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- -अंग्रेजी और भौतिकी विषय के शिक्षक मिलने से विद्यार्थियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि-जिला शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय का निरीक्षण कर सराहना कीमहासमुंद, / शिक्षकों की नियमित और आवश्यक पदस्थापना से शैक्षणिक गुणवत्ता में व्यापक सुधार संभव है। इसका उदाहरण है बागबाहरा विकासखंड अंतर्गत शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल घुंचापाली, जहाँ शिक्षक अभाव की समस्या युक्तियुक्तकरण नीति के माध्यम से दूर कर दी गई है। परिणामस्वरूप विद्यालय में शैक्षणिक माहौल में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है।पूर्व में अंग्रेजी और भौतिकी जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक न होने से विद्यालय में बच्चों के प्रवेश निरंतर घट रहे थे। यहाँ तक कि कई अभिभावक अपने बच्चों को अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर हो गए थे,किंतु शासन की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत इस विद्यालय में अंग्रेजी विषय के व्याख्याता श्री संजय गिरी गोस्वामी और भौतिकी विषय के व्याख्याता तिर्की मैडम की पदस्थापना से शैक्षणिक गतिविधियाँ पुनः सशक्त हुई हैं।जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय कुमार लहरे ने आज विद्यालय का निरीक्षण कर इस बदलाव की सराहना की। उन्होंने कक्षाओं का भ्रमण कर बच्चों से सीधा संवाद किया और अध्यापन की गुणवत्ता का अवलोकन किया। श्री लहरे ने कहा कि शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता से बच्चों में सीखने की रुचि और विद्यालय में उपस्थिति दोनों में तेजी से वृद्धि होती है।विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य श्री के. आर. चंद्राकर ने बताया कि पहले कक्षा 9 में बच्चे प्रवेश नहीं ले रहे थे और पूर्व में प्रवेशित छात्र भी स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) लेकर अन्यत्र चले जाते थे। लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल गई है। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में 05 जुलाई 2025 तक कक्षा 9 में 48 विद्यार्थियों का प्रवेश हो चुका है और विद्यालय की कुल दर्ज संख्या 87 विद्यार्थियों तक पहुँच गई है।निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों से भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बच्चों के सीखने की गति, पढ़ाई के तरीके और अभिभावकों की भागीदारी पर जानकारी ली। उन्होंने शिक्षकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए पूर्ण शिक्षक बल और रचनात्मक शैक्षणिक वातावरण जरूरी है।जिला शिक्षा अधिकारी ने यह भी आश्वस्त किया कि विद्यालय में आवश्यक भौतिक संसाधनों की पूर्ति के लिए शिक्षा विभाग हरसंभव सहयोग करेगा। उन्होंने विद्यालय में चल रहे सुधार कार्यों की सराहना भी की। निरीक्षण के समय बागबाहरा के सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री रामता डे भी उपस्थित रहे।उल्लेखनीय है कि शासन की युक्तियुक्तकरण नीति का उद्देश्य विद्यालयों में शिक्षकों की असमान उपलब्धता को संतुलित करना है। जहाँ शिक्षक अधिक हैं वहाँ से कम शिक्षक वाले विद्यालयों में स्थानांतरण किया गया है।इस प्रक्रिया से छोटे और ग्रामीण विद्यालयों को भी सक्षम शिक्षक मिलने का अवसर मिलता है।
- -पुस्तक पाकर बच्चे खुशी से झूम उठेमहासमुन्द / कलेक्टर श्री विनय लंगेह के मार्गदर्शन में जिले के 1.44 लाख छात्र छात्राओं को 4.15 लाख पुस्तक वितरण किया गया है।जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय लहरे एवं जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा श्री रेखराज शर्मा ने बताया कि नि: शुल्क पाठ्य पुस्तक कक्षा पहली से दसवीं के सभी छात्रों प्रदाय किया जा रहा है जिसमें अशासकीय विद्यालयों के छात्रों को भी नि: शुल्क पाठ्य पुस्तक दिया जाएगा ।संकुल समन्वयक आरिफ बेग संकुल केंद्र अंकोरी विकासखण्ड बसना द्वारा पुस्तक वितरण का अवलोकन किया गया। विद्यालय शासकीय प्राथमिक शाला परगला की कुल दर्ज संख्या 51 हैं शाला मे 2 शिक्षक पदस्थ हैं प्रधान पाठक के रूप मे श्री सदाशिव चौहान (भूतपूर्व सैनिक )पदस्थ हैं शाला को युक्तियुक्तकरण मे वर्तमान मे एक और शिक्षक श्री खीरसागर भोई प्राप्त हुआ है।शासकीय प्राथमिक शाला परगला छत्तीसगढ़ की अंतिम सीमा मे बसा हुआ ग्राम पंचायत पलसा पाली का आश्रित ग्राम हैं इसके पश्चात उड़ीसा राज्य की सीमा प्रारम्भ हो जाती हैं वहां कक्षा 2 री के बच्चों को पुस्तक मिला तो छात्र गजेन्द्र नायक सहित सभी छात्र खुशी से झूम उठे।
- - ग्राम अंजोरा और सुकुलदैहान में समूह की महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों का किया निरीक्षण- कलेक्टर ने वृंदावन ग्राम अंजोरा में लगाया आम का पौधाराजनांदगांव । कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे आज शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति का जायजा लेने के लिए राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम अंजोरा और ग्राम सुकुलदैहान पहुंचे। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने वृंदावन ग्राम अंजोरा में आम का पौधा रोपण किया। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह उपस्थित थी। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने विकासखंड राजनांदगांव के ग्राम पंचायत अंजोरा में महिला स्वसहायता समूह सदस्यों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों गुरूचन्दन, गोपीचंदन, रोली कुमकुम जैसे अन्य उत्पादों को अवलोकन किया तथा समूह के सदस्यों एवं संकुल संगठन से आय-व्यय व सदस्यों को हो रहे लाभ के संबंध में चर्चा की। उन्होंने ग्राम अंजोरा में श्री गणेशा हर्बल गुलाल यूनिट में पीपीपी मॉडल के तहत समूह की महिलाओं द्वारा बनाये जा रहे गुलाल, रोली, चंदन, कुमकुम, पूजन सामग्री के साथ ही व्यापक स्तर पर किए जा रहे पैकेजिंग यूनिट को देखा। वे स्वसहायता समूह एवं संकुल संगठन की महिलाओं से रूबरू हुए। समूह की महिलाओं ने उन्हें बताया कि स्थानीय स्तर पर उन्हें रोजगार मिल गया है।कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने विकासखंड राजनांदगांव के ग्राम सुकुलदैहान में बिहान स्वर्ण उपज महिला किसान उत्पादक कंपनी के प्रसंस्करण इकाई स्थापना के प्रगतिरत कार्य का अवलोकन किया। उन्होंने स्वर्ण उपज महिला कृषक उत्पादक कंपनी लिमिटेड का चना कलेक्शन केन्द्र के पूर्ण होने की प्रगति, यूनिट को आगे बढ़ाने, प्रोडक्ट के मार्केटिंग के संबंध में चर्चा की। उन्होंने प्रोसेसिंग यूनिट के प्रगतिरत कार्य को पूर्ण करने के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर सरपंच अंजोरा श्री तोरण लाल धु्रर्वे, सरपंच सुकुलदैहान श्रीमती सरस्वती चंद्रवंशी, सीईओ जनपद पंचायत श्री मनीष साहू सहित अन्य अधिकारी, महिला समूह की महिलाएं उपस्थित थी।
- महासमुंद / नालसा एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर एवं गुमशुदा बच्चों और बच्चों के खिलाफ होने वाले अन्य अपराधों के लिए रिक्त आरक्षी केन्द्रों तथा लीगल एड क्लिीनिकों में एक-एक पैरालिगल वालंटियर की नियुक्ति की जाएगी। जिसके लिए इच्छुक अभ्यर्थियों से 21 जुलाई 2025 तक आवेदन मंगाए गए है। पैरालिगल वालंटियर का कार्यदिवस एवं मानदेय के संबंध में नालसा एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर द्वारा निर्धारण के अनुसार मानदेय का भुगतान किया जाएगा। पैरालिगल वालंटियर की नियुक्ति हेतु आवश्यक योग्यता कक्षा 12वीं उत्तीर्ण, कम्प्यूटर, मोबाईल एवं इंटरनेट का पर्याप्त ज्ञान होना एवं विधिक सेवा का कार्य करने की इच्छुक होना आवश्यक है। आरक्षी केन्द्रो से संबंधित एवं उनके नजदीक के युवक युवतियों, समाज सेवी, सेवा निवृत्त शासकीय कर्मचारी एवं विधि छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। पैरालिगल वालंटियर के रिक्त 10 पदों के भर्ती के संबंध में विस्तृत जानकारी एवं आवेदन का प्रारूप जिला न्यायालय महासमुंद के शासकीय वेबसाईट https://mahasamund.dcourts.gov.in से प्राप्त किया जा सकता है। अतः इच्छुक व्यक्ति जो उपरोक्त योग्यता रखता है वह दिनांक 21 जुलाई 2025 के साय 5 बजे तक अपना आवेदन रजिस्टार्ड डाक, कोरियर तथा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जिला न्यायालय परिसर, एडीआर भवन विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के कार्यालय में प्रस्तुत कर सकता है।
- महासमुंद, / कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार अवैध खनिज उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण पर रोक लगाने हेतु खनिज विभाग द्वारा सतत कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में आज संयुक्त टीम द्वारा महासमुंद विकासखंड अंतर्गत ग्राम मोहकम में रेत का अवैध परिवहन करते हुए 05 हाइवा वाहन को जप्त किया गया। सभी वाहनों को जब्त कर सुरक्षार्थ तुमगांव थाना में खड़ा किया गया है।खनिज अधिकारी श्री योगेन्द्र सिंह ने बताया कि उक्त वाहनों पर खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 21 के अंतर्गत कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। इस प्रकरण में 2 से 5 वर्षों की सजा का प्रावधान है और संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कर न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया जाएगा। पूर्व में भी खनिज पट्टेदारों एवं खनिज परिवहनकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं कि बिना वैध अभिवहन पास के खनिज का उत्खनन, परिवहन या भंडारण करना कानूनन अपराध है। कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले में अवैध खनिज गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु खनिज विभाग का विशेष अभियान सतत जारी रहेगा और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- -*पर्यावरण की सुरक्षा और समृद्धि के लिए जिले में लगाए गए 3.75 लाख पौधे*-*विधायक,जनप्रतिनिधि, कलेक्टर समेत हर आम और खास ने लगाया पौधा*-*रिमझिम फुहारों के बीच पौधे लगाकर पर्यावरण सुरक्षा का संदेश*बिलासपुर, / केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास राज्यमंत्री श्री तोखन साहू ने आज एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत बिल्हा ब्लॉक के परसदा(भटगांव) में पौधा लगाया। आज यहां आयोजित कार्यक्रम में बिल्हा विधायक श्री धरमलाल कौशिक, जनपद अध्यक्ष श्री राम कुमार कौशिक, कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने छायादार और फलदार पौधे लगाएं। जिले में आज वन, उद्यान, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय प्रशासन के सहयोग से सभी ब्लॉक मुख्यालय, स्कूलों, सड़क किनारे,आंगनबाड़ी केन्द्रों में सघन पौधरोपण अभियान चलाकर जिले में 3 लाख 72 हजार से ज्यादा पौधे लगाए गए। साथ ही साथ गोठानो में सीएलएफ के माध्यम से फलदार एवं छायादार पौधे लगाए गए। इसके अलावा उद्योगों में भी सघन पौधरोपण किया गया। रिमझिम फुहारों के बीच सभी ने पौधे लगाकर पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दिया । कार्यक्रम में शहीद विशुनदास कुर्रे के परिवारजनों और बिल्हा ब्लॉक में 500 पेड़ लगाने वाले श्री हवेंद्र निर्णयजेक को सम्मानित किया गया।केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक पेड़ मां के नाम अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रकृति की रक्षा, सुंदरता के लिए पेड़ लगाना जरूरी है। इस अभियान को एक पेड़ मां के नाम अभियान इसलिए कहा गया कि पेड़ से हम जुड़ पाएं। सबसे पवित्र रिश्ता मां का होता है। मां के लिए इससे बड़ा सम्मान और कुछ नहीं हो सकता। मां के सम्मान में यह आज हम सब पेड़ लगा रहे हैं। जितना सम्मान मां का होता है उतना ही सम्मान पेड़ का भी होता है। वृक्षों से ही धरती माता का श्रृंगार होता है। पीपल बरगद हमें शत प्रतिशत ऑक्सीजन देते हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते बिल्हा विधायक श्री धरमलाल कौशिक ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों का जीवन सुखद और स्वस्थ हो, इसके लिए पौधे लगाना जरूरी है। हमें अपने जीवन के महत्वपूर्ण अवसरों को यादगार बनाने के लिए पौधे लगाना चाहिए। पौधों को लगाने के साथ साथ उनकी देखरेख भी जरूरी है। पर्यावरण संतुलन के लिए पौधे लगाना जरूरी है।उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी से पौधे लगाने की अपील की। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने घटते जलस्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रकृति और समाज ने हमें बहुत कुछ दिया है। यह हमारा भी कर्तव्य है कि हम भी प्रकृति और समाज के लिए अपना योगदान दें।कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य डॉ गोविंद यादव, पुनीता डहरिया, एसडीएम श्री बजरंग वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।*कलेक्टर- एसएसपी ने वेद परसदा में किया पौधरोपण*कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल और एसएसपी श्री रजनेश सिंह ने मस्तूरी ब्लॉक के वेदपरसदा में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।*ब्लॉक मुख्यालय सहित पूरे जिले में हुआ सघन पौधरोपण*-आज ब्लॉक मुख्यालय, नगरीय निकाय, स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के घरों सहित पूरे जिले में सघन पौधरोपण हुआ। पूरे जिले में सभी ने पौधा लगाकर हरियाली का संदेश दिया।
- -सहकारी समितियों में एक लाख बॉटल नैनो डीएपी का किया जा रहा भंडारण-डी.ए.पी. की कमी को पूरा करने छत्तीसगढ़ सरकार की प्रभावी पहलरायपुर /राज्य में खरीफ सीजन 2025 के दौरान विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की मांग को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने समय रहते न सिर्फ इसकी ठोस व्यवस्था सुनिश्चित की बल्कि रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति भंडारण एवं वितरण व्यवस्था पर भी लगातार निगरानी रख रही है, जिसके चलते राज्य में रासायनिक उर्वरकों के भण्डरण एवं उठाव की स्थिति बेहतर बनी हुई है। डी.ए.पी. की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एन.पी.के., सुपर फास्फेट और नेनो डी.ए.पी. जैसे वैकल्पिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर किसानों के हितों का ध्यान रखा है। छत्तीसगढ़ में अब तक विभिन्न प्रकार के 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का भंडारण कर लिया गया है, जिससे खरीफ सीजन में किसानों को समय पर पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध हो सकें।छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ 2025 में पूर्व में कुल 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित था। इसमें यूरिया 7.12 लाख, डी.ए.पी. 3.10 लाख, एन.पी.के. 1.80 लाख, पोटाश 60 हजार तथा सुपर फास्फेट 2 लाख मीट्रिक टन शामिल हैं। वर्तमान में कुल 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का भंडारण किया जा चुका है। डीएपी की आपूर्ति में कमी के चलते उर्वरक वितरण के लक्ष्य को संशोधित कर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों जैसे- एनपीके, एसएसपी के लक्ष्य में 4.62 लाख मीट्रिक टन की उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसके चलते खरीफ सीजन 2025 में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की वितरण का लक्ष्य 17.18 लाख मीट्रिक टन हो गया है।राज्य में अब तक 5.63 लाख मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण एवं 3.76 लाख मीट्रिक टन का वितरण किया गया है। किसानों को अभी 1.86 लाख मीट्रिक टन यूरिया वितरण हेतु उपलब्ध है। यहां यह उल्लेखनीय है कि यूरिया का उपयोग धान फसल में तीन बार किया जाता है। पहली बार बुवाई अथवा रोपाई के समय कुल अनुशंसित मात्रा का 30 प्रतिशत, दूसरी बार 3 से 4 सप्ताह बाद कन्से निकलने के समय एवं तीसरी बार 7 से 8 सप्ताह बाद गभौट अवस्था में किया जाता है। इस प्रकार यूरिया का उपयोग बुवाई से लेकर सितंबर तक विभिन्न अवस्थाओं में किया जाना है, जिसके अनुरूप राज्य में यूरिया की चरणबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।डी.ए.पी. के आयात में राष्ट्रीय स्तर पर कमी को देखते हुए राज्य शासन ने समय रहते वैकल्पिक उर्वरकों की दिशा में ठोस पहल की है, जिसके चलते एन.पी.के. को लक्ष्य बढ़ाकर 4.90 लाख तथा सुपर फास्फेट का 3.53 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया। वर्तमान में एन.पी.के. 11 हजार एवं सुपर फास्फेट 54 हजार मीट्रिक टन, लक्ष्य से अधिक भंडारित है, जिससे 23 हजार 600 मीट्रिक टन डी.ए.पी. में उपलब्ध फॉस्फेट तत्व की पूर्ति होगी।छत्तीसगढ़ राज्य को चालू माह जुलाई में आपूर्ति प्लान के अनुसार कुल 2.33 लाख मी. टन उर्वरक मिलेगी। जिसमें यूरिया 1.25 लाख, डी.ए.पी. 48,850, एन.पी.के. 34,380, पोटाश 10 हजार एवं सुपर फास्फेट 76 हजार मी. टन शामिल हैं। जुलाई के अंत तक डी.ए.पी. का कुल भंडारण 1.95 लाख मी. टन तक होने की उम्मीद है। राज्य में डी.ए.पी. की कमी से बचाव हेतु 25 हजार मी. टन सुपर फास्फेट एवं 40 हजार मी. टन एन.पी.के. के अतिरिक्त भंडारण का लक्ष्य तय किया गया है। साथ ही, नैनो डी.ए.पी. उर्वरक को बढ़ावा देने हेतु सहकारी क्षेत्र में एक लाख बाटल का भंडारण किया जा रहा है, जिससे 25 हजार मीट्रिक टन पारंपरिक डी.ए.पी. की आवश्यकता की पूर्ति होगी।छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अप्रैल माह से ही वैकल्पिक उर्वरकों के प्रचार-प्रसार हेतु पोस्टर पैम्फलेट तैयार कर समस्त सहकारी समितियों एवं उपार्जन केन्द्रों में प्रदर्शित किए गए डीएपी, उर्वरक के स्थान पर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग के बारे में किसानों को जानकारी दी गई। इसी कड़ी में कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान एन.पी.के, सुपर फास्फेट एवं नेनो डी.ए.पी. के वैज्ञानिक उपयोग का प्रशिक्षण भी दिया। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन कर खरीफ 2025 में उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति की जा रही है।
- रायपुर । ग्राम संकरी ( जावा ) निवासी 90 वर्षीय सेवानिवृत्त प्रधानपाठक धरमू प्रसाद साहू का आज शनिवार को प्रातः निधन हो गया । वे स्वर्गीय अशोक साहू व स्वर्गीय शशिकांत साहू के पिता थे । नजदीकी ग्राम टेकारी ( कुंडा ) स्थित प्राथमिक शाला से वे सेवानिवृत्त हुये थे । अंतिम संस्कार अपराह्न में संकरी मोक्षधाम में किया गया।
- रायपुर/सफाई व्यवस्था के निरीक्षण पर निकले रायपुर नगर पालिक निगम के सभापति श्री सूर्यकान्त राठौड़ ने नगर निगम जोन 2 क्षेत्र के अंतर्गत इंदिरा गाँधी वार्ड की नाला सफाई का प्रत्यक्ष निरीक्षण जोन 2 के जोन स्वास्थ्य अधिकारी श्री रवि लवनिया की उपस्थिति में लिया. इस दौरान नहरपारा नाला पार करने कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा नाले पर रखा गया लौहे का अवैध पुल देखते ही तत्काल अवैध लौह पुल को हटवाकर नहरपारा नाला को कब्जामुक्त करवाते हुए अपने सामने नाला सफाई करवाकर निकास सुगम बनाने व्यवस्था दी. सभापति ने तले तक लद्दी नाले से निकालकर व्यवस्थित सफाई करने के निर्देश दिए, ताकि क्षेत्र में बारिश में जलभराव की समस्या ना आने पाए.
- उद्यान के साथ किसी भी प्रकार की छेड़खानी बर्दाश्त नहीं अन्यथा कड़ी कार्यवाही के लिए तैयार रहेमहापौर मीनल चौबे द्वारा तेलीबांधा परिसर का औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें नगर पालिक निगम, रायपुर से अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता, सहायक अभियंता एवं उपअभियंता तथा जोन क्र. 03 जोन आयुक्त एवं जोन के समस्त टीम थी एवं कंपनी के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। निरीक्षण के दौरान निम्नानुसार त्रुटियां पाई गई:-1. तेलीबांधा परिसर के भीतर जल विहार कालोनी की तरफ निर्मित सार्वजनिक सुलभ शौचालय बंद पाया गया।2. तेलीबांधा परिसर में जोन-बी. के मैथिलीशरण गुप्त उद्यान में बहुतायत मात्रा में झूले लगाये गये हैं, जिनके कारण उद्यान का क्षेत्रफल बहुत कम होना पाया गया।3. तेलीबांधा पाथ-वे पर नेत्र चिकित्सालय के समीप निर्मित पार्किंग एरिया से तेलीबांधा परिसर एंट्री में बोलाडर््स लगाने के निर्देश दिये गये हैं, ताकि बड़ी गाड़ियां तालाब परिसर में प्रवेश ना कर सके।4. तेलीबांधा परिसर में कंपनी द्वारा निर्मित छोटे-छोटे क्योस्क बहुत ही अव्यवस्थित तरिके से स्थापित पाये गये।5. तेलीबांधा परिसर में पाथ-वे पर तीव्र गति से गाड़ियों का आवागमन भी पाया गया, जिससे कि आमजनों को दुर्घटना की संभावना पाई गई।निरीक्षण के उपरांत महापौर मीनल चौबे ने कंपनी को जमकर फटकार लगाई और निगम के अधिकारियों को आदेशित किया कि 24 घंटे के अंदर मैथिलीशरण गुप्त उद्यान से झूला हटाने की कार्यवाही प्रारंभ करें, अन्यथा कंपनी का सारा अनुबंध निरस्त कर दिया जाये। मीनल चौबे ने कहा कि मैथिलीशरण गुप्त उद्यान जनता की धरोहर है और रहेगा। जल्द ही उद्यान जनता को उद्यान के रूप में उपलब्घ कराया जायेगा।सुलभ शौचालय को तुरंत आम जनता के लिए खोलने के आदेश दिए.कंपनी के द्वारा जो भी अनियमितता की जा रही हे उसे तत्काल सुधारने के निर्देश दिये और संबंधित अधिकारियों को लगातार अवलोकन करने कहा।
- रायपुर / रायपुर नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप के निर्देश पर नगर पालिक निगम रायपुर के स्वास्थ्य विभाग और जोन 4 स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जोन 4 क्षेत्र के अंतर्गत सिविल लाईन वार्ड में नेताजी होटल चौक के पास कटोरा तालाब में बड़ी नाली के ऊपर कब्जा जमाकर बनाये गए लगभग 12 अवैध पाटों को सफाई कार्य में बाधक होने के कारण जेसीबी मशीन बुलवाकर अवैध पाटों को तोड़कर सफाई की बाधा दूर करते हुए नाली की सफाई करवाकर गन्दे पानी की सुगम निकास व्यवस्था कायम की.
- *युक्तियुक्तकरण से स्कूल नहीं रहा अब एकल शिक्षकीय**सुनहरे भविष्य के सपने अब होंगे पूरे*बिलासपुर/कोटा ब्लॉक का ग्राम खरगा एक छोटा सा गांव, लेकिन मेहनती लोगों का गाँव है। यहाँ के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली बच्ची पूनम धृतलहरे की आंखों में सुनहरे भविष्य की उम्मीद साफ देखी जा सकती है। वो कल की कल्पना चावला, अंतरिक्ष यात्री शुभ्रांशु शुक्ला या किसी भी अन्य क्षेत्र में अपनी कामयाबी का लोहा मनवा सकती है। उसकी मुस्कान में आत्मविश्वास झलकता है। पूनम एक ग्रामीण परिवार से आने वाली होशियार छात्रा है,शुरू से पढ़ाई में आगे थी । लेकिन एकल शिक्षकीय इस स्कूल में उस जैसे ही अन्य बच्चों को उचित शिक्षा नहीं मिल पा रही थी। बच्चे पढ़ाई में कहीं पीछे छूट रहे थे।*युक्तियुक्तकरण से आई उम्मीद की किरण*मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार द्वारा किए गए युक्तियुक्तकरण से कोटा ब्लॉक के इसी विद्यालय में श्री मुकेश कुमार यादव की पदस्थापना शिक्षक के रूप में हुई। यहां पहले से केवल एक शिक्षक श्री संतोष कुमार खांडे थे। एक और शिक्षक के आने से बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल मिल गया। अब पूनम सहित अन्य बच्चों को भी पढ़ने में मजा आने लगा है।*बदलाव के संकेत*गाँव के अन्य बच्चे, जो पहले स्कूल छोड़ने की सोच रहे थे, अब नए शिक्षक के आने से स्कूल आने को प्रेरित हुए।*पूनम और बच्चों के शब्दों में*पूनम और स्कूल के दूसरे बच्चों ने बताया कि उन्हें पहले लगता था कि हम पढ़ कैसे पाएंगे, मुश्किल सवाल हल नहीं कर पाते थे। लेकिन अब सर ने सिखाया है कि हर सवाल हल किया जा सकता है, बस तरीका चाहिए। पालकों ने कहा मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बच्चों की बेहतरी के लिए बहुत अच्छा फैसला लिया। उनके प्रयासों से आज इस स्कूल में हमारे बच्चों को नियमित शिक्षा मिल पा रही है। हमारे बच्चे भी अब शहर के बच्चों की तरह खूब पढ़ेंगे और हमारा और हमारे गांव का नाम रौशन करेंगे। खरगा जैसे छोटे गाँवों में जब शिक्षक समय पर पहुँचते हैं, तो न सिर्फ बच्चों की पढ़ाई बदलती है, बल्कि गाँव का भविष्य भी रोशन होता है। खरगा गांव के बच्चे भी अब मन लगाकर पढ़ेंगे और विकास के नए सोपान तय करेंगे।
- ग्राम कपरमेटा एवं कामता में आयोजित शिविर में हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं से किया गया लाभान्वित07 जुलाई को गुरूर विकासखण्ड के ग्राम अर्जुनी में आयोजित होगा शिविरबालोद/ केन्द्र सरकार के द्वारा आदिवासी क्षेत्रों मंे सेवाओं और अन्य बुनियादी ढाँचों को परिपूर्णता प्रदान करने तथा उनके व्यक्तिगत अधिकारों से परिपूर्ण करने के उद्देश्य से जिले में धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत लाभ संतृप्ति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत आज गुरूर विकासखण्ड के ग्राम कपरमेटा एवं डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम कामता में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में आदिवासी वर्ग के हितग्राहियों को विभिन्न शासकीय योजनाओं से लाभन्वित किया गया। इसके अंतर्गत आज गुरूर विकासखण्ड के ग्राम कपरमेटा शिविर में उपस्थित 03 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड, 02 हितग्राहियों को किसान सम्मान निधि से लाभान्वित करने के अलावा ग्रामीणों का सिकलिन जाँच सहित शिविर में पहुँचे ग्रामीणों का टीकाकरण भी किया गया। इसके अलावा शिविर में उपस्थित ग्रामीणों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाइयां भी वितरित की गई। इसी तरह डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम कामता में आज आयोजित शिविर में सगरी बाई एवं सुनीता बाई को राशन कार्ड, सविता बाई एवं ललिता बाई को जाॅब कार्ड एवं नदंूराम कुल्हारे एवं रोमिन बाई को कोदो बीज का वितरण किया गया। इसके अलावा यशोदा बाई एवं रजऊ राम को मुख्यमंत्री पेंशन योजना से लाभान्वित किया गया। इसके साथ ही आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में 50 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड, 05 हितग्राहियों को राशन कार्ड, 03 हितग्राहियों को किसान सम्मान निधि, 04 हितग्राहियों को पेंशन योजना से लाभान्वित करने के अलावा 14 ग्रामीणों का सिकलिन जाँच सहित शिविर में पहुँचे ग्रामीणों का टीकाकरण भी किया गया। इसके अलावा शिविर में उपस्थित ग्रामीणों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाइयां भी वितरित की गई।आज दोनों ग्रामों में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में शामिल होने बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं हितग्राही पहुँचे थे। शिविर में उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों के द्वारा आदिवासी वर्ग के हितग्राहियों को अपने-अपने विभाग के योजनाओं के संबंध में जानकारी लेते हुए इन योजनाओं के लाभ लेने के प्रक्रियाओं के संबंध में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। आज ग्राम कपरमेटा एवं कामता में आयोजित शिविर में शासकीय योजनाओं से लाभान्वित होेने पर हितग्राही बहुत ही प्रसन्नचित एवं उत्साही नजर आ रहे थे। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा गुरूर एवं डौण्डी विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों में शिविर आयोजन हेतु जारी की गई तिथि के अनुसार सोमवार 07 जुलाई को गुरूर विकासखण्ड के ग्राम अर्जुनी में शिविर का आयोजन किया गया है।
- बालोद/उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में लगातार उर्वरक गुण नियंत्रण के तहत सहकारी एवं निजी उर्वरक विक्रय परिसर का निरीक्षण कृषि विभाग के द्वारा नियमित रूप से किया जा रहा है। अब तक 93 सहकारी एवं निजी कृषि केन्द्रों का निरीक्षण किया गया है, जिसमें अनियमितता पाये गये 25 उर्वरक विक्रय केन्द्रों को उर्वरक गुण (नियंत्रण) आदेश 1985 के तहत नोटिस जारी कर, 4 निजी उर्वरक विक्रय केन्द्रों पर विक्रय प्रतिबंध लगाया गया है। जिसमें विकासखण्ड गुण्डरदेही में चन्द्राकर कृषि केन्द्र सिकोसा, सार्वा सेवा कृषि केन्द्र गुण्डरदेही एवं विकासखण्ड डौण्डी में कोठारी कृषि केन्द्र व सुन्दर कृषि केन्द्र खलारी शामिल है। मैदानी अमलों के द्वारा डी.ए.पी. के विकल्प के रूप में 20ः20ः0ः13, एन.पी.के., 12ः32ः16 एवं नैनो डी.ए.पी. नैनो यूरिया का उपयोग करने हेतु समझाईस दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में कृषकों को निर्धारित दर पर एवं गुणवत्तायुक्त उर्वरक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। इसके साथ ही अनियमित्ता पाये जाने पर उर्वरक गुण (नियंत्रण) आदेश 1985 के तहत कार्यवाही की जा रही है। उप संचालक कृषि ने बताया कि कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा के मार्गदर्शन में उर्वरक गुण नियंत्रण हेतु जिला स्तरीय व विकासखण्ड स्तरीय दल का गठन किया गया है। गठित टीम द्वारा सतत् निरीक्षण व मॉनिटरिंग की प्रक्रिया जारी है।
- शासकीय योजनाओं का निर्धारित समयावधि में क्रियान्वयन सुनिश्चित करने तथा आम जनता के मांगों एवं समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कार्रवाई करने के दिए निर्देशबालोद/ कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने आज नगर पंचायत गुण्डरदेही के सभाकक्ष में विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर विभिन्न विभागों के कार्यों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में उन्होंने सभी विभाग के अधिकारियों को शासकीय योजनाओं का निर्धारित समयावधि में क्रियान्वयन सुनिश्चित करने तथा आम जनता के मांगों एवं समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर श्री चन्द्रकांत कौशिक, एसडीएम श्रीमती प्रतिमा ठाकरे झा, तहसीलदार श्री गोविंद ध्रुव, श्री चन्द्रशेखर चन्द्राकर, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।बैठक में श्रीमती मिश्रा ने राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, लोक निर्माण विभाग, वन, कृषि, पशु चिकित्सा विभाग, खाद्य एवं अन्य विभागों के अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, आदि कार्यों की बारी-बारी से समीक्षा की। राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने राजस्व अधिकारियों से राजस्व प्रकरणों के निराकरण के स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने स्कूली बच्चों के जाति, निवास एवं आय प्रमाण पत्र बनाने हेतु की जा रही कार्रवाई के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में शत प्रतिशत बच्चों का जाति, निवास एवं आय प्रमाण पत्र बनाने हेतु कैंप का आयोजन सुनिश्चित करें। उक्त प्रमाण पत्रों के लिए किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना बच्चों और उनके परिजनों को न करना पड़े। इसके लिए उन्होंने राजस्व एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समन्वय बनाकर इस कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने राजस्व विभाग के अधिकारियों से किसान पंजीयन के कार्य की जानकारी लेते हुए इस कार्य को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए।बैठक में कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की। इसके अंतर्गत उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लक्षित आवासों की जानकारी लेते हुए पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रगतिरत आवास के कार्यों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी लेते हुए शेष सभी कार्यों को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने आवास प्लस सर्वें कार्य के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए महिला स्व सहायता समूह को अधिक से अधिक आर्थिक एवं आजीविकामूलक गतिविधियों से जोड़ने को कहा। इसके अलावा उन्हें मशरूम उत्पादन, फूलों की खेती, मछली पालन हेतु मार्केटिंग की व्यवस्था के लिए प्रेरित करने को कहा। कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से विद्यार्थियों के लिए गणवेश की उपलब्धता, शिक्षकों की पदस्थापना की जानकारी के अलावा अध्ययन-अध्यापन तथा अन्य शैक्षणिक क्रियाकलापों के संबंध में जानकारी ली। शाला भवनों की स्थिति की जानकारी लेते हुए आवश्यकतानुरूप अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु प्रस्ताव पे्रषित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा। कलेक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी एवं स्कूलों के जर्जर भवनों को त्वरित रूप से डिसमेंटल कराएं, किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर इसके लिए संबंधित विभाग जिम्मेदार होंगे। कलेक्टर ने सभी शालाओं में शौचालयों के निर्माण एवं मरम्मत कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए वर्षा ऋतु के मद्देनजर जलजनित एवं अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु पुख्ता उपाय सुनिश्चित करने को कहा। बैठक में उन्होंने सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में दवाइयों एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के अलावा पूरे समय चिकित्सकों एवं अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा। बैठक में उन्होंने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, आयुष्मान कार्ड, आयुष्मान वय वंदना कार्ड निर्माण आदि कार्यों की भी समीक्षा की। वन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए सघन वृक्षारोपण अभियान हेतु निर्धारित योजना के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर ने अधिक से अधिक पौधरोपण कर उनके सुरक्षा के उपाय भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कृषि विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए गुण्डरदेही विकासखण्ड में खाद-बीज की समुचित उपलब्धता के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में किसानों को खाद-बीज की कमी नही होनी चाहिए। श्रीमती मिश्रा ने अधिकारियों को खाद-बीज का प्रबंध सुनिश्चित करने को कहा। इसके अलावा उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पशु चिकित्सा विभाग, खाद्य विभाग, नगरीय निकायों के कार्यों की भी विस्तृत समीक्षा की।
- -नारायणपुर पुलिस के प्रयासों से अबुझमाड़ क्षेत्र में लगातार बढ़ी रही मोबाईल कनेक्टिविटी।-अबूझमाड़ के अंदरूनी क्षेत्रों में मोबाईल टॉवर लगने से ग्रामीण अपने परिजनों से फोन में बात कर हो रहे है खुश।-अब अबूझमाड़ क्षेत्र के ग्रामीण संचार सुविधा एवं इंटरनेट के माध्यम से लाभांवित होंगे।नारायणपुर । नारायणपुर पुलिस के प्रयास से अबुझमाड़ क्षेत्र अन्तर्गत जिला मुख्यालय से करीब 45 कि.मी.दूर थाना कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत कैम्प कोडलियार में जियो का नया टॉवर लगाकर दूरसंचार व्यवस्था प्रारंभ किया गया है। कोडलियार में नया मोबाईल टॉवर लगने से आसपास क्षेत्र के लोगों में काफी उत्साह का माहौल बना हुआ है।कोडलियार में मोबाईल टॉवर लगने से क्षेत्र में आसपास के लोगों को मोबाईल कनेक्टिविटी दूरसंचार व्यवस्था एवं इंटरनेट का लाभ मिलेगा जिसके माध्यम से लोग शासकीय योजनाओं से लाभान्वित होंगे और देश-विदेश की घटनाओं एवं अन्य गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।पुलिस अधीक्षक नारायणपुर ने कहा कि - अबूझमाड़ के अन्दरूणी क्षेत्र कोडलियार में मोबाईल टॉवर प्रारंभ हो गया है, यह स्थानीय निवासियों को बेहतर मोबाईल नेटवर्क कवरेज प्रदान करेगा। इससे स्थानीय निवासियों को दैनिक जीवन में बेहतर संचार सेवाएं मिलेगी और उनके जीवन में सुधार होगा। अब क्षेत्र के लोग अपने रिश्तदारों परिवारजनों से फोन में बात कर सकेंगे। हमे विश्वास है कि यह मोबाईल टॉवर अबूझमाड़ के अंदरूनी क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा और स्थानीय निवासियो को नए अवसर प्रदान करेगा।नारायणपुर पुलिस आपकी सेवा मे यहां पर तैनात है, हमे अपना मित्र समझे किसी भी प्रकार की समस्या आने पर आप लोग कभी भी कैम्प में आकर हमें बताएं। हमारे जवान सदैव आप लोगों की सुरक्षा एवं सेवा के लिए तत्पर है। भारत एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रह है।
- -जशप्योर बनेगा ग्लोबल ब्रांड – जशपुर से निकलकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुँच का मार्ग प्रशस्तरायपुर /छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचल जशपुर की आदिवासी महिलाओं के समूह द्वारा प्राकृतिक वनोपज का प्रसंस्करण कर तैयार की गई विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्रियों का ब्रांड जशप्योर अब जशपुर और छत्तीसगढ़ की सीमाओं से बाहर निकलकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कदमताल करने को तैयार है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के वोकल फॉर लोकल अभियान को आत्मसात करते हुए एक अहम निर्णय लिया गया है जिसके तहत जशपुर जिले की महत्वाकांक्षी महिला केंद्रित ब्रांड जशप्योर का ट्रेडमार्क अब उद्योग विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा। यह ऐतिहासिक निर्णय जशप्योर को व्यापक उत्पादन, संस्थागत ब्रांडिंग और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुँच दिलाने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम है।जशप्योर – परंपरा को उद्यमिता से जोड़कर खोली उन्नति की राहजशप्योर ब्रांड महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने वाला उपक्रम है, जिसे जशपुर जिले की आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित किया जाता है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक, पोषणयुक्त और रसायनमुक्त खाद्य उत्पादों का निर्माण करते हुए स्थानीय समुदायों को रोजगार उपलब्ध कराना और सतत विकास को बढ़ावा देना है।इस ब्रांड का लक्ष्य छत्तीसगढ़ की समृद्ध कृषि और वनोपज का प्रसंस्करण कर खाद्य उत्पादों के रूप में तैयार करना तथा रोजगार से जोड़ते हुए व्यावसायिक स्तर पर इन्हें व्यापक पहचान दिलाना है।जशप्योर के उत्पादों की मुख्य विशेषता यह है कि ये पूरी तरह से प्राकृतिक हैं। इनमें किसी भी प्रकार के प्रिज़र्वेटिव, रंग या कृत्रिम स्वाद का उपयोग नहीं किया जाता और ये सस्टेनेबल पैकेजिंग में उपलब्ध हैं। जशप्योर केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ी माटी की महक, आदिवासी बहनों की मेहनत और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ का प्रतीक बन चुका है।जशप्योर के उत्पाद बना रहे हैं अपनी अलग पहचानजशप्योर द्वारा महुआ और अन्य वनोपज को शामिल करते हुए कई प्रकार के पारंपरिक और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इनमें महुआ आधारित उत्पाद जैसे महुआ नेक्टर, महुआ वन्यप्राश, महुआ कुकीज़, रागी महुआ लड्डू, महुआ कैंडी और महुआ नेक्टर कोकोआ शामिल हैं। इसके अलावा, ढेकी कूटा जवा फूल चावल, मिलेट आधारित पास्ता और कोदो, कुटकी, रागी तथा टाऊ से बने विभिन्न उत्पाद भी पूरे भारत में अपनी पहचान बना रहे हैं।महिला उद्यमिता को मिल रहा बढ़ावाजशप्योर ब्रांड का उद्देश्य केवल व्यापार नहीं है, बल्कि यह आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने का एक सशक्त प्रयास भी है। इस ब्रांड के माध्यम से महिलाओं को रोजगार का अवसर मिला है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है और वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हुई हैं।जशप्योर द्वारा निर्मित हर उत्पाद आदिवासी महिलाओं की मेहनत और समर्पण का प्रतीक है। ये उत्पाद देशभर के विभिन्न स्टोर्स पर उपलब्ध हैं, जो ब्रांड की व्यापक पहुँच का प्रमाण हैं।जशप्योर के सभी उत्पाद पूर्णतः प्राकृतिक हैं। इनमें किसी भी प्रकार के प्रिज़र्वेटिव, कृत्रिम रंग या स्वाद का उपयोग नहीं किया जाता। यह उत्पाद श्रृंखला न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पोषण से भरपूर और पर्यावरण-संवेदनशील पैकेजिंग में उपलब्ध है।जशप्योर के प्रमुख उत्पादों में महुआ नेक्टर, महुआ वन्यप्राश, रागी महुआ लड्डू, महुआ कुकीज़, महुआ कोकोआ ड्रिंक, कोदो, कुटकी, रागी आधारित पास्ता और ढेकी कूटा चावल शामिल हैं।जशप्योर की सबसे खास बात इसकी महिला प्रधान कार्यशक्ति है। यहां 90 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी आदिवासी महिलाएं हैं, जो उत्पादन से लेकर पैकेजिंग तक हर स्तर पर सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। इस मंच के माध्यम से ये महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि परंपरागत ज्ञान और तकनीकों को आधुनिक बाजार में प्रस्तुत करने में भी सक्षम हो रही हैं।वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया20 सितंबर 2024 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में जशप्योर का स्टॉल सभी के आकर्षण का केंद्र बना रहा। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने वाले उपभोक्ताओं, पोषण विशेषज्ञों और उद्यमियों ने विशेष रुचि के साथ महुआ और मिलेट से बने उत्पादों की सराहना की। इन उत्पादों में कोई एडिटिव, प्रिज़र्वेटिव या स्टेबलाइजर नहीं है, जिससे ये पूरी तरह से प्राकृतिक, सुरक्षित और पोषणयुक्त हैं।रेयर प्लेनेट के साथ ऐतिहासिक समझौताजशप्योर की पहुँच अब देशभर के प्रमुख एयरपोर्ट स्टोर्स तक होगी। रेयर प्लेनेट के साथ हुए समझौते के तहत पहले चरण में पाँच एयरपोर्ट्स पर महुआ और अन्य उत्पादों की बिक्री शुरू की जा रही है। यह पहल जशप्योर को राष्ट्रीय उपभोक्ताओं से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस एमओयू पर हस्ताक्षर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा ऑनलाइन माध्यम से किए गए, जो राज्य के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।जशप्योर – लोकल टू ग्लोबल की राह पर अग्रसरजशप्योर से जुड़े जशपुर जिले के युवा वैज्ञानिक श्री समर्थ जैन ने बताया कि जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ शासन के प्रयासों से "महुआ को अब केवल शराब तक ही सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि इसे फॉरेस्ट गोल्ड या ग्रीन गोल्ड के रूप में भी देखा जाएगा।" जशप्योर ने यह साबित कर दिया है कि स्वास्थ्यवर्धक भोजन स्वादिष्ट भी हो सकता है। उनका मानना है कि शासन की इस पहल से जशप्योर को लोकल टू ग्लोबल ब्रांड बनाने में मदद मिलेगी और निश्चित ही यह निर्णय प्रदेश भर में वनोपज और स्थानीय उत्पादकों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा।ब्रांड ट्रेडमार्क हस्तांतरण के इस ऐतिहासिक निर्णय से जशप्योर को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही कच्चे माल की माँग में वृद्धि होगी और आदिवासी महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे। इस निर्णय से जशप्योर ब्रांड का ट्रेडमार्क उद्योग विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा, ताकि इसके दायरे और प्रभाव को और व्यापक बनाया जा सके। इससे जशप्योर के उत्पादों को विश्वस्तरीय बनाने, उत्पादन में वृद्धि के लिए उन्नत मशीनें लगाने और प्रभावी मार्केटिंग सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
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-नियद नेल्ला नार और युक्तियुक्तकरण से माओवाद प्रभावित गाँव में लौटी शिक्षा की रौशनी
रायपुर / कभी वीरान पड़ा था ये स्कूल.... दरवाजों पर ताले लटकते थे, कमरे धूल और सन्नाटे से भरे रहते थे। लेकिन आज वही ईरकभट्टी का प्राथमिक शाला बच्चों की चहचहाहट और पाठों की गूंज से फिर से जीवंत हो उठा है। अबुझमाड़ के इस सुदूर गांव में फिर से शिक्षा की लौ जल उठी है, जिसका श्रेय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा संचालित ‘नियद नेल्ला नार’ योजना और युक्तियुक्तकरण की पहल को जाता है।बीते कुछ वर्षों में माओवादी गतिविधियों के चलते गांवों की रंगत फीकी पड़ गई थी। बच्चों के हाथों से किताबें छूट गई थीं, स्कूलों के आँगन सुनसान हो गए थे और मांदर की थाप भी खामोश हो गई थी। नारायणपुर जिले के ईरकभट्टी भी ऐसा ही एक गांव था, जहां लोग हर हाल में जीवन को संवारने की कोशिश करते थे, लेकिन शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरत तक से वंचित थे। यहां के निवासी श्री रामसाय काकड़ाम कहते है कि पहले लगता था कि हमारे बच्चे शायद कभी स्कूल का नाम भी नहीं जान पाएंगे, लेकिन अब जब शिक्षकों की नियुक्ति हो गई है और स्कूल फिर से खुल गया है, तो लगता है मानो गाँव में फिर से जान लौट आई हो।
‘नियद नेल्ला नार’ यानी ‘आपका अच्छा गांव’ योजना ने ईरकभट्टी जैसे दूरदराज और संघर्षरत गांवों में एक नई उम्मीद जगाई है। सुरक्षा कैंपों के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में योजनाओं को प्रभावी तरीके से पहुँचाया जा रहा है। इसी क्रम में ईरकभट्टी में सड़क बनी, बिजली पहुंची और वर्षों से बंद पड़ा प्राथमिक स्कूल फिर से खुल गया। शासन के युक्तियुक्तकरण प्रयास से प्राथमिक शाला ईरकभट्टी में अब दो शिक्षक नियमित रूप से पदस्थ हैं। श्री अशोक भगत और श्रीमती लीला नेताम नामक शिक्षक यहां के बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वे न केवल पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं, बल्कि अभिभावकों को भी प्रेरित कर रहे हैं कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें।शिक्षिका श्रीमती लीला नेताम बताती हैं कि पहले तो यहां डर लगता था, लेकिन बच्चों की मुस्कुराहट सब डर भुला देती है। ये बच्चे बहुत होशियार हैं, बस उन्हें अवसर की जरूरत थी। अब हम हर दिन उन्हें नया सिखाने का प्रयास करते हैं। अब स्कूल में दर्जन भर से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। छोटे-छोटे हाथों में किताबें हैं, और उन आंखों में भविष्य के सपने। पहले जो गांव स्कूल जाने के नाम से डरते थे, अब वहां लोग अपने बच्चों को कंधे पर बिठाकर स्कूल छोड़ने आते हैं।गांव के बुजुर्ग मंगतु बाई की आंखों में आंसू हैं, लेकिन खुशी के। वे कहती हैं कि अब हमारी पोती भी पढ़-लिखकर अफसर बन सकती है। हमने कभी सोचा भी नहीं था कि ये दिन भी देखेंगे। ईरकभट्टी की कहानी सिर्फ एक गांव की नहीं, बल्कि उन हजारों गाँवों की है, जो कभी उपेक्षा और असुरक्षा के अंधेरे में डूबे हुए थे। लेकिन अब ‘नियद नेल्ला नार’ और युक्तियुक्तकरण जैसी योजनाएं उनके जीवन में उजाले की किरण लेकर आई हैं। शिक्षा की लौ फिर से जल चुकी है और यह लौ अब बुझने वाली नहीं। - -एनपीके और एसएसपी उर्वरकों के लक्ष्य में 4.62 लाख मेट्रिक टन की बढ़ोत्तरी-मुख्यमंत्री ने कहा किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं-चालू खरीफ सीजन में अब 17.18 लाख मेट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्यरायपुर, / देश में डीएपी खाद के आयात में कमी के चलते चालू खरीफ सीजन में राज्य में डीएपी की आपूर्ति प्रभावित होने का वैकल्पिक मार्ग छत्तीसगढ़ सरकार ने निकाल लिया है। किसानों को डीएपी खाद की किल्लत के चलते परेशान होने की जरूरत नहीं है। डीएपी के बदले किसानों को भरपूर मात्रा में इसके विकल्प के रूप में एनपीके और एसएसपी खाद की उपलब्धता सोसायटियों के माध्यम सुनिश्चित की जा रही है। डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एनपीके (20ः20ः013) और एनपीके (12ः32ः13) के वितरण लक्ष्य में 3.10 लाख मेट्रिक टन तथा एसएसपी के वितरण लक्ष्य में 1.80 लाख मेट्रिक टन की वृद्धि करने के साथ ही इसके भण्डारण एवं वितरण की भी पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की है। एनपीके और एसएसपी के लक्ष्य में वृद्धि होने के कारण चालू खरीफ सीजन में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का वितरण लक्ष्य 14.62 लाख मेट्रिक टन से 17.18 लाख मेट्रिक टन हो गया है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि डीएपी खाद की कमी को लेकर किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके विकल्प के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अन्य रासायनिक उर्वरक जैसे-एनपीके और एसएसपी की भरपूर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इंदिरा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों के सुझाव के अनुरूप किसान डीएपी के बदले उक्त उर्वरकों का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। सोसायटियों से किसानों को उनकी डिमांड के अनुसार खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इस पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। किसानों की समस्याओं का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि चालू खरीफ सीजन में 14.62 लाख मेट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य कृषि विभाग द्वारा निर्धारित किया गया था, जिसमें यूरिया 7.12 लाख मेट्रिक टन, डीएपी 3.10 लाख मेट्रिक टन, एनपीके 1.80 लाख मेट्रिक टन, एमओपी 60 हजार मेट्रिक टन, एसएसपी 2 लाख मेट्रिक टन शामिल था। डीएपी के कमी को देखते हुए कृषि विभाग ने इस लक्ष्य को संशोधित किया है। डीएपी की आपूर्ति की कमी चलते इसके लक्ष्य को 3.10 लाख मेट्रिक टन से कमकर 1.03 लाख मेट्रिक टन किया गया है, जबकि एनपीके के 1.80 लाख मेट्रिक टन के लक्ष्य को बढ़ाकर 4.90 लाख मेट्रिक टन और एसएसपी के 2 लाख मेट्रिक टन को बढ़ाकर 3.53 लाख मेट्रिक टन कर दिया गया है। यूरिया और एमओपी के पूर्व निर्धारित लक्ष्य को यथावत् रखा गया है। इस संशोधित लक्ष्य के चलते रासायनिक उर्वरकों के वितरण की मात्रा 14.62 लाख मेट्रिक टन से बढ़कर अब 17.18 लाख मेट्रिक टन हो गई है।कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि डीएपी की कमी को अन्य उर्वरकों के निर्धारित मात्रा का उपयोग कर पूरी की जा सकती है और फसल उत्पादन बेहतर किया जा सकता है। फसलों के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश सहित मात्रा में मिले तो उपज में कोई कमी नहीं आती है। डीएपी की कमी को देखते हुए किसानों को अन्य फॉस्फेट खादों के उपयोग की सलाह दी है। डीएपी के प्रत्येक बोरी में 23 किलोग्राम फॉस्फोरस और 9 किलोग्राम नाइट्रोजन होता है। इसके विकल्प के रूप में तीन बोरी एसएसपी और एक बोरी यूरिया का उपयोग करने से पौधों को पर्याप्त मात्रा में फॉस्फोरस, कैल्सियम, नाइट्रोजन और सल्फर मिल जाता है। एसएसपी उर्वरक पौधों की वृद्धि के साथ-साथ जड़ों के विकास में भी सहायक है, इसके उपयोग से फसल की क्वालिटी और पैदावार बढ़ाने में मदद मिलती है। डीएपी की कमी को दूर करने के लिए किसान जैव उर्वरकों का भी उपयोग कर सकते हैं।कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार खरीफ-2025 में किसानों को विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 12.13 लाख मेट्रिक टन उर्वरकों का भण्डारण कराया गया है, जिसमें से 7.29 लाख मेट्रिक टन का वितरण किसानों को किया जा चुका है। राज्य में वर्तमान में सहकारी और निजी क्षेत्र में 4.84 लाख मेट्रिक टन खाद वितरण हेतु उपलब्ध है।
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-जीएसटी राजस्व संग्रहण विषय पर मंत्रियों के समूह (GoM) की बैठक आयोजित
-मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में जीएसटी कलेक्शन के संदर्भ में राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा और डेटा आधारित निर्णय प्रक्रियाओं ने दिए सकारात्मक परिणाम - वित्त मंत्री श्री चौधरी
रायपुर / देशभर में जीएसटी राजस्व संग्रहण को और अधिक पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और प्रभावी बनाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (GoM) की महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने राज्य के अनुभव साझा किए और बोगस व्यवसायियों पर सख्त कार्रवाई, पंजीयन प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक के प्रयोग तथा फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पर रोकथाम के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए। इस समूह का संयोजन गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद पी. सावंत कर रहे हैं।बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने बतौर सदस्य भागीदारी की और राज्य के अनुभव एवं नीतिगत सुझाव साझा किए। बैठक का मुख्य उद्देश्य राजस्व संग्रहण में आ रही चुनौतियों का आकलन कर व्यापक समाधान तलाशना था।बैठक के दौरान देश के विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में जीएसटी के राजस्व पर पड़ने वाले आर्थिक व अन्य कारकों का विस्तार से विश्लेषण किया। इस अवसर पर श्री चौधरी ने छत्तीसगढ़ में एंटी इवेजन और अनुपालन के क्षेत्र में की गई पहलों की जानकारी दी।श्री ओ.पी. चौधरी ने बताया कि कर अपवंचन रोकने और वास्तविक करदाताओं को सहूलियत देने के लिए छत्तीसगढ़ में डाटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टूल्स का सघन उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों से राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय बढ़ोतरी संभव हुई है।बैठक में बीफा, जीएसटी प्राइम और ई-वे बिल पोर्टल जैसी अत्याधुनिक प्रणालियों के प्रजेंटेशन भी हुए। श्री चौधरी ने सुझाव दिया कि इन नवाचारों को पूरे देश में समान रूप से लागू करने से बोगस व्यवसायियों की पहचान और कार्यवाही में तेजी लाई जा सकेगी।छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ने विशेष रूप से फर्जी बिलों पर नियंत्रण, फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट की रोकथाम, तथा पंजीकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए केंद्रीयकृत डिजिटल तंत्र के विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन उपायों से न केवल राजस्व बढ़ेगा बल्कि करदाताओं में विश्वास भी बढ़ेगा। वित्त मंत्री श्री चौधरी ने बैठक में यह भी रेखांकित किया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जीएसटी कलेक्शन के संदर्भ में राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा और डेटा आधारित निर्णय प्रक्रियाओं ने सकारात्मक परिणाम दिए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का अनुभव अन्य राज्यों के लिए उपयोगी मॉडल बन सकता है। बैठक में वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी ने कहा कि सभी राज्यों को मिलकर साझा प्रयास करने चाहिए ताकि जीएसटी राजस्व संग्रहण में स्थायित्व एवं वृद्धि सुनिश्चित हो सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मंत्रियों के समूह द्वारा सुझाए गए उपायों को जीएसटी परिषद शीघ्र लागू करेगी। उन्होंने कहा कि यह बैठक जीएसटी परिषद के समक्ष व्यापक सुधारात्मक प्रस्ताव रखने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी, जिससे भारत में कर प्रशासन और राजस्व संग्रहण को नई दिशा मिलेगी।
- महासमुंद / राज्यपाल श्री रमेन डेका शुक्रवार को पिथौरा विकासखंड अंतर्गत गोड़बहाल पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल, गोड़बहाल परिसर में “एक पेड़ मां के नाम“ अभियान के तहत नीम का पौधा रोपित किया। राज्यपाल द्वारा पर्यावरण संरक्षण और जन-जागरूकता के उद्देश्य से इस पौधरोपण कार्यक्रम में सहभागिता दी गई। इस दौरान उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों एवं जनसमुदाय को अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया।
- -विकास कार्यों में तेजी व योजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश-सभी संकेतकों को पूर्ण करने के दिए निर्देशमहासमुंद / महामहिम राज्यपाल श्री रमेन डेका ने शुक्रवार को पिथौरा के गोड़बहाल में विकासखंड स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर पिथौरा में आकांक्षी विकासखंड के अंतर्गत चल रहे विकास कार्यों, शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कृषि, कौशल विकास, वित्तीय समावेश एवं बुनियादी ढांचे में सुधार को लेकर विभागीय प्रदर्शन की विस्तृत समीक्षा की और सभी विभागों को निर्देशित किया कि आकांक्षी विकासखंड के सभी संकेतकों को 90 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए तेजी से कार्य करें। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकताओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए सभी विभाग समन्वित प्रयास करें।राज्यपाल श्री डेका ने जल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए कहा कि प्रत्येक ग्राम में जल संचयन के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। उन्होंने डाबरी निर्माण, शोक पिट (सोखता गड्ढा), इंजेक्शन वेल जैसे संरचनात्मक कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि वर्षा जल का अधिक से अधिक संग्रहण और भूजल स्तर में सुधार हो सके।राज्यपाल ने पशुपालन को ग्रामीण आजीविका का सशक्त माध्यम बताते हुए इसे बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुपालन से न केवल आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह पोषण सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। पर्यटन विकास की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि स्थानीय प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। इससे स्थानीय रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। सड़क सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी पहल की जाए और व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाए जाएं। उन्होंने हेलमेट और यातायात नियमों के प्रति सतत् जागरूकता के निर्देश भी दिए।राज्यपाल ने महिला स्व सहायता समूहों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि समूहों की आर्थिक गतिविधियों का और विस्तार किया जाए। उन्होंने बैंकिंग सुविधाओं को सुदृढ़ और सुगम बनाने पर विशेष जोर दिया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को मजबूती मिले।स्वास्थ्य और पोषण को लेकर उन्होंने कुपोषित बच्चों की पहचान एवं सघन मॉनिटरिंग करने, न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भर्ती और पोषण ट्रैकर से निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने मितानिन, महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय से डाटा संकलन करने कहा। वार्षिक प्रशिक्षण कैलेण्डर के अनुसार शिक्षकों का नियमित प्रशिक्षण, राज्य एवं जिला स्तर पर विषय-विशेष प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों से आपसी समन्वय और सूचकांकों के सतत सुधार की रणनीति पर कार्य करने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने अधिकारियों को योजनाओं की जमीनी स्तर पर जांच के लिए फील्ड विजिट करने और लाभार्थियों से फीडबैक लेने के निर्देश दिए। एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को मिशन बताते हुए राज्यपाल ने सभी को पेड़ लगाने और दूसरों को भी प्रेरित करने का आह्वान किया। सभी सरकारी कार्यालयों में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधरोपण के निर्देश दिए।इस अवसर पर कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने जिले की प्रगति और लक्ष्यों की पूर्ति को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जिले में आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षा, स्वच्छता, जल प्रबंधन, महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में निरंतर विकास के लिए प्रयास किया जा रहा है। शिक्षा में नवाचार और सहभागिता से पिथौरा, बागबाहरा और महासमुंद विकासखंड के 40 चयनित ग्राम पंचायतों के 77 स्कूलों में पंचायतों के नेतृत्व में आधारभूत मूल्यांकन कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। विशेष रूप से कमजोर और पढ़ाई छोड़ चुके छात्रों के लिए अतिरिक्त अध्ययन समय की व्यवस्था की गई है। 213 शिक्षकों को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए प्रशिक्षित किया गया। 6 ग्राम पंचायत हाई स्कूलों में सामुदायिक पुस्तकालय स्थापित किए गए। जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में 18 विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की।उन्होंने बताया कि 55 ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस मॉडल का दर्जा प्राप्त हुआ है और 98 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। ब्लॉक में 84 प्रतिशत परिवारों को फंक्शनल नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। सभी गांव खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुके हैं। 100 पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत घोषित किया गया है 112 सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। 400 से अधिक एनीमिया पीड़ित किशोरियाँ अब स्वस्थ हो चुकी हैं। 51 बच्चे गंभीर कुपोषण श्रेणी से बाहर आ चुके हैं।महिला सशक्तिकरण और आर्थिक समृद्धि की दिशा में 6 स्वयं सहायता समूहों ने अपने उत्पादों के लिए ट्रेडमार्क प्राप्त किया है। अधिकांश स्वयं सहायता समूह आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से संलग्न हैं। कृषि के क्षेत्र में पिथौरा ब्लॉक के 27461 किसानों को केसीसी के माध्यम से 176.35 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है। 23000 किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी हैं। 1160 मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाए गए हैं। ब्लॉक में सभी पशुओं को एफएमडी टीका लगाया जा चुका है। डिजिटल और वित्तीय समावेशन के लिए 614 बैंकिंग टच पॉइंट (बैंक शाखा, बीसी केंद्र) ब्लॉक में कार्यरत हैं। पीएम डिजिटल साक्षरता अभियान के अंतर्गत 250 नागरिकों को डिजिटल प्रमाणन प्रदान किया गया है। 86 प्रतिशत से अधिक नागरिकों के आयुष्मान भारत कार्ड बनाए गए हैं। बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला एवं बाल विकास, और अन्य विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहे।
- -महिला सशक्तिकरण की दिशा में उत्कृष्ट कार्यों की सराहनामहासमुंद / राज्यपाल श्री रमेन डेका ने शुक्रवार को महासमुंद जिले के गोड़बहाल प्रवास के दौरान वहां के महिला स्व-सहायता समूहों से आत्मीय भेंट की। इस अवसर पर राज्यपाल ने महिला समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं जो भी व्यवसाय करें, पूरी लगन और गुणवत्ता के साथ करें। आपसी सहयोग बनाए रखें और आंतरिक प्रतिस्पर्धा से बचें।श्रीमती गायत्री यादव, श्रीमती राजश्री महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य ने राज्यपाल को बताया कि उनका समूह दुग्ध उत्पादन का कार्य कर रहा है। वहीं, लीलावती पटेल, जयश्री महिला समूह की सदस्य ने बैग निर्माण के अपने व्यवसाय की जानकारी दी। माधुरी पटेल ने हस्तकला में समूह की दक्षता को साझा किया, जबकि गोमती पटेल ने भी दुग्ध उत्पादन की विस्तृत जानकारी दी।महिला समूहों की ओर से राज्यपाल को स्मृति चिह्न स्वरूप हस्तशिल्प उत्पाद भेंट किए गए। राज्यपाल ने महिला समूह की कार्यों की सराहना की और महिला सशक्तिकरण की दिशा में हो रहे प्रयासों की प्रशंसा की। इस अवसर पर कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह एवं जिला पंचायत सीईओ श्री एस आलोक भी उपस्थित थे।
- रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में राष्ट्रीय छात्र पर्यावरण प्रतियोगिता के पोस्टर का विमोचन किया। यह प्रतियोगिता 1 जुलाई से 21 अगस्त 2025 तक आयोजित की जा रही है। इसका प्रमुख उद्देश्य स्वदेशी परंपराओं के पुनरुद्धार पर आधारित गतिविधियों को बढ़ावा देना और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनमानस में जागरूकता का वातावरण तैयार करना है।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने के लिए भावी पीढ़ियों को जागरूक और संवेदनशील बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्कूली और महाविद्यालयीन छात्र इस अभियान में सहभागी होकर न केवल अपनी रचनात्मक क्षमताओं का विकास करेंगे बल्कि पारंपरिक जीवन मूल्यों और पर्यावरणीय संतुलन को भी मजबूत करेंगे।इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण गतिविधि संस्थान के प्रतिनिधि श्री अक्षय अलकरी, श्री मनोहर चंदेल, श्री आनंद पांडे और डॉ. अनुज नारद सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।
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-मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन की पहल
-नए बच्चे के जन्म पर जिला प्रशासन द्वारा दिए जा रहे 5 फलदार पौधेरायपुर / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम उठाया है—"ग्रीन पालना अभियान"। इस अभिनव पहल के अंतर्गत अब सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाले बच्चों के साथ ही उनके माता-पिता को पांच फलदार पौधे—आम, अमरूद, कटहल, पपीता और मुनगा—सौगात स्वरूप भेंट किए जा रहे हैं।यह पहल सिर्फ पौधारोपण नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और जिम्मेदार जुड़ाव है, जिसमें हर माता-पिता अपने बच्चे की तरह ही इन पौधों की भी देखभाल करेंगे, उन्हें बड़ा करेंगे।कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन में शुरू हुए इस अभियान में वन विभाग के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग बच्चों के जन्म के साथ ही माता-पिता को 5 फलदार पौधे तथा एक प्रमाण पत्र प्रदाय कर रही है। जो इस नए जीवन और हरियाली के रिश्ते की एक यादगार दस्तावेज़ होगा। यह अभियान न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता को जन्म देगा, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी प्रकृति से जुड़ाव और संरक्षण का मूल्य सिखाएगा।