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नयी दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने सोमवार को अपने सात करोड़ से अधिक सदस्यों को आंशिक निकासी के नियमों में बड़ी छूट देते हुए पात्र राशि के 100 प्रतिशत तक की निकासी की मंजूरी दे दी। सेवानिवृत्ति कोष निकाय के केंद्रीय न्यासी मंडल (सीबीटी) की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने की। श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि अब ईपीएफओ के अंशधारक सदस्य भविष्य निधि में कर्मचारी एवं नियोक्ता के हिस्से सहित पात्र शेष राशि का 100 प्रतिशत तक निकाल सकेंगे। इसके साथ आंशिक निकासी के जटिल 13 प्रावधानों को आसान बनाने हुए अब तीन श्रेणियों में शामिल कर दिया गया है। इनमें आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, विवाह), आवासीय जरूरतें और विशेष परिस्थितियां शामिल हैं। शिक्षा और विवाह के लिए निकासी की सीमा क्रमशः 10 और पांच बार कर दी गई है। विशेष परिस्थितियों में निकासी के लिए अब कारण बताने की भी जरूरत नहीं होगी, जिससे कई दावे अब अस्वीकार नहीं होंगे। इसके अलावा सभी आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि को भी अब घटाकर 12 महीने कर दिया गया है।
ईपीएफओ ने यह भी तय किया है कि सदस्यों को अपनी अंशदान राशि का 25 प्रतिशत न्यूनतम शेष राशि के रूप में हमेशा बनाए रखना होगा। इससे सदस्य उच्च वार्षिक ब्याज सहित चक्रवृद्धि लाभ के जरिये अपने लिए बड़े सेवानिवृत्ति कोष का निर्माण कर सकेंगे। साथ ही, पूर्व निकासी की अवधि भी बढ़ा दी गई है। कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के परिपक्वता-पूर्व अंतिम निपटान की अवधि को दो महीने से बढ़ाकर 12 महीने और अंतिम पेंशन निकासी अवधि को दो महीने से बढ़ाकर 36 महीने कर दिया गया है। आंशिक निकासी के नियमों को उदार बनाने की इस पहल से सदस्य सेवानिवृत्ति के लिए की गई बचत या पेंशन अधिकारों से कोई समझौता किए बगैर अपनी तात्कालिक वित्तीय जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। ईपीएफओ के न्यासी मंडल ने ‘विश्वास योजना' भी लागू करने का फैसला किया है जिसका उद्देश्य भविष्य निधि अंशदान में विलंब पर लगने वाले दंड को कम करना और लंबित मुकदमों को समाप्त करना है। ‘विश्वास योजना' के तहत, अर्थदंड की दर को एक प्रतिशत प्रति माह तक सीमित कर दिया गया है। यह योजना छह महीने के लिए लागू होगी और जरूरत पड़ने पर छह महीने के लिए आगे बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा सीबीटी ने ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक' के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) को भी मंजूरी दी, जिससे कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (ईपीएस-95) पेंशनधारकों को घर पर ही ‘डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र' (डीएलसी) जारी किया जा सकेगा। प्रत्येक प्रमाणपत्र का शुल्क मात्र 50 रुपये होगा, जिसे ईपीएफओ वहन करेगा। इसके साथ ईपीएफओ 3.0 पहल के तहत भविष्य निधि सेवाओं को आधुनिक बनाने के लिए सदस्य-केंद्रित डिजिटल परिवर्तन की रूपरेखा को भी मंजूरी दी गई। इसमें कोर बैंकिंग समाधान को क्लाउड एवं एपीआई-आधारित मॉड्यूल से जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य तेजी से, स्वचालित दावे, तुरंत निकासी, बहुभाषी स्वयं-सेवा और सहज पेरोल-संबद्ध योगदान सुनिश्चित करना है। केंद्रीय न्यासी मंडल ने ईपीएफओ के ऋण पोर्टफोलियो के लिए चार कोष प्रबंधकों का पांच साल के लिए चयन भी मंजूर किया, ताकि निवेश की विविधता और सदस्यों के भविष्य निधि बचत पर रिटर्न सुनिश्चित किया जा सके। मांडविया ने बैठक के दौरान ईपीएफओ की प्रमुख डिजिटल पहल का उद्घाटन किया, जिससे सेवा वितरण में पारदर्शिता, दक्षता और बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव सुनिश्चित होगा। श्रम मंत्रालय ने कहा कि इस निर्णय से ईपीएफओ के सदस्यों को वित्तीय सुरक्षा के साथ आधुनिक, डिजिटल और आसान सेवाओं का लाभ मिलेगा। -
नयी दिल्ली. सरकार ने सोमवार को कहा कि निजी क्षेत्र के लिए पीएम गति शक्ति पोर्टल खोल दिया गया है। इससे उन्हें अंतिम-छोड़ पर डिलिवरी सेवाओं को अनुकूलतम बनाने और बुनियादी ढांचा-आधारित एप्लिकेशन विकसित करने में मदद मिलेगी। यह एक वेबमंच है जो पीएम गतिशक्ति एनएमपी (राष्ट्रीय मास्टर प्लान) से चयनित गैर-संवेदनशील आंकड़ों तक विनियमित पहुंच प्रदान करता है। इससे निजी इकाइयों, सलाहकारों, शोधकर्ताओं और नागरिकों को बुनियादी ढांचा नियोजन और निवेश निर्णयों के लिए बेहतर विश्लेषण का लाभ उठाने में मदद मिलती है। उल्लेखनीय है कि लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के एकीकृत और नियोजित विकास के लिए अक्टूबर, 2021 में पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान शुरू की गई थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यूनिफाइड जियोस्पेशियल इंटरफेस (यूजीआई) के माध्यम से ‘पीएम गतिशक्ति पब्लिक' की शुरुआत की। गोयल ने कहा कि इसे भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (बीआईएसएजी-एन) ने विकसित किया है और यह राष्ट्रीय भू-स्थानिक डेटा रजिस्ट्री (एनजीडीआर) द्वारा संचालित है। यह मंच उपयोगकर्ताओं को भौतिक और सामाजिक अवसंरचना परिसंपत्तियों से जुड़े 230 स्वीकृत आंकड़ों के सेट तक पहुंचने, साइट उपयुक्तता विश्लेषण, कनेक्टिविटी मैपिंग, अनुपालन जांच करने और उपयोगकर्ता-निर्धारित मानदंडों के आधार पर विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार करने की सुविधा देता है। उपयोगकर्ता बहु-स्तरीय विभिन्न आंकड़ों को भी देख सकते हैं, जिससे बेहतर परियोजना डिजाइन, अंतर-एजेंसी समन्वय और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा मिलता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि सरकार निजी क्षेत्र को पीएम गति शक्ति पोर्टल से कुछ आंकड़ों तक पहुंच प्रदान करेगी। ट्रैक की लंबाई का विवरण, रेलवे स्टेशन, मालगाड़ियों के लिए अलग गलियारा, राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग/जिला परतें, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, गोदाम जैसे आंकड़े निजी क्षेत्र को अंतिम छोड़ तक डिलिवरी सुविधाओं को अनुकूलतम बनाने, बुनियादी ढांचा-आधारित ऐप विकसित करने, स्मार्ट सिटी समाधान और तकनीक-संचालित लॉजिस्टिक प्रबंधन में मदद करेंगे। यह उन्हें स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र, आपदा प्रबंधन, कृषि क्षेत्र और खाद्य वितरण में सोच-विचार कर निर्णय लेने और बेहतर योजना बनाने में भी सक्षम बनाएगा। पोर्टल पर भूमि अभिलेखों, बंदरगाहों, वनों, स्कूलों, रेलवे स्टेशनों, जल निकायों, दूरसंचार टावर और राजमार्गों से संबंधित आंकड़े उपलब्ध हैं। गोपनीयता और नीतिगत मानदंडों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए मजबूत प्रमाणीकरण और आंकड़ा सुरक्षा व्यवस्था के साथ स्व-पंजीकरण के माध्यम से मंच तक पहुंच संभव है। गोयल ने पीएम गतिशक्ति के बारे में सूचना से संबंधित सार संग्रह भी जारी किया, जो सफल उपयोग के मामलों और बेहतर गतिविधियों की जानकारी देता है। साथ ही पीएम गतिशिक्ति नेशनल मास्टर प्लान डैशबोर्ड भी शुरू किया। उन्होंने मंत्रालयों, विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच पारस्परिक शिक्षा और ज्ञान साझा करने को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान प्रबंधन प्रणाली (केएमएस) की भी शुरुआत की और पीएम गतिशक्ति - ऑफशोर पेश किया, जो कई क्षेत्रों में अपतटीय विकास की एकीकृत योजना और प्रबंधन के लिए एक अलग से बनाया गया डिजिटल मंच है। इसके अलावा, उन्होंने विकेंद्रीकृत, वास्तविक समय पर आंकड़ा उपलब्ध कराने और जवाबदेही को बढ़ाने के लिए आंकड़े अपलोड करने और प्रबंधन प्रणाली की भी शुरुआत की। इसके अलावा आंकड़ा-संचालित स्थानीय बुनियादी ढांचे के विकास और समग्र क्षेत्रीय विकास को मजबूत करने के लिए 112 आकांक्षी जिलों के लिए प्रधानमंत्री गति शक्ति जिला मास्टर प्लान शुरू किया। गोयल ने कहा, ‘‘पीएम गतिशक्ति वृहद-स्तरीय योजना और सूक्ष्म-स्तरीय कार्यान्वयन के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु के रूप में उभरी है।'' नेटवर्क प्लानिंग समूह ने पीएम गतिशक्ति के तहत 300 से अधिक प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन किया है, जिनमें एकीकृत योजना, अंतिम-छोड़ तक संपर्क सुविधा, बेहतर लॉजिस्टिक दक्षता और समन्वित परियोजना कार्यान्वयन शामिल हैं।
- नयी दिल्ली. केंद्र सरकार एक से 30 नवंबर तक पेंशनभोगियों के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) अभियान चलाएगी, जिसमें देश भर के 2,000 जिलों और उप-मंडल मुख्यालयों को शामिल किया जाएगा। सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी। यह अभियान 19 पेंशन वितरण बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी), पेंशनभोगी कल्याण संघों (पीडब्ल्यूए), सीजीडीए, दूरसंचार विभाग, रेलवे, यूआईडीएआई और इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य देश के सुदूर हिस्सों में प्रत्येक पेंशनभोगी तक पहुंच सुनिश्चित करना है। यह पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) द्वारा आयोजित ऐसा चौथा अभियान होगा।इस वर्ष, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) अपने 1.8 लाख डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों (जीडीएस) के विशाल नेटवर्क के माध्यम से सभी जिलों में डीएलसी शिविर आयोजित करेगा। जो सभी श्रेणी के पेंशनभोगियों को, चाहे उनका बैंक कोई भी हो, उनके घर तक डीएलसी सेवाएं प्रदान करेगा। बयान में कहा गया, “19 पेंशन वितरण बैंक 300 शहरों में कई स्थानों पर शिविर लगाएंगे। इनमें वृद्ध, दिव्यांग या बीमार पेंशनभोगियों के घरों और अस्पतालों का दौरा भी शामिल है। 57 पंजीकृत पेंशनभोगी कल्याण संघ, बैंकों और आईपीपीबी के समन्वय से पेंशनभोगियों को संगठित करने और शिविर आयोजित करने में सहायता करेंगे।”
- चंडीगढ़. पंजाब के बरनाला जिले में करवा चौथ के अवसर पर नृत्य करते समय 59 वर्षीय एक महिला की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। उनके पड़ोसियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। यह घटना रविवार शाम को हुई। उपवास कर रहीं आशा रानी तापा कस्बे में नृत्य करते समय गिर पड़ीं। करवा चौथ एक त्योहार है जिसमें महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए उपवास रखती हैं। पड़ोसियों के अनुसार, वह अन्य महिलाओं के साथ पंजाबी गाने पर नृ्त्य करते समय गिर गईं।एक पड़ोसी ने बताया कि उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
- नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समूह खेती की वकालत करते हुए सुझाव दिया है कि छोटे और सीमांत किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए अधिक मूल्य वाली फसलें उगाने और छोटे खेतों को मिलकर बड़ी जोत तैयार करने पर विचार करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) में आयोजित एक कार्यक्रम में किसानों के साथ बातचीत की। किसानों के साथ यह संवाद 35,440 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली कृषि क्षेत्र की दो प्रमुख योजनाओं का शुभारंभ करने से पहले हुआ। इस मौके पर मोदी ने 24,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना और 11,440 करोड़ रुपये के दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया। संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का आग्रह किया।एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘उन्होंने एक चरणबद्ध नजरिया अपनाने का सुझाव दिया। इसके तहत भूमि के एक हिस्से पर प्राकृतिक खेती का परीक्षण करना और बाकी पर पारंपरिक तरीकों को जारी रखना शामिल है।'' विभिन्न राज्यों के कई किसानों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए। मध्य प्रदेश के जबलपुर के एक युवा उद्यमी ने अपनी एरोपोनिक आधारित आलू बीज खेती का प्रदर्शन किया, जिसमें आलू बिना मिट्टी के ऊर्ध्वाधर संरचनाओं में उगाए जाते हैं। बयान के मुताबिक, इसे देखकर मोदी ने मजाकिया अंदाज में इसे ‘जैन आलू' कहा, क्योंकि ऐसी उपज जैन धर्म को मानने वालों के आहार नियमों के अनुरूप हो सकती है, जो जमीन के नीचे उगने वाली सब्जियों से परहेज करते हैं। हरियाणा के हिसार जिले के एक किसान ने बताया कि उन्होंने चार साल पहले काबुली चना उगाना शुरू किया था और अब तक प्रति एकड़ लगभग 10 क्विंटल उपज प्राप्त कर चुके हैं। मोदी ने फसल को बदलकर खेती करने के बारे में पूछा, खासकर यह कि क्या इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद मिलती है और क्या दलहनी फसलों को कृषि प्रणाली में शामिल करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। जवाब में, किसान ने कहा कि ऐसी फसलों को शामिल करना फायदेमंद साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि चना जैसे दलहन उगाने से न केवल अच्छी फसल मिलती है, बल्कि मिट्टी को नाइट्रोजन से भी समृद्ध किया जाता है। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि दलहन की खेती न केवल किसानों की आय बढ़ाती है, बल्कि देश की पोषण सुरक्षा में भी योगदान देती है। बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने ‘समूह खेती' के विचार को प्रोत्साहित किया, जहां छोटे और सीमांत किसान एक साथ आकर अपनी जमीन को साझा कर सकते हैं, और उत्पादन बढ़ाने, लागत कम करने तथा बाजारों तक बेहतर पहुंच पाने के लिए अधिक मूल्य वाली फसलों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।'' एक किसान ने इस मॉडल का एक सफल उदाहरण देते हुए कहा कि लगभग 1,200 एकड़ में अब काबुली चना की खेती हो रही है, जिससे पूरे समूह के लिए बेहतर बाजार पहुंच और बेहतर आय प्राप्त हो रही है। मोदी ने सरकार द्वारा बाजरा और ज्वार जैसे मोटे अनाज (श्री अन्न) को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की, खासकर पानी की कमी वाले क्षेत्रों में। उन्होंने कहा, ‘‘जहां पानी की कमी है, वहां बाजरा जीवन रेखा है। बाजरे का वैश्विक बाजार तेजी से बढ़ रहा है।'' एक स्वयं सहायता समूह की महिला किसान ने 2023 में समूह में शामिल होने और अपनी पांच बीघा जमीन पर मूंग की खेती शुरू करने का अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को एक बड़ी मदद बताया, जिससे उन्हें बीज खरीदने और जमीन तैयार करने में मदद मिली। एक किसान ने 2010 में एक होटल में सामान्य सी नौकरी करने से लेकर 250 से ज्यादा गिर गायों वाली एक गौशाला के मालिक बनने तक के अपने सफर के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि पशुपालन मंत्रालय ने उन्हें 50 प्रतिशत सब्सिडी दी। प्रधानमंत्री ने इस पहल की सराहना की और वाराणसी के एक ऐसे ही प्रयोग का जिक्र किया, जहां परिवारों को गिर गायें इस शर्त पर दी जाती हैं कि वे पहली बछिया को वापस कर देंगे, जिसे बाद में दूसरे परिवारों को सौंप दिया जाता है। इस तरह एक स्थायी सामुदायिक श्रृंखला बन जाती है। कई प्रतिभागियों ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के सकारात्मक प्रभाव के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने जलीय कृषि में अपार संभावनाओं पर जोर दिया और युवाओं को इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित किया। सखी संगठन की एक प्रतिनिधि ने बताया कि कैसे यह आंदोलन सिर्फ 20 महिलाओं से शुरू हुआ था और अब डेयरी क्षेत्र में 90,000 महिलाओं तक पहुंच गया है। प्रतिनिधि ने कहा, ‘‘सामूहिक प्रयासों से 14,000 से ज्यादा महिलाएं ‘लखपति दीदी' बन चुकी हैं।'' इस पहल की सराहना करते हुए, मोदी ने कहा कि यह सचमुच एक चमत्कार है। झारखंड के सरायकेला जिले के एक उद्यमी ने 125 वंचित आदिवासी परिवारों को गोद लिया और क्षेत्र में एकीकृत जैविक खेती शुरू की। एक किसान ने 2014 में अमेरिका में अपना आकर्षक करियर छोड़कर भारत लौटने और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने की अपनी यात्रा साझा की।
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नई दिल्ली। विश्व मानक दिवस हर साल 14 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मानकों के महत्व को समझाना और उन्हें जनता तक पहुंचाना है। इस दिन मानक बनाने वाली संस्थाओं जैसे आईएसओ और अन्य राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के योगदान को सराहा जाता है।
आईएसओ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 23 फरवरी 1947 को हुई थी। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है और यह 165 देशों में मानक स्थापित करता है। आईएसओ के मानक तकनीकी, औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में विश्व स्तर पर गुणवत्ता और सुरक्षा बनाए रखने में मदद करते हैं।हमारे रोजमर्रा के कामों में जब हम कोई चीज खरीदते हैं, कोई सेवा लेते हैं या फिर कोई सामान बनाते हैं, तो वहां कुछ नियम या मानक होते हैं। ये मानक इसलिए बनाए जाते हैं ताकि चीजें सही तरीके से बनी रहें, सुरक्षित हों और सबके लिए बराबर हों। अगर ये मानक न हों, तो चीजें गड़बड़ हो सकती हैं, गुणवत्ता खराब हो सकती है और नुकसान भी हो सकता है।विश्व मानक दिवस का मकसद यही है कि लोग समझें कि मानक केवल नियम नहीं हैं, बल्कि ये हमारी जिंदगी को बेहतर और आसान बनाते हैं। मानकों की वजह से हमें भरोसा होता है कि जो चीज हम खरीद रहे हैं, वो सुरक्षित और अच्छी है।विश्व मानक दिवस के मौके पर कई कार्यक्रम और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं ताकि लोगों को मानकों के फायदे समझाए जा सकें। ये मानक न सिर्फ उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाते हैं, बल्कि वैश्विक व्यापार को भी आसान और पारदर्शी बनाते हैं। आज के समय में जब तकनीक तेजी से बढ़ रही है, तो मानकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।मानकों की वजह से उद्योगों को एक-दूसरे के साथ बेहतर तालमेल और सहयोग मिलता है, जिससे ग्राहक संतुष्ट रहते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर आपका मोबाइल फोन चार्जर आईएसओ मानकों के अनुसार बना है, तो वह आपके फोन को सुरक्षित रखेगा और खराबी का खतरा कम होगा। - नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को गाजा पट्टी में इजराइल के सभी 20 जीवित बंधकों की रिहाई का स्वागत किया और कहा कि भारत क्षेत्र में शांति लाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के “ईमानदार प्रयासों” का समर्थन करता है। ट्रंप की गाजा शांति योजना के पहले चरण के तहत हमास ने दो साल से अधिक समय पहले बंधक बनाए गए इजराइली बंधकों को सोमवार को रिहा कर दिया। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “हम दो साल से अधिक समय तक बंधक बनाकर रखे गए सभी बंधकों की रिहाई का स्वागत करते हैं।” उन्होंने लिखा, “उनकी रिहाई उनके परिवारों के साहस, राष्ट्रपति ट्रंप के अथक शांति प्रयासों और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के मजबूत संकल्प के प्रति सम्मान है।” मोदी ने कहा, “हम क्षेत्र में शांति लाने के राष्ट्रपति ट्रंप के ईमानदार प्रयासों का समर्थन करते हैं।”
- नयी दिल्ली,।” केंद्र सरकार एक से 30 नवंबर तक पेंशनभोगियों के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) अभियान चलाएगी, जिसमें देश भर के 2,000 जिलों और उप-मंडल मुख्यालयों को शामिल किया जाएगा। सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी। यह अभियान 19 पेंशन वितरण बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी), पेंशनभोगी कल्याण संघों (पीडब्ल्यूए), सीजीडीए, दूरसंचार विभाग, रेलवे, यूआईडीएआई और इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य देश के सुदूर हिस्सों में प्रत्येक पेंशनभोगी तक पहुंच सुनिश्चित करना है। यह पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) द्वारा आयोजित ऐसा चौथा अभियान होगा।इस वर्ष, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) अपने 1.8 लाख डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों (जीडीएस) के विशाल नेटवर्क के माध्यम से सभी जिलों में डीएलसी शिविर आयोजित करेगा। जो सभी श्रेणी के पेंशनभोगियों को, चाहे उनका बैंक कोई भी हो, उनके घर तक डीएलसी सेवाएं प्रदान करेगा। बयान में कहा गया, “19 पेंशन वितरण बैंक 300 शहरों में कई स्थानों पर शिविर लगाएंगे। इनमें वृद्ध, दिव्यांग या बीमार पेंशनभोगियों के घरों और अस्पतालों का दौरा भी शामिल है। 57 पंजीकृत पेंशनभोगी कल्याण संघ, बैंकों और आईपीपीबी के समन्वय से पेंशनभोगियों को संगठित करने और शिविर आयोजित करने में सहायता करेंगे।”
- अहमदाबाद,। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत मंगलवार से गुजरात के अहमदाबाद के तीन दिवसीय दौरे पर आएंगे। संघ के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी। संघ की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरसंघचालक भागवत मंगलवार दोपहर अहमदाबाद पहुंचेंगे और आरएसएस पदाधिकारियों को संबोधित करेंगे। इसमें कहा गया, "बुधवार को, वह कोबा में प्रेक्षा विश्व भारती ध्यान केंद्र का दौरा करेंगे, आचार्य महाश्रमणजी से मिलेंगे और एक संबोधन देंगे। भागवत बृहस्पतिवार को अहमदाबाद से रवाना हो जाएंगे।"
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नई दिल्ली। पीएम मोदी ने कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद से सोमवार को मुलाकात की। इसमें दोनों देश के बीच व्यापार, टेक्नोलॉजी, एनर्जी, कृषि और पारस्परिक विकास और समृद्धि के लिए लोगों के बीच आदान-प्रदान में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई। इस बैठक की जानकारी शेयर करते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा,”कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद आपका स्वागत है। उनके साथ दोनों देश के बीच व्यापार, टेक्नोलॉजी, एनर्जी, कृत रहीषि और पारस्परिक विकास और समृद्धि के लिए लोगों के बीच आदान-प्रदान में सहयोग बढ़ाने के रास्तों पर चर्चा की गई।”
अनीता आनंद ने इस बैठक के बारे में सोशल मीडिया पर लिखा कि मैंने आज सुबह नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस गर्मी में जी7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की पीएम मोदी से हुई मुलाकात के बाद, कनाडा और भारत अपने देशों के बीच संबंधों को मजबूत कर रहे हैं, साथ ही कानून प्रवर्तन और सुरक्षा संवाद को बनाए रखते हुए और अपने आर्थिक संबंधों का विस्तार कर रहे हैं।इसके अतिरिक्त, विज्ञान भवन में कनाडा की विदेश मंत्री ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी बातचीत की। बैठक की जानकारी देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता जानकर मुझे बहुत खुशी हुई।हमारी चर्चा एनर्जी, टेक्नोलॉजी और फूड सिक्योरिटी के क्षेत्र में सहयोग पर केंद्रि। साथ ही, विश्वास और सम्मान पर आधारित पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार, निवेश और आर्थिक संबंधों को पुनर्जीवित करने के लिए भारत की तत्परता पर भी जोर दिया गया। इससे पहले, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी उनकी मुलाकात हुई और इसके बाद एक साझा बयान जारी भी किया गया। बयान में कहा गया कि दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर रोडमैप तैयार किया गया। दोनों मंत्रियों ने कहा कि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता एवं तनाव के समय में मजबूत साझेदारी जरूरी है। - रायपुर/ छत्तीसगढ़ में अब तक 1211.2 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बस्तर जिले में सर्वाधिक 1633.3 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 554.0 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।रायपुर संभाग में रायपुर जिले में 1159.6 मि.मी., बलौदाबाजार में 1004.8 मि.मी., गरियाबंद में 1234.4 मि.मी., महासमुंद में 1065.1 मि.मी. और धमतरी में 1149.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।बिलासपुर संभाग में बिलासपुर जिले में 1205.1 मि.मी., मुंगेली में 1183.0 मि.मी., रायगढ़ में 1396.7 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 1116.1 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 1413.5 मि.मी., सक्ती में 1274.2 मि.मी., कोरबा में 1179.3 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 1112.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।दुर्ग संभाग में दुर्ग जिले में 948.2 मि.मी., कबीरधाम में 892.0 मि.मी., राजनांदगांव में 1012.5 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1462.0 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 919.1 मि.मी. और बालोद में 1317.0 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।सरगुजा संभाग में सरगुजा जिले में 799.0 मि.मी., सूरजपुर में 1183.2 मि.मी., बलरामपुर में 1579.6 मि.मी., जशपुर में 1105.3 मि.मी., कोरिया में 1253.4 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 1138.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।बस्तर संभाग में कोंडागांव जिले में 1213.5 मि.मी., कांकेर में 1421.6 मि.मी., नारायणपुर में 1474.4 मि.मी., दंतेवाड़ा जिले में 1624.7 मि.मी., सुकमा जिले में 1312.5 मि.मी. और बीजापुर जिले में 1632.1 मि.मी. की औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।
- नयी दिल्ली। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की वायु शाखा को अपने 50 साल से अधिक के इतिहास में पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर मिली है। बीएसएफ की वायु शाखा में पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर की नियुक्ति आंतरिक प्रशिक्षण पूरा होने के बाद हुई है। इंस्पेक्टर भावना चौधरी और चार पुरुष अधीनस्थ अधिकारियों को हाल में बीएसएफ महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने फ्लाइंग बैज प्रदान किए। सीमा सुरक्षा बल को 1969 से गृह मंत्रालय (एमएचए) की विमानन इकाई का संचालन करने का दायित्व सौंपा गया है और यह सभी अर्द्धसैनिक बलों और एनएसजी व एनडीआरएफ जैसे विशेष बलों की अभियानगत आवश्यकताओं को पूरा करता है। अधिकारियों ने बताया कि पांच अधीनस्थ अधिकारियों को ‘‘बीएसएफ वायु शाखा के प्रशिक्षकों द्वारा शुरू से ही प्रशिक्षित किया गया था और उन्होंने हाल में अपना दो महीने का प्रशिक्षण पूरा किया है।'' अगस्त से शुरू हुए दो महीने के आंतरिक प्रशिक्षण के दौरान पांचों कर्मियों को 130 घंटे तक प्रशिक्षित किया गया और उन्हें काम का वास्तविक अनुभव भी मिला क्योंकि बीएसएफ वायु शाखा की विभिन्न इकाइयों ने पंजाब और अन्य राज्यों में हाल में आई बाढ़ के दौरान भी परिचालन उड़ानें भरीं। बीएसएफ वायु सेना को अपने एमआई-17 हेलीकॉप्टर बेड़े में फ्लाइट इंजीनियरों की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘वायु सेना (आईएएफ) ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों के पहले बैच को प्रशिक्षित किया, लेकिन पांच कर्मियों के दूसरे बैच को विभिन्न बाधाओं के कारण वहां प्रशिक्षण नहीं मिल सका।'' अधिकारी ने बताया कि इसके बाद बीएसएफ ने अपनी वायु शाखा के लिए फ्लाइट इंजीनियरों को तैयार करने के वास्ते आंतरिक प्रशिक्षण आयोजित करने की अनुमति पाने के लिए गृह मंत्रालय से संपर्क किया और इंस्पेक्टर चौधरी सहित पांच कर्मियों ने हाल में अपना प्रशिक्षण पूरा किया। उन्होंने बताया कि इंस्पेक्टर चौधरी बीएसएफ वायु शाखा की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर हैं।
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नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को बताया कि भारत में लगभग 10.6 करोड़ घरों में किफायती एलपीजी का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही देश में हर दिन करीब 6.7 करोड़ लोग अपने वाहनों में ईंधन भरवाते हैं। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल और एलपीजी उपभोक्ता बनाता है।
हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा कि भारत गहरे पानी में तेल की खोज से लेकर हरित हाइड्रोजन और बायोएनर्जी तक के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक सुरक्षित, टिकाऊ और आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य का निर्माण कर रहा है। मंत्री ने यह भी बताया कि भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एलएनजी आयातक और एक वैश्विक रिफाइनिंग हब बन चुका है, जहां हर दिन करीब 5.5 मिलियन बैरल तेल की खपत होती है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऊर्जा केवल ईंधन नहीं, बल्कि नए भारत की धड़कन है, जो उद्योगों को शक्ति देती है, लोगों को जोड़ती है और 1.42 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा करती है। उन्होंने बताया कि भारत का ऊर्जा क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है, भले ही वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताएं बनी हुई हों। देश की रिफाइनिंग क्षमता 215 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) से बढ़कर 258 एमएमटीपीए हो गई है। साथ ही जामनगर रिफाइनरी अब एशिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी है, जो 100 से अधिक देशों को पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात करती है।पुरी ने बताया कि ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) राउंड 10 के तहत 2.5 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को तेल और गैस की खोज के लिए खोला गया है। एक्सप्लोरेशन के लिए आवश्यक मंजूरियों की संख्या 37 से घटाकर 18 कर दी गई है ताकि व्यापार करने में आसानी हो। उन्होंने कहा कि अपस्ट्रीम सेक्टर में तेल की खोज और उत्पादन बढ़ाने के लिए 1.3 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया गया है। इसके अलावा, 2022 से अब तक लगभग दस लाख वर्ग किलोमीटर पहले प्रतिबंधित ऑफशोर क्षेत्रों को फिर से खोज के लिए खोला गया है, जिससे भारत में तेल और गैस की खोज को नई गति मिली है। -
पटना. कई दिनों की गहन चर्चा और मंथन के बाद रविवार को बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के बीच विधानसभा चुनाव के लिए सीट का बंटवारा हो गया जबकि विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन में इस मुद्दे को लेकर अब भी पेंच फंसा हुआ है। राजग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 243 सदस्यीय विधानसभा में 101-101 सीट पर चुनाव लड़ेंगी, जबकि शेष सीट छोटे सहयोगी दलों के लिए छोड़ी गई हैं। यह पहला अवसर है जब बिहार में राजग के दोनों प्रमुख घटक जदयू और भाजपा समान संख्या में सीट पर चुनाव लड़ेंगे। घोषणा ऐसे समय में की गई जब चुनाव के पहले चरण के नामांकन की अंतिम तारीख में अब एक सप्ताह से भी कम का समय बचा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के बराबर सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है। कुमार लगातार पांचवीं बार सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा कभी जदयू की कनिष्ठ सहयोगी मानी जाती थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वह राज्य में अपनी पैठ लगातार मजबूत करती रही है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को 29 सीट मिली हैं। वर्ष 2020 के चुनाव में चिराग पर जदयू को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे थे, जब उन्होंने गठबंधन से बगावत कर अलग लड़ाई लड़ी थी। राजग के अन्य घटक पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को छह-छह सीट दी गई हैं। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में राजग के शीर्ष नेताओं की बैठक में सीट बंटवारे पर “सौहार्दपूर्ण माहौल” में सहमति बनी। वैसे मांझी पूरी तरह संतुष्ट नजर नहीं आये। वह पहले “कम से कम 15 सीट” की मांग कर रहे थे, ताकि उनकी पार्टी को विधानसभा में “मान्यता प्राप्त दल” का दर्जा मिल सके। पटना पहुंचने पर उन्होंने पत्रकारों से कहा, “उच्च नेतृत्व ने जो फैसला किया है, उसे हमने स्वीकार कर लिया। लेकिन हमें केवल छह सीट देकर हमारी ताकत को कम करके आंका गया है। इसका नुकसान राजग को चुनाव में उठाना पड़ सकता है।” हालांकि मांझी ने यह भी दोहराया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ “आखिरी सांस तक” रहेंगे।
दूसरी ओर, विपक्षी महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) में सीट बंटवारे का पेंच अब भी फंसा नजर आ रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दिल्ली रवाना हो गए, जिससे गठबंधन के भीतर असंतोष की अटकलें तेज हो गईं। पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर है और उम्मीदवारों में बेचैनी स्पष्ट दिखने लगी है। लालू परिवार के दिल्ली रवाना होते समय उनके आवास के बाहर कार्यकर्ताओं ने जमकर नाराजगी जताई। बिहार में दो चरणों में मतदान छह और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।
राजद के करीबी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह 243 में से “कम से कम आधी” सीट पर चुनाव लड़ेगी। सूत्रों ने देरी के लिए कांग्रेस, वामदलों और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को जिम्मेदार ठहराया। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि कांग्रेस अपनी हालिया ‘वोटर अधिकार यात्रा' की सफलता के आधार पर अधिक सीट की मांग कर रही है। इस यात्रा में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दो सप्ताह में राज्य के 25 जिलों का दौरा किया था। कयास लगाए जा रहे थे कि लालू परिवार दिल्ली जाकर राहुल गांधी से हस्तक्षेप करने की अपील करेगा, लेकिन बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने इस पर विराम लगा दिया। उन्होंने कहा, “लालू जी और उनका परिवार दिल्ली इसलिए गए है क्योंकि उन्हें अदालत में पेश होना है।” राज्यसभा सदस्य सिंह तेजस्वी यादव के साथ उसी उड़ान में बैठे थे। उन्होंने कहा, “सीट बंटवारे में ज्यादा समस्या नहीं है। एक-दो दिन में सब स्पष्ट हो जाएगा।” राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्य भूमि के बदले नौकरी (लैंड-फॉर-जॉब्स) घोटाले में आरोपी हैं, जो उनके रेलमंत्री कार्यकाल से जुड़ा मामला है। पटना में कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने राजग पर निशाना साधते हुए कहा, “सीट बंटवारे से साफ है कि भाजपा ने नीतीश कुमार को हाशिये पर डाल दिया है। यह पहली बार है जब जदयू भाजपा से ज्यादा सीट पर नहीं लड़ रहा है। आने वाले समय में भाजपा, जदयू को निगल जाएगी।” उधर, जन सुराज पार्टी ने पुराने गठबंधनों से पहले बढ़त लेते हुए कुछ दिन पहले ही 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी तथा सोमवार को एक और सूची जारी करने वाली है। यह पार्टी एक साल पहले बनी थी। सभी की निगाहें वैशाली जिले की राघोपुर सीट पर टिकी हैं, जहां तेजस्वी यादव लगातार तीसरी जीत दर्ज करने की कोशिश में हैं। जन सुराज पार्टी के संस्थापक और पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने संकेत दिए हैं कि वह स्वयं इसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। -
अहमदाबाद. फिलीपीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि वीजा-मुक्त यात्रा और सीधी उड़ानों जैसी सुविधाओं की वजह से फिलीपीन दक्षिण-पूर्व एशिया में भारतीयों के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अधिकारी ने बताया कि भारत और फिलीपीन के बीच क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत एअर इंडिया की दिल्ली से मनीला के लिए सीधी उड़ानें एक अक्टूबर से शुरू हो गईं। फिलीपीन ने जून में भारतीयों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा शुरू की थी जिसके तहत पर्यटन के लिए 14 दिन के प्रवास की अनुमति दी गई । भारत में फिलीपीन के राजदूत जोसेल एफ इग्नासियो ने कहा, “भारतीय पर्यटकों के लिए हमारी वीजा-मुक्त व्यवस्था और 10 साल बाद भारत एवं फिलीपीन के बीच सीधी उड़ानों की बहाली के पश्चात हम आपका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।” वरिष्ठ राजनयिक ने संवाददाताओं से कहा, “सीधी उड़ान से आपका एक दिन भी बर्बाद नहीं होगा। इससे ज्यादा से ज्यादा भारतीय, फिलीपीन की यात्रा के लिए प्रोत्साहित होंगे।”
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नयी दिल्ली. अशोक चक्र प्रथम, अशोक चक्र द्वितीय और अशोक चक्र तृतीय के रूप में 1950 के दशक में शुरू किये गए शांतिकाल के शीर्ष वीरता पुरस्कारों के नाम 1967 में बदलकर क्रमशः 'अशोक चक्र', 'कीर्ति चक्र' और 'शौर्य चक्र' किये गए थे। एक दुर्लभ अभिलेखीय सरकारी दस्तावेज से यह जानकारी सामने आई है। राष्ट्रपति सचिवालय ने 27 जनवरी 1967 को नामकरण परिवर्तन की अधिसूचना जारी की थी, और इसकी एक छवि को भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) द्वारा यहां आयोजित एक प्रदर्शनी के भाग के रूप में कई अन्य ऐतिहासिक आधिकारिक दस्तावेजों के साथ प्रदर्शित किया गया है। 'सुशासन और अभिलेख 2025' नामक शीर्षक से आयोजित इस प्रदर्शनी में राष्ट्रपति सचिवालय, निर्वाचन आयोग तथा गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों के भंडारों से प्राप्त मूल्यवान अभिलेख प्रदर्शित किए गए हैं। सैन्य अलंकरणों के नाम बदलने संबंधी अधिसूचना को गृह मंत्रालय से प्राप्त दस्तावेजों को प्रदर्शित करने वाले एक पैनल पर पुनः प्रकाशित किया गया है। अशोक चक्र भारत का शांतिकाल का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है, जिसके बाद क्रमशः कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र आते हैं। राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से जारी उक्त अधिसूचना के मुताबिक, ‘‘राष्ट्रपति अशोक चक्र प्रथम, अशोक चक्र द्वितीय और अशोक चक्र तृतीय का नाम बदलकर क्रमशः 'अशोक चक्र', 'कीर्ति चक्र' और 'शौर्य चक्र' कर रहे हैं।'' इसमें 'अशोक चक्र' से संबंधित मुख्य बिंदुओं का भी उल्लेख किया गया है, तथा पैनल में वीरता पुरस्कार के साथ मिलने वाले पदक की तस्वीर भी है। इसमें कहा गया है कि यह अलंकरण पदक के रूप में होगा और इसे 'अशोक चक्र' (जिसे आगे चक्र कहा जाएगा) कहा जाएगा। यह चक्र 'अत्यंत विशिष्ट वीरता; या शत्रु के विरुद्ध किए गए किसी अन्य साहसपूर्ण कार्य या आत्म-बलिदान' के लिए प्रदान किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि यह चक्र मरणोपरांत भी प्रदान किया जा सकता है।
अधिसूचना के मुताबिक, ‘‘पदक गोलाकार होगा, जिसका व्यास 1.38 इंच होगा। पदक सोने का बना होगा। पदक के अग्रभाग पर बीच में अशोक चक्र की प्रतिकृति उकेरी जाएगी।'' मई 2025 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों को कर्तव्य के दौरान अदम्य साहस और असाधारण वीरता प्रदर्शित करने के लिए छह कीर्ति चक्र प्रदान किए थे, जिनमें से चार मरणोपरांत दिये गए थे। -
चेन्नई. तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित 1,300 साल पुराने अरुलमिगु एकम्बरनाथर मंदिर में 17 साल बाद आठ दिसंबर को फिर से पूजा शुरू होगी। मंदिर के एक पदाधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि तमिलनाडु सरकार के हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ निधि (एचआर एंड सीई) विभाग द्वारा प्रबंधित इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ निधि मंत्री पीके शेखर बाबू ने 12 अक्टूबर को इस तिथि की आधिकारिक घोषणा की थी। हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ निधि (एचआर एंड सीई) विभाग मंदिर के रखरखाव और प्रशासन के लिए जिम्मेदार है। मानव संसाधन एवं संवर्द्धन विभाग की कार्यकारी अधिकारी मुथुलक्ष्मी पी. ने बताया कि आमतौर पर हर 12 साल में मंदिरों में प्राण-प्रतिष्ठा होती है। मुथुलक्ष्मी ने कहा, “लेकिन एकम्बरनाथर मंदिर के मामले में हमें लगभग जीर्णोद्धार से जुड़े 34 कार्य करने थे। चूंकि मंदिर 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है, इसलिए जीर्णोद्धार कार्य कैसे किया जाना चाहिए, इस बारे में कुछ शर्तें हैं। यह एक लंबी प्रक्रिया है और अभी भी कुछ काम बाकी है। आठ दिसंबर तक हम यह सब पूरा कर लेंगे।” उन्होंने बताया कि इन जीर्णोद्धार कार्यों पर मंदिर को 28 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर पल्लव, चोल और विजयनगर साम्राज्य जैसे राजवंशों के योगदान से कई सदियों में निर्मित हुआ था। यह मंदिर अपनी प्रभावशाली वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें भारत के सबसे ऊंचे प्रवेश द्वार भी शामिल हैं।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पैट्रिक हर्मिनी को सेशेल्स का राष्ट्रपति चुने जाने पर रविवार को बधाई दी और विश्वास जताया कि भारत के साथ सेशेल्स के समय की कसौटी पर खरे उतरे संबंधों को उनके कार्यकाल में और गति मिलेगी। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘सेशेल्स में राष्ट्रपति पद के चुनाव में जीत के लिए डॉ. पैट्रिक हर्मिनी को हार्दिक बधाई।'' उन्होंने कहा, ‘‘हिंद महासागर का जल हमारी साझा विरासत है और हमारे लोगों की आकांक्षाओं एवं जरूरतों को पोषित करता है। मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल में समय की कसौटी पर रखे उतरे हमारे बहुआयामी संबंध और गहरे होंगे तथा उन्हें और गति मिलेगी।'' मोदी ने कहा, ‘‘मैं उनके आगामी कार्यकाल के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।''
सेशेल्स में विपक्ष के नेता हर्मिनी ने शनिवार को दूसरे चरण के मतदान में निवर्तमान नेता वेवल रामकलावन को हराकर राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया। नतीजों के अनुसार, हर्मिनी को 52.7 प्रतिशत वोट मिले, जबकि रामकलावन को 47.3 प्रतिशत वोट मिले।
हर्मिनी ‘यूनाइटेड सेशेल्स पार्टी' का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने 2020 में सत्ता गंवाने से पहले चार दशकों तक देश का नेतृत्व किया था। रामकलावन ने लिनयोन डेमोक्रेटिक सेसेलवा पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। - नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में अमेरिका के नामित राजदूत सर्जियो गोर से शनिवार को मुलाकात की और उनके कार्यकाल में नयी दिल्ली और वाशिंगटन के बीच रणनीतिक साझेदारी के और मजबूत होने का भरोसा जताया। अमेरिकी सीनेट (संसद का उच्च सदन) के भारत में अमेरिका के नये राजदूत के रूप में गोर को नामित करने की पुष्टि करने के बाद वह (गोर) छह दिन की भारत यात्रा पर आए हैं। इस दौरान प्रबंधन और संसाधन मामलों के उप मंत्री माइकल जे रिगास भी उनके साथ हैं। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “भारत में अमेरिका के नामित राजदूत सर्जियो गोर का स्वागत करके खुशी हुई। मुझे विश्वास है कि उनके कार्यकाल में भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी।” रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की ओर से भारतीय उत्पादों के आयात पर भारी टैरिफ लगाए जाने के बाद नयी दिल्ली और वाशिंगटन के संबंध तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकपूर्ण” बताया है।हालांकि, ट्रंप और मोदी के बीच फोन पर हुई हालिया बातचीत से तनावपूर्ण संबंधों में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगी है।
- अहमदाबाद. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने युवाओं से राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ ‘मेड-इन-इंडिया' उत्पादों को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाने का शनिवार को आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया कि देश को आत्मनिर्भर बनाना एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है। मुर्मू यहां आश्रम रोड पर महात्मा गांधी द्वारा स्थापित डीम्ड विश्वविद्यालय गुजरात विद्यापीठ के 71वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। संकाय सदस्यों और उपाधि प्राप्त करने वाले 713 विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि महात्मा गांधी ने अक्टूबर 1920 में इस संस्थान की स्थापना से लेकर जनवरी 1948 में अपने निधन तक इसके कुलाधिपति के रूप में कार्य किया। उन्होंने उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों से भारत को एक विकसित देश बनाने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अग्रणी स्थान हासिल करने में मदद करने का संकल्प लेने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारत को आत्मनिर्भर बनाना हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता है। आप सभी को स्वदेशी अभियान में सक्रिय भूमिका निभानी होगी और 'राष्ट्र प्रथम' की भावना के साथ भारत में निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देना होगा।'' मुर्मू ने छात्रों से कहा कि किसी को केवल आजीविका कमाने के उद्देश्य से शिक्षा प्राप्त नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा एक आजीवन चलने वाली प्रक्रिया है। मुझे उम्मीद है कि आप अपने व्यक्तित्व के विकास, समाज की प्रगति और देशवासियों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए ज्ञान प्राप्ति को महत्व देते रहेंगे।'' राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि क्योंकि देश और समाज भी उनकी शिक्षा में योगदान देता है, इसलिए वे समाज की सेवा करके इस ऋण को चुका सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि आप समाज के वंचित वर्गों के लिए काम करेंगे।''अपने संबोधन में मुर्मू ने गुजरात और वहां के लोगों की उद्यमशीलता की भावना की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात हमेशा से स्वरोजगार के लिए जाना जाता रहा है। गुजरात के उद्यमियों ने न केवल भारत में, बल्कि दुनियाभर में अपनी छाप छोड़ी है। विदेशों में सफल प्रवासी भारतीयों में बड़ी संख्या में गुजराती भी शामिल हैं। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि आप उसी वैश्विक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ें जो गुजरात की पहचान रहा है।'' उन्होंने कहा कि गुजरात में स्व-रोजगार और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने की संस्कृति को पूरे देश में फैलाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि विश्वविद्यालय के सभी छात्र आत्मनिर्भरता की इस संस्कृति के वाहक जरूर बनेंगे।'' इस कार्यक्रम के साथ ही मुर्मू की राज्य की तीन दिवसीय यात्रा संपन्न हो गई है। इससे पहले दिन में उन्होंने द्वारका शहर के प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर में पूजा-अर्चना की।
- नयी दिल्ली. उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ज्योति नगर स्थित एक जैन मंदिर के शिखर से करीब 40 लाख रुपये मूल्य का सोने का कलश कथित तौर पर चोरी हो गया। पुलिस ने यह जानकारी शनिवार को दी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह पूरी घटना मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। उन्होंने कहा कि कलश का वजन लगभग 25 से 30 किलोग्राम है और यह तांबे एवं सोने से बना है। यह घटना शुक्रवार देर रात हुई, जब इलाके के अधिकतर लोग करवा चौथ के त्योहार में व्यस्त थे।अधिकारी ने कहा, ‘‘आरोपी बिजली के तारों का उपयोग करके मंदिर की छत पर चढ़ा, शिखर तक पहुंचा और सोने की परत चढ़े ‘कलश' को लेकर भाग गया।'' शनिवार की सुबह स्थानीय निवासियों ने कलश को गायब देखा और मंदिर प्रबंधन को सूचित किया।अधिकारियों के अनुसार, मामला दर्ज कर लिया गया है और आसपास के इलाकों से सीसीटीवी फुटेज का उपयोग कर संदिग्ध की पहचान करने और उसका पता लगाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए कई टीम गठित की गई हैं।
- गुवाहाटी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि शनिवार को असम के कछार जिले में आठ करोड़ रुपये मूल्य की याबा टैबलेट और तस्करी की गई सिगरेट जब्त की गईं। उन्होंने कहा कि यह बरामदगी असम पुलिस और असम राइफल्स के संयुक्त अभियान के दौरान की गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि बराक नदी में अभियान के दौरान एक नौका को रोका गया।शर्मा ने कहा कि उसके पास से आठ करोड़ रुपये मूल्य की 10,000 याबा टैबलेट और ‘एसेंशियल लाइट सिगरेट' के 1,25,000 पैकेट बरामद किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘असम पुलिस के लिए यह बड़ी जीत है।'
- नयी दिल्ली. इस दिवाली, दिल्ली की कुम्हार कॉलोनी के कुम्हार देर रात तक दीयों को आकार देने और रंगने का काम कर रहे हैं, वहीं समुदाय के युवा सदस्य इस शिल्प में एक अप्रत्याशित उपकरण का उपयोग कर रहे हैं, वह है कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)। जो जिज्ञासा के रूप में शुरू हुआ था, वह रचनात्मकता का प्रयोग बन गया है, जिसमें सदियों पुरानी परंपराओं को डिजिटल युग की कल्पना के साथ मिश्रित किया गया है। यहां दीयों की कीमत उनके आकार और अन्य बारीकियों के आधार पर एक रुपये से लेकर हजारों रुपये तक होती है। छोटे, साधारण दीये स्थानीय बाजारों में थोक में बेचे जाते हैं, जबकि बारीकी से रंगे या खास डिजाइन वाले दीये के कुछ अनोखा चाहने वाले खरीदारों से अधिक दाम मिलते हैं। इस साल, कुछ परिवारों ने अपने छोटे सदस्यों में एक नयी तरह की रचनात्मकता देखी है, जो रंग और स्वरूप के लिए एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। कॉलेज छात्र यश (19) कक्षाओं के बाद अपने परिवार की मदद करता है। उसने कहा, ‘‘हम इसका इस्तेमाल सिर्फ यह देखने के लिए करते हैं कि कौन से रंग एकसाथ अच्छे लगते हैं।'' यश ने कहा, ‘‘कभी-कभी यह बहुत ही अजीबोगरीब विचार देता है, लेकिन कभी-कभी यह वाकई बहुत अच्छे विचार भी देता है। हम इसकी हर बात की नकल नहीं करते, हम अपनी बात कहते हैं, लेकिन यह हमें अलग तरह से सोचने में मदद करता है।'' युवा कुम्हारों के लिए, तकनीक एक छोटा लेकिन उपयोगी उपकरण है, खासकर बड़े ऑर्डर की तैयारी और नये विचारों की तलाश में। यश ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि हम इसे ही सब कुछ तय करने देते हैं। हम बस विचार पूछते हैं। अंतिम डिजाइन अभी भी हमारे हाथों से ही आता है।'' हालांकि, पुराने कारीगरों के लिए यह अपरिचित और अनावश्यक लगता है। बनवारी लाल (62) बचपन से दिए बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह पीढ़ियों से चली आ रही पारंपरिक विधियों पर ही निर्भर रहना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे परिवार शिव और पार्वती के विवाह के समय से ही ऐसा करते आ रहे हैं। लाल ने कहा, ‘‘हमने अपने पिता और दादाओं को देखकर सीखा है। अब ये बच्चे अपने फ़ोन से सीखते हैं। मुझे नहीं पता कि वे दिन भर ऑनलाइन क्या करते रहते हैं, लेकिन अगर इससे उन्हें मदद मिलती है, तो शायद अब चीजें ऐसी ही हैं।'' जीवन भर मिट्टी के साथ काम करने वाले रघुनाथ (58) ने कहा कि तकनीक कौशल या अंतर्ज्ञान की जगह नहीं ले सकती। उन्होंने कहा, ‘‘मिट्टी का अपना जीवन है। आपको यह जानने के लिए इसे महसूस करना होगा कि यह कब तैयार है। कोई भी कंप्यूटर यह नहीं सिखा सकता।'' फिर भी, कुछ कारीगरों का मानना है कि युवा पीढ़ी की जिज्ञासा इस शिल्प को दीर्घकालिक लाभ पहुंचा सकती है। कॉलोनी में एक छोटी सी कार्यशाला चलाने वाले धीरज (54) ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) ने अभी तक कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है, लेकिन यह अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने में मदद कर सकता है। इस दिवाली पर अपनी मुश्किलें हैं। अक्टूबर की शुरुआत में हुई अप्रत्याशित बारिश ने कुम्हारों के तैयार माल का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद कर दिया है। धीरज ने कहा, ‘‘हमारे लगभग 20 प्रतिशत दीये बर्बाद हो गए हैं। हमने उन्हें सूखने के लिए बाहर रखा था और हमें बारिश की उम्मीद नहीं थी। बारिश अचानक आ गई। ऐसा होने पर आप उन्हें बेच नहीं सकते। हमें सारे फेंकने पड़े।''
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को सेशेल्स के राष्ट्रपति चुनाव में डॉ. पैट्रिक हर्मिनी की जीत पर हार्दिक बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने संदेश में कहा कि डॉ. हर्मिनी को राष्ट्रपति चुनाव में मिली जीत पर वे उन्हें अपनी शुभकामनाएं देते हैं और उनके सफल कार्यकाल की कामना करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में लिखा, “सेशेल्स के राष्ट्रपति चुनाव में डॉ. पैट्रिक हर्मिनी को उनकी जीत पर हार्दिक बधाई। हिंद महासागर का जल हमारा साझा धरोहर है, जो हमारे दोनों देशों की जनता की आकांक्षाओं और जरूरतों को पोषित करता है। मुझे विश्वास है कि उनके राष्ट्रपति कार्यकाल में भारत और सेशेल्स के बीच लंबे समय से चले आ रहे बहुआयामी और परखे हुए संबंध और अधिक गहराई और गति प्राप्त करेंगे।”प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत और सेशेल्स के बीच संबंध केवल भौगोलिक निकटता तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये साझा संस्कृति, समुद्री विरासत और पारस्परिक विकास की भावना से जुड़े हैं। दोनों देशों ने वर्षों से समुद्री सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय सहयोग किया है।पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि डॉ. हर्मिनी के नेतृत्व में सेशेल्स भारत के साथ अपने रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करेगा। उन्होंने कहा कि भारत, हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सेशेल्स के साथ मिलकर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। - नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका सशक्त, सुरक्षित और समृद्ध भारत का सपना आत्मनिर्भर भारत के जरिये साकार होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजमाता ने जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई और उनके आदर्श आज भी राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरणास्रोत हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन। समाज सेवा के उनके प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उन्होंने जनसंघ और भाजपा को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विजयाराजे सिंधिया जी हमारी सांस्कृतिक जड़ों के प्रति गहरी आस्था रखती थीं और उन्हें संरक्षित व लोकप्रिय बनाने के लिए सदैव कार्यरत रहीं।”प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 1 मिनट 19 सेकंड का एक वीडियो संदेश भी साझा किया। इसमें उन्होंने कहा, “पिछली शताब्दी में भारत को दिशा देने वाले कुछ चुनिंदा व्यक्तित्वों में राजमाता विजयाराजे सिंधिया शामिल थीं। वह केवल वात्सल्य मूर्ति ही नहीं, बल्कि एक निर्णायक नेता और कुशल प्रशासक थीं। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आजादी के बाद के दशकों तक राष्ट्रसेवा में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया।”प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “राजमाता राजपरिवार से थीं, उनके पास सब कुछ था, लेकिन उन्होंने अपना जीवन एक मां की तरह जनसेवा में खपा दिया। सशक्त, सुरक्षित और समृद्ध भारत उनका सपना था, और हम इस सपने को आत्मनिर्भर भारत के माध्यम से साकार करेंगे। राजमाता की प्रेरणा सदैव हमारे साथ रहेगी।” राजमाता विजयाराजे सिंधिया भारतीय राजनीति की प्रमुख हस्तियों में से एक थीं। उन्होंने जनसंघ से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और भाजपा की संस्थापक सदस्य के रूप में पार्टी को मजबूत नींव प्रदान की।वहीं केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “अपने जीवन का हर क्षण लोककल्याण और अंत्योदय की उन्नति के लिए समर्पित करने वाली, सरलता, सहजता और संवेदनशीलता की त्रिवेणी, राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन। पूज्य अम्मा महाराज जी स्नेह और वात्सल्य की प्रतिमूर्ति थीं। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे उनका स्नेह और आशीर्वाद मिला। जनसंघ और भाजपा को आपने मध्य प्रदेश में जिस सेवा और समर्पण से सींचा, वह हम सभी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणास्रोत है।”उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा, “राजसी वैभव का त्याग कर जनसेवा, लोकतंत्र और राष्ट्रवादी विचारधारा के सशक्तीकरण हेतु अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाली, भाजपा की संस्थापक सदस्य राजमाता विजयाराजे सिंधिया को विनम्र श्रद्धांजलि। त्याग, संघर्ष और सेवा की प्रतिमूर्ति राजमाता ने जो दिशा दी, वह भारत की एकता और अखंडता को सदैव बल देती रहेगी।” केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “सेवा, त्याग और सादगी की प्रतिमूर्ति, भाजपा की संस्थापक सदस्य राजमाता विजयाराजे सिंधिया जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन जनकल्याण और राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित किया। गरीबों और वंचितों के लिए उनके प्रयास सशक्त भारत के निर्माण के लिए प्रेरणादायक हैं।



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