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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि बीते 11 वर्षों में भारत का कृषि निर्यात करीब-करीब दोगुना हो गया है। अनाज उत्पादन 900 लाख मीट्रिक टन और बढ़ गया। फल और सब्जियों का उत्पादन 640 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा बढ़ गया है। नई दिल्ली स्थित इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टिट्यूट में एक विशेष कृषि कार्यक्रम में किसानों के लिए दो नई योजनाओं ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ को लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये दो योजनाएं भारत के किसानों का भाग्य बदलने का काम करेंगी।
खेती और किसानी हमेशा से हमारी विकास यात्रा का एक प्रमुख हिस्सा रही हैउन्होंने बताया कि इन योजनाओं पर सरकार करीब 35 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने वाली है। उन्होंने किसानों के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेती और किसानी हमेशा से हमारी विकास यात्रा का एक प्रमुख हिस्सा रही है। यह बेहद जरूरी है कि बदलते समय के साथ खेती और किसान को सरकार का सहयोग मिलता रहे।बीज से लेकर बाजार तक अनगिनत सुधार किए गएपीएम मोदी ने आगे कहा, “बीज से लेकर बाजार तक अनगिनत सुधार किए गए। जिसके परिणामस्वरूप आज दूध उत्पादन में भारत दुनिया में नंबर एक पर है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक है। भारत में शहद उत्पादन 2014 की तुलना में दोगुना हो गया है। देश में 6 बड़ी फर्टिलाइजर फैक्ट्रियां बनाई गई हैं। 25 करोड़ से ज्यादा सॉइल हेल्थ कार्ड किसानों को दिए गए हैं। 100 लाख हेक्टेयर में सूक्ष्म सिंचाई की सुविधा पहुंची है। पीएम फसल बीमा योजना से करीब 2 लाख करोड़ रुपए क्लेम के रूप में किसानों को मिले हैं। बीते 11 वर्षों में 10 हजार से ज्यादा किसान उत्पाद संघ एफपीओ बने।” उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में आने से पहले उनकी अनेक किसानों और मछुआरों से बात हुई। उन्हें कृषि क्षेत्र में काम कर रही महिलाओं के अनुभव सुनने का अवसर मिला।पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी अनेक उपलब्धियां हैं जो देश के किसानों ने बीते 11 वर्षों में अनुभव की हैंपीएम मोदी ने कहा कि ऐसी अनेक उपलब्धियां हैं जो देश के किसानों ने बीते 11 वर्षों में अनुभव की हैं। उन्होंने कहा, “हमें विकसित बनने के लिए हर क्षेत्र में लगातार बेहतर करते ही रहना होगा। सुधार करना ही होगा। इसी सोच का प्रमाण पीएम धन-धान्य कृषि योजना है। इस योजना की प्रेरणा आकांक्षी जिला योजना का सफलता बनी है।”आकांक्षी जिलों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि जब वंचितों को वरीयता और पिछड़ों को प्राथमिकता मिलती है तो उसके नतीजे भी बहुत अच्छे मिलते हैंआकांक्षी जिलों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि जब वंचितों को वरीयता और पिछड़ों को प्राथमिकता मिलती है तो उसके नतीजे भी बहुत अच्छे मिलते हैं। आज आकांक्षी जिलों में माता मृत्यु दर घटी है। बच्चों का स्वास्थ्य और पढ़ाई का स्तर सुधरा है। ये जिले अब कई पैरामीटर्स को लेकर दूसरे जिलों से बेहतर कर रहे हैं -
अयोध्या. उत्तर प्रदेश में भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में 56 घाटों पर इस वर्ष 28 लाख दीप जलाकर विश्व कीर्तिमान स्थापित करने की तैयारी चल रही है। शनिवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान में कहा गया है कि अयोध्या इस वर्ष एक बार फिर विश्व मंच पर अपनी आस्था, संस्कृति और गौरव का प्रकाश फैलाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में इस बार नौवां दीपोत्सव-2025 अब तक का सबसे भव्य और ऐतिहासिक आयोजन बनने जा रहा है।
सरयू नदी के तट के 56 घाटों पर लगभग 28 लाख दीपों के प्रज्वलन के लिए 28 लाख दिए बिछाए जाएंगे, जो एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित करेगा। इस वर्ष आयोजन की विशेषता यह है कि पहली बार लक्ष्मण किला घाट को दीपोत्सव में शामिल किया गया है। यह दीपोत्सव केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति, आध्यात्मिकता और विश्वबंधुत्व का सशक्त प्रतीक है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में यह आयोजन न केवल अयोध्या के विकास और राम मंदिर निर्माण के विजन को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु और देश-विदेश से आए पर्यटक रामनगरी की इस दिव्य आभा के साक्षी बनेंगे।
बयान के अनुसार लक्ष्मण किला घाट पर पहली बार सवा चार लाख दीप प्रज्वलित होंगे। राम की पैड़ी और चौधरी चरण सिंह घाट पर करीब साढ़े चार लाख दीप जलाए जाएंगे। भजन संध्या घाट पर साढ़े पांच लाख दीपों की रौशनी से सरयू तट अलौकिक चमक में नहाएगा। मुख्य आकर्षण राम की पैड़ी रहेगी, जहां 15 से 16 लाख दीपों की अविरल ज्योति से पूरा घाट जगमगा उठेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं दीप प्रज्वलित कर इस भव्य कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे और ‘जय श्रीराम' के उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय बन जाएगा। बीते वर्षों में अयोध्या का दीपोत्सव गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है। इस बार लक्ष्य है उस रिकॉर्ड को और आगे बढ़ाकर 28 लाख दीपों का नया विश्व कीर्तिमान स्थापित करने का। इसके लिए सरकार, प्रशासन और स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं की टीमें युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटी हैं। दीपों की सजावट, सुरक्षा व्यवस्था, सांस्कृतिक मंचन, और पर्यटकों के स्वागत की रूपरेखा बारीकी से तैयार की जा रही है। -
भुवनेश्वर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा में लगभग 160 करोड़ रुपये की दो मत्स्यिकी परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने दिल्ली में 24,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (पीएम-डीडीकेवाई) और दालों में आत्मनिर्भरता के लिए 11,440 करोड़ रुपये के मिशन की शुरुआत करते हुए मत्स्य पालन परियोजनाओं की आधारशिला रखी। मत्स्यिकी परियोजनाओं में संबलपुर जिले के बसंतपुर में 100 करोड़ रुपये का एकीकृत ‘एक्वा पार्क' और भुवनेश्वर के पंडारा में 59.13 करोड़ रुपये का मछली बाजार शामिल है। मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी, उपमुख्यमंत्री के.वी. सिंह देव और अन्य लोग यहां ओयूएटी परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में डिजिटल माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए। माझी ने कहा कि भुवनेश्वर में मछली बाजार परियोजना प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत एक और महत्वपूर्ण पहल है। मुख्यमंत्री ने कहा, “59.13 करोड़ रुपये में से 30 करोड़ रुपये केंद्र द्वारा तथा शेष राशि राज्य द्वारा दी जाएगी।” उन्होंने कहा कि यह परियोजना राज्य सरकार के मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग तथा भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) के सहयोग से क्रियान्वित की जाएगी और इससे 143 व्यापारियों को प्रत्यक्ष लाभ होगा तथा 2,000 से अधिक लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मछली बाजार भुवनेश्वर और कटक में उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करेगा।
उन्होंने कहा कि परियोजना के क्रियान्वयन के लिए बीएमसी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं और यह कार्य नवंबर 2027 तक पूरा हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हीराकुंड में 95.47 एकड़ सरकारी भूमि पर बनने वाले एकीकृत एक्वा पार्क से आधुनिक मछली पालन को और बढ़ावा मिलेगा। परियोजना में किए जाने वाले 100 करोड़ रुपये के निवेश में से केंद्र सरकार 60 करोड़ रुपये का योगदान देगी जबकि शेष 40 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा खर्च किए जाएंगे। माझी ने कहा, “यह पूर्वी भारत की पहली एक्वा पार्क परियोजना होगी। जनवरी 2027 तक पूरी होने वाली यह परियोजना संबलपुर को आधुनिक मछली पालन के उत्कृष्टता केंद्र में बदल देगी।” -
नयी दिल्ली. महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने शनिवार को कहा कि हिंसा से पीड़ित महिलाओं को आश्रय, परामर्श, चिकित्सा सहायता और कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए निर्भया कोष की मदद से पूरे भारत में महिलाओं के लिए 854 ‘वन-स्टॉप' केंद्र स्थापित किए गए हैं। अन्नपूर्णा देवी 'बालिकाओं की सुरक्षा: भारत में उनके लिए सुरक्षित और सक्षम वातावरण की दिशा में' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वार्षिक हितधारक परामर्श को संबोधित कर रही थीं। इसका आयोजन ‘यूनिसेफ इंडिया' के सहयोग से उच्चतम न्यायालय की किशोर न्याय समिति द्वारा किया गया था। यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया, जिसके बारे में मंत्री ने कहा कि इससे चर्चा "विशेष रूप से सार्थक" रही। देवी ने कहा कि पिछले साल भारत में कानूनी रूप से गोद लिए गए बच्चों में 56 प्रतिशत लड़कियां थीं, जो सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘‘अब लड़कियों को बोझ नहीं, बल्कि आशा की किरण समझा जाता है।''
मंत्री ने महिला हेल्पलाइन 181, पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क, कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास और शक्ति साधन जैसी पहलों और महिलाओं की सुरक्षा एवं आत्मनिर्भरता को मजबूत करने में उनकी भूमिका के बारे में भी बात की। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह केवल एक नीतिगत चर्चा नहीं है, बल्कि हमारे राष्ट्र के भविष्य, हमारी सामाजिक चेतना और हमारी नैतिक जिम्मेदारी का एक जीवंत उदाहरण है।" कार्यक्रम में भारत के प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई और अन्य लोग भी शामिल थे। देवी ने कहा कि "नारी शक्ति" प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण के मूल में है और मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 के माध्यम से सरकार का एकीकृत दृष्टिकोण महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने लड़कियों की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए एक जीवन-चक्र दृष्टिकोण अपनाया है। हमारी सरकार की हर योजना में महिला सशक्तिकरण सर्वोच्च प्राथमिकता है।'' उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य महिलाओं को डिजिटल और वित्तीय साक्षरता, आत्मरक्षा प्रशिक्षण और जीवन कौशल शिक्षा प्रदान करके उनके भविष्य को मजबूत बनाना है। बाल शोषण के प्रति बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर जोर देते हुए, देवी ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, बाल विवाह निषेध अधिनियम और शिक्षा का अधिकार अधिनियम जैसे कानून बच्चों के लिए एक मजबूत कानूनी सुरक्षा जाल बनाते हैं। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि बच्चों के सामने आने वाले खतरों की प्रकृति बदल रही है, साइबर-धमकी, ऑनलाइन ग्रूमिंग और डिजिटल तस्करी नयी चुनौतियां पेश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार स्कूल-आधारित जागरूकता कार्यक्रम लागू कर रही है जिसमें मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक सहायता शामिल है ताकि हर बच्चा न केवल सुरक्षित रहे बल्कि मानसिक रूप से भी मज़बूत रहे।" मंत्री ने कहा, "लड़कियों के सम्मान को सिर्फ़ नीति ही नहीं, बल्कि संस्कृति बनाने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा।" यूनिसेफ की भारत प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्रे ने बाल संरक्षण में देश की प्रगति की सराहना की और किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समितियों और विशेष पॉक्सो अदालतों की स्थापना को ठोस प्रगति बताया। उन्होंने कहा, ‘‘मिशन वात्सल्य, मिशन शक्ति और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे प्रमुख कार्यक्रमों ने ऐसी नींव रखी है जिसे बड़े पैमाने पर लागू किया जा सकता है।'' मध्य प्रदेश के किशोर क्लब से लेकर तेलंगाना के भरोसा केंद्रों और ओडिशा व राजस्थान के वकालत समूहों तक, मैककैफ्रे ने सामुदायिक स्तर पर सफल हस्तक्षेपों पर प्रकाश डाला जो "बाल विवाह रोकने और युवा लड़कियों को सशक्त बनाने में मदद कर रहे हैं।'' हालांकि, उन्होंने रोकथाम, शिक्षा और उत्तरजीवी-केंद्रित देखभाल में निरंतर निवेश की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि भारत में चार में से एक लड़की की शादी अभी भी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है। उन्होंने संस्थानों और राज्यों में सामूहिक कार्रवाई का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘हर बच्चे को तत्काल, संवेदनशील, चिकित्सीय, मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता मिलनी चाहिए। न्याय शीघ्र और सम्मानजनक होना चाहिए।'' -
नयी दिल्ली. भारत में अमेरिका के नामित राजदूत सर्जियो गोर ने शनिवार रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है। शुक्रवार को यहां पहुंचे गोर ने कहा कि उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और विदेश सचिव विक्रम मिसरी समेत कई अन्य के साथ बैठकें हुईं। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के साथ मेरी बैठक शानदार रही। हमने रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी समेत द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने महत्वपूर्ण खनिजों के महत्व पर भी चर्चा की।''
गोर ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री मोदी को अपना महान और व्यक्तिगत मित्र मानते हैं। -
नासिक (महाराष्ट्र)। नासिक रोड क्षेत्र में अज्ञात व्यक्तियों ने शनिवार तड़के 20.26 लाख रुपये की नकदी से भरा एक एटीएम चुरा लिया। यह जानकारी पुलिस ने दी। अधिकारियों के अनुसार, करंसी नोट प्रेस (सीएनपी) के पास जेल रोड क्षेत्र में स्थित एसबीआई एटीएम कियोस्क में चेहरे पर नकाब लगाए कम से कम चार अज्ञात व्यक्ति घुस गए। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे पर काला रंग लगा दिया, अलार्म की बिजली काट दी और चार पहिया वाहन में एटीएम लेकर फरार हो गए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।
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नई दिल्ली। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या ‘दीपोत्सव-2025’ के पावन अवसर पर फिर एक बार जगमगाने को तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में होने वाला यह विश्वविख्यात आयोजन न केवल भव्यता का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गौरव का भी उत्सव बन चुका है।
इस वर्ष 17 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक प्रस्तावित प्रांतीयकृत दीपोत्सव मेला-2025 के कार्यक्रमों को शांतिपूर्ण और सुचारु ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा और व्यवस्थागत तैयारियां पूरी कर ली हैं। जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने दीपोत्सव मेला-2025 के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को सकुशल संपन्न कराने, कानून व्यवस्था बनाए रखने और वीवीआईपी आगमन की दृष्टि से मजिस्ट्रेट ड्यूटी तैनात की है। ये अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात पुलिस व अन्य विभागों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर संपूर्ण आयोजन को सफल बनाएंगे।दीप प्रज्ज्वलन से संबंधित कार्यों के लिए अपर जिलाधिकारी नगर/मेलाधिकारी और तीर्थ विकास परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रेम नारायण सिंह को प्रभारी बनाया गया है। शोभायात्रा (साकेत महाविद्यालय से रामकथा पार्क) के सुचारु संचालन हेतु मुख्य राजस्व अधिकारी गजेंद्र कुमार को प्रभारी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। वहीं, रामकथा पार्क व पुष्पवर्षा मंच की संपूर्ण व्यवस्था की जिम्मेदारी मुख्य राजस्व अधिकारी बाबूराम को सौंपी गई है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में साथ रहने हेतु डिप्टी कलेक्टर संतोष कुमार कुशवाहा को प्रभारी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार राज्यपाल की फ्लीट और कार्यक्रमों के लिए उपजिलाधिकारी बीकापुर श्रेया को जिम्मेदारी दी गई है। सरयू अतिथि गृह में वीवीआईपी अतिथियों के खान-पान और आतिथ्य सत्कार की संपूर्ण व्यवस्था उपजिलाधिकारी सदर राम प्रसाद त्रिपाठी के नेतृत्व में सुनिश्चित की जाएगी। रामकथा पार्क की संपूर्ण व्यवस्था मुख्य विकास अधिकारी कृष्ण कुमार सिंह को सौंपी गई है, जिनके साथ 12 अधिकारियों की टीम नियुक्त की गई है।राम की पैड़ी पर होने वाले भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम की व्यवस्था एडीएम वित्त एवं राजस्व महेंद्र कुमार सिंह के अधीन रहेगी। नया घाट सरयू आरती स्थल पर संपूर्ण व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी एडीएम प्रशासन अनिरुद्ध प्रताप सिंह को दी गई है।मीडिया टीम नौका संचालन, कच्चा-पक्का घाटों की व्यवस्था, एयरपोर्ट, यातायात नियंत्रण और प्रोटोकॉल कार्यों के लिए भी अलग-अलग अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। एडीएम एलओ इन्द्रकांत द्विवेदी को समस्त यातायात व्यवस्था का प्रभारी बनाया गया है। मीडिया टीम नौका व घाट प्रबंधन की जिम्मेदारी एएम बाराबंकी विवेकशील यादव और जिला सूचना अधिकारी संतोष कुमार द्विवेदी को दी गई है।20 अक्टूबर को होने वाले मुख्य दीपोत्सव दिवस पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में एडीएम (कानून व्यवस्था) इन्द्रकांत द्विवेदी की तैनाती रहेगी। हनुमानगढ़ी, मणिराम दास छावनी, बड़ा भक्त माल, दिगंबर अखाड़ा, कारसेवकपुरम आदि प्रमुख स्थलों पर भी डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, ताकि कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा और अनुशासन बना रहे। सिंचाई गेस्ट हाउस नया घाट में केंद्रीय मेला नियंत्रण कक्ष 16 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक 24 घंटे सक्रिय रहेगा।इसके अलावा, 47 आरक्षित मजिस्ट्रेट भी किसी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगे। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा भोजन-पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए विशेष टीम गठित की गई है। दीपोत्सव के पूर्व सभी स्थल विद्युत सुरक्षा, बैरिकेडिंग, मंच-पंडाल, अग्निशमन व खाद्य गुणवत्ता की जांच से गुजरेंगे। संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रमाण-पत्र मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों को समय से उपलब्ध कराएं।अधिकारियों ने कहा कि अयोध्या का दीपोत्सव केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि “रामराज्य के आदर्शों” का उत्सव है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह आयोजन विश्व स्तर पर भारतीय संस्कृति की पहचान बन चुका है। सरयू तट पर दीपों की अनगिनत ज्योति जब एक साथ प्रज्वलित होगी, तो वह दृश्य न केवल अयोध्या बल्कि पूरे विश्व को राम भक्ति के आलोक में सराबोर कर देगा। -
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने इसे देश के लिए खतरा बताते हुए कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ऑफिस ने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उनके बयान को पोस्ट किया। उन्होंने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 15 अगस्त 2025 को लाल किले से की गई घोषणा का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि हाई-पावर्ड डेमोग्राफिक मिशन का गठन अवैध प्रवासन, धार्मिक-सामाजिक जीवन पर उसके प्रभाव, असामान्य बसावट पैटर्न और सीमा प्रबंधन पर असर का अध्ययन करेगा। इस मिशन से विवाद उठेंगे, लेकिन विवाद से बचने और देश, लोकतंत्र, संस्कृति को बचाने के बीच यदि चुनना पड़े, तो भाजपा हमेशा देश को चुनेगी।उन्होंने भाजपा की नीति ‘डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट’ का उल्लेख किया और कहा, “हम घुसपैठियों को डिटेक्ट करेंगे, मतदाता सूची से डिलीट करेंगे और देश से डिपोर्ट करेंगे।” उन्होंने कहा, “गुजरात और राजस्थान में सीमाएं हैं, लेकिन वहां घुसपैठ नहीं होती, क्योंकि वहां सख्ती बरती जाती है।”उन्होंने असम का उदाहरण दिया, जहां 2011 की जनगणना में मुस्लिम आबादी की दशकीय वृद्धि दर 29.6 प्रतिशत थी, और कहा, “यह घुसपैठ के बिना संभव नहीं। पश्चिम बंगाल के कई जिलों में यह 40 प्रतिशत है, और सीमावर्ती क्षेत्रों में 70 प्रतिशत तक पहुंच गई। यह घुसपैठ का स्पष्ट प्रमाण है।”उन्होंने पाकिस्तान-बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए भारत के दरवाजे खोलने की बात करते हुए कहा, “जितना मेरा अधिकार इस देश की मिट्टी पर है, उतना ही उनका। लेकिन जो धार्मिक प्रताड़ना के बिना आर्थिक या अन्य कारणों से आते हैं, वे घुसपैठिए हैं। कोई भी आ जाए, तो देश धर्मशाला बन जाएगा। 1951 में हिंदू 84 प्रतिशत, मुस्लिम 9.8 प्रतिशत। 1971 में हिंदू 82 प्रतिशत, मुस्लिम 11 प्रतिशत। 1991 में हिंदू 81 प्रतिशत, मुस्लिम 12.21 प्रतिशत, और 2011 में हिंदू 79 प्रतिशत और मुस्लिम 14.2 प्रतिशत हैं। वहीं, अब मुस्लिम आबादी 24.6 प्रतिशत हो गई। यह घुसपैठ के कारण हुई। -
अयोध्या . भगवान राम के प्रति भक्ति और तीन दशक से भी अधिक समय पहले की गई प्रतिज्ञा से प्रेरित होकर 73 वर्षीय एक व्यक्ति ने बृहस्पतिवार को गुजरात के मेहसाणा से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक 1,338 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा पूरी की। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र मीडिया सेंटर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मेहसाणा जिले के मोदीपुर गांव के निवासी जयंतीलाल हरजीवनदास पटेल, 1990 में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में सोमनाथ-अयोध्या रथ यात्रा के दौरान लिए गए अपने संकल्प को पूरा करने के लिए 40 दिनों की पैदल यात्रा के बाद अयोध्या पहुंचे। पटेल ने अपने गृह राज्य गुजरात में भी इस यात्रा में भाग लिया था। उन्होंने 30 अगस्त को अपनी यात्रा शुरू की। बयान में कहा गया है कि प्रतिदिन 33 से 35 किलोमीटर पैदल चलकर और रात में विश्राम करके, उन्होंने रास्ते में मंदिरों, सार्वजनिक पार्कों और गेस्ट हाउस में रुककर यह दूरी तय की। रिश्तेदार अक्सर उन्हें मोबाइल फोन के जरिए अगले पड़ावों के बारे में बताते रहते थे ताकि उन्हें अगले पड़ाव की योजना बनाने में मदद मिल सके। राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा और अयोध्या परिसर में राम मंदिर और आठ अन्य तीर्थस्थलों पर ध्वजारोहण समारोह की घोषणा के साथ, पटेल ने तय किया कि अब अपने दशकों पुराने संकल्प को पूरा करने का समय आ गया है। बयान में कहा गया है कि अयोध्या पहुंचने पर, उन्होंने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय से मिलने के लिए कारसेवकपुरम का भी दौरा किया।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना के तहत हुई प्रगति पर उन्हें बधाई दी। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने पुनः पुष्टि की कि किसी भी तरह का आतंकवाद विश्व में कहीं भी अस्वीकार्य है। मोदी ने कहा, ‘‘हम बंधकों की रिहाई और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता बढ़ाने पर हुए समझौते का स्वागत करते हैं।'' इससे पहले मोदी ने ट्रंप से भी बात की और गाजा शांति योजना पर उन्हें बधाई दी।
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नयी दिल्ली. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को कहा कि अस्थिर भू-राजनीतिक स्थिति में जहां व्यापार एवं शुल्क हथियार बन गए हैं... भारत अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश को वैश्विक बाजारों पर निर्भर हुए बिना खाद्य सुरक्षा को और मजबूत करना चाहिए। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की 120वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत, ‘विश्व में भाई' की भूमिका निभाने में विश्वास रखता है और दुनिया के बारे में चिंतित है लेकिन देश का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसी अस्थिर भू-राजनीतिक स्थिति में जहां राष्ट्र एक-दूसरे से लड़ रहे हैं, जहां व्यापार एवं शुल्क को हथियार माना जा रहा है, जहां राष्ट्र अपनी मनमानी से दुनिया पर शासन कर रहे हैं... ऐसी स्थिति में, भारत को अपना रास्ता चुनना होगा। हम किसी के दबाव में नहीं आएंगे। अपने देश के हितों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है और यह वैश्विक शांति के लिए आवश्यक है। भारत जैसे जिम्मेदार देश को आगे आना चाहिए।'' मंत्री ने कहा कि भारत की 46 प्रतिशत आबादी अपनी आजीविका के लिए सीधे तौर पर कृषि पर निर्भर है। इस पर निर्भरता को कम करने के लिए जारी प्रयासों के बावजूद इस क्षेत्र को मजबूत करना महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ मौजूदा स्थिति में खाद्यान्न के लिए वैश्विक बाजार पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। इसलिए हमें आत्मनिर्भर बनना होगा।'' पीएल480 कार्यक्रम के तहत अमेरिकी खाद्य सहायता पर भारत की पिछली निर्भरता का जिक्र करते हुए चौहान ने कहा कि देश ने एक लंबा सफर तय किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ एक समय ऐसा भी था जब अतीत में किसी प्रधानमंत्री को लोगों से सप्ताह में एक बार उपवास रखने के लिए कहना पड़ता था। अब 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। गोदाम इस समय चावल और गेहूं से भरे हुए हैं।'' चौहान ने न केवल खाद्य सुरक्षा के लिए बल्कि किसानों की आय सुनिश्चित करने के लिए भी कृषि को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए छह प्रमुख क्षेत्रों में काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ चावल और गेहूं के मामले में हम वैश्विक औसत पर हैं, लेकिन दलहन एवं तिलहन के मामले में हम पीछे हैं। हमें दलहन और खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भर बनना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) बेहतर गुणवत्ता वाले बीज विकसित करने के लिए काम कर रही है। चूंकि भारत में आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों की अनुमति नहीं है, इसलिए ‘हाइब्रिड' बीज विकसित करने के लिए जीनोम संपादन विधि का उपयोग किया जा रहा है और इसमें ‘‘उत्साहजनक सफलता'' मिल रही है। चौहान ने छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए मशीनीकरण और खाद्य प्रसंस्करण को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि ‘विकसित भारत' के निर्माण में सभी की भूमिका है।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत की और उन्हें ‘ऐतिहासिक’ गाजा शांति समझौते की सफलता पर बधाई दी। दोनों नेताओं के बीच यह फोन कॉल ऐसे समय हुआ जब इजराइल और हमास ट्रंप द्वारा प्रस्तावित शांति समझौते के पहले चरण पर सहमत हुए हैं। इस बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में हुई हाल की प्रगति की भी समीक्षा की और आगे संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “अपने मित्र, राष्ट्रपति ट्रंप से बात की और ऐतिहासिक गाजा पीस प्लान की सफलता पर उन्हें बधाई दी। व्यापार वार्ता में हुई अच्छी प्रगति की भी समीक्षा की। आने वाले हफ्तों में निकट संपर्क में रहने पर सहमति बनी।” यह एक महीने के अंतराल में दोनों नेताओं के बीच दूसरी बातचीत थी। इससे पहले 16 सितंबर को ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके 75वें जन्मदिन पर फोन कर शुभकामनाएं दी थीं।विशेषज्ञों के मुताबिक महीनों के तनाव के बाद भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते अब स्थिर होते दिख रहे हैं। दोनों देशों ने व्यापार वार्ता को फिर से शुरू किया है। सितंबर के अंत में, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर से मुलाकात की थी।वाणिज्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी सरकार के साथ सौदे के विभिन्न पहलुओं पर ‘रचनात्मक बैठकें’ कीं। बयान में आगे कहा गया, “दोनों पक्षों ने संभावित व्यापार समझौते की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया और पारस्परिक रूप से लाभकारी सौदे को जल्द अंतिम रूप देने पर सहमति जताई। -
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को चार डिप्टी गवर्नर के विभागों में फेरबदल किया और अपने 32 विभागों को उनके बीच वितरित कर दिया। आरबीआई ने बयान में कहा कि एम राजेश्वर राव की सेवानिवृत्ति के बाद बृहस्पतिवार को डिप्टी गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालने वाले शिरीष चंद्र मुर्मू संचार, सरकार और बैंक खातों, विनियमन और प्रवर्तन विभागों की जिम्मेदारी संभालेंगे। अन्य तीन डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर, स्वामीनाथन जानकीरमन और पूनम गुप्ता हैं।
गुप्ता मौद्रिक नीति विभाग का कार्यभार संभालेंगी। उन्हें आर्थिक एवं नीति अनुसंधान और वित्तीय स्थिरता विभाग सहित पांच अन्य विभागों का कार्यभार भी सौंपा गया है। शंकर को मुद्रा प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी, भुगतान एवं निपटान प्रणाली, वित्तीय प्रौद्योगिकी और विदेशी मुद्रा सहित 12 विभाग सौंपे गए हैं। बयान के अनुसार, जानकीरमन 10 विभागों का कार्यभार संभालेंगे। इनमें पर्यवेक्षण, वित्तीय समावेशन एवं विकास तथा निरीक्षण विभाग शामिल हैं। -
नयी दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने दिवाली से पहले एक सितंबर से शहर भर में 7,800 किलोग्राम से अधिक अवैध पटाखे जब्त किए हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि अब तक 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह अभियान विभिन्न पुलिस जिलों और इकाइयों द्वारा चलाया गया है जिनमें अपराध शाखा और एएटीएस टीमें भी शामिल हैं। यह अभियान दिवाली के दौरान प्रदूषण को कम करने के लिए पटाखों की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों और दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध के अनुरूप है।
पुलिस के अनुसार, सबसे बड़ी बरामदगी 25 सितंबर को हुई, जब पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन की टीम ने विशाल एन्क्लेव के एक घर से 3,580 किलोग्राम पटाखे जब्त किए। एक परिवार के तीन सदस्यों-सुशील कक्कड़, उपासना और शिवम को पटाखे जमा करने और उनकी पैकेजिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "यह खेप मेरठ, गुरुग्राम और गाजियाबाद से दिल्ली में बेचने के लिए मंगवाई गई थी। पटाखे घर के रसोई सहित हर कोने में रखे गए थे जो सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा था।'' इससे पहले 16 सितंबर को, पुलिस ने बदरपुर के मोलादबंद इलाके में एक छत पर बने कमरे से 225 किलोग्राम पटाखे जब्त किए थे और धर्मवीर सिंह को गिरफ्तार किया था, जिसने कथित तौर पर हरियाणा के पलवल से यह सामान खरीदा था। उत्तरी दिल्ली के विजय नगर में 27 सितंबर को दो लोगों- ललित कुमार गुलाटी और मुकुल वासन को गिरफ्तार कर 164 किलोग्राम पटाखे बरामद किए गए। बिंदापुर के मटियाला गांव में दो अक्टूबर को एक और बड़ी बरामदगी हुई, जब 693 किलोग्राम पटाखे बरामद किए गए। आरोपी दिलबाग सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने मंडोली में एक और गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए भगवती प्रसाद, उसके बेटे तरुण सिंघल और आपूर्तिकर्ता राजीव गोयल को गिरफ्तार किया और प्रतिबंधित पटाखे जब्त किए गए। अभियान के एक अन्य चरण में, अपराध शाखा और जिला पुलिस इकाइयों ने द्वारका, रोहिणी, उत्तम नगर, शास्त्री नगर, मुकुंदपुर और शाहदरा में छापेमारी की, जिसमें 1,645 किलोग्राम प्रतिबंधित पटाखे जब्त किए गए और छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कहा कि यह खेप हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से खरीदी गयी थी। इन छापों के बाद, एक से छह अक्टूबर के बीच शाहदरा में 1,200 किलोग्राम और पटाखे जब्त किए गए और छह गिरफ्तारियां हुईं। अपराध शाखा ने इसी से संबंधित एक मामले में पांच अक्टूबर को बामनोली चौक के पास एक टेंपो को रोका, जिसमें से 394 किलोग्राम पटाखे बरामद किए और चालक सहित दो अन्य को गिरफ्तार किया गया। इस सप्ताह, अपराध शाखा ने संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर के एक गोदाम से 192 किलोग्राम अवैध पटाखे जब्त किए और हिमाचल प्रदेश निवासी पवन कुमार को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा कि वह अवैध व्यापार में शामिल नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए निरीक्षण और जांच जारी रखेगी। एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "बरामद खेप के स्रोत का पता लगाने और दिल्ली में प्रतिबंधित सामग्री की बिक्री को रोकने के लिए कई टीमों का गठन किया गया है।" उन्होंने कहा कि सितंबर से अब तक की गई संयुक्त छापेमारी में शहर के विभिन्न जिलों से 7,876.5 किलोग्राम प्रतिबंधित पटाखे जब्त किए गए हैं और 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। -
देहरादून। उत्तराखंड में मानसून के दौरान आपदाओं के कारण बार-बार बाधित हुई चारधाम यात्रा बर्फबारी और लगातार खराब मौसम के बावजूद अब फिर से रफ्तार पकड़ चुकी है। केदारनाथ और बदरीनाथ मंदिर में उमड़ रहे श्रद्धालुओं की संख्या नये रिकॉर्ड कायम कर रही है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को केदारनाथ और बदरीनाथ यात्रा के संबंध में नये रिकॉर्ड बने। इसके अनुसार, केदारनाथ में जहां इस साल दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या बुधवार को 16.56 लाख के पार चली गई, वहीं बदरीनाथ में यह आंकड़ा 14.53 लाख से अधिक हो गया। आंकड़ों के मुताबिक, पिछला रिकॉर्ड 2024 में बना था, जब पूरे यात्राकाल में 16.52 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए केदारनाथ मंदिर पहुंचे थे, जबकि बदरीनाथ के दर्शन के लिए 14.35 लाख श्रद्धालु गए थे। बुधवार को शाम सात बजे तक एक ही दिन में कुल 19,731 तीर्थयात्रियों ने चारों धाम (बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) और हेमकुंड साहिब के दर्शन किए। बदरीनाथ मंदिर में 5,042, केदारनाथ मंदिर में 5,614, गंगोत्री धाम में 6,217 और यमुनोत्री धाम में 2,360 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए, जबकि 498 तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब पहुंचे। पांच अगस्त को धराली आपदा के बाद से अतिवृष्टि, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं के कारण चारधाम यात्रा में गिरावट का रुझान देखने को मिला था। 20 दिन के अंतराल में उत्तराखंड में आई धराली, स्यानाचट्टी, थराली सहित कई अन्य आपदाओं के कारण चारधाम यात्रा लगभग पटरी से उतर गई थी। सितंबर के पहले हफ्ते में भी खराब मौसम की चेतावनी के कारण यात्रा को चार दिनों तक स्थगित रखा गया था। हालांकि, पांच सितंबर के बाद तीर्थयात्रा ने धीमी गति से ही सही रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी और 10 सितंबर को एक दिन में लगभग 8,000 श्रद्धालु इन तीर्थस्थलों के दर्शन के लिए पहुंच गए। धराली आपदा से एक दिन पहले चार अगस्त तक 41.61 लाख तीर्थयात्री चारधाम यात्रा कर चुके थे। अब यात्रा के फिर से रफ्तार पकड़ने के बाद चारधाम तथा हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए इस सीजन में आने वाले कुल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 47.39 लाख तक पहुंच गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में यह आंकड़ा बढ़कर 50 लाख तक पहुंच सकता है, क्योंकि चारधाम यात्रा समाप्त होने में अभी काफी समय बाकी है। केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को, जबकि गंगोत्री धाम के कपाट दीवाली के अगले दिन 22 अक्टूबर को और बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे। इसी के साथ इस साल की चारधाम यात्रा समाप्त हो जाएगी।
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मुंबई । शिरीष चंद्र मुर्मू ने बृहस्पतिवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर का पदभार संभाल लिया। मुर्मू विनियमन एवं प्रवर्तन सहित चार विभागों का कार्यभार संभालेंगे। वह एम राजेश्वर राव का स्थान लेंगे। राव बृहस्पतिवार को सेवानिवृत्त हो गए।आरबीआई ने बयान में कहा कि मुर्मू को तीन साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक (जो भी पहले हो) डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया है। मुर्मू इस पहले केंद्रीय बैंक में कार्यकारी निदेशक के पद पर तैनात थे।
एक अलग बयान में आरबीआई ने कहा कि संजय कुमार हंसदा को तीन मार्च, 2025 से कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। मुर्मू 1991 में रिजर्व बैंक में शामिल हुए और विभिन्न पदों पर कार्य किया।उन्होंने पूर्व में बैंक ऑफ इंडिया और देना बैंक के निदेशक मंडल में आरबीआई के नामित निदेशक के रूप में कार्य किया है, साथ ही ईसीजीसी लिमिटेड के निदेशक मंडल में भी कार्य किया है। -
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को वैश्विक कंपनियों का भारत की वृद्धि गाथा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि देश दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025' को संबोधित करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी केवल सुविधा का साधन नहीं, बल्कि समानता का माध्यम भी है। उन्होंने कहा, ‘‘इस समावेशी दृष्टिकोण ने भारत की बैंकिंग प्रणाली को बदल दिया है। पहले बैंकिंग एक विशेषाधिकार थी, लेकिन डिजिटल प्रौद्योगिकी ने इसे सशक्तीकरण का साधन बना दिया है। आज डिजिटल भुगतान हर व्यक्ति के जीवन का हिस्सा है और इसका श्रेय ‘जैम तिकड़ी' यानी जन धन, आधार और मोबाइल को जाता है।'' मोदी ने कहा कि भारत की वित्तीय-प्रौद्योगिकी (फिनटेक) क्षमता को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है। उन्होंने कहा कि भारत न केवल अन्य देशों के साथ प्रौद्योगिकी साझा कर रहा है, बल्कि इसे विकसित करने में भी उनकी मदद कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं सभी देशों, खासकर ब्रिटेन को भारत के साथ साझेदारी के लिए आमंत्रित करता हूं। सभी वैश्विक निवेशक भारत की वृद्धि गाथा का हिस्सा बनें। हमें ऐसा फिनटेक विश्व बनाना है जहां प्रौद्योगिकी, लोग और धरती सबका समान रूप से विकास हो। नवाचार का लक्ष्य केवल वृद्धि नहीं, बल्कि अच्छाई भी होना चाहिए और वित्त का मतलब सिर्फ संख्या नहीं बल्कि मानव प्रगति भी है।''
भारत के फिनटेक समुदाय के प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा, ‘‘हमारे स्वदेशी समाधान वैश्विक प्रासंगिकता प्राप्त कर रहे हैं। चाहे वह क्यूआर नेटवर्क हो, ओपन कॉमर्स हो या ओपन फाइनेंस फ्रेमवर्क, हमारे स्टार्टअप वृद्धि को दुनिया भर में मान्यता मिल रही है।'' मोदी ने कहा कि इस वर्ष के पहले छह महीनों में, भारत वैश्विक स्तर पर शीर्ष तीन सबसे अधिक वित्त पोषित वित्तीय प्रौद्योगिकी परिवेश में शामिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि भारत का डिजिटल ढांचा एक नए खुले परिवेश को जन्म दे रहा है। ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) छोटे दुकानदारों और एमएसएमई के लिए वरदान साबित हो रहा है, जिससे उन्हें नए बाजारों तक पहुंचने में मदद मिल रही है।'' उन्होंने कहा कि इसी तरह, ओपन क्रेडिट इनेबलमेंट नेटवर्क (कर्ज के लिए डिजिटल परिवेश) ने छोटे उद्यमियों के लिए ऋण तक पहुंच को आसान बना दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जो कर रहा है, वह खासकर ‘ग्लोबल साउथ' के देशों के लिए उम्मीद की किरण है। भारत अपने डिजिटल नवाचार के माध्यम से दुनिया में डिजिटल सहयोग और डिजिटल साझेदारी को बढ़ाना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हम वैश्विक जनहित के लिए अपने अनुभव और ‘ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म' (सार्वजनिक रूप से सुलभ) दोनों को साझा कर रहे हैं।'' प्रधानमंत्री ने कृत्रिम मेधा (एआई) के बारे में कहा कि आज दुनिया में एआई के लिए विश्वास और सुरक्षा नियमों को लेकर बहस चल रही है। हालांकि, भारत ने इसके लिए पहले ही एक भरोसे की परत बना ली है और भारत का एआई मिशन डेटा और गोपनीयता दोनों मुद्दों को संभालने की क्षमता रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा नैतिक एआई के लिए एक वैश्विक ढांचे का समर्थन किया है।
प्रधानमंत्री ने भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए कहा, ‘‘हम जब लोकतंत्र की बात करते हैं तो यह केवल चुनाव या नीति निर्माण तक सीमित नहीं है। भारत ने लोकतांत्रिक भावना को शासन का मजबूत स्तंभ बनाया है। इसका सर्वोत्तम उदाहरण प्रौद्योगिकी है।'' उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारत ने प्रौद्योगिकी का लोकतांत्रीकरण किया है और आज भारत सर्वाधिक प्रौद्योगिकीय रूप से समावेशी समाज में से एक है। इस अवसर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने कहा कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) दोनों देशों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को बढ़ावा देगा। स्टार्मर ने व्यापक आर्थिक व्यापार समझौते (सीईटीए) को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, ‘‘इससे हमारे सकल घरेलू उत्पाद में अरबों पाउंड, आपके सकल घरेलू उत्पाद में सैकड़ों अरब रुपये और वेतन में भी अरबों रुपये जुड़ेंगे।'' उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ छोड़ने के बाद से यह ब्रिटेन द्वारा किया गया सबसे बड़ा समझौता है और ‘‘मुझे लगता है कि यह कहना उचित होगा कि यह भारत द्वारा किया गया अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता है।'' स्टार्मर ने कहा कि यह व्यापार समझौता अतुलनीय अवसरों का वादा करता है।
ब्रिटेन और भारत को स्वाभाविक साझेदार बताते हुए, स्टार्मर ने कहा, ‘‘हम दोनों फिनटेक में विश्व में अग्रणी हैं। हमारे पास दुनिया में दूसरे और तीसरे सबसे बड़े फिनटेक क्षेत्र हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चार वर्षों में ही हमारी व्यापारिक सेवाएं दोगुनी हो गई हैं और अब हमारा व्यापार समझौता हमें और भी आगे बढ़ने के लिए एक मंच प्रदान करता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि वित्त और फिनटेक के लिए ब्रिटेन आपका नंबर एक पसंदीदा साझेदार बने।''
इस मौके पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, ‘‘फिनटेक वास्तव में एक बदलावकारी शक्ति है जो वित्त का लोकतांत्रीकरण करके और हमारे नागरिकों और कंपनियों को सशक्त बनाकर भारत और ब्रिटेन दोनों में हमारी अर्थव्यवस्थाओं को आकार दे रही है। ब्रिटेन और भारत, फिनटेक स्टार्टअप की संख्या और इस क्षेत्र में आने वाले निवेश के पैमाने के मामले में शीर्ष देशों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में भारत-ब्रिटेन साझेदारी पहले से ही एक बहुत मजबूत आधार पर टिकी हुई है। ‘‘फिनटेक में हमारे दोनों देशों के बीच तालमेल भी स्पष्ट है। हम भारत में ब्रिटेन की कई फिनटेक कंपनियों को आते देख रहे हैं, जो अभिनव सीमापार भुगतान समाधान प्रदान करने के लिए यूपीआई के साथ एकीकृत हो रही हैं।'' मल्होत्रा ने कहा कि भविष्य में सहयोग और साझेदारी के काफी अवसर हैं।उन्होंने कहा, ‘‘ये सहयोग द्विपक्षीय लाभों से परे भी लाभ प्रदान कर सकते हैं। ये वैश्विक स्तर पर डिजिटल वित्त में समावेश, दक्षता और विश्वास के लिए नए मानक स्थापित कर सकते हैं।' -
नयी दिल्ली। कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सितंबर में बारिश के कारण खनन गतिविधियां बाधित हुईं और इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लि. (सीआईएल) के उत्पादन में गिरावट आई। हालांकि, मंत्री ने स्पष्ट किया कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं है।आईसीसी के वार्षिक पूर्ण अधिवेशन के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत में मंत्री ने कहा कि सितंबर में बारिश के कारण कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन घट गया। देश के कोयला उत्पादन में सीआईएल का योगदान 80 प्रतिशत से अधिक है। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के दौरान भारी बारिश और जलजमाव के कारण कोयला खनन में संचालन संबंधी कठिनाइयां उत्पन्न होती हैं, जिससे कोयला उत्पादन में गिरावट आती है। कोयला क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी ने सितंबर में उत्पादन में 3.9 प्रतिशत की वार्षिक गिरावट दर्ज की और यह 4.89 करोड़ टन रहा। पिछले वित्त वर्ष के इसी माह में कंपनी का उत्पादन 5.94 करोड़ टन था।
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अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर 21 फुट ऊंची धर्म ध्वजा फहराएंगे। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम के साथ मंदिर निर्माण का काम आधिकारिक तौर पर पूरा हो जाएगा। मिश्रा ने पत्रकारों से बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी के अयोध्या आगमन के कार्यक्रम की पुष्टि की और दावा किया कि यह समारोह “ऐतिहासिक” होगा। उन्होंने कहा कि ध्वजारोहण के जरिये प्रधानमंत्री दुनिया को संदेश देंगे कि इंतजार की घड़ियां अब खत्म हो गई हैं और आस्था का लंबे समय पहले देखा गया सपना साकार हो गया है। ध्वजारोहण समारोह 25 नवंबर को राम विवाह पंचमी की शुभ तिथि पर आयोजित किया जाएगा। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर का भूमिपूजन किया था और 22 जनवरी 2024 को राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए थे। मिश्रा ने पुष्टि की कि मुख्य मंदिर का निर्माण कार्य “लगभग पूरा” हो चुका है। उन्होंने कहा कि बाहरी दीवार का निर्माण भी अंतिम चरण में है और शेषावतार मंदिर, सप्त मंडपम तथा पुष्करणी (पवित्र तालाब) का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। मिश्रा ने बताया कि मंदिर के पास श्रद्धालुओं के लिए जूता स्टैंड बनाने का काम भी अंतिम दौर में है और इसके नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। मुख्य कार्यक्रम से पहले 21 से 25 नवंबर तक अयोध्या और काशी के विद्वान संत मंदिर में पांच दिवसीय वैदिक अनुष्ठान का आयोजन करेंगे। निर्माण समिति की बैठक में निष्कर्ष निकाला गया कि निर्माण कार्य की प्रगति संतोषजनक है। इस बैठक में मंदिर न्यास के महासचिव चंपत राय, न्यासी अनिल मिश्रा और निर्माण प्रभारी गोपाल राव शामिल हुए।
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नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों से कहा कि आतंकवादी सीमा पार से घुसपैठ के लिए बर्फबारी का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं, ऐसे में जम्मू-कश्मीर में कड़ी निगरानी रखी जाए। इस केंद्र शासित प्रदेश की उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों को यह सुनिश्चित करने के लिए ‘‘पूरी तरह तैयार रहना चाहिए'' कि आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में सीमा पार घुसपैठ के लिए बर्फबारी का फायदा न उठा सकें। इस समीक्षा बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन डेका, सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी, जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक जीपी सिंह और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। गृहमंत्री ने ‘एक्स' पर ट्वीट किया, ‘‘(मैंने) उपराज्यपाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा की समीक्षा की। हम जम्मू-कश्मीर में आतंकी समर्थक तंत्र की कमर तोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'' गृह मंत्री ने लिखा, ‘‘हमारे सुरक्षा बलों के लिए क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरे में डालने के किसी भी प्रयास को कुचलने की पूरी स्वतंत्रता बनी रहेगी। मोदी जी के आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सतर्कता और तालमेल को और बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।'' गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी नेटवर्क लगभग पंगु हो गया है। उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की तथा आश्वासन दिया कि आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर की दिशा में प्रयासों को जारी रखने के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये जाते रहेंगे। शाह की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर पर पिछली समीक्षा बैठक एक सितंबर को हुई थी।
अप्रैल में पहलगाम आतंकवादी हमला होने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि केंद्र-शासित प्रदेश में पर्यटन जल्द सामान्य हो जाए। - नई दिल्ली। ‘ पीएम मोदी 11 अक्टूबर को पूसा, दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ की शुरुआत करेंगे। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी करेंगे।केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में जाने से पहले पीएम मोदी प्राकृतिक खेती, दलहन मिशन, धन-धान्य योजना के अंतर्गत आने वाले विभिन्न किसानों से अलग-अलग संवाद पूसा के खुले क्षेत्र में खेतों के बीच करेंगे। पीएम के इस कार्यक्रम से 731 कृषि विज्ञान केंद्र, आईसीएआर के 113 संस्थान, मंडियां, किसान समृद्धि केंद्र, पंचायतें भी जुड़ेगी, जहां पर कार्यक्रम होगा, साथ ही ब्लॉक और जिलों में भी कार्यक्रम होंगे, इनके अलावा हर राज्य का एक प्रमुख कार्यक्रम होगा, इन सबसे लगभग 1 करोड़ किसान सीधे कहीं न कहीं से जुड़कर प्रधानमंत्री से प्रेरणा प्राप्त करेंगे और लगभग सवा करोड़ किसान भाई-बहन ऑनलाइन भी जुड़ेंगे।शिवराज सिंह ने कहा कि ये दो नई प्रमुख योजनाएं आत्मनिर्भरता और उत्पादकता बढ़ाने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, जिनका पीएम शुभारंभ करने वाले हैं ।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में कृषि और किसान कल्याण के प्रमुख लक्ष्यों; देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आय बढ़ाना, पोषणयुक्त अनाज उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्धता से काम किया जा रहा है। सरकार खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने को लेकर तत्परता से काम कर रही है। 2014 से अब-तक खाद्यान्न उत्पादन में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। गेहूं, चावल, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन के उत्पादन में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी हुई है। आज गेहूं और चावल में हम पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं, वहीं 4.39 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कृषि उत्पादों का निर्यात किया गया है, लेकिन दलहन के मामले में अभी और प्रयास करने की जरूरत है। शिवराज सिंह ने कहा कि आज जब आत्मनिर्भरता बहुत महत्वपूर्ण हो गई है, हमारा देश अब खाद्यान्न के लिए किसी पर निर्भर नहीं रह सकता।शिवराज सिंह ने कहा कि अभी दालों का उत्पादन 242 लाख टन है, इसे बढ़ाकर 350 लाख टन दलहन का उत्पादन करना है। प्रति हेक्टेयर उत्पादकता हमारी कम है अभी 880 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (यह औसत है, कई किसान इससे ज़्यादा उत्पादन करते हैं)। इस औसत को बढ़ाकर हमें 1130 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर ले जाना है। इसके लिए हमने जो रणनीति बनाई है पहला, अनुसंधान और विकास दालों के ऐसे बीज जिनकी उत्पादकता ज्यादा हो और जो रोग-प्रतिरोधी हों। गेहूं और धान की तुलना में अगर दालों को देखें तो दलहन की फसल ज्यादा सर्दी सहन नहीं कर पाती, अरहर खराब हो जाती है, कीटों का प्रकोप ज्यादा होता है, इसलिए उच्च उत्पादकता वाली, कीट-प्रतिरोधी और जलवायु-अनुकूल किस्मों का विकास और उन्हें किसानों तक पहुंचाने का काम हमें करना पड़ेगा। भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक भी है उपभोक्ता भी है लेकिन बावजूद इसके सबसे ज्यादा दालों का आयात भारत ही करता है, इसलिए दालों में आत्मनिर्भरता के लिए ‘दलहन मिशन’ की योजना बनाई गई है। इस मिशन के तहत बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2030-31 तक दालों के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी करना है।केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि दलहन से जुड़े लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अनुसंधान और विकास की रणनीति बनाई गई है। उच्च उत्पादकता वाली, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल किस्मों का विकास करने पर बल दिया जा रहा है। ऐसी किस्में किसानों तक सही समय पर पहुंचे, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। अच्छे बीज किसानों तक ‘मिनी किट्स’ के रूप में पहुंचाए जाएंगे। 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज किसानों को वितरित किए जाएंगे। 88 लाख नि:शुल्क बीज किट बांटे जाएंगे।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दलहन बुवाई वाले क्षेत्रों में ही यदि प्रोसेसिंग का काम हो जाए तो किसानों को उत्पादन के ठीक दाम भी मिलेंगे और प्रोसेसिंग का काम भी वही संपन्न हो जाएगा। 1,000 प्रसंस्करण इकाइयों जिन पर सरकार 25 लाख रुपए की सब्सिडी देगी, उन्हें भी स्थापित करने का लक्ष्य है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा राज्यों की सहभागिता के साथ पूरा कृषि अमला एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम के लक्ष्य के तहत काम करेगा।केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना पर जानकारी देते हुए कहा कि पूरे देश में हर क्षेत्र की उत्पादकता एक जैसी नहीं है। अलग-अलग फसलों की उत्पादकता अलग-अलग राज्यों में भी अलग है। यहां तक कि एक राज्य में जिलों की उत्पादकता भी विभिन्न है, इसलिए सरकार ने तय किया है कि कम उत्पादकता वाले जिले छांटे जाएंगे और उनमें उत्पादकता बढ़ाने के लिए कुछ विशेष प्रयत्न किए जाएंगे।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कम उत्पादकता वाले जिलों को यदि औसत स्तर पर भी ले आए तो देश के कुल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। जरूरतें भी पूरी होंगी और उन जिलों के किसानों की आय भी बढ़ेगी। फिलहाल ऐसे 100 जिले चयन किए गए हैं, जिन पर केंद्रित होकर काम किया जाएगा और योजना के तहत इन जिलों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रयत्न किए जाएंगे। प्रयत्नों में सिंचाई की व्यवस्था में विस्तार, भंडारण की व्यवस्था, दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋणों की सुविधाओं में विस्तार, फसलों में विविधिकरण शामिल हैं। प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना, आकांक्षी जिलों के लिए बनाए मॉडल पर भी आधारित है। नीति आयोग डैशबोर्ड के माध्यम से निगरानी करेगा। उन्होंने कहा कि 11 अक्टूबर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर पीएम मोदी द्वारा देशभर में कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को भी रेखांकित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), सहकारी समितियों और तकनीकी नवाचारों वाले किसानों को सम्मानित करेंगे। इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को रेखांकित किया जाएगा, जैसे 10,000 FPOs से जुड़े 50 लाख से अधिक किसान, जिनमें 1,100 ‘करोड़पति एफपीओ’ 1 करोड़ रुपए से अधिक का वार्षिक कारोबार कर रहे हैं। राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के अंतर्गत 1 लाख से अधिक किसानों का जैविक प्रमाणीकरण हुआ है, वहीं 10,000 नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का कंप्यूटरीकरण और इन्हें जन सेवा केंद्र, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र तथा उर्वरक विक्रेताओं के रूप में परिवर्तन करने का काम महत्वपूर्ण है। 10,000 नई बहुउद्देशीय पीएसीएस के माध्यम से डेयरी और मत्स्य पालन की प्राथमिक सहकारी समितियों स्थापित, साथ ही 4275 ग्रामीण भारत के बहुउद्देशीय एआई तकनीशियन का प्रमाणन जैसी पहल महत्वपूर्ण है।
- गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि राज्य पुलिस ने बृहस्पतिवार को कछार जिले से दो मादक पदार्थ तस्करों को गिरफ्तार किया और 2.16 करोड़ रुपये मूल्य की खांसी की दवा जब्त की। शर्मा ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक वाहन को रोका और खांसी की दवा की 21,600 बोतलें जब्त कीं। उन्होंने कहा, ‘‘विश्वसनीय सूचना के आधार पर कछार पुलिस ने रोंगपुर में पड़ोसी राज्य से आ रहे एक वाहन को रोका... असम पुलिस का स्पष्ट संदेश है- मादक पदार्थों के खिलाफ असम।'' इस संबंध में आवश्यक कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को कहा कि भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच हो रहा व्यापार समझौता दोनों बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साझा विकास और समृद्धि का रोडमैप है। यह समझौता न केवल मार्केट एक्सेस को बढ़ाएगा बल्कि दोनों देशों के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को मजबूती देगा और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आयोजित भारत-यूके सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि वर्तमान में भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 56 अरब डॉलर का है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने इस व्यापार को 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि यह लक्ष्य निर्धारित समय से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत राजनीतिक स्थिरता और व्यापक मांग के साथ निवेश के लिए आदर्श स्थान है, जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर, वित्त, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य कई क्षेत्रों में बड़े अवसर मौजूद हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था निरंतर सुधारों की दिशा में बढ़ रही है और स्थिरता व आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य के व्यापार और विकास के लिए रेयर अर्थ मिनरल्स (दुर्लभ खनिज) जैसे रणनीतिक सेक्टर्स बहुत महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि ये औद्योगिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टार्मर ने संयुक्त रूप से सीईओ फोरम में भाग लिया। इस बैठक में दोनों देशों के प्रमुख व्यापारिक और वित्तीय नेता एक साथ उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उद्योग जगत के नेताओं और नीति निर्माताओं के अथक प्रयासों से भारत और ब्रिटेन ने व्यापार और आर्थिक सहयोग की एक मजबूत नींव तैयार की है।प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र राजभवन में प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से मुलाकात के बाद कहा, “भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं। हमारी बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।” दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत और पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर भी चर्चा की। साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए बातचीत और कूटनीति ही सर्वोत्तम रास्ता है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि पीएम मोदी के परिवर्तनकारी नेतृत्व में भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की तरफ बढ़ रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी में भारत मंडपम में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के 120वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केवल आर्थिक विकास पर्याप्त नहीं है। इसे पर्यावरण संरक्षण और मूल्य आधारित सामाजिक व्यवस्था के साथ-साथ चलना चाहिए।ऑटोमोबाइल सेक्टर में दुनिया में तीसरे स्थान परउन्होंने आगे कहा कि बीते 11 वर्षों में भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़ा बदलाव आया है और यह जापान को पछाड़कर दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, जो कि 2014 में 7वें स्थान पर था।केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, “अब 22 लाख करोड़ रुपए से अधिक के टर्नओवर के साथ, भारत तेजी से दुनिया का ऑटोमोबाइल हब बन रहा है, और बायोफ्यूल, इथेनॉल, मेथनॉल, बायोडीजल, एलएनजी और हाइड्रोजन में तेजी से प्रगति कर रहा है।” उन्होंने सरकार द्वारा कृषि में किए जा रहे वैल्यू एडिशन के बारे में भी चर्चा की।मक्के से इथेनॉल उत्पादनकेंद्रीय मंत्री ने कहा कि मक्के से इथेनॉल उत्पादन की अनुमति देने से न केवल किसानों की आय बढ़ी है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है। मक्के से इथेनॉल उत्पादन को मंजूरी देने से उत्तर प्रदेश और बिहार में किसानों की आय में काफी वृद्धि हुई है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के 45,000 करोड़ रुपए से अधिक का फायदा हुआ है।सरकार का ध्यान खाद्य उत्पादन और किसान कल्याणइसी कार्यक्रम में एक अन्य सत्र में बोलते हुए, केंद्रीय कृषि मंत्री कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत की लगभग 46 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र में कार्यरत है और सरकार का ध्यान खाद्य उत्पादन और किसान कल्याण में आत्मनिर्भरता पर केंद्रित है।उन्होंने कहा, “खाद्य सुरक्षा को किसानों की समृद्धि के साथ-साथ चलना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे किसान न केवल देश का पेट भरें, बल्कि सम्मान और स्थिरता के साथ कमाई भी करें।”उन्होंने प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ाने, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के माध्यम से बीजों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और छोटे व सीमांत किसानों को सशक्त बनाने के लिए मशीनीकरण में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश का लक्ष्य खाद्य सुरक्षा से आगे बढ़कर कृषि के सभी पहलुओं में पोषण सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को भी शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने चावल और गेहूं का अधिशेष उत्पादन हासिल कर लिया है और अगला लक्ष्य दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि और किसान कल्याण विभाग का मुख्य उद्देश्य देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आय बढ़ाना और पोषणयुक्त अनाज उपलब्ध कराना है। इसके लिए विभाग छह प्रमुख आयामों पर काम कर रहा है- उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, किसानों को उचित दाम दिलाना, नुकसान की भरपाई करना, कृषि का विविधीकरण बढ़ाना और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करना।
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि वर्ष 2014 से अब तक भारत में खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गेहूं, चावल, मक्का और सोयाबीन के उत्पादन में रिकॉर्ड हासिल किए गए हैं और देश इन फसलों में आत्मनिर्भर बन चुका है। उन्होंने कहा कि भारत ने अब तक 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कृषि निर्यात भी किया है।उन्होंने कहा कि भारत अभी भी दालों में आत्मनिर्भर नहीं है, जबकि यह विश्व का सबसे बड़ा दाल उत्पादक और उपभोक्ता देश है। इस कमी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में दलहन मिशन शुरू किया गया है। चौहान ने बताया कि 2030-31 तक दालों का क्षेत्रफल 275 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर किया जाएगा। वर्तमान में दाल उत्पादन 242 लाख टन है, जिसे बढ़ाकर 350 लाख टन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी तरह उत्पादकता को 881 किलो प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 1,030 किलो प्रति हेक्टेयर करने का लक्ष्य है।केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसके लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की गई है। इसमें अनुसंधान और विकास (R&D) को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि ऐसी किस्में विकसित की जा सकें जो अधिक उत्पादक, रोग-प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल हों। किसानों को इन बीजों की 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीजों के रूप में आपूर्ति की जाएगी और 86 लाख मुफ्त मिनी किट्स भी वितरित की जाएंगी।शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि दालों के दाम बढ़ाने के लिए 1,000 प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी, जिनके लिए सरकार 25 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी। इसमें केंद्र और राज्य सरकारें, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और प्रगतिशील किसान मिलकर काम करेंगे। इसके साथ ही उत्पादकता बढ़ाने के लिए 100 जिलों का चयन किया गया है, जहां पीएम धन धान्य कृषि योजना के अंतर्गत सिंचाई, भंडारण, ऋण सुविधा और फसल विविधीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।उन्होंने बताया कि नीति आयोग एक डैशबोर्ड बनाकर 11 विभागों की 36 योजनाओं की निगरानी करेगा। इन योजनाओं का औपचारिक शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को पूसा संस्थान में करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए अब तक 10,000 किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 1,100 एफपीओ का टर्नओवर 1 करोड़ रुपये से अधिक है। कुल 52 लाख किसान एफपीओ के शेयरधारक हैं और इन संगठनों का कुल टर्नओवर 15,000 करोड़ रुपये से अधिक है। प्रधानमंत्री मोदी कार्यक्रम के दौरान ऐसे उत्कृष्ट एफपीओ को सम्मानित करेंगे।शिवराज सिंह चौहान ने आगे बताया कि रासायनिक खादों से मुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए अब तक 15 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए नामांकित किया गया है। इनमें से 6.20 लाख हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जाएगी और डेढ़ लाख किसानों को प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। कोविड काल में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष (AIF) के अंतर्गत अब तक 1 लाख 17 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं।







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