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- नयी दिल्ली। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के शोधकर्ताओं ने भारत में ई-सिगरेट पर लगे प्रतिबंध की पुनः समीक्षा करने का सुझाव दिया है। ई-सिगरेट बैटरी से चलते हैं और इन्हें ‘इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम' (ईएनडीएस) भी कहा जाता है। भारत ने 2019 में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम (पीईसीए) के जरिए ऐसे उपकरणों की बिक्री, भंडारण और निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया।वर्तमान साक्ष्यों के आलोक में इस प्रतिबंध के प्रभावों की पड़ताल करते हुए, एम्स-दिल्ली के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक शंकर और डॉ. वैभव साहनी ने इस महीने ‘जेसीओ ग्लोबल ऑन्कोलॉजी' में प्रकाशित एक लेख में कहा कि ऐसे उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध "मांग को अवैध विपणन की ओर ले जा सकता है (और ले भी चुका है)। शोधकर्ताओं ने कहा कि भारत में कुछ राज्यों में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध के कारण कुछ भयावह परिणाम देखने को मिले हैं, जिसके कारण अवैध व्यापार बढ़ा है और नकली उत्पादों के सेवन से मौतें हुई हैं। डॉक्टरों ने कहा कि उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध से प्रशासन को राजस्व की हानि भी हो सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रतिबंध के बावजूद, ईएनडीएस स्थानीय दुकानों और ऑनलाइन मंचों पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, जो बिक्री से पहले खरीदार की उम्र की पुष्टि भी नहीं करते हैं और यहां तक कि इसे घर पर पहुंचाने की पेशकश करते हैं। एम्स-दिल्ली के डॉक्टरों ने बताया कि ई-सिगरेट लोगों को धूम्रपान छोड़ने में मदद करती है, जैसा कि धूम्रपान छोड़ने की बढ़ी हुई दरों के आंकड़ों से पता चलता है। इस बात के भी पर्याप्त प्रमाण हैं कि निकोटीन वाली ई-सिगरेट से धूम्रपान छोड़ने की संभावना, बिना निकोटीन वाली ई-सिगरेट से ज्यादा होती है। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि जिन ई-सिगरेट में निकोटीन होता है, वे बिना किसी इलाज के या सामान्य देखभाल की तुलना में ज्यादा फायदेमंद साबित हुई हैं, लेकिन, इसमें कुछ गलत जानकारी होने का खतरा हो सकता है। डॉक्टरों ने सिफारिश की कि निश्चित रूप से, कम से कम ईएनडीएस से संबंधित संपूर्ण प्रतिबंध नीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता प्रतीत होती है।” उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि जनस्वास्थ्य से जुड़ी नीतियां आधुनिक और जानकारी पर आधारित बनी रहें, और जो लोग धूम्रपान छोड़ने के लिए सही मदद चाहते हैं, उन्हें उचित कानूनों के दायरे में वह मदद मिल सके। एम्स-दिल्ली के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. शंकर ने ‘ कहा कि उपलब्ध साक्ष्यों से पता चलता है कि भारत में ईएनडीएस पर पूर्ण प्रतिबंध नीति पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।
- बेंगलुरु, । एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शनिवार को कहा कि भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराने की पुष्टि की है। उन्होंने इसे भारत द्वारा सतह से हवा में मार गिराने का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बताया। उन्होंने यहां एयर चीफ मार्शल एल.एम. कात्रे स्मृति व्याख्यान के 16वें संस्करण के दौरान कहा, “हमें उस एडब्ल्यूसी हैंगर में कम से कम एक एडब्ल्यूसी तथा कुछ एफ-16 विमानों के होने का संकेत मिला है, जिनका वहां रखरखाव किया जा रहा है। हमारे पास कम से कम पांच लड़ाकू विमानों को मार गिराए जाने की पुष्ट जानकारी है और एक बड़ा विमान है, जो या तो विमान हो सकता है या फिर एडब्ल्यूसी (एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम), जिसे लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया।” सिंह ने कहा, “ यह वास्तव में सतह से हवा में मार गिराने का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है, जो हमने हासिल किया है।”इस ऑपरेशन के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी), ड्रोन और उनकी कुछ मिसाइलें भी भारतीय क्षेत्र में गिरीं। सिंह ने कहा कि विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय वायुसेना ने हवाई क्षेत्र पर हमला करने का निर्णय लिया। वायुसेना प्रमुख ने कहा, "इसलिए हवाई अड्डे पर हमला किया गया और मुख्य भवन पर भी हमला किया गया, जहां योजनाएं बनती हैं, और इसका इस्तेमाल कभी-कभी सिविल टर्मिनल भवन के रूप में भी किया जाता था। जहां तक सुकूर एयरबेस का सवाल है, हमने यूएबी हैंगर और रडार स्थल पर हमला किया।" उन्होंने कहा, "आपके पास यहां दृश्य उपलब्ध हैं - यह वह हैंगर है, जिसे ध्वस्त कर दिया गया है, यह पहले और बाद का रडार स्थल है। एडब्ल्यूसी हैंगर पर फिर से हमला किया गया। यहां हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि जहां हमला हुआ था, वहां एक विमान था।" सरगोधा के बारे में वायुसेना प्रमुख ने कहा, "हम अपनी वायुसेना में ऐसे ही दिनों का सपना देखते हुए बड़े हुए हैं। किसी दिन हमें मौका मिलेगा। संयोग से मुझे अपनी सेवानिवृत्ति से पहले यह मौका मिल गया। हमने उस हवाई क्षेत्र पर हमला किया, जहां हमें एफ-16 विमानों के बारे में बहुत पुख्ता जानकारी मिली थी।" एयर चीफ मार्शल के अनुसार, एस-400 वायु रक्षा प्रणाली पासा पलटने वाली साबित हुई है। भारत ने इसे हाल में खरीदा है। वायुसेना प्रमुख ने कहा, "इस प्रणाली की रेंज ने पाकिस्तान के विमानों और यूएवी को भारतीय रक्षा प्रणाली से दूर रखा था। एस-400 प्रणाली की वजह से पाकिस्तान भारतीय वायु रक्षा प्रणाली को भेद नहीं सका।" सिंह ने यह भी कहा कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) का पद सैन्य अभियानों में एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया है। उन्होंने कहा, “सीडीएस हमेशा हमारे बीच एकता बनाए रखने और समस्याओं को सुलझाने के लिए मौजूद रहते थे। जब भी हमें जरूरत होती थी, हम वरिष्ठ नेतृत्व के पास जाकर मुद्दों पर चर्चा किया करते थे।” एयर चीफ मार्शल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की भूमिका पर प्रकाश डाला, जिससे अन्य एजेंसियों और सुरक्षा बलों को एक साथ लाने में मदद मिली। उन्होंने बताया कि जब अभियान शुरू हुआ, तो सैन्य प्रमुखों ने इसके संभावित परिणामों और भारत को कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए, इस पर विस्तार से चर्चा की। ‘ऑपरेशन सिंदूर' से मिली सीख के बारे में सिंह ने कहा, "इस अभियान की सबसे बड़ी सीख यह रही है कि हवाई युद्ध की प्रधानता एक बार फिर सामने आई है। लोगों को यह एहसास हो गया है कि हवाई युद्ध किसी भी देश की पहली प्रतिक्रिया है और हवाई युद्ध वास्तव में त्वरित प्रतिक्रिया दे सकता है, सटीकता के साथ अंदर तक हमला कर सकता है और बिना अनावश्यक नुकसान के अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकता है।" पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने सात मई को पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आपातकालीन उपयोग वाली चार दवाओं और 37 एंटीबायोटिक व दर्द निवारक दवाओं की अधिकतम कीमतें तय कर दी हैं। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने इन दवाओं की सीलिंग प्राइस (जीएसटी सहित) निर्धारित की है, जो संक्रमण, हृदय रोग, सूजन, मधुमेह और विटामिन की कमी के इलाज में उपयोगी हैं।
प्रमुख दवाओं की नई कीमतेंइप्राट्रोपियम: क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के लिए, 2.96 रुपये/मिलीलीटर।सोडियम नाइट्रोप्रसाइड: उच्च रक्तचाप और हृदय विफलता के लिए, 28.99 रुपये/मिलीलीटर।डिल्टियाजेम: उच्च रक्तचाप और सीने में दर्द के लिए, 26.72 रुपये/कैप्सूल।पोविडोन आयोडीन: त्वचा कीटाणुशोधन और घावों की देखभाल के लिए, 6.26 रुपये/ग्राम।अन्य प्रभावित दवाएंपैरासिटामोल, एटोरवास्टेटिन, एमोक्सिसिलिन, मेटफॉर्मिन और सूजनरोधी दवाएं जैसे एसिक्लोफेनाक, पैरासिटामोल-ट्रिप्सिन काइमोट्रिप्सिन मिश्रण, और एटोरवास्टेटिन-क्लोपिडोग्रेल संयोजन की कीमतें भी कम की गई हैं।एनपीपीए के दिशानिर्देशएनपीपीए ने कहा कि जिन दवाओं का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) सीलिंग प्राइस से कम है, वे मौजूदा एमआरपी पर बिकेंगी। ब्रांडेड और जेनेरिक दवाओं की कीमतें सीलिंग प्राइस से अधिक नहीं हो सकतीं। नई कीमतें जीएसटी-मुक्त हैं, और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त शुल्क लागू हो सकता है। खुदरा विक्रेताओं को नई कीमतें प्रमुखता से प्रदर्शित करने और पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। गैर-अनुपालन को डीपीसीओ और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा, जिसमें ब्याज सहित अतिरिक्त वसूली शामिल होगी।उपभोक्ताओं को राहतयह कदम किफायती स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है, जो मरीजों को सस्ती और आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराएगा। -
नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को यहां एक प्रदर्शनी का दौरा किया, जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रसिद्ध ‘वाघ-नख' प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने कहा कि हर किसी को इस हथियार को देखना चाहिए, क्योंकि यह ‘‘हमें हमारी वीरता के इतिहास'' की याद दिलाता है। ‘शिवशास्त्र शौर्यगाथा' प्रदर्शनी के तहत मराठाओं द्वारा इस्तेमाल किए गए विभिन्न हथियारों का प्रदर्शन किया जा रहा है। भागवत ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज का वाघ-नख हमें हमारे शौर्य के इतिहास की याद दिलाता है। सभी को इसे देखना चाहिए।'' इस संबंध में जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि यह हथियार लंदन के विक्टोरिया एवं अल्बर्ट संग्रहालय में दक्षिण एशियाई संग्रह का हिस्सा है। ऐसा माना जाता है कि इसे 17वीं शताब्दी में दक्षिण भारत में बनाया गया था। स्टील से बने इस हथियार में ठोस धातु की एक छड़ है जिस पर चार घुमावदार, धारदार पंजे लगे हैं। इसके दोनों सिरों पर छल्ले हैं जो इसे बाएँ हाथ की हथेली में छिपाने के लिहाज से डिजाइन किए गए हैं। ऐतिहासिक विवरण के अनुसार, मराठा राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज ने नवंबर 1659 में आदिल शाही वंश के सेनापति और आक्रमणकारी सेना का नेतृत्व कर रहे अफजल खान को मारने के लिए वाघ-नख का इस्तेमाल किया था। प्रदर्शनी में 190 अन्य मराठा हथियार भी प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के भाले, कुल्हाड़ी, तलवारें, ढाल, खंजर, दंडपट्ट और अग्निबाण शामिल हैं।
- पटना. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आठ अगस्त को बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौराधाम में जानकी मंदिर के पुनर्विकास से जुड़ी परियोजना की आधारशिला रखेंगे, जिसे देवी सीता का जन्मस्थान माना जाता है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि 882.87 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली इस परियोजना के शिलान्यास समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कई केंद्रीय मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आठ अगस्त को सीतामढ़ी के पुनौराधाम में ‘जानकी मंदिर' के पुनर्विकास से जुड़ी परियोजना की आधारशिला रखेंगे। यह बिहार के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा।” कुमार ने कहा, “मंत्रोच्चार के बीच 67 एकड़ में फैले भव्य मंदिर के पुनर्विकास संबंधी परियोजना की आधारशिला रखी जाएगी। राज्य पर्यटन विभाग ने इस परियोजना की तैयारी शुरू कर दी है, जिसके 11 महीने के भीतर पूरा होने की संभावना है।” उन्होंने बताया कि गृह मंत्री शुक्रवार सुबह दरभंगा पहुंचेंगे और वहां से सीतामढ़ी के लिए रवाना होंगे। राज्य मंत्रिमंडल ने एक जुलाई को मंदिर परिसर के एकीकृत विकास के लिए 882.87 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। कुल राशि में से 137 करोड़ रुपये पुराने मंदिर और उसके परिसर के विकास पर खर्च किए जाएंगे, जबकि 728 करोड़ रुपये पर्यटन संबंधी कार्यों के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। इसके अलावा, 16 करोड़ रुपये 10 वर्षों तक व्यापक रखरखाव पर खर्च किए जाएंगे। कुमार ने बताया कि बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (बीएसटीडीसी) इस परियोजना का क्रियान्वयन करेगा।उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में मंदिर के निर्माण और पुनर्विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नौ-सदस्यीय ट्रस्ट का गठन किया है। कुमार ने कहा, “श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या की तर्ज पर व्यापक विकास किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में तीर्थयात्री (घरेलू और विदेशी) पुनौराधाम आते हैं, जो सीतामढ़ी जिला मुख्यालय से लगभग पांच किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। मंत्रिमंडल ने परियोजना के लिए डिजाइन सलाहकार के रूप में नोएडा स्थित ‘मेसर्स डिजाइन एसोसिएट्स इंक' की नियुक्ति को भी मंजूरी दी। यह फर्म राम जन्मभूमि न्यास के लिए मास्टर प्लान बनाने और वास्तुकला सेवाएं उपलब्ध कराने में शामिल थी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 अगस्त को बिहार के गयाजी जिले का दौरा करेंगे, जहां वह कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री मोदी 22 अगस्त को गयाजी आएंगे, जहां वह एक जनसभा को संबोधित करने के अलावा कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे।
- नयी दिल्ली. सात वर्षों के अंतराल के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस महीने के अंत में चीन की यात्रा कर सकते हैं। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी 29 अगस्त के आसपास जापान की यात्रा पर जाएंगे और यात्रा के समापन के बाद, वह 31 अगस्त से एक सितंबर तक आयोजित होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए चीन के उत्तरी शहर तियानजिन जाएंगे। मोदी की चीन यात्रा की योजना दोनों पक्षों द्वारा अपने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के प्रयासों के बीच बनाई जा रही है। जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच घातक झड़पों के बाद दोनों देशों के बीच गंभीर तनाव पैदा हो गया था। मोदी की जापान और चीन की यात्रा की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। यह यात्रा 29 अगस्त से एक सितंबर तक होने की संभावना है। मोदी की चीन यात्रा से पहले, ऐसा माना जा रहा है कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता के अगले दौर के लिए भारत की यात्रा करेंगे। मोदी ने आखिरी बार जून 2018 में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन का दौरा किया था। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अक्टूबर 2019 में दूसरे "अनौपचारिक शिखर सम्मेलन" के लिए भारत आए थे। हालांकि, पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध के कारण दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ और उसी वर्ष जून में गलवान घाटी में हुई झड़पों के परिणामस्वरूप संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया। पिछले साल 21 अक्टूबर को हुए एक समझौते के तहत डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह गतिरोध प्रभावी रूप से समाप्त हो गया। पिछले कुछ महीनों में, दोनों पक्षों ने सीमा संबंधी मुद्दे और अन्य संवाद तंत्रों पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता को बहाल किया है। विभिन्न संवाद तंत्रों को बहाल करने का निर्णय 23 अक्टूबर, 2024 को कजान (रूस) में प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग के बीच हुई बैठक में लिया गया था। मोदी-शी की यह बैठक भारत और चीन के बीच देपसांग और डेमचोक से सैनिकों को पीछे हटाने के समझौते के दो दिन बाद हुई। दोनों पक्षों ने संबंधों को पुनः मजबूत करने के लिए कई पहल कीं, जिनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर शुरू करना तथा भारत द्वारा चीनी नागरिकों को पर्यटक वीजा जारी करना शामिल है। दोनों पक्ष दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा कर रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल पिछले दो महीनों में एससीओ बैठकों में भाग लेने के लिए चीन गए थे। चीन एससीओ का वर्तमान अध्यक्ष है।यह अभी स्पष्ट नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठक करेंगे या नहीं। ऐसी संभावना है कि एससीओ शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत शीर्ष नेता शामिल होंगे। एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा समूह है, जिसके सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस शामिल हैं। पाकिस्तान 2017 में भारत के साथ इसका स्थायी सदस्य बना। ईरान 2023 में और बेलारूस 2024 में इस समूह में शामिल हुआ।
- नयी दिल्ली. बैंकों के शीर्ष अधिकारियों ने भारतीय रिजर्व बैंक के नीतिगत दर को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने के फैसले को मौजूदा अनिश्चित माहौल में महंगाई नियंत्रित करने और वृद्धि को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण पर केंद्रित बताया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बुधवार को अमेरिकी शुल्क को लेकर अनिश्चितता के बीच प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 5.5 प्रतिशत पर कायम रखने का निर्णय किया। भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा, "एमपीसी का रेपो दर को स्थिर रखने का निर्णय मौजूदा अनिश्चितताओं को देखते हुए काफी हद तक उम्मीद के अनुरूप है। नीति, व्यापार एवं कुछ उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति के निम्नतम स्तर पर पहुंचने की धीमी प्रतिक्रिया से उत्पन्न अनिश्चितताओं का इस पर असर रहा।" इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ आरबीआई द्वारा रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने और तटस्थ रुख बनाए रखने का निर्णय मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और वृद्धि को बढ़ावा देने के उसके उद्देश्य की ओर एक सुविचारित दृष्टिकोण है।'' श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ हम नगदी प्रबंधन पर आरबीआई के कदम और गतिशील बने रहने के उसके लक्ष्य का भी स्वागत करते हैं, जो आर्थिक स्थिरता बनाए रखते हुए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। '' उन्होंने कहा कि एसआईपी (व्यवस्थित निवेश योजना) के माध्यम से ट्रेजरी बिल तक खुदरा पहुंच बढ़ाने और बैंक लॉकर तथा खाता दावा निपटान के मानकीकरण का आरबीआई का निर्णय, ऐसी पहल हैं जिनसे वित्तीय समावेश बढ़ने के साथ निवेशकों का भरोसा बढ़ने की उम्मीद है। इंडियन बैंक के एमडी एवं सीईओ बिनोद कुमार ने कहा, ‘‘ यह एक स्वागत योग्य कदम है। हालांकि, आने वाले महीनों में इस पर पुनर्विचार की गुंजाइश बनी हुई है क्योंकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक स्थिर है और वृद्धि को बढ़ावा देने की आवश्यकता हो सकती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इंडियन बैंक में हम पिछली ब्याज दरों में कटौती का लाभ पहले ही दे चुके हैं और उम्मीद है कि एमसीएलआर (कोष की सीमांत लागत पर आधारित ऋण दर) में आगे भी सामान्यीकरण होगा क्योंकि कोष की लागत में गिरावट जारी है।'' साउथ इंडियन बैंक के महाप्रबंधक एवं मुख्य वित्तीय अधिकारी विनोद फ्रांसिस ने कहा, ‘‘ रेपो दर और रुख पर यथास्थिति बनाए रखने के आरबीआई के फैसले में कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि अमेरिका के प्रस्तावित 25 प्रतिशत शुल्क सहित वैश्विक अनिश्चितताओं के मद्देनजर मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए यही सही नीतिगत निर्णय है। '' उन्होंने कहा, ‘‘ साथ ही, यह भी स्पष्ट है कि आरबीआई मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। एमपीसी को भविष्य में कोई भी कटौती करने से पहले मौजूदा कटौती के पूर्ण प्रभाव के अमल में आने का इंतजार करना चाहिए।'' श्रीराम फाइनेंस के कार्यकारी वाइस चेयरमैन उमेश रेवणकर ने कहा, ‘‘ तटस्थ नीतिगत रुख के साथ रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का आरबीआई का निर्णय एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें मुद्रास्फीति नियंत्रण एवं वृद्धि दोनों को प्राथमिकता दी गई है।'' आनंद राठी ग्रुप के मुख्य अर्थशास्त्री एवं कार्यकारी निदेशक सुजान हाजरा ने कहा, "एमपीसी का यह कदम मजबूत आर्थिक वृद्धि, हालिया दर कटौतियों से नकदी प्रवाह बढ़ने और मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं से निर्धारित है। खासकर अमेरिकी शुल्क नीति को लेकर अप्रत्याशित धारणा ने भी इस पर असर डाला।" गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी मनीबॉक्स फाइनेंस लिमिटेड के सह-संस्थापक दीपक अग्रवाल ने कहा, ‘‘रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर बनाए रख और तटस्थ रुख कायम रखकर आरबीआई ने स्थिरता को बढ़ावा दिया है। छोटे शहरों एवं ग्रामीण भारत में सूक्ष्म उद्यमों के लिए ऋण पहुंच पर केंद्रित हमारे जैसे ऋणदाताओं के लिए यह स्थिरता दीर्घकालिक योजना बनाने में सहायक है।'
- चंडीगढ़. पंजाब के मोहाली जिले में एक ऑक्सीजन सिलेंडर संयंत्र में बुधवार को भीषण विस्फोट होने से दो लोगों की मौत हो गई और चार व्यक्ति घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मोहाली के फेज-9 के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित ‘हाई-टेक गैस' नामक ऑक्सीजन सिलेंडर संयंत्र में यह हादसा हुआ। मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरमनदीप सिंह हंस ने बताया कि सुबह करीब नौ बजे एक ट्रक में सिलेंडर रखते समय उसमें विस्फोट हो गया। उन्होंने बताया कि हादसे में मोहम्मद आसिफ (25) और दविंद्र कुमार (27) की मौत हो गई। दोनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल ले जाए गए चार घायलों में सर्वेश (45), अशोक (44), सचिन (24) और अकबर (50) शामिल हैं। उन्होंने बताया कि चारों की हालत स्थिर है। अधिकारियों ने बताया कि मोहाली के फेज-11 पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस हादसे में किसी तरह की लापरवाही बरते जाने के सवाल पर एसएसपी हंस ने कहा, ‘‘हम इसकी जांच करेंगे।''उन्होंने कहा कि पुलिस पीड़ितों के परिवारों से बात करेगी और जरूरी कानूनी कार्रवाई करेगी। विस्फोट इतना भीषण था कि मृतकों के शरीर के अंग घटनास्थल पर बिखरे पड़े मिले। विस्फोट के कारण संयंत्र और आसपास की इमारतों की कांच की खिड़कियां और दरवाजे टूट गए। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि सिलेंडर का कुछ हिस्सा घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर दूर कंबाला गांव में जाकर गिरा। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया।उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। पंजाब सरकार इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ है।'' हाई-टेक गैस प्राइवेट लिमिटेड क्षेत्र के विभिन्न सरकारी अस्पतालों को ‘मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन सिलेंडर' की आपूर्ति करती है।
- फरीदाबाद. फरीदाबाद की एक अदालत ने पति की हत्या कर शव पर तेज़ाब डालकर पहचान मिटाने के मामले में महिला व उसके चार साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, मृतक दिनेश धवन का शव 28 जनवरी, 2021 को एक अनाज भंडारण इकाई के सामने स्थित नाले से बरामद हुआ था। जांच के दौरान यह सामने आया कि धवन ने हरजीत पाल सिंह और देवेंद्र शर्मा नामक दो व्यक्तियों के अपने वैवाहिक घर में उसकी पत्नी से बार-बार मिलने पर आपत्ति जताई थी, जिससे वह नाराज़ हो गई थी। पुलिस के मुताबिक, इसके बाद महिला, सिंह और शर्मा ने अपने साथ विनीत सक्सेना और विक्की को धवन की हत्या की साजिश में शामिल किया। धवन की 18 जनवरी 2021 को गला दबाकर और पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और इसके बाद उसकी पहचान मिटाने के लिए शव पर तेजाब डाला गया और उसे नाले में फेंक दिया गया। धवन का शव 10 दिन बाद बरामद किया गया था।पुलिस ने बताया कि शुरुआत में पत्नी ने शव की पहचान से इनकार करते हुए दावा किया कि उसका पति नौकरी की तलाश में उत्तराखंड गया है लेकिन धवन के भाई गुलशन को अपनी भाभी पर संदेह हुआ और उन्होंने पुलिस से सख्ती से पूछताछ करने का अनुरोध किया। पूछताछ के दौरान महिला टूट गई और पूरे मामले का खुलासा कर दिया।पुलिस के अनुसार, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप गर्ग की अदालत ने मंगलवार को धवन की पत्नी और उसके चार साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई और उन पर जुर्माना भी लगाया।
- मेदिनीनगर. झारखंड के पलामू जिले में बुधवार को धान की रोपाई के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार की तीन महिलाओं की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। यह घटना पांकी थाना क्षेत्र के जोल्हाबिघा गांव की है। लेस्लीगंज के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) मनोज कुमार झा ने बताया कि महिलाएं घर के पास खेत में धान की रोपाई कर रही थीं, तभी उन पर आकाशीय बिजली गिरी। झा ने बताया कि तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेजा गया है।अधिकारियों ने बताया कि हाल के दिनों में जिले में बिजली गिरने की घटनाओं में अब तक कम से कम 18 लोगों की मौत हो चुकी है।
- भुवनेश्वर. ओडिशा की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर राज्य के स्वामित्व वाले सभी नए और पुराने कार्यालय भवनों के लिए भगवा रंग अनिवार्य कर दिया है। निर्माण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘सरकार सभी नए सरकारी भवनों के साथ-साथ मौजूदा भवनों में आवधिक मरम्मत/नवीनीकरण कार्यों के समय एक समान रंग कोड अपनाने पर खुशी जताती है।'' विभाग द्वारा 30 जुलाई को जारी आदेश में बाहरी दीवारों और बॉर्डर के लिए क्रमशः हल्के केसरिया और टेराकोटा जैसे दिखने वाले बी (लाल, हरा और नीला) रंग का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है। यह आदेश सभी राज्य सरकार के विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर लागू है।
- अमरावती. आंध्र प्रदेश के मंत्री के. पार्थसारथी ने बुधवार को घोषणा की कि राज्य सरकार महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना की 15 अगस्त से शुरुआत करेगी। महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा सत्तारूढ़ चंद्रबाबू नायडू सरकार का एक प्रमुख चुनावी वादा भी था।इस योजना का नाम 'स्त्री शक्ति' रखा गया है। इसका अनुमानित वार्षिक व्यय 1,942 करोड़ रुपये (लगभग 162 करोड़ रुपये प्रति माह) होगा। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को शिक्षा, रोजगार और आवागमन की बेहतर सुविधा प्रदान कर सशक्त बनाना है। राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री के. पार्थसारथी ने कहा, ''मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा 15 अगस्त से शुरू होगी।'' उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और शिक्षा, रोजगार तथा अन्य क्षेत्रों में उनके अवसरों तक पहुंच को बढ़ाना है। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सचिवालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्थसारथी ने उन खबरों को खारिज किया जिनमें कहा गया था कि यह योजना केवल कुछ चुनिंदा जिलों तक सीमित रहेगी। मंत्रिमंडल ने कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी मंजूरी दी, जिनमें आंध्र प्रदेश लैंड इंसेंटिव फॉर टेक हब (एलआईएफटी) पॉलिसी 4.0 (2024–2029) शामिल है।
- नयी दिल्ली. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि गरीब रथ एक्सप्रेस का नाम बदलने के संबंध में रेलवे मंत्रालय को कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। लोकसभा में वैष्णव का यह बयान उस समय आया जब अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने इस ट्रेन के नाम को यात्रियों के स्वाभिमान और गरिमा से जोड़ते हुए सरकार से जवाब मांगा। औजला ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार इस बात से अवगत है कि गरीब रथ एक्सप्रेस के नाम को लेकर सार्वजनिक भावना और अपीलें लगातार बढ़ रही हैं, क्योंकि कुछ यात्रियों को लगता है कि यह नाम उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाता है। सांसद ने यह भी जानना चाहा कि क्या सरकार यह मानती है कि 'गरीब रथ' शब्द, जो कभी सस्ती एसी यात्रा का प्रतीक था, अब इसे उपेक्षापूर्ण रूप में देखा जाने लगा है, और यह आज के उदीयमान मध्यम वर्ग, विशेष रूप से मेहनतकश अमृतसरवासियों की आकांक्षाओं से मेल नहीं खाता, जो इस ट्रेन के नियमित यात्री हैं। जवाब में रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेल का ध्यान सभी वर्गों के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने पर केंद्रित है। उन्होंने आगे कहा, "जहां तक गरीब रथ ट्रेन का नाम बदलने का सवाल है, इस संबंध में अब तक कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। रेलवे ने इसके साथ ही वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत रैपिड रेल सेवाएं विकसित की हैं।" वैष्णव ने इन ट्रेनों में उपलब्ध विशेष सुविधाओं, उन्नत सुरक्षा प्रणाली और बेहतर यात्री सुविधाओं को भी रेखांकित किया। रेल मंत्री के इस बयान से स्पष्ट है कि फिलहाल गरीब रथ एक्सप्रेस का नाम बदलने की कोई योजना नहीं है, हालांकि सरकार रेल सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए नए विकल्पों और आधुनिक ट्रेनों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेन क्लस्टर्स में कैटरिंग ठेकों का आवंटन पारदर्शी तरीके से किया गया है, और आईआरसीटीसी मजबूत निगरानी प्रणाली और अनुपालन उपायों के माध्यम से इसे सुनिश्चित करता है। यह बयान कॉर्पोरेशन में भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच दिया गया। एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि रेल कोच फैक्ट्रियों की स्थापना समग्र आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए की जाती है और वर्तमान में मौजूदा उत्पादन इकाइयां तथा पहले से नियोजित इकाइयां निकट भविष्य में रोलिंग स्टॉक की कुल आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं।
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नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि आज के संघर्षग्रस्त विश्व को हिंदू धर्म की आवश्यकता है, क्योंकि यह एक सार्वभौमिक धर्म है, जो विविधता को स्वीकार करने की शिक्षा देता है। भागवत ने यहां धर्म जागरण न्यास के नये भवन के उद्घाटन के अवसर पर कहा, ‘‘आज सम्पूर्ण विश्व को इसी ‘धर्म' की आवश्यकता है। विश्व अपनी विविधताओं को स्वीकार करते हुए जीना नहीं जानता, इसीलिए इतने संघर्ष हो रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि भारतीयों के लिए ‘धर्म' एक परम सत्य है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह धर्म एकता और सभी विविधताओं को स्वीकार करना सिखाता है। हम सभी विविधताओं को स्वीकार करते हैं। हम इसलिए अलग नहीं हैं, क्योंकि हम विविध हैं, यह धर्म यही हमें सिखाता है।'' आरएसएस प्रमुख ने कहा कि यह एक सार्वभौमिक धर्म है, लेकिन चूंकि हिंदुओं ने इसे सबसे पहले खोजा था, इसलिए इसे हिंदू धर्म कहा जाने लगा। उन्होंने कहा, ‘‘अन्यथा, हिंदू धर्म प्रकृति का धर्म है, एक सार्वभौमिक पंथ है, मानवता का धर्म है। प्रत्येक हृदय को इस धर्म से जागृत होना चाहिए।'' भागवत ने कहा कि धर्म का कर्तव्य केवल ईश्वर के प्रति ही नहीं, बल्कि समाज के प्रति भी होता है।
उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास बताता है कि ‘‘धर्म'' के लिए अनेक बलिदान दिए गए। उन्होंने कहा, ‘‘धर्म के लिए ढेरों सिर काटे गए, लेकिन किसी ने धर्म नहीं छोड़ा। आप सभी ने ‘छावा' फिल्म देखी होगी। यह सब (बलिदान) हमारे लोगों ने किया। वे हमारे लिए एक मिसाल हैं।'' हिंदी फिल्म ‘‘छावा'' मराठा राजा छत्रपति संभाजी के जीवन पर आधारित है, जिन्हें 1689 में मुगल सम्राट औरंगजेब ने कड़ी यातनाएं दीं और अंत में उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। भागवत ने कहा कि इस तरह के बलिदान आम लोगों द्वारा भी किए गए थे, क्योंकि उनका मानना था कि ‘‘हमारा धर्म सत्य पर आधारित है और दुनिया का अंतिम सत्य यह है कि भले ही हम सामान्य जीवन में अलग-अलग दिखते हों, लेकिन हम सभी एक हैं।'' उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म यह भी सिखाता है कि विभिन्न धर्मों के मार्ग एक ही मंजिल तक ले जाते हैं, इसलिए किसी को भी दूसरों के तौर-तरीकों को जबरन बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। -
केंद्रपाड़ा (ओडिशा). ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में बुधवार को एक कॉलेज छात्रा ने अपने प्रेमी द्वारा ब्लैकमेल किए जाने के कारण अपने घर में कथित तौर पर आत्मदाह कर लिया। पुलिस ने यह जानकारी दी। बारह जुलाई के बाद से ओडिशा में किसी महिला की जलने से मौत की यह तीसरी घटना है।
ताजा घटना पट्टामुंडई (ग्रामीण) थाना क्षेत्र के काठियापाड़ा गांव में बुधवार सुबह हुई।
लगभग 20 वर्षीय युवती के पिता ने दावा किया कि जब वह घर में अकेली थी, तो उसने अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली। उन्होंने दावा किया, ‘‘वह एक युवक के साथ रिश्ते में थी, जो उसे ब्लैकमेल कर रहा था।'' पिता ने दावा किया कि युवती ने छह महीने पहले पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पिता ने कहा, ‘‘पुलिस ने मेरी बेटी से कहा कि अगर वह व्यक्ति उसे परेशान कर रहा है तो वह उसका मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दे।'' केंद्रपाड़ा के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ कटारिया घटनास्थल पर पहुंचे और कहा, ‘‘मैंने शव देखा है। युवती के पिता ने दावा किया है कि उसने आत्महत्या की है। मामले की जांच की जाएगी।'' यह इस तरह की तीसरी घटना है। इससे पहले, बालासोर के एक कॉलेज की 20 वर्षीय छात्रा ने 12 जुलाई को कॉलेज परिसर में आत्मदाह कर लिया था और दो दिन बाद एम्स-भुवनेश्वर में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। पुरी जिले के बलांगा क्षेत्र की 15 वर्षीय एक अन्य लड़की की भी दो अगस्त को जलने से मौत हो गई थी। -
नयी दिल्ली. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) देशभर में 5,583 रिक्त पदों के लिए जूनियर एसोसिएट्स (ग्राहक सेवा और सहायता) की भर्ती शुरू करेगा। एसबीआई ने बुधवार को बयान में कहा कि आवेदन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण छह से 26 अगस्त, 2025 तक खुला रहेगा। बयान में कहा गया कि वित्त वर्ष 2025- 26 के लिए ये नई भर्तियां पिछले महीनों में बैंक द्वारा 505 'प्रोबेशनरी ऑफिसर्स' और 13,455 'जूनियर एसोसिएट्स' की भर्ती के बाद की गई है, जिसमें एसबीआई का लक्ष्य देश भर में अपनी प्रक्रिया और सेवा वितरण को और बेहतर बनाना है। इस राष्ट्रव्यापी नियुक्ति प्रयास के तहत, एसबीआई की शाखाओं और कार्यालयों में नौकरी के अवसर उपलब्ध होंगे, जिससे उम्मीदवारों को एक गतिशील और विकास-संचालित संस्थान के साथ अपना करियर शुरू करने का मौका मिलेगा। भर्ती अभियान पर टिप्पणी करते हुए, एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा कि नई प्रतिभा वाले लोगों को शामिल करना, कार्यात्मक और तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल विकास कार्यक्रमों को लागू करके मानव संसाधन क्षमताओं को मजबूत करना बैंक के उद्देश्य का केंद्र है।
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नयी दिल्ली. त्वरित संदेश मंच व्हाट्सएप ने एक नया ‘सेफ्टी ओवरव्यू' फीचर पेश किया है, जो उपयोगकर्ताओं को उन ग्रुप के बारे में सतर्क करेगा जिनमें उन्हें किसी अनजान व्यक्ति ने जोड़ा है। व्हाट्सएप ने एक बयान में कहा कि इस टूल के जरिये उपयोगकर्ता को संबंधित ग्रुप के बारे में अहम जानकारी और सुरक्षित बने रहने से जुड़े सुझाव भी मिलेंगे। बयान के मुताबिक, यदि उपयोगकर्ता चाहे तो वह अलर्ट मिलने के बाद उस ग्रुप को देखे बिना ही उससे अलग हो सकता है। इसके अलावा उपयोगकर्ता उस ग्रुप में बने रहने की जब तक खुद पुष्टि नहीं करेगा, उस ग्रुप को भी ‘म्यूट' रखा जाएगा। इसके साथ ही व्हाट्सएप ने कहा कि वह उन मामलों में भी चेतावनी देने के उपाय खोज रहा है जब कोई उपयोगकर्ता अपनी संपर्क सूची से बाहर के किसी व्यक्ति के साथ बातचीत शुरू करता है। इसमें संबंधित व्यक्ति के बारे में अधिक संदर्भ भी दिखाने की तैयारी है। फर्जीवाड़े पर रोक की कोशिशों के तहत कंपनी ने बताया कि साल 2025 के पहले छह महीनों में 68 लाख से अधिक खातों पर रोक लगाई गई, जो दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित आपराधिक गिरोहों द्वारा चलाए जा रहे फर्जीवाड़ा केंद्रों से जुड़े थे। कंपनी ने बताया कि हाल ही में व्हाट्सएप, मेटा और ओपनएआई ने मिलकर कंबोडिया स्थित एक फर्जीवाड़े वाले नेटवर्क को निष्क्रिय किया है। इस नेटवर्क ने धांधली के लिए चैटजीपीटी से संदेश तैयार कर उपयोगकर्ताओं को व्हाट्सएप से टेलीग्राम पर भेजा, जहां उन्हें टिकटॉक वीडियो पर लाइक करने जैसे फर्जी काम दिए जाते थे और फिर क्रिप्टो निवेश के लिए पैसे मांगे जाते थे।
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उत्तरकाशी. उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में आयी विनाशकारी बाढ़ से यहां स्थित प्राचीन शिव मंदिर कल्प केदार मलबे में दब गया। ऐसा बताया जाता है कि पिछली बार आई किसी आपदा के कारण यह मंदिर कई वर्षों तक जमीन के नीचे दबा रहा था तथा केवल इसका उपरी हिस्सा ही दिखाई देता था। कतुरे शैली में निर्मित इस शिव मंदिर की वास्तुकला केदारनाथ धाम की तरह है।
वर्ष 1945 में की गई एक खुदाई के बाद इस मंदिर के बारे में पता चला था। जमीन के नीचे कई फुट तक खुदाई करने पर एक प्राचीन शिव मंदिर मिला था जिसकी संरचना केदारनाथ मंदिर की तरह थी। मंदिर जमीन से नीचे स्थित था और भक्तों को मंदिर में प्रार्थना करने के लिए नीचे जाना पड़ता था। लोगों का कहना है कि मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग पर अक्सर खीरगंगा का पानी आता है और इसके लिए एक रास्ता भी बनाया गया है। मंदिर के बाहर पत्थर पर नक्काशी की गई है। प्राचीन शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग का आकार केदारनाथ की तरह ही नंदी की पीठ की तरह है। -
नई दिल्ली। उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से बड़े पैमाने पर बाढ़ और भूस्खलन की वजह से धराली और सुखी टॉप क्षेत्रों में व्यापक विनाश हुआ है। बचाव कार्य जोरों पर है, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और भारतीय सेना की टीमें फंसे हुए लोगों को निकालने और लापता लोगों का पता लगाने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं।
आईटीबीपी के प्रवक्ता कमलेश कमल ने चल रहे प्रयासों पर जानकारी देते हुए कहा, “धराली में आईटीबीपी की पांच टीमें हैं, जिनमें 130 जवान हैं। 100 से अधिक जवान रास्ते में हैं, और वे जल्द ही वहां पहुंच जाएंगे।”उन्होंने बताया कि हमने आज सुबह एक शव बरामद किया है, और 100 से अधिक लोगों को बचाया गया है। आज, हमने संचार भी स्थापित कर लिया है, अब जब उपकरण उपलब्ध करा दिए गए हैं, तो यह संभव है कि हम देखेंगे कि यह बचाव अभियान गति पकड़ेगा। कमल ने आगे कहा, “कल हमें जानकारी मिली कि किन्नौर जाने वाले रास्ते पर एक लकड़ी का मैक्सी-शिफ्ट पुल बह गया है। शुरुआती जानकारी में हमें पता चला है कि लगभग 100 लोग फंसे हुए हैं, आज सुबह तक 413 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। वहीं, सुबह से अब तक 57 लोगों को बचाया जा चुका है।” जानकारी है कि वहां 100 और लोग फंसे हुए हैं। शाम तक उन्हें भी बचा लिया जाएगा। हमें जानकारी मिली है कि वहां एक व्यक्ति की मौत हो गई है।”एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसिन शाहेदी ने स्थिति की गंभीरता का विवरण देते हुए कहा कि प्राप्त सूचना के अनुसार, चार लोगों की मौत हो गई है और 50 से अधिक लोग लापता बताए गए हैं। इसके अलावा, हर्षिल और सुखी टॉप में दो जगहों पर अचानक बाढ़ आने की भी खबर है। हर्षिल में सेना के लगभग 11 जवान लापता बताए जा रहे हैं। सुखी टॉप में कोई हताहत नहीं हुआ है।ऋषिकेश-उत्तरकाशी राजमार्ग प्रभावित है, इसलिए आवाजाही बहुत धीमी है। कई जगहों पर सड़कें जाम होने के कारण टीमों को मौके पर पहुंचने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारी टीमें प्रभावित लोगों को हवाई मार्ग से निकालने के लिए देहरादून में तैयार हैं।इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे और धराली में बादल फटने और भूस्खलन की घटना स्थल पर स्थानीय लोगों से मुलाकात की, जिससे घरों और अन्य इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है। इससे पहले आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ का आकलन करने के लिए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (ईओसी) में आपदा प्रबंधन बैठक की।वहीं, सीएम धामी ने उत्तरकाशी के जोशियाड़ा हेलीपैड का भी दौरा किया और हाल ही में बादल फटने से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर नुकसान और चल रहे राहत कार्यों का जायजा लिया। राज्य और केंद्र सरकारों के पूर्ण सहयोग से बचाव और राहत कार्य जारी हैं। -
नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में राज्य आपदा परिचालन केंद्र में अधिकारियों के साथ बैठक की और उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के बाद स्थिति का जायजा लिया। इससे पहले सीएम धामी बादल फटने की घटना के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए देहरादून स्थित राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे। वहीं, मंगलवार को उत्तरकाशी में आई आपदा को देखते हुए प्रदेश सरकार ने अगले आदेश तक उत्तरकाशी जिले में तीन IAS अधिकारियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों में जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से उत्तरकाशी जिले में तीन पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गयी है।
उत्तरकाशी में जिलास्तरीय आपात नियंत्रण कक्ष की स्थापनासीएम धामी ने एक्स पर कहा कि देहरादून स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर धराली (उत्तरकाशी) में बादल फटने से उत्पन्न हुई स्थिति की जानकारी ली एवं प्रशासन को प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए। उत्तरकाशी में जिलास्तरीय आपात नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है और विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई है।प्रशासन को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देशउन्होंने बताया कि प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने, आवश्यक चिकित्सा एवं राहत सामग्री उपलब्ध कराने, घायलों को बेहतर उपचार मुहैया कराने सहित उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने हेतु प्रशासन को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। धराली के आसपास के क्षेत्रों में 108 एंबुलेंस सेवा हाई अलर्ट पर रखने एवं सभी चिकित्सा अधिकारियों व कर्मचारियों के अवकाश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।मौसम विभाग द्वारा प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा की चेतावनी जारीसीएम धामी ने कहा कि राहत और बचाव कार्यों में केंद्र सरकार का पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है। इस दौरान अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी संबंधित हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे सक्रिय रहें। मौसम विभाग द्वारा प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा की चेतावनी जारी की गई है।सीएम धामी ने नागरिकों को मौसम सामान्य होने तक अनावश्यक यात्रा ना करने को कहाउन्होंने नागरिकों से अनुरोध है कि मौसम सामान्य होने तक अनावश्यक यात्रा ना करें। सीएम धामी ने कहा कि उनकी सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कृपया सतर्क रहें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम धामी से बात कर घटना की जानकारी लीइससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के धराली (उत्तरकाशी) में फ्लैश फ्लड की घटना को लेकर मुख्यमंत्री धामी से बात कर घटना की जानकारी ली। अमित शाह ने एक्स पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि ITBP की निकटतम 3 टीमों को उत्तराखंड भेज दिया गया है, साथ ही NDRF की 4 टीमें भी घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई हैं।धराली के आसपास के क्षेत्रों में 108 एंबुलेंस सेवा हाई अलर्ट परवहीं, सीएम धामी ने मीडिया को बताया कि प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने, आवश्यक चिकित्सा एवं राहत सामग्री उपलब्ध कराने, घायलों को बेहतर उपचार मुहैया कराने सहित उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने हेतु प्रशासन को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। धराली के आसपास के क्षेत्रों में 108 एंबुलेंस सेवा हाई अलर्ट पर रखने एवं सभी चिकित्सा अधिकारियों व कर्मचारियों के अवकाश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर, फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर 4 से 8 अगस्त तक भारत दौरे पर हैं। इस बीच 5 अगस्त को राष्ट्रपति मार्कोस को राष्ट्रपति भवन के मुख्य द्वार पर आधिकारिक स्वागत किया गया।इसके बाद, मार्कोस ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए राज घाट का दौरा किया। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसके बाद दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया। राष्ट्रपति मार्कोस ने पीएम मोदी द्वारा आयोजित दोपहर के भोजन में भी भाग लिया। राष्ट्रपति मार्कोस ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की। मार्कोस भारत के आईटी हब बेंगलुरु भी जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस ने कई बिंदुओं पर सहमति व्यक्त की। भारत और फिलीपींस के बीच कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई गई, जो 1949 में स्थापित हुए थे। दोनों देशों के बीच शांति, विश्वास, सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों की एक लंबी परंपरा है, जिसे और मजबूत करने का संकल्प लिया गया।दोनों देशों ने 1952 में हुए मित्रता समझौते, 2000 में नीति परामर्श समझौते, 2007 में द्विपक्षीय सहयोग आयोग की स्थापना और 2007 में द्विपक्षीय सहयोग के ढांचे पर घोषित समझौतों को फिर से रेखांकित किया।भारत और फिलीपींस ने एक नई रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की, जो दोनों देशों के लिए द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की पूर्ण संभावनाओं को साकार करने के लिए एक नई दिशा है। यह साझेदारी शांति, स्थिरता और समृद्धि की दिशा में दोनों देशों के सहयोग को मजबूत करने के लिए है और इसका उद्देश्य भविष्य के लिए एक-दूसरे के लिए लाभकारी सहयोग का मार्ग प्रशस्त करना है। यह साझेदारी एक दशक तक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए कार्य योजना (प्लान ऑफ एक्शन) पर आधारित होगी।पीएम मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस ने राजनीतिक, रक्षा और सुरक्षा, समुद्री क्षेत्र, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, अंतरिक्ष सहयोग, व्यापार और निवेश, औद्योगिक सहयोग, स्वास्थ्य, कृषि, डिजिटल प्रौद्योगिकियां, विकास सहयोग, संस्कृति, पर्यटन, और लोगों के बीच आदान-प्रदान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।दोनों देशों ने 2006 में हस्ताक्षरित रक्षा सहयोग समझौते पर आधारित नियमित उच्चस्तरीय संवाद और सैन्य प्रशिक्षण को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इसके अलावा, समुद्री सुरक्षा और मरीन संसाधनों के साझा उपयोग के लिए सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया गया। दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि का स्वागत किया, जो 2024-25 में लगभग 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है।इसके साथ ही, दोनों देशों ने अधिमान्य व्यापार समझौता (पीटीए) के शीघ्र समापन पर सहमति व्यक्त की, जिससे व्यापारिक सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा। दोनों देशों ने संयुक्त अनुसंधान और विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि, और अंतरिक्ष विज्ञान में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में द्विपक्षीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों ने एक व्यापक सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम की योजना बनाई है।इस कार्यक्रम के अंतर्गत भारत-फिलीपींस के छात्रों, पर्यटकों, और पेशेवरों के बीच अधिक से अधिक संपर्क और सहयोग बढ़ाया जाएगा। दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र, दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्र संघ, और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया है। -
नई दिल्ली। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को भूस्खलन और बादल फटने की घटना में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। इस बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तरकाशी त्रासदी पर दुख जताया। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
राष्ट्रपति मुर्मु के कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी किए एक बयान में कहा, “उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना का समाचार अत्यंत दुखद है। पीड़ित परिवारों के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करती हूं और राहत तथा बचाव कार्यों में सफलता की कामना करती हूं।”इस बीच, पीएम मोदी ने उत्तरकाशी त्रासदी के बारे में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी से जानकारी ली। सीएम धामी ने एक्स पर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर धराली (उत्तरकाशी) में बादल फटने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान उन्हें प्रदेश सरकार, एसडीआरएफ, सेना और अन्य रेस्क्यू टीमों द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्य से अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तरकाशी त्रासदी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, “उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने की घटना दुखद और हृदय विदारक है। घटना के तुरंत बाद सेवा के जवान, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम वहां पहुंच गई है और सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर बचाव एवं राहत कार्य किया जा रहा है।”उन्होंने कहा, “80 साल पहले भी वहां इस प्रकार की घटना घटित हुई थी। इस समय पूरी सरकार सजग है और मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में पूरा रेस्क्यू कार्य चल रहा है। सिंचाई और लोक निर्माण विभाग के सभी अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और पूरी घटना पर अपनी पैनी निगाह रखे हुए हैं।”उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना पर लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने कहा, “मंगलवार दोपहर हर्षिल के पास धराली गांव के पास एक बड़ा बादल फटा। इसके बाद भारी बाढ़ और मलबा गांव में घुस आया, जिससे घरों और निवासियों को भारी नुकसान हुआ। हर्षिल में तैनात भारतीय सेना की इकाई को सूचना मिली और वे 10 मिनट के भीतर ही वहां पहुंच गई।वहीं उत्तरकाशी-हर्षिल मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के कारण अवरुद्ध सड़कों को जेसीबी की मदद से साफ किया जा रहा है। उत्तरकाशी-हर्सिल मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के बाद अवरुद्ध सड़कों को साफ किया जा रहा है।: क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के बीच प्लासडा (नरेंद्रनगर) के पास प्लासडा चौकी से आगे एक कार मलबे में फंस गई है। उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना: SDRF के कमांडर अर्पण यदुवंशी ने कहा, "... सूचना मिलते ही SDRF की तीन टीमें मौके पर पहुँच गईं... लगभग 70-80 लोगों को बचाकर गंगोत्री में सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है... SDRF द्वारा बचाव और तलाशी अभियान युद्धस्तर पर जारी है..." -
नयी दिल्ली. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले 11 वर्षों में किसानों के खातों में 43.87 लाख करोड़ रुपये भेजे हैं। उन्होंने सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, उर्वरक पर सब्सिडी और उपज की खरीद पर सरकार द्वारा खर्च की गई राशि का ब्यौरा दिया। प्रश्नकाल के दौरान एसआईआर के मुद्दे पर हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को निशाने पर लेते हुए चौहान ने कहा कि ‘‘वे लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं''। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष मुझे सवालों का जवाब नहीं देने दे रहा है। किसानों और उनके लिए कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी को रोकने का प्रयास कर रहा है।'' चौहान ने कहा, ‘‘मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, नुकसान की भरपाई और कई अन्य उपाय किए गए हैं। लाखों किसानों की आय दोगुनी से ज्यादा हुई है।'' उन्होंने सदन को बताया, ‘पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत लगभग साढ़े चार लाख करोड़ रुपये किसानों के खाते में डाले गए। फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों के खाते में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक डाले गए हैं। उर्वरक सब्सिडी पर 14.06 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं।'' चौहान का कहना था, ‘‘विपक्ष में दम है तो सुन ले कि मोदी सरकार ने किसानों के लिए कितना काम किया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने पिछले 11 वर्षों में किसानों के खातों में 43.87 लाख करोड़ रुपये डालकर उनकी जिंदगी बदली है।'' चौहान ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘एक प्रधानमंत्री होते थे, जिन्होंने कहा था कि मैं एक रुपया भेजता हूं तो लोगों के खाते में 15 पैसे पहुंचते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी एक रुपया भेजते हैं तो एक रुपया ही किसान के खाते में पहुंचता है।''
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नयी दिल्ली/ प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि भारतीय सेना को पाकिस्तान द्वारा किए गए किसी भी प्रकार के हिंसक कृत्यों का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा। यहां एक कार्यक्रम में को संबोधित करते हुए सीडीएस ने कहा कि पाकिस्तान के "पूर्ण-आयामी प्रतिरोध सिद्धांत” को चुनौती देने की आवश्यकता है, तथा इस बात पर जोर दिया कि आतंकवादी पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में छिप नहीं सकते। वार्षिक ‘ट्राइडेंट' व्याख्यान श्रृंखला के उद्घाटन सत्र में उन्होंने दोहराया कि सैन्य तैयारी अत्यंत उच्च स्तर की होनी चाहिए, चौबीसों घंटे और वर्ष के 365 दिन तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि युद्ध और शांति के बीच बहुत कम अंतर है, तथा कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि वे एक दूसरे में विलीन हो रहे हैं। सीडीएस ने कहा, "हमें अपरंपरागत और परमाणु क्षेत्रों के बीच पारंपरिक अभियानों के लिए अधिक स्थान बनाने की आवश्यकता है।” उन्होंने कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान की धरती पर कहीं भी छिप नहीं सकते।
जनरल चौहान ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय सेना के पास अत्यधिक दूरी पर स्थित स्थिर और गतिशील दोनों लक्ष्यों को भेदने की क्षमता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "हमें पाकिस्तान द्वारा की जाने वाली किसी भी हिंसात्मक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा, चाहे वह राज्य के तत्वों द्वारा की जाए या राज्येतर तत्व द्वारा की जाए, और यह पहला मानदंड है, जो हमें समझना होगा। यह हम सभी के लिए नया मानदंड है।" सीडीएस ने कहा कि एक और सैन्य मानक यह है कि अब परमाणु नीति पर अधिक निर्भरता होगी, जो पारंपरिक सैन्य अभियानों की बुनियाद बन गई है। उन्होंने कहा कि एक और मानक यह होगा कि भारत को अपने विरोधियों के मुकाबले तकनीकी रूप से आगे रहना होगा। -
उत्तरकाशी. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में आयी विनाशकारी बाढ़ में चार लोगों की मौत हो गयी और 130 से अधिक लोगों को बचा लिया गया। उत्तराखंड सरकार द्वारा यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) तथा सेना सहित अन्य राहत एजेंसियों ने मिलकर घटनास्थल से 130 से अधिक लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। इससे पहले, घटनास्थल के लिए जाते समय उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने संवाददाताओं को बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार घटना में चार लोगों की मृत्यु हुई है। बाढ़ में लापता हुए लोगों की संख्या के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं मिली है लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि यह संख्या 50 से अधिक हो सकती है क्योंकि बाढ़ के पानी के तेज बहाव के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का मौका ही नहीं मिला। अधिकारियों ने बताया कि धराली में आई बाढ़ में कई मकान और होटल तबाह हो गए। धराली गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है और यात्रा का प्रमुख पड़ाव है। उन्होंने बताया कि दोपहर बाद करीब पौने दो बजे हुई इस घटना में कम से कम आधा धराली गांव मलबे और कीचड़ में दब गया। बाढ़ के पानी और मलबे के तेज बहाव में तीन-चार मंजिला मकानों सहित आस-पास की इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं। अधिकारियों के अनुसार, खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटने से यह विनाशकारी बाढ़ आई।
बाढ़ से केवल धराली ही नहीं प्रभावित हुआ। राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि तेज गति से आया सैलाब एक ही पहाड़ी की दो अलग-अलग दिशाओं में बहा-एक धराली की ओर दूसरा सुक्की गांव की ओर। इस बीच, शाम तक जारी बारिश के कारण राहत एवं बचाव कार्यों में बाधा आई।
इसके अलावा, राज्यभर में भूस्खलन के कारण सड़कों के अवरुद्ध होने से भी राहत कार्य में अड़चनें आईं और बचावकर्मियों को आपदाग्रस्त क्षेत्र में पहुंचने में कठिनाई हुई। सुमन ने बताया कि हर्षिल में मौजूद सेना की एक टीम तत्काल मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया लेकिन खराब मौसम और सड़कों के कारण अन्य स्थानों से आने वाली टीम को पहुंचने में काफी मुश्किलें आयीं। बुधवार को भी मौसम से ज्यादा राहत मिलने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग ने नैनीताल, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार और देहरादून समेत सात जिलों में भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है। उत्तराखंड के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि 40 से 50 इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर की सेवाएं भी नहीं ली जा सकीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि धराली बाजार का एक बड़ा हिस्सा आपदा में तबाह हो गया।
बादल फटने से धराली में आई आपदा के एक वीडियो में लोगों को डर के मारे चीखते सुना जा सकता है जबकि एक अन्य वीडियो में एक आवाज सुनाई दे रही है, ‘‘सब कुछ खत्म हो गया है।'' मुख्यमंत्री धामी अपना आंध्र प्रदेश का दौरा बीच में ही छोड़कर देहरादून लौट आए और अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया। धामी ने धराली में हुए भारी नुकसान पर दुख जताया और कहा कि प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी । उन्होंने बताया कि बताया कि राहत एवं बचाव कार्यों में सेना, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा जिला प्रशासन की टीम युद्धस्तर पर लगी हैं। धामी ने प्रभावितों को हवाई मार्ग से लाने तथा उनके लिए तत्काल भोजन, कपड़े और दवाइयां भिजवाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को वायु सेना के एमआई-17 का सहयोग लेने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के तीन वरिष्ठ अधिकारियों मेहरबान सिंह बिष्ट, अभिषेक रुहेला तथा गौरव कुमार को नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं जो उत्तरकाशी जाकर बचाव एवं राहत कार्यों की निगरानी करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में घायलों के लिए बिस्तर आरक्षित रखे गए हैं और एंबुलेंस धराली पहुंच गयी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि लोगों तक मदद पहुंचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरकाशी के धराली में हुई इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। इसके साथ ही सभी पीड़ितों की कुशलता की कामना करता हूं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी से बात कर मैंने हालात की जानकारी ली है। राज्य सरकार की निगरानी में राहत और बचाव की टीमें हरसंभव प्रयास में जुटी हैं। लोगों तक मदद पहुंचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है।'' केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी धामी से बात की और प्रभावित लोगों की सहायता के लिए सात बचाव दल भेजने का आदेश दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं और कीमती जानें बचाने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं। इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एडीआरएफ ने उत्तराखंड में बादल फटने की घटना में मारे गए लोगों का पता लगाने में मदद के लिए शव खोजी कुत्तों की अपनी पहली टीम तैनात करने का फैसला किया है। इन कुत्तों के एक जोड़े को दिल्ली से हवाई मार्ग से लाया जाएगा, जबकि राज्य के विभिन्न स्थानों से बल की तीन टीम घटनास्थल पर पहुंच गई हैं जिनमें प्रत्येक में 35 बचावकर्मी शामिल हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि उत्तरकाशी में मलबे और कीचड़ में दबे शवों को ढूंढ़ने के लिए खोजी कुत्तों को तैनात किया जा रहा है।