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- -25 जून तक आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग से जारी होगा पदस्थापना आदेश-वर्ष 2022, 2023 एवं 2025 में पदोन्नत हुए छात्रावास अधीक्षकों की काउंसिलिंग के माध्यम से पदस्थापना के लिए दिशा-निर्देश जारीरायपुर,। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा है कि वर्ष 2022, 2023 एवं 2025 में पदोन्नत हुए छात्रावास अधीक्षकों की पदस्थापना में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए। उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया को काउंसलिग के माध्यम से संपन्न कराया जाए। मंत्री श्री नेताम ने यह निर्देश मंगलवार को आदिम जाति तथा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, नवा रायपुर में 19 जिलों के सहायक आयुक्त एवं परियोजना प्रशासकों के साथ विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचालित 3357 छात्रावास-आश्रमों में छात्रावास अधीक्षक रीढ़ के समान है। इस पर संबंधित संस्था के सुचारू रूप से संचालन की सबसे प्रमुख जिम्मेदारी होती है। अतः इनकी नियुक्ति, सेवा शर्तें, पदोन्नति एवं पदस्थापना संबंधी कार्यों पर प्रमुखता से ध्यान देने की जरूरत है।आदिम जाति विकास मंत्री श्री नेताम ने कहा कि वर्ष 2022 में आयुक्त कार्यालय के आदेश द्वारा कुल 491 छात्रावास अधीक्षकों को श्रेणी “द ” से श्रेणी “स” के पद पर पदोन्नत किया गया है, परन्तु इनकी पदस्थापना अभी तक नहीं हो पाई, क्योंकि कुछ जिलों में स्वीकृत पद से अधिक अधीक्षक नियुक्त थे कई जगह पो.मैट्रिक संस्थाओं में रिक्त पदों की संख्या पर्याप्त नहीं थी। इसके साथ ही पदस्थापना के संबंध में कई प्रकार की अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं।पदस्थापना नहीं होने से अधीक्षकों की सेवा शर्तों संबंधी समस्याएं आ रही थी। इसी प्रकार अप्रैल 2025 में कुल 486 छात्रावास अधीक्षकों को श्रेणी “द” से श्रेणी “स” के पद पर पदोन्नत किया गया है। अब इन सभी पदोन्नत अधीक्षकों की पदस्थापना पारदर्शी तरीके से एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत् काउंसिलिंग के माध्यम से किये जाने हेतु मंत्री श्री नेताम के निर्देश पर विभाग द्वारा निर्णय लिया गया है। इसके लिए जिला स्तरीय, संभाग स्तरीय एवं राज्य स्तरीय समिति का गठन किए जाने हेतु निर्देश जारी किए गए हैं। इनमें जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष जिला कलेक्टर, संभाग स्तरीय समिति के अध्यक्ष संभागायुक्त एवं राज्य स्तरीय समिति के अध्यक्ष आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित विकास विभाग होंगे।जिला स्तरीय समिति को 12-13 जून से प्रक्रिया प्रारंभ कर 16 जून तक संपन्न करने के निर्देश दिए गए हैं इसी प्रकार संभाग स्तरीय समिति 17-18 जून से 19-20 जून तक एवं राज्य स्तरीय समिति को 20-21 जून से लेकर 22-23 जून तक प्रक्रिया संपन्न करने हेतु निर्देशित किया गया है। जिला स्तरीय समिति एवं संभाग स्तरीय समिति द्वारा जारी पदस्थापना प्रस्ताव को जिला मुख्यालय में कलेक्टर एवं सहायक आयुक्त कार्यालय एवं संभाग मुख्यालय में संभागीय आयुक्त एवं सहायक आयुक्त संभाग मुख्यालय के कार्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करेंगे। उक्त प्रस्तावों पर किसी भी प्रकार की दावा-आपत्ति होने पर आवेदक राज्य स्तरीय समिति के समक्ष सूची प्रकाशन के 02 दिवस के भीतर अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकता है।राज्य स्तरीय समिति प्राप्त अभ्यावेदन का निराकरण 02 दिवस के भीतर कर आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, नवा रायपुर को पदस्थापना सूची जारी करने हेतु प्रतिवेदन देगी। राज्य स्तरीय समिति के द्वारा जारी अनुशंसित सूची में कोई त्रुटि या आपत्ति होने पर आवेदक विभाग के भारसाधक सचिव के समक्ष सूची जारी होने के 02 दिवस के भीतर अभ्यावेदन प्रस्तुत करेंगे, जिस पर भारसाधक सचिव द्वारा नियमानुसार अभ्यावेदन का निराकरण किया जाएगा। इस प्रकार प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न होगी। प्रत्येक समिति के दायित्व एवं अन्य नियम-शर्तों का विस्तार से उल्लेख शासन द्वारा जारी आदेश में किया गया है।आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा 25 जून तक पदस्थापना आदेश भी जारी कर दिया जाएगा। काउंसलिग प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो, इसके लिए प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा स्वयं पूरी प्रकिया की सतत मानीटरिंग कर रहे हैं।
- रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण न सिर्फ जरूरतमंदों को पक्का मकान दे रही है, बल्कि उनके सपनों को भी नया ठौर और आत्म-सम्मान दे रही है। ऐसी ही एक कहानी है जशपुर जिले के कांसाबेल विकासखंड के ग्राम दोकड़ा निवासी 70 वर्षीय संतु चक्रेस की।वर्षों तक कच्चे घर में कठिन परिस्थितियों में जीवन बिताने वाले बुजुर्ग संतु चक्रेस आज बेहद प्रसन्न हैं क्योंकि उन्हें उनका पहला पक्का घर मिल गया है। खास बात यह रही कि इस घर की चाबी उन्हें मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के हाथों से मिली, जब वे हाल ही में जशपुर प्रवास पर थे।भावुक संतु चक्रेस ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि "उम्र के इस पड़ाव में जब चिंता से मुक्त होकर जीना चाहता है, तब यह पक्का मकान मेरे लिए भगवान का आशीर्वाद है। अब मुझे और मेरे परिवार को न तो बारिश से डर है और न ही जहरीले जीव-जंतुओं से। अब हमारा भी एक सुरक्षित और मजबूत आशियाना है।"संतु चक्रेस ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान स्वीकृत हुआ था, जो अब पूर्ण रूप से बनकर तैयार है। यह महज एक मकान नहीं, बल्कि उनके लिए आत्म-सम्मान, सुरक्षा और स्थायित्व का प्रतीक है।वर्षों तक झोपड़ी जैसे घर में जीवन बिताने के बाद जब उन्हें अपना खुद का ठोस छत मिला, तो उनके चेहरे की खुशी देखने लायक थी।
- महासमुन्द / महासमुंद जिले के विकासखंड बागबाहरा के ग्राम हाड़ाबंद एवं ग्राम भलेसर में आयल पॉम योजना के अंतर्गत संचालित कृषकों के प्रक्षेत्रों का निरीक्षण 10 जून को कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार द्वारा किया गया। निरीक्षण के दौरान उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी संचालक श्री एस. जगदीशन भी उनके साथ उपस्थित थे। आयुक्त श्रीमती निगार ने ग्राम हाड़ाबंद में कृषक श्री तोषण चंद्राकर तथा ग्राम भलेसर में कृषक श्री नारायण चंद्राकर के खेतों में स्थापित आयल पॉम प्रक्षेत्रों का अवलोकन किया। उन्होंने पौधों की स्थिति, फलन की मात्रा, गुणवत्ता, उत्पादन लागत एवं विक्रय की वर्तमान स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने कृषकों से प्रत्यक्ष संवाद कर आयल पॉम की खेती से होने वाली आमदनी, विपणन से जुड़ी समस्याओं तथा उनके सुझावों पर भी चर्चा की।इस अवसर पर आयुक्त श्रीमती निगार ने जिले में संचालित अन्य उद्यानिकी गतिविधियों की जानकारी भी ली। विशेष रूप से उन्होंने ग्राफ्टेड बैंगन एवं टमाटर की उन्नत खेती, पुष्प उत्पादन क्षेत्र में गुलाब, जरबेरा एवं सेवंती जैसे फूलों की खेती के क्षेत्र में जिले के योगदान में विशेष रुचि दिखाई। उन्हें अवगत कराया गया कि इन गतिविधियों से कृषकों को वैकल्पिक आय के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने इस अवसर पर कृषकों की मेहनत एवं नवीन कृषि तकनीकों को अपनाने की सराहना करते हुए राज्य शासन द्वारा कृषक हित में चलाई जा रही योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने हेतु निर्देश दिए।निरीक्षण के दौरान कृषि एवं उद्यानिकी विभाग की सहायक संचालक श्रीमती पायल साव सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
- -डिप्टी सीएम अरुण साव पहुंचे उच्च न्यायालय, अधिवक्ता साथियों से मिल पुराने दिन किए याद-डिप्टी सीएम अरुण साव ने उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ताओं से की भेंट, पुरानी यादें हुई ताजा-महाधिवक्ता कक्ष में वरिष्ठ अधिवक्ता साथियों का लिया हाल चाल, नए कानून और समसामयिक विषयों पर हुई चर्चा : उप मुख्यमंत्री अरुण सावबिलासपुर। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सह विधि और विधायी कार्य मंत्री श्री अरुण साव ने आज बिलासपुर स्थित छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय परिसर का औचक दौरा किया , उच्च न्यायालय में अपने वकालत के दिनों के पुराने अधिवक्ता साथियों से स्नेहिल मुलाकात की। श्री साव ने कहा कि, लंबे समय बाद अधिवक्ता साथियों से मिलना एक भावनात्मक क्षण रहा, जिसमें पुराने दिनों की यादें एक बार फिर ताजा हो गई।इस अवसर पर महाधिवक्ता कार्यालय कक्ष में एडिशनल एडवोकेट जनरल सहित उच्च न्यायालय के अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ विधिक विषयों और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े विविध पहलुओं पर सार्थक चर्चा हुई। इस दौरान सबका हाल चाल लिया, पुराने दिनों को याद कर मस्ती में दिखे उप मुख्यमंत्री.उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि, बिलासपुर उच्च न्यायालय में उप महाधिवक्ता के दायित्व का निर्वहन किया और इसके बाद राजनीति के माध्यम से आम जन का प्रत्यक्ष तौर पर सेवा करने का सौभाग्य मिला। उन्होंने कहा कि, बहुत दिनों बाद उच्च न्यायालय परिसर का भ्रमण किया और वरिष्ठ अधिवक्ता साथियों से भेंट की। इस दौरान केंद्र सरकार के नए कानून एवं जनहित में उसके संवेदनशील क्रियान्वयन को लेकर उपयोगी सुझावों का आदान-प्रदान भी हुआ।
- -शिक्षकों की पदस्थापना से स्कूलों में लौटी रौनक-पालकों में उत्साह, बच्चों में नया जोशबिलासपुर /छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और स्कूलों में शिक्षक उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश भर में चलाए गए युक्तियुक्तकरण अभियान के सकारात्मक परिणाम अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में क्रियान्वित इस अभियान से दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में शिक्षा के क्षेत्र में नई उम्मीद जगी है।दूरस्थ अंचलों में शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय शाला होने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा था। वह अब युक्तियुक्तकरण से दूर होने जा रहा है। जिले के 5 शिक्षक विहीन और 132 एकल शिक्षकीय स्कूलों को अब शिक्षक मिल चुके हैं। इससे इन शालाओं में शैक्षणिक वातावरण बेहतर होगा। अब जिले में कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है।राज्य शासन के दिशा निर्देश में जिले में अतिशेष शिक्षकों के काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में मौजूद शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालयों को नए शिक्षक मिल चुके हैं। इससे अब न केवल इन क्षेत्रों के स्कूलों को नए शिक्षक मिले हैं बल्कि विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी सुनिश्चित हुई है। अब यहां के पालकों में नया विश्वास जगा है और वे पुनः अपने बच्चों का नामांकन स्थानीय शाला में कराने के लिए आगे आ रहे हैं।कोटा ब्लॉक के ख़पराखोल कुसुमखेड़ा, मस्तूरी ब्लॉक के सबरियाडेरा लोहरसी एवं तखतपुर के डिलवापारा आदिवासी बैगा बाहुल्य ग्राम हैं जो शिक्षक विहीन थे यहां शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। लंबे समय से शिक्षक न होने के कारण शिक्षण कार्य लगभग ठप था। गांव के लोग आशंकित थे कि कहीं उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय न हो जाए किंतु अब नियमित शिक्षकों की पदस्थापना से विद्यालय में फिर से पढ़ाई हो सकेगी। विद्यालय की शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और ग्रामवासियों ने शासन के प्रति आभार व्यक्त किया।पालक कहते हैं कि अब हम निश्चिंत हैं कि हमारे बच्चे भी पढ़-लिखकर कुछ बन पाएंगे। शिक्षक की पदस्थापना, ये हमारे लिए बहुत बड़ा तोहफा है। शिक्षकों की उपस्थिति से बच्चों को अब नियमित मार्गदर्शन मिलेगा, शैक्षणिक गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा और समूचे अंचल में शिक्षा के प्रति जागरूकता की नई लहर दौड़ पड़ी है।
- दुर्ग, / गुरू बिन ज्ञान नहीं रे, यह कहावत वर्षों से सुनते आ रहे हैं। गुरू ही लोगों को सही ज्ञान और मार्गदर्शन देता है। बच्चों को सही दिशा व उच्च स्थान में पहुंचाने में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन इसका असली अर्थ तब समझ आता है जब स्कूल में शिक्षक हों। दुर्ग जिले के प्राथमिक स्कूलों बच्चे थे, पर शिक्षक नहीं थे।शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के लिए शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया है। शिक्षक विहीन शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गई है। अब बच्चों को स्कूल खुलने का इंतजार है। अब वह नए जोश और उमंग से स्कूल में आएंगे और क्यों न आए क्योकि अब उन्हें नये शिक्षक मिलने वाला है। जहां सालों से कोई शिक्षक नही था वहां अब बच्चों और शिक्षकों की आवाज गूंजेगी। हम बात कर रहे हैं शिक्षक विहीन शालाओं की दुर्ग जिले के शासकीय प्राथमिक शाला अगार में बच्चों की दर्ज संख्या 85 है जहां एक भी शिक्षक कार्यरत नही थे, परंतु काउंसिलिंग के बाद अब वहां 3 शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। इसी प्रकार शासकीय प्राथमिक शाला ढौर में दर्ज संख्या 42 और शिक्षक की संख्या निरंक काउसलिंग उपरांत 2 शिक्षक, शासकीय प्राथमिक शाला खपरी बरहा में दर्ज संख्या 25 अब 2 शिक्षक पदस्थ हैं। पहले स्कूल तो था पर गुरुजी नहीं थे। शासकीय प्राथमिक शाला अगार में 85 बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन एक समय था जब वहां एक भी शिक्षक नहीं थे। बच्चे स्कूल जरूर आते थे, पर पढ़ाई नहीं हो पाती थी। लेकिन हाल ही में हुई शिक्षकों की काउंसलिंग ने गांव के स्कूल की तस्वीर बदल दी। तीनों स्कूलों में अब शिक्षक पदस्थ हो चुके हैं। आगामी सत्र से स्कूलों में बच्चों की चहल-पहल और कक्षाओं से आवाजें गुंजेगी। पहले बच्चे इंतजार में लगे रहते थे कि कब शिक्षक आएंगे और पढ़ाएंगे। बच्चों के इंतजार के दिन खत्म हो गए। अब बाकी स्कूलों के सामान शासकीय प्राथमिक शाला अगार, शासकीय प्राथमिक शाला ढौर एवं शासकीय प्राथमिक शाला खपरी बरहा में भी पढ़ाई होगी। शिक्षक आएंगे, कक्षाएं लगेगी और बच्चे पूरे मन से पढ़ाई में जुट जाएंगे। वहीं शासकीय प्राथमिक शाला खपरी बरहा की शाला में भी अब बदलाव देखने को मिलेगा, यहां 25 बच्चों के लिए अब दो शिक्षक मौजूद हैं, जो हाल ही में काउंसलिंग के बाद पदस्थ किए गए हैं। गांव वालों के लिए यह बदलाव सिर्फ शिक्षकों व शालाओं का युक्तियुक्तरण नही है। यह उनके बच्चों के भविष्य की बुनियाद है। यह बदलाव शिक्षक काउंसलिंग के चलते संभव हो सका, जिसके माध्यम से जरूरतमंद स्कूलों में प्राथमिकता के आधार पर शिक्षकों की तैनाती की गई।
- दुर्ग, / शिक्षा विभाग में बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी, डौण्डी जिला बालोद श्री जयसिंह भारद्वाज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह निर्णय जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति, बालोद की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है, जिसमें युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में की गई गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि हुई है।जांच में सामने आईं मुख्य गड़बड़ियांश्रीमती रीता गरेवाल, शिक्षक विज्ञान टी संवर्ग, शासकीय बालक पूर्व माध्यमिक शाला डौण्डी की नियुक्ति संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग में हुई है, जिनका कार्यभार ग्रहण तिथि 12 जुलाई 2022 है। संबंधित कर्मचारी परिवीक्षा अवधि में है। परिवीक्षा अवधि में होने के बावजूद उक्त शिक्षिका को अतिशेष की श्रेणी में गणना किया गया है। श्री नूतन कुमार साहू शिक्षक विषय गणित पूर्व माध्यमिक शाला कुमुड़कट्टा संस्था में एक ही गणित विषय का शिक्षक कार्यरत होने के बावजूद अतिशेष की श्रेणी में गणना किया गया है। पूर्व माध्यमिक शाला साल्हे में कला विषय में श्रीमती लेखनी साहू कनिष्ठ को अतिशेष की श्रेणी में गणना किया जाना था, किन्तु उनके स्थान पर श्रीमती परमिला ठाकुर शिक्षक विषय कला को गलत ढंग से अतिशेष चिन्हांकित गया है। पूर्व माध्यमिक शाला धुरवाटोला में विषय कला में श्री भूपत कुमार धनेन्द्र को अतिशेष की श्रेणी में गणना किया जाना था, किन्तु उनके स्थान पर श्री रविन्द्र कुमार बड़तिया शिक्षक विषय गणित को गलत ढंग से अतिशेष चिन्हांकित किया गया है। पूर्व माध्यमिक शाला पूत्तरवाही विषय कला में श्री संजय जायसवाल कनिष्ठ को अतिशेष की श्रेणी में गणना किया जाना था, किन्तु उनके स्थान पर श्रीमती मोतिम सिन्हा शिक्षक विषय कला को गलत ढंग से अतिशेष चिन्हांकित गया है। इन सभी मामलों में श्री जयसिंह भारद्वाज की ओर से घोर लापरवाही और अनियमितता सामने आई है, जो कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3 का स्पष्ट उल्लंघन है।राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना के तहत संभागीय आयुक्त को प्राप्त अधिकारों के अनुसार, छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9(1)(क) के अंतर्गत निलंबन की कार्रवाई की गई है। निलंबन अवधि में श्री भारद्वाज का मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, बालोद निर्धारित किया गया है तथा उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होगा।
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- महासमुंद में 1252 सोखता गड्ढों का निर्माण, जल संरक्षण की ओर ठोस कदम
महासमुंद / कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के नेतृत्व में महासमुंद जिले में जल संरक्षण को लेकर "मोर गांव मा पानी" अभियान अंतर्गत एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सामने आ रही है। पिछले समय-सीमा की बैठक में दिए गए कलेक्टर के निर्देशों के अनुरूप जिले में जन भागीदारी और विभागीय समन्वय से जल संचय के लिए विशेष अभियान प्रारंभ किया गया है, जो अब मूर्त रूप लेता दिख रहा है।इस अभियान के तहत ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, शिक्षा विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वित प्रयासों से स्कूलों, आंगनवाड़ियों, पंचायत भवनों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों में जन सहयोग से सोखता गड्ढों का निर्माण किया जा रहा है।कलेक्टर श्री विनय लंगेह ने बताया कि "मोर गांव मा पानी" अभियान का उद्देश्य सिर्फ जल संचय नहीं, बल्कि जन-जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाना भी है। उन्होंने कहा कि सोखता गड्ढे न सिर्फ जल संरक्षण में सहायक हैं, बल्कि वे मिट्टी की नमी बनाए रखने, जल प्रवाह को नियंत्रित करने और आसपास के पर्यावरण को भी संतुलित बनाए रखने में सहायक होते हैं।जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस. आलोक ने बताया कि अब तक जनभागीदारी से कुल 1252 सोखता गड्ढों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है और तेजी से इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोखता गड्ढे वर्षा जल को जमीन में समाहित करने में मदद करते हैं, जिससे जल स्तर को बनाए रखने और भूजल संसाधनों को पुनर्जीवित करने में सहयोग मिलेगा। यह एक स्थायी समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। - -अब शिक्षक विहीन नहीं रहा राज्य का कोई भी प्राथमिक, माध्यमिक और हायर सेकेण्डरी स्कूल-युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया बच्चों के भविष्य को संवारने का सफल प्रयास : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव सायरायपुर / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बेहद सार्थक परिणाम सामने आए हैं। राज्य की कुल 453 शिक्षक विहीन शालाओं में से 447 स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है। राज्य में 16 जून से शुरू हो रहे नए शिक्षा सत्र से इन स्कूलों में घंटी बजेगी, क्लास लगेगी और बच्चों के पढ़ाई के स्वर गुंजेंगे। शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना से एक नई उम्मीद जगी है। गांवों में शिक्षक के आने की खबर से पालक और बच्चे बेहद खुश हैं। शासन-प्रशासन का आभार जताने के साथ ही पालकगण बच्चों के बेहतर भविष्य की उम्मीद फिर से संजोने लगे हैं।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि शिक्षा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य के कई स्कूल शिक्षक विहीन स्थिति में थे विशेष रूप से सुदूर अंचलों के। इसलिए हमनें युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता से लागू किया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि जहां-जहां जरूरत हो वहां शिक्षकों की तैनाती हो। राज्य के शत-प्रतिशत शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना इस प्रक्रिया की सफलता का प्रमाण है। यह केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में किया गया सफल प्रयास है।शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत शिक्षक विहीन 357 प्राथमिक शालाओं, 30 माध्यमिक शालाओं में नियमित शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गई है। राज्य के शिक्षक विहीन 66 हाई स्कूलों में से सुकमा जिले के 4 हाई स्कूल तथा नारायणपुर जिले के 2 हाई स्कूल में शिक्षकों की पदस्थापना के लिए अभी काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी है, जबकि 60 शिक्षक विहीन हाईस्कूलों में शिक्षकों की तैनाती पूरी कर ली गई है।जिला शिक्षा अधिकारी नारायणपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के 3 शिक्षक विहीन हाई स्कूलों में से सुलेगा धौड़ाई हाई स्कूल में 3 शिक्षकों की नियुक्ति युक्तियुक्तकरण के माध्यम से पूरी कर ली गई है। हाईस्कूल कन्हारगांव एवं सोनपुर हाईस्कूल में शिक्षकों की तैनाती के लिए 12 जून को काउंसलिंग की जाएगी। इसी तरह सुकमा जिले के चिंतलनार, गुम्मा, गंजेनार एवं कांजीपानी हाई स्कूल जिला स्तर पर पूरी हो चुकी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बाद भी शिक्षक विहीन हैं। इन हाई स्कूलों में राज्य स्तर पर होने वाली काउंसलिंग के माध्यम से शिक्षकों की पदस्थापना की उम्मीद जिला प्रशासन को है। जिला शिक्षा अधिकारी सुकमा ने बताया कि उक्त चारों हाई स्कूलों के कैम्पस में संचालित पूर्व माध्यमिक शालाओं एवं अतिथि शिक्षकों के माध्यम से यहां अध्ययन-अध्यापन का प्रबंध पूर्व से ही होता रहा है। अब तक की स्थिति में सुकमा जिले के 4 और बीजापुर जिले के मात्र 2 हाई स्कूलों को फिलहाल छोड़ भी दें, (जबकि इन 6 हाई स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती अभी प्रक्रियाधीन है) तो राज्य में प्राथमिक शाला से लेकर हायर सेकण्डरी स्कूल तक अब ऐसा कोई भी स्कूल है, जो शिक्षक विहीन हो।यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य का कोई भी हायर सेकेण्डरी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं था। मात्र 4 हायर सेकेण्डरी स्कूल एकल शिक्षकीय थे, जिनमें युक्तियुक्तकरण के तहत एक से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति गई है। युक्तियुक्तकरण के तहत हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पर्याप्त संख्या में विषयवार व्याख्याताओं की नियुक्ति प्राथमिकता के आधार पर की गई है, ताकि बच्चों को नियमित रूप से अध्ययन-अध्यापन का बेहतर अवसर उपलब्ध हो सके।राज्य में 5672 प्राथमिक स्कूल एकल शिक्षकीय थे, इनमें से युक्तियुक्तकरण के बाद 4465 स्कूलों में दो अथवा दो से अधिक शिक्षकों की तैनाती पूरी कर ली गई है। राज्य में मात्र 1207 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय रह गई हैं। इसी तरह 211 एकल शिक्षकीय पूर्व माध्यमिक शालाओं में से 204 शालाओं दो अथवा दो अधिक शिक्षकों की तैनाती की गई है, अब मात्र 7 माध्यमिक शालाएं ही राज्य में एकल शिक्षकीय रह गई हैं। इन शालाओं में भी और अधिक शिक्षकों की तैनाती को लेकर शिक्षा विभाग व्यवस्था बनाने में जुटा है। इसी तरह राज्य के 49 एकल शिक्षकीय हाई स्कूलों में से 48 हाई स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की पदस्थापना पूरी कर ली गई है। आज की स्थिति में राज्य में मात्र एक हाई स्कूल एकल शिक्षकीय बचा है।
- रायपुर /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज सुकमा जिले के कुकानार थाना अंतर्गत पुसगुन्ना क्षेत्र में पुलिस जवान एवं सुकमा डीआरजी की संयुक्त पुलिस टीम के जवानों को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता मिलने पर बधाई दी है।उल्लेखनीय है कि सर्चिंग के दौरान हुई मुठभेड़ में दो नक्सलियों को जवानों ने न्यूट्रलाइज किया है, जिनमें 5 लाख रुपए का इनामी पेदारास एलओएस कमांडर बमन भी शामिल है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे सुरक्षाबल के जवान पूरी ताकत से नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने जवानों की इस बहादुरी और अदम्य साहस की सराहना करते हुए कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ यह सफलता सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों का परिणाम है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के खात्मे के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और जवानों को हर संभव मदद एवं सहयोग दिया जाएगा।
- - दो दशकों बाद स्कूलों में गूंजेगा ककहरा-युक्तियुक्तकरण से अब नहीं है जिले का कोई भी स्कूल शिक्षक विहीनरायपुर, / शिक्षा के क्षेत्र में बीजापुर जिले के लिए यह एक ऐतिहासिक मोड़ है। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के अंतर्गत जिले के 78 शिक्षक विहीन स्कूलों में अब नियमित शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है। इससे न केवल शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि वर्षों से बंद पड़े स्कूलों में फिर से पढ़ाई होगी।जिला शिक्षा कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन के निर्देशों के अनुरूप युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसके तहत जिले में चिन्हांकित 198 अतिशेष शिक्षकों में से 189 शिक्षकों की नई पदस्थापना की गई है। इनमें 104 सहायक शिक्षक, 13 प्रधान अध्यापक (प्राथमिक), 45 शिक्षक, 31 प्रधान अध्यापक (माध्यमिक) और 5 व्याख्याता शामिल हैं।नई पदस्थापना के तहत 82 शिक्षक पूरी तरह शिक्षकविहीन स्कूलों में, 44 शिक्षक एकल शिक्षक वाले स्कूलों में और 63 शिक्षक सामान्य जरूरत वाले स्कूलों में भेजे गए हैं। विशेष बात यह है कि जिले के 76 ऐसे स्कूल जो दो दशकों से बंद पड़े थे, वहां अब पहली बार नियमित शिक्षक तैनात किए गए हैं। इनमें गुंडापुर, मुदवेंडी, हिरमगुंडा, बोटेतोंग, गुंजेपरती, जीड़पल्ली और मुरकीपाड़ जैसे दुर्गम और अतिसंवेदनशील इलाके शामिल हैं। इन गांवों में अब शिक्षकों की नियमित आवाजाही शुरू होगी, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।इसी तरह एक उच्च माध्यमिक विद्यालय, जहां सभी व्याख्याता पद रिक्त थे, वहां अब हिंदी और सामाजिक अध्ययन विषयों के व्याख्याताओं की नियुक्ति कर दी गई है। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी और स्कूल में विषयवार पढ़ाई सुनिश्चित की जा सकेगी। सरकार की इस पहल से शिक्षा व्यवस्था को मिली मजबूती एक बड़ा बदलाव लेकर आई है। इस युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से यह साफ है कि सरकार बीजापुर जैसे दूरस्थ और संवेदनशील जिलों में भी शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है। वर्षों से सुनसान पड़े स्कूलों में अब फिर से बच्चों की आवाजें गूंजेंगी और उनके उज्जवल भविष्य की नई इबारत लिखी जाएगी।
- - युक्तियुक्तकरण से 97 बच्चों को मिले 4 शिक्षक-पालकों में खुशी की लहर- बच्चों के उज्जवल भविष्य की जगी उम्मीदरायपुर, / रायगढ़ जिले के घरघोड़ा विकासखंड के दूरस्थ गांव बटुराकछार के बच्चों को अब बेहतर पढ़ाई का अवसर मिलने जा रहा है। यहां के प्राथमिक स्कूल में पहले सिर्फ एक शिक्षक ही थे, वह भी किसी दूसरे स्कूल से व्यवस्था के तहत पढ़ाने आते थे। लेकिन अब राज्य सरकार की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत इस स्कूल में 4 शिक्षक पदस्थ कर दिए गए हैं।इस स्कूल में 97 बच्चे पढ़ते हैं। शिक्षक की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। गांव के पालक इतवार दास महंत ने बताया कि उनका बेटा टिकेश्वर दूसरी कक्षा में पढ़ता है, लेकिन एक शिक्षक के भरोसे पूरा स्कूल चल रहा था। उन्होंने कहा कि बच्चों की शुरुआती पढ़ाई के साल बहुत जरूरी होते हैं और शिक्षक न होने से यह समय बर्बाद हो रहा था। अब शिक्षकों के आने से बच्चों की पढ़ाई सुधरेगी। गांव के ही शाखाराम राठिया ने भी शिक्षक मिलने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि उनका बेटा तुलेश तीसरी कक्षा में है और शिक्षक की अनुपस्थिति से पढ़ाई पर असर पड़ता था। पहले एक शिक्षक के छुट्टी पर जाने से पूरा स्कूल बंद करना पड़ता था, लेकिन अब यह समस्या नहीं रहेगी।जिले के शिक्षा विभाग ने 3 और 4 जून को युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी की है, जिससे जिले के 21 ऐसे स्कूलों में शिक्षक भेजे गए हैं, जहां पहले कोई शिक्षक नहीं था। अधिकतर स्कूल दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में हैं। अब यहां नियमित कक्षाएं लग सकेंगी और बच्चों की पढ़ाई फिर से पटरी पर लौटेगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हो रही इस पहल से पालकों को अपने बच्चों के भविष्य को लेकर एक नई उम्मीद मिली है। शिक्षा विभाग की यह कोशिश ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो रही है।
- रायपुर - आज पूर्व केन्द्रीय मन्त्री शहीद पण्डित विद्याचरण शुक्ल की 12वीं पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करने नगर पालिक निगम रायपुर के संस्कृति विभाग के तत्वावधान में नगर निगम जोन 4 के सहयोग से राजधानी शहर में रायपुर नगर पालिक निगम मुख्यालय भवन महात्मा गाँधी सदन के सामने नगर निगम के शहीद पण्डित विद्याचरण शुक्ल उद्यान परिसर स्थित उनकी मूर्ति के समक्ष रखे गए संक्षिप्त पुष्पांजलि आयोजन में पहुंचकर राजधानी शहर की प्रथम नागरिक नगर पालिक निगम रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने उन्हें समस्त नगरवासियों की ओर से सादर नमन करते हुए मूर्ति स्थल पर आदरांजलि अर्पित की. नगर निगम संस्कृति विभाग के अध्यक्ष श्री अमर गिदवानी, पूर्व पार्षद श्री मनोज कंदोई, सामाजिक कार्यकर्त्ता सर्वश्री अनुभव चरण शुक्ला, प्रमोद तिवारी, नवीन चंद्राकर, जोन 4 सहायक अभियंता श्री दीपक देवांगन, गणमान्यजनों, महिलाओं, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं, नवयुवकों, आमजनों ने शहीद पण्डित विद्याचरण शुक्ल को उनकी 12वीं पुण्यतिथि पर मूर्ति स्थल पर नमन किया.
- रायपुर - नगर पालिक निगम रायपुर के आयुक्त श्री विश्वदीप के आदेशानुसार और अपर आयुक्त (स्वास्थ्य) श्री राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर तृप्ति पाणीग्रही, जोन 2 जोन कमिश्नर डॉक्टर आर. के. डोंगरे के निर्देश पर आज नगर निगम जोन 2 की स्वास्थ्य विभाग टीम द्वारा सफाई मित्रों और स्वच्छता दीदियों की सहायता से जोन 2 जोन स्वास्थ्य अधिकारी श्री रवि लावनिया की उपस्थिति में जोन 2 क्षेत्र अंतर्गत बाजार क्षेत्रों में विभिन्न दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण किया और 19 दुकानों में आकस्मिक निरीक्षण के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक, गन्दगी मिलने,दुकानों में डस्टबिन नहीं मिलने पर कुल 4300 रूपये सम्बंधित दुकान संचालकों को भविष्य के लिए कड़ी चेतावनी देते हुए वसूलने की कार्यवाही की और इस सम्बन्ध में रायपुर नगर पालिक निगम स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त गन्दगी सम्बंधित जनशिकायत का त्वरित निदान किया.
- - निगम राजस्व विभाग की सभी सम्पति करदाता नागरिकों से 30 जून या उसके पूर्व वर्ष 25-26 का सम्पतिकर भुगतान कर छूट का लाभ लेने की अपीलरायपुर -रायपुर नगर पालिक निगम के राजस्व विभाग द्वारा दिनांक 30 जून 2025 तक वित्त वर्ष 2025-26 के सम्पतिकर का पूर्ण भुगतान करने वाले सम्पति करदाता नागरिकों को सम्पतिकर में 6.25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जा रही है. नगर पालिक निगम रायपुर के राजस्व विभाग को कोई भी सम्पति करदाता नागरिक ऑनलाइन / ऑफलाइन सम्पतिकर भुगतान व्हाट्सएप्प, चैटबॉट क्यूआरकोड आदि उपलब्ध अनेक विकल्पों के माध्यम से अपनी सुविधा अनुसार दिनांक 30 जून या उसके पूर्व करके सम्पतिकर के चालू वित्त वर्ष 2025-26 के भुगतान में 30 जून तक अधिकतम 6.25 प्रतिशत की छूट प्राप्त कर सकते हैँ. रायपुर नगर पालिक निगम के राजस्व विभाग द्वारा समस्त सम्पति करदाता नागरिकों से 30 जून अथवा उससे पहले वर्ष 25-26 के अपने देय सम्पतिकर का पूर्ण भुगतान कर 6.25 प्रतिशत की अधिकतम छूट का लाभ अधिकाधिक संख्या में उठाने की अपील की है.इसमें विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक सम्पति करदाता नागरिक सम्बंधित जोन कार्यालय के राजस्व विभाग में सम्पर्क स्थापित कर सकते हैँ.
- -नियद नेल्लानार योजना बनी क्रांतिकारी बदलाव की वाहकरायपुर / वर्षों तक माओवाद की पीड़ा में सिसकते रहे बीजापुर जिले का छोटा सा गांव मुदवेंडी अब बदलाव की मिसाल बन गया है। जिला मुख्यालय से करीब 35-40 किलोमीटर दूर स्थित यह गांव अब न केवल शुद्ध पेयजल और पक्की सड़क से जुड़ चुका है, बल्कि अब यहां बिजली की रोशनी ने भी दस्तक दे दी है। यह सब संभव हुआ है मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की दूरदृष्टि और नियद नेल्लानार योजना की बदौलत।इस गांव में केवल 45 परिवार रहते हैं, पर इनके जीवन में हाल के दिनों में जो परिवर्तन आया है, वह अभूतपूर्व है। पहले जहां शाम होते ही अंधेरा छा जाता था और रात में एक कदम चलना भी जोखिम भरा होता था, वहीं अब बिजली आने से न केवल घरों में उजाला हुआ है, बल्कि ग्रामीणों के दिलों में भी उम्मीद की लौ जल उठी है।माओवाद से सुशासन तक की यात्रालंबे समय तक माओवादी हिंसा की वजह से विकास की मुख्यधारा से कटे रहे इस गांव में अब सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचने लगी हैं। यह बदलाव केवल सुविधाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर सामाजिक और शैक्षणिक जीवन पर भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।गांव के निवासी श्री हुंरा कुंजाम बताते हैं, हमारे गांव में वर्षों बाद बिजली पहुंची है। पहले जहां अंधेरे में बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती थी, अब रात को भी बच्चे आराम से पढ़ाई कर रहे हैं। साथ ही सांप-बिच्छू और जंगली जानवरों के खतरे से भी अब राहत मिली है। हुंरा कुंजाम बताते हैं कि नियद नेल्लानार योजना के तहत वर्षों से बंद पड़ा स्कूल अब पुनः प्रारंभ हो चुका है। एक पीढ़ी के अंतराल के बाद गांव के बच्चों को अब अपने गांव में ही शिक्षा का अवसर मिल रहा है। ग्रामीणों के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा है।खुशी का माहौल, उम्मीदों की नई सुबहगांव के ही श्री लखमा कुंजाम का कहना है, बिजली आने से गांव में उत्सव का माहौल है। अब रात्रि में भी घर के काम आसानी से हो जाते हैं, बच्चे पढ़ते हैं और गांव पहले से कहीं अधिक सुरक्षित महसूस करता है।नियद नेल्लानार योजना: उम्मीद की किरणमुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा माओवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए शुरू की गई नियद नेल्लानार योजना वास्तव में अब एक क्रांतिकारी बदलाव की वाहक बन चुकी है। इस योजना के तहत न केवल विकास के कार्य हो रहे हैं, बल्कि ग्रामीणों को सुरक्षा, विश्वास और आत्मनिर्भरता की नई राह भी मिल रही है। मुदवेंडी गांव की यह कहानी बताती है कि जब शासन की नीयत साफ हो और योजनाएं ज़मीन पर उतरें, तो दूरस्थ अंचलों में भी बदलाव की किरण पहुंच सकती है। अब अंधेरे की जगह उजाले की पहचान है मुदवेंडी। यह है सुशासन का सच और नई छत्तीसगढ़ की दिशा।
- -नेशनल मिशन फॉर ईडिबल आयल पॉम के तहत 500 हेक्टेयर में लगाए जाएंगे पॉम ट्रीबलौदाबाजार, / कलेक्टर दीपक सोनी ने मंगलवार क़ो समय सीमा की बैठक में विभागीय कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने आगामी बरसात के मौसम में वृहद वृक्षारोपण अभियान में 2 लाख पौधरोपण के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश अधिकारियों क़ो दिये।कलेक्टर ने कहा कि जिले में हरित आवरण को बढ़ाने के लिए देने के लिए वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण करने वन विभाग, उद्यानिकी विभाग एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग कार्ययोजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि ब्लॉक प्लांटेशन के तहत ग्राम पंचायतों, आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों, सहकारी समितियों तथा मण्डी परिसर में वृक्षारोपण कराएं। इसके साथ ही एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत भी वृक्षारोपण हेतु योजना बनाएं।कलेक्टर श्री सोनी ने बताया कि नेशनल मिशन फॉर इडिबल आयल पॉम अंतर्गत बलौदाबाजार -भाटापारा जिले का चयन हुआ है। इसके तहत जिले में लगभग 500 हेक्टेयर क्षेत्र में पॉम ट्री का रोपण का लक्ष्य है। उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों क़ो उन्नत किसानों का चयन करने और अभियान की जानकारी देते हुए पॉम ट्री लगाने हेतु प्रोत्साहित करने कहा। इस अभियान के तहत पॉम ट्री लगाने वाले किसानो क़ो बाई -बैक की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही फसल परिवर्तन चक्र में भी मददगार होगा।कलेक्टर ने राजस्व विभाग अंतर्गत राजस्व प्रकारणों की समीक्षा करते हुए 1 वर्ष से लंबित प्रकरणों का निराकरण में तेजी लाने तथा बारिश से पहले सीमांकन व बटांकन कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने राजस्व न्यायलय के साथ ही मैदानी कार्यो क़ो भी तत्परता से पूरा करने तहसीलदारों क़ो निर्देशित किया। इसके साथ ही आरबीसी 6-4, भू -अर्जन, रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, किसानों क़ो खाद -बीज़ की उपलब्धता, सीपी ग्राम्स, पीजएन का लंबित आवेदन की समीक्षा की गई।बैठक में सीईओ जिला पंचायत सुश्री दिव्या अग्रवाल, अपर कलेक्टर मिथलेश डोंडे सहित एसडीएम, तहसीलदार, जनपडद सीईओ एवं विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे।
- बलौदाबाजार / जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत रेडी टू ईट एवं फोर्टिफाईड आटा का निर्माण एवं आपूर्ति करने हेतु प्राप्त आवेदनों का मूल्यांकन करते हुए प्रावधिक सूची जारी किया गया है। सूची में दावा आपत्ति करना हो तो 18 जून 2025 तक कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला-बलौदाबाजार में डाक या कोरियर के माध्यम् से निर्धारित तिथि एवं समय में प्रस्तुत कर सकते है।
- -स्पोर्ट्स स्टेडियम में मल्टी एक्टिविटी समर कैम्प सम्पन्नबलौदाबाजार, / बलौदाबाजार स्पोर्ट्स एसोसिशन द्वारा आयोजित मल्टी एक्टिविटी समर कैम्प का समापन कार्यक्रम मंगलवार क़ो इंडोर स्पोर्ट्स स्टेडियम में सम्पन्न हुआ। कलेक्टर दीपक सोनी एवं पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर समर कैम्प के दौरान विभिन्न खेलों में भाग लेने वाले प्रतिभागियों क़ो पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि समर कैम्प में छुट्टी का सदुपयोग तो होता ही है बल्कि यह बच्चों क़ो सीखने और अपने हुनर क़ो तराशने का मंच भी देता है। कैम्प में आयोजित होने वाले विभिन्न खेल एवं अन्य गतिविधियों में मेंटर की भूमिका महत्वपूर्ण होता है। मेंटर हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। पढ़ाई के साथ -साथ खेल कूद भी जरुरी है, लेकिन पढ़ाई के समय पूरा ध्यान पढ़ाई में ही हो। सोशल मीडिया से दूर रहे,पढ़ाई के लिए उपयोग कर सकते है।पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने कहा कि जिले में कई समर कैम्प का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों क़ो निःशुल्क सिखने का अवसर मिला। बच्चों के लिए सिखने का यह एक आदर्श उम्र है जिसमें अपने हुनर क़ो निखार सकते हैं। उन्होंने कहा कि बैडमिंटन में आगे बढ़ने का अच्छा स्कोप है। देश के नामी खिलाड़ियों के खेल क़ो देखे और अपना आदर्श मानते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा लें।इस अवसर पर प्राचार्य वंदनी श्रीवास्तव, वरिष्ठ खेल अधिकारी प्रीति बंछोऱ, बलौदाबाजार स्पोर्ट्स एसोसियेशन के अध्यक्ष नीरज बाजपेयी, बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष नितेश शर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे उपस्थित थे।
- बलौदाबाजार, /छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित तकनीकी शिक्षा संस्थाओं द्वारा संचालित विभिन्न पाठ्क्रमों में प्रवेश हेतु ऑनलाइन कॉउसिलिग की सूचना जारी किया गया है जिसमें डिप्लोमा एवं डिप्लोमा इंजीनिरिंग लेटरल पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु ऑनलाइन कॉउसिंलिग की प्रक्रिया तीन चरणों मे निर्धारित किया गया है। प्रथम चरण की पंजीयन 11 जून से 15 जून 2025 तक, मेरिट सूची 17 जून, दावा आपत्ति के लिए 18 जून, सीट आबंटन 20 जून एवं प्रवेश 21 जून से 24 जून 2025 तक निर्धारित है।द्वितीय चरण हेतु पंजीयन 28 जून से 29 जून 2025 तक, मेरिट सूची जारी 1 जुलाई, दावा आपत्ति के लिए 2 जुलाई, सीट आबंटन 4 जुलाई एवं प्रवेश दिनांक 5 जुलाई से 8 जुलाई 2025 तक निर्धारित है। इसी तरह तृतीय चरण हेतु पंजीयन 10 जुलाई से 13 जुलाई 2025 तक, मेरिट सूची जारी 15 जुलाई, दावा आपत्ति के लिए 16 जुलाई, सीट आबंटन 18 जुलाई एवं प्रवेश दिनांक 19 जुलाई से 22 जुलाई 2025 तक निर्धारित किया गया है। उक्त निर्धारित तिथियों में अभ्यर्थी तकनीकी शिक्षा की वेब साइट www.cgdteraipur.cgstate.gov.in एवं https://cgdte.admission.nic. पर ऑनलाइन कॉउसिंलिग करा सकते है।
- बलौदाबाजार, /जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, बलौदाबाजार द्वारा विकासखण्ड स्तर पर जिले के सभी जनपद पंचायतों में पीएमएफएमई योजनांतर्गत जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 12 जून को जनपद पंचायत पलारी, 16 जून जनपद पंचायत कसडोल, 20 जून जनपद पंचायत भाटापारा, 23 जून जनपद पंचायत सिमगा एवं 24 जून को जनपद पंचायत बलौदाबाजार में शिविर का आयोजन होगा।पीएमएफएमई योजनांतर्गत खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उद्यमों यथा- मसाला उद्योग, मुरमुरा (मुरी), पोहा, मिनी राईस मिल, पशु आहार, बेकरी उत्पाद, आईसक्रीम, दलिया, नमकीन, मिक्चर, चिप्स, मिठाई निर्माण, आचार, पापड़, जैम, जेली, जूस एवं पल्प अन्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को परियोजना लागत का 35 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रुपये तक अनुदान का प्रावधान है। साथ ही योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी वेबसाईट pmfme.mofpi.gov.in में जाकर आंनलाइन आवेदन कर सकते है। योजना का लाभ लेने के लिए अधिक संख्या में उपस्थित होकर प्राप्त कर सकते है।
- बलौदाबाजार,11 जून 2025/जिले के शिक्षित युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार का अवसर प्रदान करने हेतु जिला मुख्यालय स्थित रोजगार कार्यालय परिसर में 13 जून 2025 को निजी क्षेत्र के नियोजकों द्वारा प्राप्त 106 पदों के लिये प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। उक्त प्लेसमेन्ट कैम्प सुबह 11 बजे से 3 बजे तक आयोजित होगा।जिला रोजगार अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस प्लेसमेन्ट कैम्प में नियोजक राधा कृष्णा हॉस्पिटल लिमाही बलौदाबाजार द्वारा नर्स के 30 पद, शैक्षणिक योग्यता एएनएम/जीएनएम/बीएससी नर्सिग एवं अनुभव 0 से 5 वर्ष, उम्र 18 से 40 वर्ष, वेतन 8 हजार से 30 हजार रूप्ए, योग्यतानुसार देय होगा, कार्यक्षेत्र बलौदाबाजार होगा। एक्सट्रा ऑडनरी क्लास वर्ल्ड स्कूल बलौदाबाजार द्वारा इंग्लिस टीचर के 2 पद, शैक्षणिक योग्यता स्नातकोत्तर (अंग्रेजी माध्यम से), सोशल सांइस टीचर के 1 पद, शैक्षणिक योग्यता एमए (अंग्रेजी माध्यम से), सांइस टीचर के 01 पद, शैक्षणिक योग्यता बीएससी/एमएससी (अंग्रेजी माध्यम से) एवं बीएड उत्तीर्ण, अनुभव 2 से 3 वर्ष, उम्र 18 से 40 वर्ष, वेतन 8 हजार से 10 हजार रूपए योग्यतानुसार देय होगा। कार्यक्षेत्र बलौदाबाजार होगा। मारूति सुजुकी नेक्सा बलौदाबाजार द्वारा सेल्स के 4 पद, रिसेप्शनिष्ठ के 1 पद, शैक्षणिक योग्यता 12वीं से स्नातक उत्तीर्ण एवं अनुभव 0 से 3 माह, उम्र 18 से 25 वर्ष, वेतन 10 हजार से 15 हजार रूपए पदानुसार, कार्यक्षेत्र बलौदाबाजार होगा। भशीन मोटर्स बलौदाबाजार द्वारा सेल्स के 5 पद, सर्विसेस के 2 पद, शैक्षणिक योग्यता 12वीं, आईटीआई इलेक्ट्रिकल, डीजल मेकेनिक उत्तीर्ण एवं अनुभव 0 से 5 वर्ष, उम्र 20 से 45 वर्ष , वेतन 10 हजार से 15 हजार रूपए पदानुसार देय होगा। कार्यक्षेत्र बलौदाबाजार होगा। दुर्गेश इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी रायपुर द्वारा सेक्यूरिटी गार्ड के 50 पद, सुपरवाईजर के 6 पद, गनमेन के 2 पद, एसओ के 2 पद, शैक्षणिक योग्यता 8वीं, 10वीं, 12वीं ,उच्च शिक्षा उत्तीर्ण एवं अनुभव 0 से 3 वर्ष, उम्र 21 से 45 वर्ष, वेतन 12 हजार से 25 हजार रूपए पदानुसार देय होगा। कार्यक्षेत्र रायपुर होगा। इच्छुक आवेदक अनिवार्य रूप से समस्त प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, दो पासपोर्ट साइज फोटो सहित आवेदक स्वयं की व्यवस्था के साथ उपस्थित हो सकते है। अधिक जानकारी हेतु जिला रोजगार कार्यालय से या दूरभाष न. 07727299443 से सम्पर्क कर सकते है।
- - शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में शिक्षकों एवं शालाओं का युक्तियुक्तकरण प्रभावी
- पहले 93 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय शाला थी, जबकि अब 1 स्कूल एकल शिक्षकीय
- पहले 9 पूर्व माध्यमिक शाला एकल शिक्षकीय थी, जबकि वर्तमान में सिर्फ 1 स्कूल एकल शिक्षकीयराजनांदगांव । शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में शिक्षकों एवं शालाओं का युक्तियुक्तकरण प्रभावी साबित होगा। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां शिक्षक विहिन एवं एकल शिक्षकीय स्कूल थे, वहां युक्तियुक्तकरण के तहत शिक्षकों की पदस्थापना होने से शिक्षण व्यवस्था बेहतर बनेगी। शासन द्वारा शैक्षणिक स्थिति को सुधारने के लिए युक्तियुक्तकरण का सशक्त कदम उठाया गया है। जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था होने से ग्रामवासियों में खुशी है। विद्यार्थियों की पढ़ाई अबाध गति से जारी रहेंगी एवं स्कूलों के युक्तियुक्तकरण होने से शैक्षणिक सामग्री एवं सुविधाओं का लाभ मिलेगा। जिले में 6 प्राथमिक शालाएं शिक्षक विहिन थी, लेकिन अब सभी शालाओं में युक्तियुक्तकरण के तहत शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। वहीं 93 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय शाला थी, जबकि अब 1 स्कूल एकल शिक्षकीय है। इसी तरह पहले 9 पूर्व माध्यमिक शाला एकल शिक्षकीय थी, जबकि वर्तमान में सिर्फ 1 स्कूल एकल शिक्षकीय है। ऐसे स्कूलों के समायोजन से जिनमें छात्रों की संख्या कम है, वहां युक्तियुक्तकरण से विद्यार्थियों को फायदा होगा।
दूरस्थ अंचलों में शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई में बाधा आ रही थी। युक्तियुक्तकरण से इस समस्या का समाधान हो गया है। नगरीय क्षेत्रों में अधिकांश शिक्षकों के पदस्थ होने के कारण आ रही दिक्कत को दूर करने के लिए एक मजबूत प्रयास किया गया है। जिसके दूरगामी परिणाम दिखाई देंगे। छुरिया विकासखंड के दूरस्थ ग्रामों में शिक्षा की रौशनी पहुंचेगी और बच्चों के भविष्य को एक दिशा मिलेगी। छुरिया विकासखंड के आदिवासी कन्या आश्रम कुहीकला, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पेण्ड्रीडीह, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पडरापानी, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला घोरतालाब, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला छुरिया अंग्रेजी माध्यम सहित अन्य स्कूलों में एकल शिक्षकीय व्यवस्था सुचारू शिक्षण के लिए की गई है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की पढ़ाई अच्छी तरह होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के अभिभावकों में भी प्रसन्नता है। बच्चों की शिक्षा को गति प्रदान करने में युक्तियुक्तकरण सहायक एवं कारगर साबित होगी। -
दुर्ग/ छ.ग. शासन खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रतिवर्षनुसार खिलाड़ियों/प्रशिक्षकों/निर्णायकों को खेल पुरस्कार प्रदान कर राज्य खेल अलंकरण से सम्मानित किये जाने हेतु शहीद राजीव पाण्डे पुरस्कार, शहीद कौशल यादव पुरस्कार, शहीद पंकज विक्रम सम्मान, वीर हनुमान सिंह पुरस्कार एवं शहीद विनोद चौबे सम्मान, मुख्यमंत्री ट्राफी हेतु अनुशंसाएँ आमंत्रित की जा रही हैं, इसके साथ-साथ वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त खिलाड़ियों, को नगद राशि पुरस्कार एवं खेलवृति हेतु भी अनुशंसाएँ आमंत्रित की जा रही हैं। पुरस्कारों के आवेदन पत्रों का प्रारूप संचालनालय के विभागीय वेबसाईट http://sportsyw.cg.gov.in में उपलब्ध है। जिला कार्यालय/संचालनालय में (कार्यालयीन समय में) सभी आवेदन पत्र 26 जून 2025 तक प्रस्तुत कर सकते हैं। अन्य जानकारी के लिए आवेदक जिला कार्यालय/संचालनालय में सम्पर्क कर सकते हैं।
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दुर्ग/ सत्र 2025-2026 में तकनीकी शिक्षा संस्थाओं में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु ऑनलाईन पंजीयन का प्रथम चरण 11 से 15 जून 2025 तक निर्धारित किया गया है, जिसका विस्तृत जानकारी वेबसाईट www.cgdteraipur.cgstate.gov.in एवं https://cgdte.admissions.nic.in पर उपलब्ध हैं। अथ्यर्थी इस वेबसाइट पर जाकर ऑनलाईन पंजीयन कर सकते हैं। जिसकी मेरिट सूची 17 जून 2025 को जारी तथा आबंटन/रिजल्ट 20 जून 2025 को अपरान्ह् 4ः00 बजे किया जाएगा। तत्पश्चात् आबंटित संस्था में प्रवेश का कार्य 21 से 24 जून 2025 तक समय प्रातः 10 बजे से अपरान्ह 5.30 बजे तक किया जाएगा।
उदय प्रसाद उदय शासकीय पॉलीटेक्निक, दुर्ग के प्राचार्य कुमार पांडेय ने जानकारी दी कि वर्तमान में संस्था में आठ शाखाओं में डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित है जिसमें सिविल, यांत्रिकी, विद्युत, इलेक्ट्रॉनिक्स, धातुकर्म, आई.टी., कम्प्यूटर साइंस (पीपीटी स्कोर के आधार पर) एवं मॉडर्न ऑफिस मैनेजमेंट (12वीं के आधार पर) इसके अतिरिक्त लेटरल एंट्री के माध्यम से डिप्लोमा इंजीनियरिंग लेटरल में द्वितीय वर्ष (12वीं/आई.टी.आई. के आधार पर) में प्रवेश हेतु सिविल, यांत्रिकी, विद्युत, इलेक्ट्रॉनिक्स, धातुकर्म, आई.टी., कम्प्यूटर साइंस पाठ्यक्रम में भी इन्ही तिथियों में ऑनलाईन पंजीयन एवं प्रवेश की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। संस्था में छात्राओं के लिए शिक्षण शुल्क निःशुल्क है तथा छात्राओं एवं छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध है। संस्था में छात्रों के लिए एन.सी.सी. एवं छात्र/छात्राओं के लिए एन.एस.एस. की शाखा संचालित है।
संस्था में 11 जून 2025 से छात्र/छात्राओं के लिए ‘सुविधा केन्द्र‘ की स्थापना की गई है जहां पर ऑनलाईन आवेदन प्रक्रिया के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ ही साथ संस्था में ऑनलाईन पंजीयन की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिसके लिए शासन द्वारा निर्धारित पंजीयन शुल्क 200 रूपए ऑनलाईन माध्यम से भुगतान करना होगा। संस्था में आकर पात्र विद्यार्थी पंजीयन कर सकते है जिसके लिए पंजीयन शुल्क 200 रूपए के अतिरिक्त कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। पंजीयन के समय समस्त मूल दस्तावेज पीपीटी स्कोर कार्ड, 10वीं, 12वीं, आईटीआई की अंकसूची, निवास प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, सैनिक, दिव्यांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी (यदि लाते हो तो) साथ में लेकर उपस्थित हो सकते है।