान 02 अभ्यर्थियों के नाम निर्देशन पत्र निरस्त होने के कारण यहां निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति बनी है।राज्य की कुल 9 नगर पालिकाओं में रिक्त पार्षद के कुल 9 पदों के लिए निर्वाचन होना था, जिसमें से नगर पंचायत खोंगापानी के पार्षद के पद के लिए निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति बनने से अब पार्षद के मात्र 8 सीटों के लिए चुनाव होगा। पार्षद की इन 8 सीटों में से 6 सीटों पर 2-2 अभ्यर्थी चुनाव मैदान में है, जिनके बीच सीधा मुकाबला होगा। पार्षद की 2 सीटों पर त्रिकोणीय चुनाव होगा। नगर पालिका परिषद चांपा, नगर पंचायत खरोरा, तुमगांव, नगर पालिक निगम दुर्ग, नगर पालिका परिषद अहिवारा एवं बेमेतरा, नगर पंचायत अंबागढ़-चौकी एवं नगर पालिका परिषद कोण्डागांव के पार्षद के रिक्त एक-एक पद के लिए मतदान 27 जून मंगलवार को प्रातः 8 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। मतगणना एवं निर्वाचन परिणामों की घोषणा 30 जून शुक्रवार को होगी।गौरतलब है कि नगर पालिकाओं के रिक्त पार्षद के पद के लिए 2 जून से 9 जून तक नाम निर्देशन पत्र प्राप्त किया गया। 10 जून को नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा तथा आज 12 जून को अपरान्ह 3 बजे तक नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी हुई। छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्षद के रिक्त 9 पदों के लिए कुल 33 अभ्यर्थियों में नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया था। संवीक्षा में 2 नाम निर्देशन पत्र में निरस्त हो गए थे। 12 जून को 12 अभ्यर्थियों द्वारा नाम वापस लेने के बाद कुल 18 अभ्यर्थी चुनाव मैदान में बने हुए हैं।इसी तरह त्रिस्तरीय पंचायतों के रिक्त पदों के लिए जारी निर्वाचन प्रक्रिया के तहत आज नाम वापसी के पश्चात पंच के 304, सरपंच के 22 तथा जनपद सदस्य के 2 पदों के लिए निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति बनी है। पंच के 144 पदों के लिए 361 अभ्यर्थियों, सरपंच के 50 पदों के लिए 166, जनपद सदस्य के 3 सीटों के लिए 8 तथा जिला पंचायत सदस्य की रिक्त एक सीट के लिए 2 अभ्यर्थियों के बीच चुनाव के लिए 27 जून मंगलवार को प्रातः 7 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक मतदान होगा। परिणाम की घोषणा 30 जून को की जाएगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि त्रिस्तरीय पंचायतों के पंच पद के 161 सीटों, सरपंच के 25 तथा जनपद सदस्य के 2 सीटों के लिए एक भी नाम निर्देशन पत्र प्राप्त नहीं हुआ था। -
सिंचाई विभाग ने जारी किया चेतावनी
बिलासपुर/आगामी वर्षाकाल के दौरान आवश्यकता पड़ने पर बांगो बांध माचाडोली एवं हसदेव बैराज दर्री से नदी में पानी छोड़ा जाएगा। हसदेव परियोजना मंडल के अधीक्षण अभियंता द्वारा बाढ़ क्षेत्र में आने वाले गांव के लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है। उन्होंने सभी नागरिकों एवं कार्य संबधितों को बांध से नीचे, हसदेव नदी के किनारे, बाढ़ क्षेत्र में स्थापित चल-अचल संपत्ति को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने को कहा गया है। साथ ही बाढ़ क्षेत्र में स्थापित खनिज खदान, औद्योगिक इकाईयों एवं अन्य संस्थानों को भी अपनी-अपनी परिसंपतियों को बाढ़ क्षेत्र से बाहर ले जाने की अपील की गई है। बाढ़ क्षेत्र में आने वाले संभावित ग्रामों में बांगो, लेपरा, नुनिया, कछार, कोनकोना, पोडीउपरोडा, चर्रा, पराघाट, छिनमेर, सिरकीकला, केरा, पाथी, सिलीयारीपारा, तिलसाभाठा, हथमार, छिर्रापारा, करमीपारा, जूनापारा, नवागांव, झोरा, कौरीघाट, पोड़ीखोहा, डोंगाघाट, धनगांव, लोटलोटा, नर्मदा, औराकछार, झाबू, सोनगुड़ा, नवागांव, स्याहीमुड़ा, जेलगांव, चारपारा, खैरभावना, बलरामपुर, भलपहरी, जोगीपाली, कोहड़िया, राताखार, गेवराघाट, इमलीडुग्नु, कुदुरमाल, बरीडीह, मोहरा, देवरी, चिचोली, कटबितला, झीका, ढिठोली आदि शामिल है। -
रायपुर,/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज शाम यहां उनके निवास कार्यालय में केंद्रीय आदिवासी ध्रुव-गोंड समाज दुर्ग के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री बघेल को सिविल लाईन दुर्ग में 24 जून को रानी दुर्गावती बलिदान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने इस आमंत्रण के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
प्रतिनिधि मंडल में समाज के केंद्रीय सलाहकार श्री सीताराम ठाकुर, दुर्ग अध्यक्ष श्री राजेश ठाकुर, बेमेतरा अध्यक्ष श्री राजकुमार ठाकुर, केंद्रीय मार्गदर्शक श्री शोभीराम नेताम, दुर्ग महासचिव श्री कमलेश नेताम, सदस्य दुर्ग श्री यशवंत गुण्डरदेही शामिल थे। - -शिविर में संपूर्ण छत्तीसगढ़ के दिव्यांगजन भाग ले सकते हैरायपुर / भारत सरकार एवं श्रम मंत्रालय मॉडल कैरियर सेंटर जबलपुर एवं विशेष रोजगार कार्यालय के संयुक्त तत्वाधान में दिव्यांगजनों के लिये उपयुक्तता प्रमाण पत्र शिविर का आयोजन 20 एवं 21 जून को सुबह 10 बजे से विशेष रोजगार कार्यालय पुराना पुलिस मुख्यालय परिसर, सिविल लाइन्स रायपुर में आयोजित किया जा रहा है।विशेष रोजगार कार्यालय रायपुर की उपसंचालक डॉ. श्रीमती शशी अतुलकर ने बताया कि दिव्यांगजनों के नियोजन हेतु छत्तीसगढ़ के समस्त दिव्यांगजनों के लिए समय-समय पर व्यावसायिक, कैरियर मार्गदर्शन, प्लेसमेंट केम्प एवं उपयुक्तता प्रमाण पत्र शिविर का आयोजन कराया जाता है। दिव्यांगजनों के लिए उपयुक्तता प्रमाण पत्र व्यवसायिक पाठ्यक्रम प्रवेश परीक्षा जैसे- पीईटी, पीपीटी, पीएटी, प्रीएमसीए, प्री बीएसी नर्सिंग, प्री एमएसी नर्सिंग, पीचडी, प्री बीएड इत्यादि प्रवेश परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने पर कॉलेज में प्रवेश के समय एवं नौकरी प्राप्ति के समय पात्रता प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। जिन्हें बनवाने के लिए जबलपुर स्थित श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के कार्यालय, मॉडल कैरियर सेंटर, जबलपुर जाना पड़ता है। दिव्यांगजनों के सुविधा के लिए विशेष रोजगार कार्यालय रायपुर द्वारा जबलपुर कैरियर सेंटर की टीम को आमंत्रित कर पात्रता प्रमाण पत्र शिविर का आयोजन रायपुर में किया जा रहा है। शिविर में भाग लेने हेतु दिव्यांगजन को स्वयं उपस्थित होना अनिवार्य है, इस शिविर में सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के दिव्यांगजन भाग ले सकते हैं। शिविर में आवेदक को स्वयं के व्यय पर उपस्थित होना है, कोई मार्ग व्यय देय नहीं होगा। रहने एवं खानपान की व्यवस्था भी आवेदक को स्वंय वहन करनी है।उन्होंने बताया कि शिविर में पात्रता प्रमाण पत्र बनवाने हेतु आवेदक को जिला रोजगार पंजीयन कार्ड, जिला चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी दिव्यांगता प्रमाण पत्र, शिक्षा एवं आयु से संबंधित प्रमाण पत्र ( 10 वीं उत्तीर्ण) आधार कार्ड, मोबाईल नंबर, जाति प्रमाण-पत्र, ( यदि आरक्षित श्रेणी से है) तथा पासपोर्ट आकार के 2 फोटो, लाना अनिवार्य है। रोजगार कार्यालय की उप संचालक ने बताया कि आवेदक शिविर में भाग लेने के लिए गूगल लिंक https://forms.gle/LdDVTHBURfJhYQQa6 पर अपनी जानकारी भरकर 18 जून से पहले अपना पंजीयन करा सकते है या कार्यालय के ईमेल एड्रेस [email protected] पर आवेदक अपनी पूरी जानकारी ईमेल कर सकते है। अधिक जानकारी के लिये कार्यालय के दूरभाष नंबर 0771-4044081 पर भी संपर्क किया जा सकता है
- रायपुर / प्रभारी कलेक्टर एवं नगर निगम आयुक्त श्री मयंक चतुर्वेदी द्वारा आज कलेक्टोरेट परिसर स्थित सभाकक्ष में जनचौपाल लगाया गया। जिसमें जिले के विभिन्न भागों से आए नागरिकों की समस्या सुनी गई। आज लगभग 60 आवेदन आए जिसपर श्री चतुर्वेदी ने संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री बी.बी पंचभाई, एसडीएम सहित अधिकारीगण उपस्थित थे।जनचौपाल में विशाखापट्नम कॉरिडोर भारत माला परियोजना के ग्राम बडे उरला के प्रभावित किसान श्री शिवनारायण बघेल, तनुजा बघेल सहित अन्य ने आवेदन देते हुए कहा कि वे सब लघुकृषक परिवार से है। इस उक्त परियोजना के लिए हमारी कृषि भूमि का अधिग्रहण किया गया था, जिसका मुुआवजा अब-तक नही मिला, अतः सभी प्र्रभावित किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिलाया जाए। अभनपुर के ग्राम कुर्रा के श्री भूपेश कुमार साहु ने कुर्रा चौक में 24 घंटे पेयजल आपुर्ति के लिए सोलर ड्यूल पंप, पानी टंकी की स्थापना करने और ग्राम कुर्रा में सडकों में स्कूल और सडकों के ऊपर से बिजली के तार को हटाने का आग्रह किया। वहीं ग्राम देवदा की गीताबाई डहरिया ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्का मकान दिलवाने कहा तो शहीद नगर खमतराई निवासी श्री नीलकंठ दास ने विकलांग पेंशन दिलाने के लिए निवेदन किया।जनचौपाल में राजातालाब निवासी श्री विद्याशंकर शुक्ल ने सार्वजनिक रास्ते पर अवैध निर्माण हटाने का आग्रह किया। सदर बाजार निवासी श्रीमती सुषमा महाडिक ने कहा कि उनके बेटे के मृत्यु के पश्चात् उनकी बहु द्वारा प्रताडित किया जा रहा है। साथ उनके बहु द्वारा दूसरी शादी करने के बाद भी उनके घर पर अवैध कब्जा किया है। श्रीमती महाडिक ने प्रशासन से उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया। चौपाल में ही अभनपुर परियोजना के क्रेश कार्यकर्ताओं ने मानदेय में वृद्धि करने की मांग की। वहीं साथ ही ग्राम पठारीडीह उरला निवासी दिव्यांग जागेश्वर निषाद ने निरंतर अभ्यास करने के लिए स्पोर्ट्स व्हील चेयर देने का आग्रह किया। उन्होंने श्री चतुर्वेदी को बताया कि उन्हांेने व्हील चेयर बास्केटबाल की राष्ट्रीय प्रतियोगिता मे भाग लिया है और पदक भी प्राप्त किया है। स्पोर्ट्स व्हील चेयर मिलने उनके प्रदर्शन में सुधार आयेगा और वे आगामी प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन करेंगंे।
- -डहरुराम के समूह को बढ़ई गुड़ी से हो रही 40 हजार रूपये हर महीने आमदनी-रीपा महिलाओं के साथ-साथ युवा उद्यमियों को भी बना रहा सशक्तरायपुर/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा रोजगार के नए अवसर सृजन और लघु उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) की शुरूआत की गई है। जिससे गांव में ही ग्रामीणों द्वारा उद्यमिता से जुड़े विभिन्न कार्यों का संचालन किया जा रहा है।रायपुर जिले में प्रत्येक विकासखंड में 2-2 रीपा की स्थापना की गई है जहां लघु उद्यम के रूप में गतिविधियों के संचालन की शुरुआत की गई हैं। जिले के अभनपुर विकासखण्ड अंतर्गत जवईबांधा रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में जय जवई दाई स्व सहायता समूह, बढ़ई गुड़ी का संचालन कर रहा है। यहां गांव के युवा उद्यमी लकड़ी से विभिन्न उत्पाद बना रहे है जिनकी आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों तक की जा रही है। इस योजना से ग्रामीण स्व सहायता समूह आर्थिक लाभ अर्जित कर सफल उद्यमी बनने की ओर कदम बढ़ा रहे है।समूह के अध्यक्ष श्री डहरूराम साहू बताते है कि उनके समूह में 3 लोग काम करते हैं। जिला प्रशासन के सहयोग से उन्होंने रीपा में बढ़ई गुड़ी में अपने काम की शुरुआत की है। साथ ही औद्योगिक पार्क में प्रशासन द्वारा डेढ़ लाख रुपये की मल्टीपरपस थिकनेस प्लेनर मशीन भी लगाई गई है जिससे काम के बहुत सहयोग मिलता है। हाथ के उपकरण और औजारों से काम करने पर समय अधिक लगता था पर अब इस मशीन के सहयोग से वक्त बच रहा है और कम समय में ही लकड़ी को अच्छी फिनिशिंग भी दे पा रहे हैं। डहरू राम ने छत्तीसगढ़ शासन की योजना की सराहना करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की दूरदर्शिता ही है जो ग्रामीणों को उद्यमी बनाने का काम किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि बढ़ई गुड़ी में उनका समूह सोफा, दीवान, कुर्सी, टेबल, जैसे उत्पादों का निर्माण कार्य करता हैं। जिसे गांव के साथ साथ शहरों में भी बेचा जा रहा है। साथ ही फील्ड में भी उनका समूह कार्य करता है जिसमे मॉड्यूलर किचन, खिड़की, दरवाजे आदि का कार्य वह कर रहें हैं। मार्च 2023 से उन्होंने रीपा में अपने काम की शुरुआत की और हर महीने लगभग 40 हजार रुपये की आमदनी समूह को हो रही है।उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने ग्रामीण जनजीवन पर आधारित रोजगार को बढ़ावा देने और ग्रामीण अंचल में हर हाथ को काम उपलब्ध कराने रीपा की शुरूआत की है। योजना के तहत गांव में ही स्थित बड़ी अधोसंरचना वाले गौठानों को रीपा के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां पारंपरिक व्यवसाय कर जीवनयापन करने वाले लोहार, बढ़ाई, ढीमर, कुम्हार आदि को जगह उपलब्ध कराया गया है। साथ ही आजीविका मूलक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। यह नवाचार को ग्रामीणों के लिए स्थायी रोजगार सृजन करने की दिशा में सशक्त कदम है, जिससे ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिल रहा है और आर्थिक समृद्धि भी आ रही है।
- -मंत्री श्री लखमा ने गुरूर में शहीद वीरनारायण सिंह की आदमकद प्रतिमा का लोकार्पण एवं आदिवासी सामुदायिक भवन का किया भूमिपूजनबालोद । प्रदेश के वाणिज्य कर, आबकारी एंव उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने कहा कि शहीद वीरनारायण सिंह का राष्ट्र व समाज के प्रति योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि वे एक सच्चे देशभक्त एवं गरीबों के मसीहा थे। श्री लखमा रविवार 11 जून को विकासखण्ड मुख्यालय गुरूर मंे आयोजित शहीद वीरनारायण सिंह की प्रतिमा के लोकार्पण एवं भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। वे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता गोंडवाना समाज के तहसील अध्यक्ष श्रीमती उत्तरा मरकाम ने की। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, जनपद अध्यक्ष गुरुर श्री प्रभात धुर्वे सहित अन्य अतिथि एवं सामाजिक पदाधिकारी मौजूद थे। इस दौरान मंत्री श्री लखमा एवं अतिथियों ने विकासखंड मुख्यालय गुरुर में शहीद वीरनारायण सिंह की आदमकद प्रतिमा का लोकार्पण तथा 50 लाख रुपये की लागत से बनने वाली आदिवासी सामुदायिक भवन का भूमिपूजन किया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्री लखमा ने कहा कि शहीद वीरनारायण सिंह की अदम्य वीरता एवं राष्ट्र भक्ति के साथ प्रजा वत्सल्यता अपने आप में अद्भूत एवं बेमिसाल है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वाधीनता संग्राम सेनानी होने के साथ-साथ जनता के सच्चे हितैषी एवं परोपकारी शासक थे। इस दौरान उन्होंने शहीद वीर नारायण सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला। श्री लखमा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के घोषणा पर अमल करते हुए आज विकासखण्ड मुख्यालय गुरूर में 50 लाख रुपये लागत की सामाजिक भवन का आज भूमिपूजन किया जा रहा है। जिसका लाभ गुरूर एवं अंचल के समाज के लोगों को मिलेगा। इसके लिए उन्होंने समाज के लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं भी दी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी ने कहा कि आदिम संस्कृति छत्तीसगढ़ की पहचान है। श्री सोरी ने कहा कि आदिवासी समाज का स्वाधीनता आंदोलन में अत्यंत निर्णायक एवं उल्लेखनीय भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा आदिवासी समाज की गौरवशाली विरासत भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाज एवं परंपरा के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु निरंतर कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा जनजाति वर्गो के उत्थान हेतु राज्य में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। कार्यक्रम को जनपद अध्यक्ष श्री प्रभात धुर्वे एवं अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों के अलावा समाज के लोग एवं आम नागरिक उपस्थित थे।
- बालोद। कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने आज संयुक्त जिला कार्यालय बालोद के समीप स्थित तांदुला जलाशय के तट पर निर्माणाधीन इको टूरिज्म पार्क का निरीक्षण कर अधिकारियों को निर्माणाधीन कार्य को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से निर्माणाधीन कार्य के प्रगति के संबंध में जानकारी ली तथा निर्माण कार्य में शत प्रतिशत गुणवत्ता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। श्री शर्मा ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को निर्माणाधीन पार्क में बनाए जा रहे उद्यान में नियमित रूप से पानी एवं बिजली आदि की समूचित आपूर्ति सुनिश्चित कराने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को कार्य योजना बनाकर इस कार्य को निर्धारित समयावधि में पूरा कराने के निर्देश दिए। जिससे की यहां आने वाले सैलानियों को शीघ्र ही इस बेहतरीन इको टूरिज्म पार्क का लाभ मिल सके। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री जितेंद्र कुमार यादव, एसडीएम श्रीमती शीतल बंसल सहित ग्रामिण सेवा यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री खोबरागड़े एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
- भिलाई नगर/ नगर पालिक निगम भिलाई के द्वारा डेंगू एवं मलेरिया की रोकथाम के लिए घर-घर जाकर लार्वा की जांच की जा रही है। जलजमाव वाले पात्रों का निरीक्षण किया जा रहा है और कूलर की जांच की जा रही है। लोगों को डेंगू एवं मलेरिया से बचने के लिए मच्छरदानी लगाकर सोने की सलाह दी जा रही है। पानी को एक जगह अधिक समय तक एकत्रित नहीं रखने कहा जा रहा है। डेंगू एवं मलेरिया के नियंत्रण के लिए तथा मच्छर उन्मूलन के तहत भिलाई निगम के द्वारा निगम आयुक्त के निर्देश पर विशेष टीम का गठन किया गया है। यह टीम अलग-अलग वार्ड क्षेत्रों में निरीक्षण करते हुए मच्छरों के खिलाफ लड़ने विशेष गतिविधियां अपना रही है। आज टीम के द्वारा वैशाली नगर जोन के अंतर्गत घासीदास नगर में बांबे आवास एवं अटल आवास में मच्छर उन्मूलन का अभियान चलाया गया। इस दौरान एडल्ट मच्छर की रोकथाम के लिए मेलाथियान का स्प्रे किया गया। लार्वा को नष्ट करने के लिए टेमीफास् का उपयोग किया गया तथा वितरण भी किया गया। जन जागरूकता के तहत लोगों को डेंगू, मलेरिया एवं पीलिया से बचाव के लिए पंपलेट का वितरण करते हुए प्रचार-प्रसार किया गया। टीम के द्वारा घासीदास नगर के वार्ड में लगभग 185 घरों का सर्वे करते हुए 82 कूलर की जांच की गई। भीषण गर्मी को देखते हुए लू से बचाव के लिए भी लोगों को इस दौरान जागरूक किया गया।
- बिलासपुर /राज्य के प्रगतिशील किसानों को कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने हेतु छ.ग. शासन द्वारा प्रति वर्ष डॉ. खूबचंद बघेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष पर भी प्रगतिशील किसानों से डॉ. खूबचंद बघेल पुरस्कार 2023 के तहत आवेदन आमंत्रित किये गये है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 तक है। आवेदन के संबंध में अधिक जानकारी के लिए कृषि विभाग की वेबसाईट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एग्रीपोर्टल डॉट सीजी डॉट एनआईसी डॉट इन (www.agriportal.cg.nic.in) का अवलोकन कर सकते है। इच्छुक कृषक आवेदन पत्र अपने विकासखण्ड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय से निःशुल्क प्राप्त कर एवं पूर्ण रूप से भरे आवेदन सहपत्रों सहित जमा कर सकते है। निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त होने वाले आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।
- बिलासपुर, /नए संभागायुक्त श्री भीमसिंह ने आज कार्यभार संभाल लिया। वे दोपहर कमिश्नर कार्यालय में निवर्तमान कमिश्नर डॉ.संजय अलंग से पदभार ग्रहण किया। श्री सिंह इसके पहले स्वास्थ्य विभाग में संचालक थे। वे 2008 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वहीं प्रशासनिक फेरबदल में डॉ.संजय अलंग को रायपुर संभाग का आयुक्त बनाया गया है। कमिश्नर कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा डॉ. अलंग को बिदाई और श्री भीमसिंह का स्वागत किया गया।इससे पूर्व संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग को आयुक्त कार्यालय बिलासपुर के स्टाफ द्वारा विदाई दी गई। विदाई समारोह में कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने आयुक्त डॉ. संजय अलंग के बारे में कहा कि वे बेहद सौम्य हैं और हर विषय में उनका ज्ञान व्यापक है। साहित्य के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। उनके साथ काम करके बहुत कुछ सीखने को मिला। इस दौरान कई मामलों में उनका मार्गदर्शन के साथ साथ सहयोग भी मिला। कलेक्टर ने उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. संजय अलंग ने कहा कि बिलासपुर संभाग के आयुक्त के रूप में कार्य करने का बहुत अच्छा अनुभव रहा। संभाग के सभी कलेक्टर, अधिकारियों और आयुक्त कार्यालय के सभी लोगों का सहयोग मिला। मेरे लिए आयुक्त पद का दायित्व बहुत ही अलग था। मैंने कार्य करना शुरू किया और उत्साह बढ़ता गया। अगर टीम अच्छी मिलती है तो काम भी अच्छे ढंग से कर सकते हैं। यहाँ के स्टाफ़ ने अच्छा काम किया और इस दौरान मुझे भी बहुत कुछ सीखने को मिला।अपर आयुक्त श्री के. एल. चौहान, उपायुक्त श्रीमती अर्चना मिश्रा, उपायुक्त श्री अखिलेश साहू ने भी विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कार्यालय के सभी स्टाफ को एक परिवार की तरह स्नेह दिया। उनके साथ काम करना हम सभी के लिए गौरव की बात है। सभी ने कार्यालय की ओर से नये दायित्व के लिए शुभकामनाएं देते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
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भिलाई नगर/ कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा एवं निगम आयुक्त के निर्देश पर प्रति व्यक्ति आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य डोर टू डोर किया जा रहा है। इसमें राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की महिलाएं तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घरों में जाकर हर व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य कर रही है। जिनका राशन कार्ड एवं आधार कार्ड बना हुआ है उनका आयुष्मान कार्ड तत्काल स्पॉट पर ही बनाने का प्रोसेस किया जा रहा है। जिनके पास राशन कार्ड एवं आधार कार्ड नहीं है वह भिलाई नगर निगम के गुरुद्वारा द्वारा स्थित नेहरू नगर के जोन कार्यालय, वैशाली नगर पानी टंकी स्थित जोन कार्यालय, मदर टेरेसा नगर चंद्रा मौर्या स्थित जोन कार्यालय, खुर्सीपार डबरा पारा स्थित जोन कार्यालय तथा सेक्टर 6 आत्मानंद स्कूल परिसर में स्थित जोन कार्यालय में संपर्क करके आधार कार्ड व राशन कार्ड बनवा सकते हैं। आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए निगम के मुख्य कार्यालय में भी संपर्क किया जा सकता है। यहां यह बताना आवश्यक होगा कि 10 वर्ष पूर्व जिन्होंने आधार कार्ड बनवाया हैं उन्हें अपना आधार कार्ड अपडेशन करवाना अत्यंत अनिवार्य है। निगम प्रशासन की अपील है कि एपीएल एवं बीपीएल राशन कार्ड धारी जिनका आयुष्मान कार्ड नहीं बना है वह शीघ्र ही अपना आयुष्मान कार्ड बनवा लें। डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत एपीएल कार्ड धारी को प्रति व्यक्ति 50,000 तथा बीपीएल राशन कार्ड धारी परिवारों को प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति 500000 की स्वास्थ्य सहायता का प्रावधान निहित है, जिसका लाभ आयुष्मान कार्ड धारी को ही मिलेगा। भिलाई निगम के द्वारा अधिकतर लोगो का आयुष्मान कार्ड डोर टू डोर के माध्यम से बनाया जा चुका है तथा छूटे हुए लोगों से संपर्क करके उनका आयुष्मान कार्ड बनाने का काम किया जा रहा रहा है। उल्लेखनीय है कि परिवार का हर सदस्य आयुष्मान कार्ड बनवा सकता है और स्वास्थ्य योजना का लाभ उठा सकता है। इसी उद्देश्य से नगर पालिक निगम भिलाई के द्वारा डोर टू डोर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाने का काम हर व्यक्ति का किया जा रहा है। निगम की अपील है कि डोर टू डोर जा रही महिलाओं को सहयोग प्रदान करते हुए अपना आयुष्मान कार्ड शीघ्रता से बनवा ले।
- -केन्द्र सरकार धान खरीदी के लिए नहीं देती कोई अनुदान, सहायता या ऋण-राज्य सरकार द्वारा खरीफ वर्ष 2023-24 में 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान-वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने पत्रकारों से की चर्चारायपुर / वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि धान खरीदी राज्य सरकार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के पंजीकृत किसानों से धान खरीदी करती है और बैंको से ऋण लेकर भुगतान करती है। केन्द्र सरकार द्वारा धान खरीदी के लिए कोई अनुदान, सहायता अथवा ऋण नहीं दी जाती। धान खरीदी का एक सिस्टम है, राज्य सरकार किसानों से धान खरीदी करती है फिर कस्टम मिलिंग के बाद सेन्ट्रल पूल में चावल जमा किया जाता है। उसके बाद केन्द्र सरकार द्वारा जमा चावल के एवज में निर्धारित दर पर भुगतान किया जाता है। वर्ष 2023-24 में 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है। उन्होंनेे बताया कि किसानों से अब तक 15 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी की जा रही थी, जिसे राज्य सरकार ने बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने का निर्णय लिया है।मंत्री श्री अकबर ने बताया कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बारे में बताया कि धान खरीदी राज्य सरकार की सबसे बड़ी योजना है। धान खरीदी के लिए राज्य सरकार प्रतिवर्ष 20 से 25 हजार करोड़ रूपए का ऋण लेती है। यह ऋण छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के माध्यम से बैंको एवं नाबार्ड इत्यादि से लिया जाता है। धान खरीदी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार को कोई सहायता नहीं दी जाती और न ही कोई अनुदान या ऋण दिया जाता है। बैंकों एवं नाबार्ड से ऋण राज्य सरकार की गारंटी पर दिया जाता है। पूरे देश में छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है, जहां हमारी सरकार बनने के बाद से किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीद के साथ ही प्रतिपूर्ति के रूप में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् अतिरिक्त राशि प्रदान की जाती है। इस तरह किसानों को धान की कीमत 2500 रूपये प्रति क्विंटल मिल रही है।राजीव गांधी किसान न्याय योजना में दी जाती है 9000 रूपये प्रति एकड़ अनुदान राशिधान खरीदी के बारे में राज्य सरकार की ओर से जानकारी देते हुए मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि राज्य सरकार की नीति और फैसलों से छत्तीसगढ़ के किसानों का जीवन खुशहाल हो रहा है। हमने किसानों को 2500 रूपये प्रति क्विंटल धान का मूल्य देने का जो वादा किया था, उसे निभाकर अपने वायदे के अनुरूप किसानों को राज्य सरकार राशि प्रदान कर रही है। सहकारी समितियों में धान बेचने वाले किसानों को समर्थन मूल्य के अलावा 9000 रूपये प्रति एकड़ की दर से 04 किस्तों में प्रदान किया जा रहा है। किसानों को प्रथम किस्त के रूप में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई, उनकी जयंती 20 अगस्त पर द्वितीय किस्त तथा छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस 01 नवंबर को तृतीय किस्त और वित्तीय वर्ष की समाप्ति की तिथि 31 मार्च को किसानों को किसान न्याय योजना की चतुर्थ किस्त की राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि मिलाकर प्रति क्विटल 2640 रूपए की दर से भुगतान किया गया है।किसानों को सोसायटियों के जरिए किया जाता है भुगतानमंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने धान उत्पादक किसानों की सुविधा के लिए सेवा सहकारी समितियों की संख्या 1333 से बढ़ाकर 2058 कर दी है। धान बेचने वाले किसानों को धान की राशि का चेक छत्तीसगढ़ सरकार के सहकारिता विभाग के अंतर्गत आने वाली सहकारी समितियों के माध्यम से दिया जाता है। धान बेचने वाले किसानों का पंजीयन छत्तीसगढ़ सरकार के छत्तीसगढ़ एकीकृत किसान पोर्टल में किया जाता है ।किसान खुशहाल, लगातार बढ़ रही है धान की खरीदीमंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा धान उत्पादक किसानों को दिये जा रहे प्रोत्साहन के फलस्वरूप धान बेचने वाले पंजीकृत किसानों की संख्या तथा धान का रकबा लगातार बढ़ता जा रहा है। किसानों द्वारा बेचे जाने वाले धान की मात्रा भी लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि धान बेचने वाले पंजीकृत किसानों की संख्या 18.96 लाख से बढ़कर 29.97 लाख हो गई है। धान का रकबा 24 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 32 लाख हो गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में 92 लाख मीट्रिक टन् वर्ष 2022-23 में 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। वर्ष 2023-24 में 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है। मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि किसानों से अब तक 15 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी की जा रही थी जिसे राज्य सरकार ने बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने का निर्णय लिया है।राज्य सरकार धान खरीदी के ऋण का करती है भुगतानमंत्री श्री अकबर ने बताया कि राज्य सरकार जो धान खरीदती है उसका परिवहन कराकर राईस मिलों के माध्यम से कस्टम मिलिंग का कार्य कराती है। कस्टम मिलिंग के बाद जो चावल प्राप्त होता है उसे भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी.आई.) के साथ साथ नागरिक आपूर्ति निगम में जमा कराती है। राज्य सरकार जो चावल एफ. सी. आई. व आपूर्ति निगम में जमा कराती है उसका ही भुगतान केन्द्र सरकार से प्राप्त होता है। धान खरीदने के लिए केन्द्र सरकार से कोई राशि प्राप्त नहीं होती। इसी तरह राज्य सरकार धान खरीदते समय बैंकों एवं अन्य संस्थाओं से जो ऋण लेती है उसका मूलधन व ब्याज की राशि भी राज्य सरकार द्वारा ही जमा की जाती है। मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार ने कुल 19,209 करोड रुपये का ऋण धान खरीदी के लिए लिया था, जिसमें एन.सी.डी.सी. से 8500 करोड़, नाबार्ड से 4000 करोड़, इंडियन बैंक से 1599 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक से 1110 करोड़, बैंक आफ इंडिया से 2000 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा से 2000 करोड़ रूपये का लिया गया ऋण शामिल है।
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- वृद्ध महिला को मिला वृद्धाश्रम
- खिलाड़ियों को मिलेगा खेल का मैदान, अतिक्रमण को हटाने होगी कार्यवाहीदुर्ग / कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने जिले के विभिन्न स्थानों से पहंुचें लोगों से मुलाकात कर उनके मांगों एवं समस्याओं के संबंध में जानकारी लेते हुए प्राप्त आवेदनों का शीघ्र निराकरण करने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक पहल करने को कहा है। इस दौरान उन्होंने आम लोगों से प्राप्त आवेदनों पत्रों का अवलोकन कर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। आज जनदर्शन में 175 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें अवैध कब्जा, बटवारा, आर्थिक सहायता, सीमांकन, स्वामी आत्मानंद स्कूल में प्रवेश हेतु, राशन कार्ड से संबंधित आवेदन शामिल है।जनदर्शन में आज गिरधारी नगर निवासी वृद्ध महिला श्रीमती सोहाद्रा बाई महोबिया ने वृद्धाश्रम में निवास करने हेतु कलेक्टर से गुहार लगाते हुए आवेदन सौपा। उन्होंने बताया कि वह स्वामी विवेकानंद वार्ड में अपने बेटे के साथ निवासरत है। गत दिवस बेटे की मृत्यु होने जाने के पश्चात वह अकेली असहाय है। उनका पालन पोषण करने वाला परिवार में कोई नही है और न ही उनका कोई आय का स्त्रोत है। इस पर कलेक्टर ने उप संचालक समाज कल्याण विभाग को त्वरित कार्यवाही कर वृद्धाश्रम में प्रवेश दिलाने के निर्देश दिए।ग्राम खम्हरिया निवासी वृद्ध विकलांग ने वृद्धावस्था पेंशन दिलाने कलेक्टर से मांग की। उन्होंने बताया कि वृद्ध होने के साथ-साथ पैर से विकलांग होने के कारण कार्य करने में असमर्थ है। वृद्धावस्था पेंशन उन्हें पहले केनरा बैंक से प्राप्त होता था किन्तु विगत तीन माह से अप्राप्त है। उनकों नगर निगम भिलाई में संपर्क करने को कहा गया। किंतु वहां से भी उनको कोई जानकारी प्राप्त नही हुई। इस पर कलेक्टर ने त्वरित कार्यवाही करते हुए उप संचालक समाज कल्याण विभाग को वृद्धा पेंशन योजना के तहत पेंशन दिलाने के निर्देश दिए।महात्मा गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दुर्ग के खिलाड़ियों ने आवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि 10 वर्षो से खेल मैदान में अभ्यास करते आ रहे हैं। खेल मैदान में लगी कुश्ती मेट एवं दीवाल को तोड़कर व्यापारियों द्वारा जबरदस्ती अतिक्रमण कर दुकान बनाया जा रहा है, जिससे खेल का मैदान छोटा हो गया है। खिलाड़ियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस पर कलेक्टर ने खेल विभाग को निरीक्षण कर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए।भारत माला परियोजना के तहत पुरई निवासियों ने अधिग्रहित भूमि की मुआवजा राशि की मांग की। निवासियों ने बताया कि अधिग्रहित भूमि में वर्तमान में सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने अधिग्रहित भूमि का शासन द्वारा निर्धारित मुआवजा राशि प्रदाय किए जाने के लिए ध्यान आकृष्ट किया। इस पर कलेक्टर ने एसडीएम दुर्ग को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।प्रदेश मनरेगा मजदूर कल्याण संगठन ने मनरेगा भवन निर्माण के लिए आवेदन दिया। मनरेगा मजदूर कल्याण संगठन ने स्थाई व्यवस्था के तहत केन्द्रीय सहकारी बैंक के पीछे खाली जगह पर प्रदेश स्तर का मनरेगा भवन निर्माण के लिए आवेदन सौंपा। इस पर कलेक्टर ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को आवश्यक पहल करने को कहा।ग्राम नगपुरा के पूर्व पंच ने अवैध रेत का भण्डारण किए जाने की शिकायत की। उन्होंने बताया कि जालबांधा सड़क के पास बिना अनुमति के अवैध रूप से रेत भण्डारण किया जा रहा है। अवैध रूप से रेत का भण्डारण करने वाले व्यक्ति तथा उनके सहयोगी पर उचित कानूनी कार्यवाही करने की मांग की। इस पर कलेक्टर ने खनिज विभाग के अधिकारी को निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने को कहा।