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- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा में भाग लेते हुए मंगलवार को लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जवाब दिया। उन्होंने लोकसभा में कहा कि दुनिया के किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में कार्रवाई करने से नहीं रोका था।पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के किसी भी नेता ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को नहीं रुकवाया। उन्होंने कहा कि 9 मई की रात और 10 मई की सुबह हमने पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को तहस-नहस कर दिया था। आज पाकिस्तान भी जान गया है कि भारत का हर जवाब पहले से ज्यादा तगड़ा होता है। उसे ये भी पता है कि भविष्य में नौबत आई तो भारत आगे कुछ भी कर सकता है। इसलिए मैं फिर से लोकतंत्र के इस मंदिर में दोहराना चाहता हूं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी है। अगर पाकिस्तान ने दुस्साहस की, कल्पना की तो, उसे करारा जवाब दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के प्रहार ने पाकिस्तान को घुटने पर आने के लिए मजबूर कर दिया। पाकिस्तान ने डीजीएमओ को फोन कर गुहार लगाई कि बस करो, बहुत मारा। अब ज्यादा मार झेलने की ताकत नहीं है। प्लीज हमला रोक दो। भारत ने पहले ही दिन कह दिया था कि भारत ने अपने लक्ष्य पूरे कर दिए। अगर आप कुछ करोगे तो जवाब देंगे।पीएम मोदी ने कहा कि 9 तारीख की रात को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने मुझसे बात करने का प्रयास किया। वह घंटे भर कोशिश कर रहे थे, लेकिन मेरी सेना के साथ बैठक चल रही थी, तो मैं फोन उठा नहीं पाया, लेकिन बाद में मैंने कॉल बैक किया। फिर अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने मुझे बताया कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है। इस पर मैंने कहा, अगर पाकिस्तान का ये इरादा है, तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा। अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो हम बड़ा हमला कर जवाब देंगे। आगे मैंने कहा था, ‘हम गोली का जवाब गोले से देंगे’।इससे पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 29 बार कहा कि हमने युद्ध रुकवाया। अगर दम है तो प्रधानमंत्री सदन में यह बोल दें कि वे असत्य बोल रहे हैं। इंदिरा गांधी की 50 प्रतिशत हिम्मत भी हो, तो वे यह कह देंगे। अगर सचमुच में दम है तो पीएम को यहां कह देना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहा है।”
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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को सदन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के पीछे की वजह बताई। उन्होंने लोकसभा को बताया कि आतंकवादियों को जवाब देने के लिए भारत पड़ोसी देश में 100 किलोमीटर अंदर गया। वहां जाकर 9 अड्डों और 100 से अधिक आतंकियों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। गृह मंत्री ने ‘संघर्ष विराम’ पर उठते सवालों का भी जवाब दिया।
दरअसल, विपक्ष ने सवाल उठाया कि हम अच्छी स्थिति में थे, तो फिर युद्ध क्यों नहीं किया? अमित शाह ने जवाब दिया, “युद्ध के कई परिणाम होते हैं। युद्ध सोच समझकर करना पड़ता है।” गृह मंत्री ने कांग्रेस को 1948 के युद्ध की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि उस समय लड़ाई निर्णायक पड़ाव पर थी, लेकिन जवाहर लाल नेहरू ने एकतरफा युद्धविराम किया। इसी युद्धविराम के कारण पीओके अस्तित्व में है। इसके जिम्मेदार जवाहर लाल नेहरू हैं।अमित शाह ने सिंधु जल संधि के फैसले की याद दिलाई, जिसमें 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दिया गया था। उन्होंने 1965 में जीते हाजी पीर को वापस लौटाने और 1971 की जीत के बाद शिमला समझौते में पीओके को नहीं मांगने पर कांग्रेस को घेरा।गृह मंत्री ने “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया। इन हमलों में कोई आम नागरिक नहीं मारा गया, सिर्फ आतंकवादी इस हमले में मारे गए। बहावलपुर में मरकज शुभानअल्लाह, मुरीदके में मरकज तैयबा, सियालकोट में मेहमूना जोया कैंप और सरजल कैंप, मुजफ्फराबाद में सवाईनाला और सैयदना बिलाल कैंप, कोटली में गुलपुर और अब्बास कैंप के साथ बरनाला कैंप भीमबर को भारतीय सेना ने टारगेट किया।अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान ने खुद गलतियां कीं। भारत ने आतंकियों पर हमला किया, लेकिन पाकिस्तान ने इसे अपने ऊपर हमला माना। आतंकवादियों के जनाजे को पाकिस्तान की सेना ने कंधा दिया, लेकिन वे भूल गए थे कि यह सब पूरी दुनिया देखेगी। पूरी दुनिया में पाकिस्तान खुद को आतंक पीड़ित बताता है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने एक्सपोज किया कि वहां ‘स्टेट प्रायोजित आतंकवाद’ है।इस संघर्ष में भारत के नुकसान को लेकर भी अमित शाह ने लोकसभा में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय सेना के अड्डों पर हमले किए। किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। एक गुरुद्वारा और एक मंदिर इन हमलों में टूटे। कुछ नागरिक घायल हुए।केंद्रीय गृह मंत्री ने सदन को बताया कि भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को तबाह किया, जिनमें से 8 एयरबेस पर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। - नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में ऐलान किया कि ‘ऑपरेशन महादेव’ के जरिए तीन आतंकियों को मार गिराया गया। ये सभी जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शामिल थे। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन महादेव के जरिए आतंकी सुलेमान, अफगान और जिबरान को ढेर किया।केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि कैसे आतंकियों को घेर किया ढेरइसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में विपक्ष को ‘ऑपरेशन महादेव’ की पूरी टाइमलाइन बताई। सदन को बताया कि इस ऑपरेशन की शुरुआत कब हुई और कैसे पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को ढेर किया गया।23 अप्रैल को हुई सुरक्षा मीटिंगगृह मंत्री अमित शाह ने सदन में बताया कि 23 अप्रैल को सुरक्षा मीटिंग हुई। सबसे पहले इसमें निर्णय हुआ कि हत्यारे पाकिस्तान भागने न पाएं। इसकी हमने पुख्ता व्यवस्था की और भागने नहीं दिया। 22 मई को आईबी के पास ह्यूमन इंटेल आई और दाचीगाम क्षेत्र के अंदर आतंकवादियों की उपस्थिति की जानकारी मिली। इस सूचना के पुख्ता करने के लिए मई से 22 जुलाई तक लगातार प्रयास किए। ऊंचाई पर सिग्नल हासिल करने के लिए हमारे अधिकारी आतंकियों के सिग्नल हासिल करने के लिए घूमते रहे।सेंसर के माध्यम से आतंकवादियों के मिलने की हुई पुष्टिआईबी और सीआरपीएफ भी लगातार घूमती रही। 22 जुलाई को हमें सफलता मिली। सेंसर के माध्यम से आतंकवादियों के मिलने की पुष्टि हुई। इसके बाद 4 पैरा जो हमारी सेना का एक हिस्सा है उसके नेतृत्व में सीआरपीएफ के जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों ने एक साथ मिलकर आतंकियों को घेरने का काम किया। इसके बाद 28 जुलाई को ऑपरेशन महादेव के जरिए हमारे निर्दोष लोगों को मारने वाले तीनों आतंकी मौत के घाट उतार दिए गए।इन आतंकियों को पनाह देने वालों और खाना पहुंचाने वालों को पहले ही कर लिया था गिरफ्तारकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे बताया कि एनआई ने पहले से ही इन 3 आतंकियों को पनाह देने वालों और खाना पहुंचाने वालों को गिरफ्तार कर लिया था। कल (28 जुलाई) जब इन आतंकवादियों के शव श्रीनगर आए, तो इनसे पहचान कराई गई, जिसमें से 4 लोगों ने पहचान लिया कि यही 3 लोग थे, जिन्होंने पहलगाम में आतंकी घटना को अंजाम दिया था। मगर हम लोगों ने इस पर भी भरोसा नहीं किया, कोई जल्दबाजी नहीं की।पहलगाम हमले के घटनास्थल से जो कारतूस मिले, उसका एफएसएल रिपोर्ट पहले ही कराकर रखा था। जब कल आतंकी मारे गए। इनके पास एक अमेरिकन और दो एके-47 राइफलें मिलीं। कारतूस भी मिले। मगर हम इससे भी संतुष्ट नहीं हुए। इन राइफलों को एक विशेष विमान द्वारा कल रात चंडीगढ़ भेजा। मिलान होने पर तय हो गया कि इन्हीं राइफलों से पहलगाम हमले को अंजाम दिया गया था।
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नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर राज्यसभा में बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ही नहीं, भारत की तरफ टेढ़ी निगाह से देखने वाले हर देश को यह समझ लेना चाहिए कि आज भारत की सेनाओं में हर हालात से निपटने की ताकत और कूबत है। हम जानते हैं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान कौन सा देश क्या कर रहा था। हमने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से पाकिस्तान को शह देने वाली ताकतों को भी संदेश दे दिया है।
पाकिस्तान एक जिद्दी बच्चे की तरह मानता ही नहींउन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक जिद्दी बच्चे की तरह मानता ही नहीं है। इसलिए पूरी दुनिया के लिए यह जरूरी है कि पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर हर तरह का रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बनाया जाए। पाकिस्तान वही देश है, जहां हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे घोषित आतंकवादी खुलेआम घूमते हैं और जहर उगलते हैं। जहां आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तान आर्मी के बड़े अफसर फातिहा पढ़ते नजर आते हैं। अब उसी पाकिस्तान से उम्मीद की जा रही है कि वह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समुदाय का नेतृत्व करेगा, यह किसी क्रूर मजाक से कम नहीं है। यह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का उपहास है।पाकिस्तान को काउंटर टेररिज्म पैनल का उपाध्यक्ष बनाया जाना ‘बिल्ली से दूध की रखवाली करवाने जैसा’रक्षा मंत्री ने कहा, “सबसे ताजा उदाहरण है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा पाकिस्तान को काउंटर टेररिज्म पैनल का उपाध्यक्ष बनाया जाना। हैरानी की बात यह है कि यह काउंटर-टेररिज्म पैनल 9/11 हमले के बाद गठित किया गया था। हम सब जानते हैं कि 9/11 का हमला किसने किया था। यह भी किसी से छुपा नहीं है कि उस हमले के मास्टरमाइंड को पाकिस्तान ने शरण दी थी। यह तो एक तरह से बिल्ली से दूध की रखवाली करवाने की बात हुई। यह निर्णय न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि आतंकवाद के मुद्दे पर यूएन जैसी संस्था की गंभीरता को दर्शाता है। यह कैसे भुलाया जा सकता है कि यह वही पाकिस्तान है, जिसकी जमीन का इस्तेमाल वैश्विक आतंकवादी संगठनों की पनाहगाह के रूप में होता रहा है।आतंकवाद को फंडिंग और शरण देने वाले देशों को भी आज दुनिया के सामने बेनकाब करना जरूरीरक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद को फंडिंग और शरण देने वाले देशों को भी आज दुनिया के सामने बेनकाब करना जरूरी है। पाकिस्तान को जो पैसा या आर्थिक सहायता मिलती है, उसका बड़ा हिस्सा आतंकवाद के कारखाने में खर्च किया जाता है। यह बात पूरी दुनिया के सामने आ रही है। पाकिस्तान को फंडिंग का मतलब है, आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को फंडिंग। मुझे लगता है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस विदेशी फंडिंग को बंद करना होगा।पाकिस्तान आतंकवाद की नर्सरी हैपाकिस्तान आतंकवाद की नर्सरी है। उसको खाद-पानी नहीं मिलनी चाहिए। पाकिस्तान हर बार आतंकवाद को सही ठहराने की कोशिश में लगा रहता है। इसलिए जरूरी है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में, हम सिर्फ आतंकवादियों को ही नहीं, बल्कि उन्हें मदद करने वाले पूरे टेरर इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी खत्म करें। इसलिए ही हमारे प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आज भी जारी है।पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवादियों को पनाह दीरक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवादियों को पनाह दी है, अपनी जमीन पर उन्हें ट्रेनिंग और कई तरह की मदद दी है। पहलगाम तो सिर्फ एक उदाहरण है, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के गुनाहों की लिस्ट बहुत लंबी है। हमने हमेशा देखा है कि पाकिस्तान जैसे देश लगातार आतंकवाद को समर्थन देते आए हैं। यह कितना विरोधाभास है कि भारत और पाकिस्तान दोनों एक ही समय आजाद हुए, लेकिन आज भारत को पूरी दुनिया में जहां मदर ऑफ डेमोक्रेसी की पहचान मिली है, वहीं पाकिस्तान फादर ऑफ ग्लोबल टेररिज्म बनकर उभरा है। हमारी सरकार ने आतंकवाद से निपटने के साथ-साथ भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नई सोच के साथ नई रणनीति अपनाई है।भारत डिफेंस के मामले में बड़ी तेजी से बन रहा है आत्मनिर्भरउन्होंने कहा कि आज जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो उसके सबसे मजबूत स्तंभों में एक है हमारा रक्षा क्षेत्र। जब कोई राष्ट्र अपने सुरक्षा उपकरण, अपने हथियार, अपने लड़ाकू विमान और मिसाइलें खुद बनाना शुरू कर दे, तो वह न केवल खुद पर विश्वास करना सीखता है, बल्कि दुनिया को भी यह संदेश देता है कि अब हम आत्मनिर्भर हैं, सक्षम हैं और किसी के मोहताज नहीं हैं। भारत आज सिर्फ सीमाओं की रक्षा नहीं कर रहा, बल्कि एक ऐसी व्यवस्था खड़ी कर रहा है, जो हमें सामरिक, आर्थिक और तकनीकी दृष्टि से मजबूत बना रही है। पहले हम रक्षा उपकरणों के लिए पूरी तरह से विदेशों पर निर्भर थे, लेकिन आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि भारत डिफेंस के मामले में बड़ी तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है।आज भारत की सेनाओं के पास केवल इंपोर्टेड हथियार नहीं, बल्कि इसी देश में बने मिसाइलें, टैंक, और अन्य सिस्टम्स एवं प्लेटफॉर्म्स भी हैं। हमारी अग्नि, पृथ्वी, ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें आज दुश्मन को जवाब देने के लिए तैयार खड़ी हैं और ये सब भारत में बनी हैं। अब हमारे देश में आईएनएस विक्रांत जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की भी ताकत है। रक्षा मंत्री ने कहा, “मैं इस सदन को और देश की जनता को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमारी सरकार, हमारी सेनाएं और हमारी लोकतांत्रिक संस्थाएं, सब मिलकर देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाने को प्रतिबद्ध हैं। करीब सौ देशों को हमारे देश में बने डिफेंस प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं। हमारा यह लक्ष्य है कि इस साल हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट तीस हजार करोड़ रुपए और साल 2029 तक पचास हजार करोड़ रुपए पहुंच जाए। मुझे पूरा विश्वास है, हम यह लक्ष्य अवश्य प्राप्त करेंगे।” -
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में सोमवार बीती रात से जारी मूसलाधार बारिश के बीच मंडी जिले में भारी बाढ़ और मलबा आने से हालात सबसे ज्यादा खराब हुए हैं। मंडी शहर के जेल रोड और हॉस्पिटल रोड इलाके में बादल फटने के कारण अचानक नाले में उफान आने से बाढ़ का पानी और मलबा घरों में घुस गया। कई लोगों को समय रहते पुलिस व प्रशासन ने सुरक्षित बाहर निकाला। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने दो लोगों की मौत की और एक के लापता होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान राहत व बचाव कार्यों में जुटे हैं।
देर रात भारी बारिश के बाद अचानक आ गई बाढ़इसके अलावा कई घरों में मलबा घुस जाने से करीब पंद्रह लोगों को मलबे से निकाला गया। एक मकान में भारी मात्रा में मलबा घुस जाने से कमरे में दो लोग फंस गये थे, जिन्हें लोगों ने कमरे की खिड़की तोड़कर सुरक्षित बाहर निकाला। जानकारी अनुसार देर रात भारी बारिश के बाद अचानक बाढ़ आ गई, जिसने कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया। घरों की निचली मंजिलों में पानी और मलबा भर गया, जिससे लोग फंस गए थे।पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, पूर्व मंत्री एवं विधायक अनिल शर्मा, उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन, नगर निगम के महापौर विरेंद्र भट्ट, स्थानीय पार्षद राजा, सुमन ठाकुर ,कमिशनर रोहित राठौर, एडीएम डॉ. मदन कुमार ने मौके पर पहुंचकर राहत व बचाव कार्यों का जायजा लिया। इस बारिश से अभी और कितना नुकसान हुआ है इसका आकलन किया जा रहा है।NH-3 और NH-154 पर हुआ भूस्खलनइधर, चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-3) और मंडी-पठानकोट हाईवे (NH-154) पर भी कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। दोनों मार्ग बंद हैं और कई वाहन फंसे हुए हैं। लोक निर्माण विभाग, प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं, जबकि एनडीआरएफ को भी अलर्ट पर रखा गया है।मंडी सहित पूरे प्रदेश में अगले 24 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनीमौसम विभाग ने मंडी सहित पूरे प्रदेश में अगले 24 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे राहत कार्यों में और कठिनाइयां बढ़ गई हैं। गौरतलब है कि मंडी जिला इससे पहले भी 30 जून की रात बादल फटने की एक दर्जन घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ था। सबसे ज्यादा तबाही सराज क्षेत्र में हुई थी।राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, अब तक करीब 1523 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 780 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 499 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। प्रदेश में अब तक 42 बार फ्लैश फ्लड, 25 बार बादल फटने और 32 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं। -
कोच्चि. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि ‘‘कट्टर हिंदू होने का मतलब दूसरों का विरोध करना नहीं है'' और हिंदू धर्म का सार सभी को गले लगाने में निहित है। आरएसएस से जुड़े ‘शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास' की ओर से आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन ‘ज्ञान सभा' में बोलते हुए भागवत ने मजबूत धार्मिक पहचान के बारे में एक ‘आम गलतफहमी' को दूर करने की कोशिश की। उन्होंने दावा किया, ‘‘अक्सर यह गलतफहमी होती है कि कट्टर हिंदू होने का मतलब दूसरों को गाली देना है। ऐसी गलतफहमी हो सकती है।'' भागवत ने कहा, ‘‘सच्चा हिंदू होने का मतलब किसी का विरोध करना नहीं है, न ही इसका मतलब यह है कि हमें यह कहकर जवाब देना होगा कि हम हिंदू नहीं हैं। हम हिंदू हैं, लेकिन हिंदू होने का सार सभी को गले लगाना है।'' उन्होंने कहा, ‘‘जो कोई हिंदुओं को एकजुट करना चाहता है, उसे इस सार का ध्यान रखने की जरूरत है।''
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के देवघर में हुए दर्दनाक सड़क हादसे पर दुख जताया है। झारखंड के देवघर में मंगलवार को एक बस हादसे में 5 कांवड़ियों की मौत और 20 से अधिक के घायल होने की घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया। पीएम मोदी ने इस दुखद हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से यह जानकारी दी गई।
पीएम मोदी ने कहा…पीएम मोदी ने कहा, “झारखंड के देवघर में हुई सड़क दुर्घटना अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी है, उनके परिजनों के प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं। ईश्वर उन्हें इस पीड़ा को सहने की शक्ति दे। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”झारखंड के राज्यपाल ने भी घटना को लेकर जताया शोकझारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शोक जताया। उन्होंने लिखा, “कांवड़ियों की बस दुर्घटना का समाचार अत्यंत दुखद एवं पीड़ादायक है। मैं शोकाकुल पपरिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं तथा बाबा भोलेनाथ से घायल श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं।”वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हादसे को व्यथित करने वाला बताया और जिला प्रशासन से घायलों के बेहतर इलाज की मांग की। उन्होंने लिखा, “बाबा बैद्यनाथ दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें तथा शोक संतप्त परिजनों को यह अपार दुख सहन करने की शक्ति दें। सभी घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं।”पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी ‘एक्स’ पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “देवघर के मोहनपुर स्थित जमुनिया चौक पर कांवड़ियों से भरी बस के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। इस हादसे में कई श्रद्धालुओं के असमय निधन की खबर से मन व्यथित है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे एवं शोकाकुल परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे। साथ ही घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। - मुरादाबाद (उप्र). मुरादाबाद जिले में सोमवार सुबह हरिद्वार से डाक कांवड़ (गंगाजल) लेकर लौट रहे बरेली के दो युवकों की एक तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने यहां बताया कि बरेली के आंवला थाना क्षेत्र के करुआ ताल गांव के निवासी आकाश (19), माधव राम (20) और अमर सिंह (20) रविवार को कांवड़ यात्रा पर हरिद्वार गए थे और वे एक ही मोटरसाइकिल पर गंगाजल लेकर अपने गांव लौट रहे थे तथा रास्ते में मुरादाबाद में पराग फैक्टरी के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी।उन्होंने बताया कि इस भीषण टक्कर में आकाश और माधव राम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अमर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से भाग गया। उसकी तलाश की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। घायल को प्राथमिक उपचार के बाद उसके गांव ले जाया गया और स्थिति सामान्य बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
- नयी दिल्ली. एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) का एकीकृत शुद्ध लाभ जून, 2025 की तिमाही में सालाना आधार पर 59 प्रतिशत बढ़कर 220.48 करोड़ रुपये हो गया। बिजली क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड की इकाई एनजीईएल ने पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 138.61 करोड़ रुपये का शुद्ध दर्ज किया था। कंपनी ने बताया कि अप्रैल-जून तिमाही में उसकी कुल आय 24 प्रतिशत बढ़कर 751.69 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 607.43 करोड़ रुपये थी। एनजीईएल का कुछ खर्च सालाना आधार पर 423.99 करोड़ रुपये से बढ़कर 492.55 करोड़ रुपये हो गया।
- लुधियाना/ पंजाब के लुधियाना जिले में जगेरा पुल के पास एक वैन के सरहिंद नहर में गिरने से उसमें सवार आठ लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। यह घटना रविवार रात को हुई, जब लगभग 30 श्रद्धालुओं का एक समूह हिमाचल प्रदेश स्थित माता नैना देवी मंदिर के दर्शन करके लौट रहा था। पुलिस ने बताया कि वैन नहर में तब गिर गई, जब उसके चालक ने एक अन्य वाहन से आगे निकलने की कोशिश करते समय गाड़ी पर से नियंत्रण खो दिया। पायल के पुलिस उपाधीक्षक हेमंत मल्होत्रा ने बताया कि सरहिंद नहर से दो और शव बरामद होने के साथ ही मृतकों की संख्या आठ हो गई है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों में चार महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं।इससे पहले, दिन में उपायुक्त हिमांशु जैन और कुछ अन्य अधिकारियों ने कहा कि बचाव अभियान के दौरान कल रात अधिकांश लोगों को बचा लिया गया। घटना के बाद जैन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ज्योति यादव घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव अभियान का निरीक्षण किया।
- नई दिल्ली। झारखंड के देवघर जिले में आज मंगलवार को एक सड़क हादसे में कई लोगों के गंभीर रूप घायल होने की खबर है। यह हादसा देवघर के मोहनपुर ब्लॉक के पास जमुनिया गांव के पास हुआ, जहां एक बस और गैस सिलेंडर से भरे ट्रक की सीधी टक्कर हो गई। हादसे के वक्त बस में लगभग 35 कांवड़िये सवार थे, जो श्रावणी मेले के दौरान बाबा बैद्यनाथ धाम में जल चढ़ाने जा रहे थे।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस के परखच्चे उड़ गए और बस में चीख-पुकार मच गई। हादसे के बाद कई यात्री बस में ही फंसे रह गए, जिन्हें बाहर निकालने के लिए पुलिस, एंबुलेंस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों को तुरंत मौके पर बुलाया गया। क्रेन की मदद से बस का मलबा हटाकर घायलों को निकाला गया।घायलों को पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और देवघर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और बाद में अस्पतालों का दौरा कर राहत और उपचार कार्यों की निगरानी की। प्रशासन ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है, जिसमें यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं हादसा ड्राइवर की लापरवाही की वजह से तो नहीं हुआ।
- नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से जारी है और अब तक 3 लाख 83 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन कर लिए हैं। इस तीर्थयात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। इस बीच आज मंगलवार को जम्मू से 1,490 श्रद्धालुओं का एक और जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ। इनमें से 327 तीर्थयात्रियों को लेकर 16 वाहनों का पहला काफिला सुबह 3:25 बजे बालटाल आधार शिविर के लिए निकला, जबकि 1,163 यात्रियों के साथ 45 वाहनों का दूसरा काफिला सुबह 3:57 बजे पहलगाम आधार शिविर के लिए रवाना हुआ। यात्रा में अब केवल 12 दिन शेष रह गए हैं।आज ‘नाग पंचमी’ के मौके पर श्रीनगर के अमरेश्वर मंदिर में भगवान शिव की पवित्र छड़ी ‘छड़ी मुबारक’ का विशेष पूजन किया गया। यह छड़ी अमरनाथ यात्रा की दिशा तय करती है और 4 अगस्त को श्रीनगर के अमरेश्वर मंदिर से गुफा मंदिर के लिए अंतिम यात्रा शुरू करेगी। यह यात्रा पंपोर, बिजबेहरा, मट्टन और पहलगाम होते हुए 9 अगस्त को पवित्र गुफा मंदिर पहुंचेगी, जहां इसके साथ ही अमरनाथ यात्रा का समापन होगा।अमरनाथ यात्रा के लिए इस बार केंद्र सरकार ने सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत किया है। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस के अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 180 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा, 8,000 से ज्यादा विशेष कमांडो को भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं।अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और 9 अगस्त को समाप्त होगी। यह यात्रा समुद्र तल से 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा मंदिर तक पहुंचती है। श्रद्धालु दो रास्तों से गुफा तक पहुंच सकते हैं। पहला – पारंपरिक पहलगाम मार्ग जो चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी होते हुए गुफा तक पहुंचता है और लगभग 46 किलोमीटर लंबा है। इस रास्ते से यात्रा करने में करीब 4 दिन लगते हैं। दूसरा मार्ग बालटाल है, जो छोटा और कठिन है हालांकि यह केवल 14 किलोमीटर लंबा है। इस रास्ते से यात्री एक दिन में ही दर्शन कर वापस लौट सकते हैं। वहीं सुरक्षा कारणों से इस वर्ष किसी भी तीर्थयात्री के लिए हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं कराई गई है।
- नई दिल्ली। लोकसभा के बाद आज मंगलवार को राज्यसभा में भी ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत होगी। इस चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी,राजनाथ सिंह और एस जयशंकर की शामिल होने की उम्मीद है। राज्यसभा में यह बहस लोकसभा में सोमवार को हुई तीखी बहस के बाद हो रही है, जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने शुरुआती भाषण में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “भारत किसी भी उकसावे का जवाब देने में संकोच नहीं करेगा। आतंक को समर्थन देने वालों के लिए यह स्पष्ट संदेश है कि भारत आक्रामकता का जवाब निर्णायक रूप से देगा।” उनके इस बयान का सत्तापक्ष के सांसदों ने मेज थपथपा कर समर्थन किया।गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ 7 मई को शुरू किया गया था, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था। भारतीय सेना, वायुसेना और खुफिया एजेंसियों के संयुक्त प्रयास से शुरू किए गए इस ऑपरेशन का मकसद सीमा पार आतंकी ढांचे को नष्ट करना था।राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बताया कि इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और पाकिस्तान व पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को सटीक हमलों से नष्ट किया गया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी लोकसभा में अपने संबोधन में इस ऑपरेशन के लिए भारत को मिले अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सहानुभूति पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत की कूटनीतिक कोशिशों ने दुनिया को इस कार्रवाई की जरूरत और औचित्य को समझाने में मदद की।बाद में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म एक्स पोस्ट कर राजनाथ सिंह और जयशंकर के भाषण की सराहना की और उन्हें “प्रभावशाली” बताया। उन्होंने भारतीय सेना की बहादुरी और पेशेवर रवैये की तारीफ करते हुए कहा,” दोनों के भाषण में नए भारत की ताकत और दृढ़ता झलकती है।” राज्य सभा में होने वाली इस चर्चा से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के कार्यान्वयन और इसके प्रभावों पर और प्रकाश पड़ने की उम्मीद है।
- नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और नासा का संयुक्त मिशन ‘निसार’ उपग्रह 30 जुलाई को श्रीहरिकोटा से अपने निर्धारित समय शाम 5 बजकर 40 मिनट पर लॉन्च होगा। 1.5 बिलियन डॉलर का यह मिशन पृथ्वी की सतह की निगरानी में मददगार होगा। निसार उपग्रह हर 12 दिन में पृथ्वी की भूमि और बर्फीली सतहों को स्कैन करेगा और प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी में मदद करेगा। इस मिशन को भारत के जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट से प्रक्षेपित किया जाएगा।इसरो ने बताया- ‘निसार उपग्रह अब लॉन्चिंग के लिए तैयार’भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) उपग्रह को 30 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा।पीएम मोदी के भारत को ‘विश्व बंधु’ बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप इस मिशन को लेकर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है ‘‘यह मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत को ‘विश्व बंधु’ बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।’’उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘निसार केवल एक उपग्रह नहीं है, यह दुनिया के साथ भारत का वैज्ञानिक सहयोग है।’’इसरो और नासा का संयुक्त मिशनइसरो ने सोमवार को एक्स पोस्ट में बताया कि निसार उपग्रह अब लॉन्चिंग के लिए तैयार है। इसे प्रक्षेपण यान जीएसएलवी- एफ16 सिस्टम में स्थापित कर दिया गया है। इसकी जांच हो चुकी है। जीएसएलवी -एफ16 के माध्यम से निसार उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया जाएगा जिसका लाइव प्रसारण 30 जुलाई शाम 5 बजकर 10 मिनट शुरू होगा। जीएसएलवी -एफ 16 का प्रक्षेपण पांच बजकर 40 मिनट पर होगा। निसार इसरो और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का संयुक्त मिशन है।क्या करेगा निसार ?निसार की मदद से धरती के हर क्षेत्र पर नजर रखना संभव हो सकेगा। यह सैटेलाइट 740 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित होगा। यह एक अत्याधुनिक रडार सैटेलाइट है, जो बादलों और बारिश के बावजूद 24 घंटे पृथ्वी की तस्वीरें ले सकता है। इसका उद्देश्य बाढ़, ग्लेशियर, कोस्टल इरोजन (तटीय क्षेत्रों में होने वाला कटाव) जैसी प्राकृतिक घटनाओं पर नजर रखना और उसकी पूर्व जानकारी देना है। इससे दुश्मन देशों की गतिविधियों पर भी पैनी नजर रखी जा सकेगी। निसार की लागत करीब 1.3 बिलियन डॉलर (करीब 11,240 करोड़ रुपये) है। यह न केवल भारत और अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होगा।निसार उपग्रह दुनिया में अपनी तरह का पहला उपग्रहउल्लेखनीय है कि निसार उपग्रह दुनिया में अपनी तरह का पहला उपग्रह है जो प्रत्येक 12 दिनों पर समूची पृथ्वी की भूमि और बर्फीली सतहों को स्कैन करेगा। यह एक सेंटीमीटर स्तर तक की सटीक फोटो खींचने व प्रसारित करने में सक्षम है। इसमें नासा की तरफ से तैयार एल-बैंड और इसरो की ओर से विकसित एस-बैंड रडार लगाया गया है, जिन्हें विश्व में सबसे उन्नत माना जा रहा है। यह तकनीक प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन और बाढ़ की रियल-टाइम निगरानी में मदद करेगा। इसलिए भी इसे भारत के लिए खास तौर पर उपयोगी माना जा रहा है। यह मिशन न केवल प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी और प्रबंधन में सहायक होगा बल्कि कृषि, जलवायु परिवर्तन और मिट्टी की नमी का सटीक अनुमान लगाने के लिए भी डाटा भेजेगा।
- नई दिल्ली। पिछले छह वित्त वर्षों (वित्त वर्ष 20 से वित्त वर्ष 25) में 65,000 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन हुए हैं, जिनकी वैल्यू 12,000 लाख करोड़ रुपए से अधिक रही है। यह जानकारी सोमवार को सरकार की ओर से संसद को दी गई। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार देश में टियर-2 और टियर-3 सहित डिजिटल भुगतान को अपनाने की दर बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), फिनटेक कंपनियों, बैंकों और राज्य सरकारों सहित विभिन्न पक्षकारों के साथ मिलकर काम कर रही है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आरबीआई ने टियर-3 से टियर-6 शहरों, पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर में डिजिटल भुगतान स्वीकार करने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहित करने के लिए 2021 में एक पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (पीआईडीएफ) की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि 31 मई, 2025 तक, पीआईडीएफ के माध्यम से लगभग 4.77 करोड़ डिजिटल टचपॉइंट स्थापित किए जा चुके हैं। आरबीआई ने देश भर में भुगतानों के डिजिटलीकरण की सीमा को मापने के लिए डिजिटल पेमेंट इंडेक्स (आरबीआई-डीपीआई) विकसित किया है।इसके परिणामस्वरूप, अधिक लोग औपचारिक ऋण माध्यमों तक पहुंच पा रहे हैं, जो न केवल आर्थिक भागीदारी को सशक्त बनाता है, बल्कि अधिक संस्थाओं को औपचारिक वित्तीय इकोसिस्टम में भी लाता है।केंद्रीय मंत्री ने बताया, यूपीआई जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म ने छोटे विक्रेताओं और ग्रामीण उपयोगकर्ताओं सहित नागरिकों को डिजिटल भुगतान स्वीकार करने में सक्षम बनाया है, जिससे नकदी पर निर्भरता कम हुई है और औपचारिक आर्थिक भागीदारी बढ़ी है।ताजा आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2024 के लिए आरबीआई-डीपीआई सूचकांक 465.33 रहा, जो देश भर में डिजिटल भुगतान अपनाने, इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रदर्शन में निरंतर वृद्धि को दर्शाता है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छोटे व्यवसायों और एमएसएमई के ग्राहक आधार को बढ़ाने और दक्षता में सुधार लाने के उद्देश्य डिजिटल भुगतान प्रणाली अपनाने में सहायता प्रदान करने के लिए, सरकार, आरबीआई और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा समय-समय पर विभिन्न पहल की गई हैं।डिजिटल भुगतान के बढ़ते चलन ने विशेष रूप से वंचित और वंचित समुदायों के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में क्रांति ला दी है।
- नई दिल्ली। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्वो च्याखुन ने सोमवार को पेइचिंग में आयोजित एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चीन निष्पक्ष रुख अपनाते हुए कंबोडिया और थाईलैंड के साथ घनिष्ठ संपर्क बनाए रखेगा, सक्रिय रूप से मध्यस्थता करते हुए शांतिपूर्ण वार्ता को बढ़ावा देगा, ताकि युद्ध विराम और युद्ध की समाप्ति को बढ़ावा देने में रचनात्मक भूमिका निभाई जा सके।प्रवक्ता ने संबंधित सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कंबोडिया और थाईलैंड ऐसे पड़ोसी हैं, जिन्हें अलग नहीं किया जा सकता और वे चीन के मैत्रीपूर्ण पड़ोसी भी हैं। अच्छे पड़ोसी होने के नाते और आपसी विश्वास बनाए रखना तथा मतभेदों का उचित प्रबंधन करना कंबोडिया और थाईलैंड दोनों के मूलभूत और दीर्घकालिक हित में है और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के अनुकूल है।क्वो च्याखुन ने आगे कहा कि चीन कंबोडिया और थाईलैंड के बीच संघर्ष में हुई मौतों पर दुःखी है और अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है। आशा है कि दोनों पक्ष दोनों देशों की जनता के साझा हितों को ध्यान में रखते हुए शांति और अच्छे पड़ोसी के भाव को कायम रखेंगे, शांत और संयमित रहेंगे, यथाशीघ्र लड़ाई बंद करेंगे, बातचीत और परामर्श के माध्यम से मतभेदों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाएंगे और सीमा क्षेत्र में यथाशीघ्र शांति व स्थिरता बहाल करेंगे।उन्होंने यह भी कहा कि कंबोडिया और थाईलैंड दोनों आसियान के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। हाल के दिनों में, आसियान ने कंबोडिया और थाईलैंड के बीच युद्धविराम को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया है। चीन इसकी सराहना करता है और तनाव कम करने तथा स्थिति को शांत करने के लिए सभी प्रयासों का स्वागत करता है।
- मुंबई/ देश में इस साल मार्च तक डिजिटल भुगतान में सालाना आधार पर 10.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ऑनलाइन लेनदेन को मापने वाले आरबीआई के सूचकांक से यह जानकारी मिली है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एक जनवरी, 2021 से डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) प्रकाशित कर रहा है। इसमें देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा को दर्शाने के लिए मार्च, 2018 को आधार वर्ष माना गया है।आरबीआई ने सोमवार को बयान में कहा कि मार्च, 2025 के लिए सूचकांक 493.22 है, जबकि सितंबर, 2024 में यह 465.33 और मार्च, 2024 में 445.5 था। छमाही आंकड़ों के अनुसार, ‘‘आरबीआई-डिजिटल भुगतान सूचकांक बढ़ने का कारण देशभर में भुगतान बुनियादी ढांचा... आपूर्ति-पक्ष कारक और भुगतान प्रदर्शन जैसे मापदंडों में उल्लेखनीय वृद्धि है।'' आरबीआई-डिजिटल भुगतान मंच में पांच व्यापक मानदंड शामिल हैं जो विभिन्न समय अवधि में देश में डिजिटल भुगतान की गहनता और पहुंच को मापने को सक्षम बनाते हैं। ये मानदंड हैं...भुगतान सक्षमकर्ता (भारांश 25 प्रतिशत), भुगतान बुनियादी ढांचा... मांग से जुड़े कारक (10 प्रतिशत), भुगतान बुनियादी ढांचा... आपूर्ति-पक्ष कारक (15 प्रतिशत), भुगतान प्रदर्शन (45 प्रतिशत) और उपभोक्ता-केंद्रित (पांच प्रतिशत)।
- नयी दिल्ली/ दूरसंचार राज्यमंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा कि उद्योगपति एलन मस्क की अगुवाई वाली उपग्रह संचार सेवा प्रदाता कंपनी स्टारलिंक भारत में केवल 20 लाख कनेक्शन दे सकती हैं, ऐसे में सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल समेत अन्य दूरसंचार कंपनियों के लिए जोखिम वाली कोई बात नहीं है। उन्होंने यहां बीएसएनएल की समीक्षा बैठक के मौके पर कहा, ‘‘स्टारलिंक के भारत में केवल 20 लाख ग्राहक हो सकते हैं और वह 200 एमबीपीएस तक की गति प्रदान कर सकती है। इससे दूरसंचार सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।'' ऐसी संभावना है कि सैटकॉम सेवाओं का लक्ष्य ग्रामीण और दूरदराज के इलाके होंगे जहां बीएसएनएल की अच्छी उपस्थिति है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि स्टारलिंक कनेक्शन की सीमा इसकी मौजूदा क्षमता के कारण है।मंत्री ने कहा कि सैटकॉम सेवाओं की शुरुआती लागत बहुत ज्यादा होगी और मासिक लागत लगभग 3,000 रुपये हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि बीएसएनएल 4जी सेवा शुरू करने का काम पूरा हो चुकी है और अभी शुल्क दर बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। मंत्री ने कहा, ‘‘हम पहले बाजार चाहते हैं। शुल्क दर बढ़ाने की कोई योजना नहीं है।''मंत्री ने कहा कि 4जी सेवाओं की शुरुआत और तकनीक के स्थिर होने के कारण, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बीएसएनएल के राजस्व में 20 से 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘पहले कुछ तकनीकी समस्याएं थीं, लेकिन उनमें से 90 प्रतिशत से ज्यादा का समाधान हो चुका है। बिजलीघरों से जुड़ी कुछ समस्याएं थीं। लगभग 600-700 करोड़ रुपये की लागत से 30,000 बिजलीघरों में बदलाव किये गये हैं।'' पेम्मासानी ने कहा कि बिजली आपूर्ति में सुधार के परिणामस्वरूप बीएसएनएल नेटवर्क बेहतर हुआ है।उन्होंने कहा, ‘‘ग्राहक आधार बढ़ाने के लिए प्रत्येक सर्किल को अलग-अलग लक्ष्य दिए जा रहे हैं।'' बीएसएनएल में चीन के उपकरणों की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर, मंत्री ने कहा कि सरकार स्वदेशी तकनीकों का उपयोग जारी रखने की योजना बना रही है और वह धीरे-धीरे 2जी और 3जी उपकरणों को हटा देगी और उनके रखरखाव की आवश्यकता को समाप्त कर देगी। बीएसएनएल ने जेडटीई सहित चीनी कंपनियों के कुछ उपकरणों का उपयोग करके 2जी और 3जी प्रौद्योगिकी स्थापित की है।
- नयी दिल्ली/ उपग्रह संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन के नियम दो महीने के भीतर लागू हो सकते हैं। एक सरकारी अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। स्पेक्ट्रम आवंटन नियम लागू होने के बाद एलन मस्क के नेतृत्व वाली स्टारलिंक, भारती समूह समर्थित यूटेलसैट वनवेब और जियो एसईएस को रेडियोवेव के लिए आवेदन करने और अपनी सेवाएं शुरू करने की अनुमति मिल जाएगी। अधिकारी ने कहा, ‘‘स्पेक्ट्रम आवंटन के नियम दो महीने में तय होने की संभावना है। उसके बाद, यह सैटकॉम कंपनियों पर होगा कि वे कब अपनी सेवाएं शुरू करना चाहती हैं।''भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सिफारिश की है कि सरकार को बिना नीलामी के और एक प्रशासनिक प्रक्रिया के जरिये स्पेक्ट्रम आवंटित करना चाहिए। इस कदम का शुरुआत में दूरसंचार परिचालकों रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने भारी विरोध किया था। नियामक ने सुझाव दिया है कि सैटकॉम सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम पांच साल के लिए दिए जा सकते हैं और बाजार की स्थितियों को देखते हुए इसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है।
- ईटानगर/ ईटानगर राजधानी पुलिस ने 30.5 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की चोरी की हुई 57 महंगी कारें बरामद करते हुए एक बड़े अंतरराज्यीय वाहन चोरी और तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यहां एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि वाहन चोरी के मामलों में पूरे देश के किसी भी थाने में एक बार में की गई ये आज तक की सबसे बड़ी बरामदगी है। पुलिस ने गिरोह से जुड़े पांच लोगों को भी गिरफ्तार किया है।राजधानी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जुम्मार बसर ने यहां पत्रकारों को बताया कि कई राज्यों में वाहन तस्करी गिरोह के बारे में खूफिया जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की। मामले की जांच के लिए पुलिस ने एक विशेष जांच दल भी गठित किया। बसर ने बताया, ‘‘यह अभियान दो जुलाई को शुरू हुआ और ईटानगर राजधानी क्षेत्र के विभिन्न इलाकों से चोरी की 57 गाड़ियां बरामद की गईं। सभी वाहन दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में दर्ज चोरी के मामलों से जुड़े पाए गए।''गिरोह की कार्यप्रणाली के बारे में एसपी ने बताया कि इसके सदस्य मुख्य रूप से दिल्ली- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास के राज्यों में महंगी कारों को निशाना बनाते थे। वाहनों को चुराने के बाद, अपराधियों ने दलालों के साथ साझेदारी की और इन दलालों ने इंजन और चेसिस नंबरों के साथ छेड़छाड़ की, जाली पंजीकरण कागजात बनाए और वाहनों को अरुणाचल प्रदेश तक पहुंचाने में मदद की। राज्य में पहुंचने के बाद, कारों को बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर अनजान खरीदारों को बेच दिया गया। एसपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में इस गिरोह के अंतरराष्ट्रीय संबंध होने की संभावना सामने आई है। बसर ने लोगों से किसी भी पुराने वाहन को खरीदने से पहले वाहन पोर्टल या संबंधित आरटीओ के माध्यम से वाहन के स्वामित्व के इतिहास को सत्यापित करने का आग्रह किया।
- नयी दिल्ली/ सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि पिछले पांच साल में 12 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 30 लोग मारे गए। इनमें से सात हादसे उत्तराखंड में हुए। नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर संचालन की अतिरिक्त निगरानी और सुरक्षा ऑडिट शुरू कर दिया है। मंत्री ने बताया कि पिछले पांच साल में पंजीकृत हेलीकॉप्टरों से जुड़ी 12 दुर्घटनाएं हुईं जिनमें सात उत्तराखंड में, चार महाराष्ट्र में और एक छत्तीसगढ़ में हुई। उन्होंने बताया कि डीजीसीए ने चारधाम यात्रा सहित देश में हेलीकॉप्टर संचालन के लिए सुरक्षा मानदंडों को दोहराया है, जिनमें पार्किंग व्यवस्था में सुधार, ‘स्लॉट' आवंटन को विनियमित करना, पायलट प्रशिक्षण को बढ़ाना और मानक संचालन प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना शामिल हैं।
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नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि प्रवेश स्तर की न्यायिक सेवा परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम तीन साल की वकालत का मानदंड तय करने वाला उसका 20 मई का फैसला उक्त आदेश के बाद जारी की गई भर्ती अधिसूचनाओं पर लागू होगा। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि इस फैसले का उक्त आदेश से पहले जारी की गई भर्ती अधिसूचनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई के नेतृत्व वाली पीठ ने 20 मई को नये विधि स्नातकों के प्रवेश स्तर की न्यायिक सेवा परीक्षा में बैठने पर रोक लगा दी थी और न्यूनतम तीन वर्ष की वकालत का मानदंड तय कर दिया था। इस पीठ में न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया भी शामिल थे।
पीठ ने सोमवार को नवीद बुख्तिया और पांच अन्य की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता पेशे से वकील हैं और उन्होंने जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग की 14 मई की भर्ती अधिसूचना को चुनौती दी थी, क्योंकि इसमें तीन साल की वकालत के नियम को अनिवार्य नहीं किया गया था। प्रधान न्यायाधीश ने सवाल किया, ‘‘आप कह रहे हैं कि यह केवल फैसले के उद्देश्य को विफल करने के लिए किया गया। क्या उच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत को पता था कि प्रधान न्यायाधीश 20 मई को फैसला सुनाने वाले हैं।'' प्रधान न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि यह फैसला भावी न्यायिक भर्तियों पर लागू होगा और पहले से शुरू हो चुकी किसी भी भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने फैसले में स्पष्ट किया है कि यह शुरू हो चुकी किसी भी प्रक्रिया पर लागू नहीं होगा और केवल अगले भर्ती वर्ष के लिए ही लागू होगा।'' इसके बाद याचिका को वापस लिया मानकर खारिज कर दिया गया। -
हिसार. हरियाणा के हिसार जिले में एक तेज रफ्तार ट्रक ने एक कार को टक्कर मार दी, जिससे चार दोस्तों की मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि चारों रविवार रात बरवाला से अग्रोहा जा रहे थे, तभी अग्रोहा थानाक्षेत्र में नंगथला गांव के पास खाद से भरे ट्रक ने उनकी कार में टक्कर मार दी। पुलिस के मुताबिक इस हादसे में चारों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई और कार क्षतिग्रस्त हो गई। स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने कार का दरवाजा काटकर शवों को बाहर निकाला। पुलिस के अनुसार इन चारों की पहचान राम मेहर पूनिया, प्रवीण भादू, रविंदर, सभी निवासी गांव किरोड़ी (हिसार निवासी) और राजू बूरा (हिसार के राजली गांव निवासी) के रूप में हुई है तथा उनके शव पोस्टमार्टम के लिए अग्रोहा चिकित्सा महाविद्यालय ले जाये गये हैं। पुलिस के अनुसार चारों 25से 30 साल तक के थे।
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नयी दिल्ली/ केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने सोमवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के शासनकाल में देश में आतंकवाद ‘पनपा'। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता विपक्षी पार्टियों को दिखाई नहीं पड़ती, जबकि उसे पूरे विश्व ने देखा। संसद के निचले सदन में, ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा में भाग लेते हुए जनता दल (यूनाइटेड) नेता ने कांग्रेस के गौरव गोगोई के भाषण का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘उन्होंने एक भी शब्द इस देश की सेना की वीरता और पराक्रम पर नहीं कहा। सेना की आप प्रशंसा नहीं कर रहे। बल्कि आप बता रहे हैं कि कितना जहाज गिरा, कितनी मिसाइल गिरीं। क्या आपकी नजर में इस देश के सैनिकों का कोई महत्व नहीं है?'' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संप्रग के शासनकाल (2004 से 2014 तक) में देश में आतंकवाद ‘पनपा' और उसे जगह मिली। उस अवधि के दौरान देश में जो आतंकी घटनाएं हुईं, उनमें 615 लोग मारे गए। सिंह ने संप्रग शासनकाल के दौरान देश में हुए आतंकी हमलों का उल्लेख किया और कहा कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकियों का कब्जा था और आतंकी कैसे घुसे थे, उन्हें बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि उस हमले में 175 लोग मारे गए थे और 300 लोग घायल हुए थे। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद से लड़ने का ‘‘आपमें न तो साहस था और न ही दम। आप केवल खानापूर्ति करते थे और घड़ियाली आंसू बहाते थे।'' जद (यू) नेता ने कहा कि पूरे देश ने देखा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से दागी गईं सारी मिसाइल हवा में फुलझड़ी की तरह ध्वस्त हो गईं, लेकिन आपको नहीं दिखता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के 11 एयर बेस को भारतीय वायुसेना ने ध्वस्त कर दिया और पाकिस्तान के घुटने टेकने के बाद संघर्ष विराम हुआ था। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने ऑपरेशन सिंदूर को सराहा और समर्थन किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से विश्व को यह संदेश गया कि भारत एक सशक्त देश है और अपनी रक्षा करने में समर्थ है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) जी बोलते नहीं हैं, बल्कि वह ‘एक्ट' (कार्रवाई) करते हैं और ‘एक्ट' कर अपनी ताकत दिखाते हैं, चाहे ‘सर्जिकल स्ट्राइक' हो, (बालाकोट) एयर सट्राइक हो या ऑपरेशन सिंदूर हो।'' सिंह ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में आकर संघर्ष विराम करने संबंधी विपक्षी दलों के दावे को खारिज करते हुए कहा कि बार-बार ऐसा बोलने से यह सच नहीं हो जाएगा, बल्कि सच्चाई यह है कि भारत किसी के दबाव में नहीं आता और अपना निर्णय स्वयं लेने में समर्थ है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया कि मुख्य विपक्षी पार्टी का आदर्श गोएबल्स (जर्मनी के तानाशाह रहे हिटलर के प्रचार और सार्वजनिक सूचना मंत्री) है। उन्होंने उल्लेख किया कि गोएबल्स ने कहा था किसी झूठ को बार-बार बोलने से वह सच मान लिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह एक प्रसिद्ध कहावत है लेकिन यह विचार सही नहीं है। सिंह ने कहा, ‘‘यह एक दुष्प्रचार रणनीति है। झूठ कितनी बार भी दोहराई जाए, सच नहीं हो जाएगा। उन्होंने विपक्षी दलों से आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर आतंकवाद के खिलाफ कंधे से कंधा मिला कर चलने की जरूरत है। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के लव श्री कृष्ण देवरायलू ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से संदेश स्पष्ट है कि भारत इंतजार करेगा लेकिन रूकेगा नहीं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेशों में भेजे गए सर्वदलीय मंडल का सदस्य होने के नाते ‘‘वहां हमने एकजुटता दिखाई'' और दुनिया ने देखा कि हम किसलिए खड़े हैं और पाकिस्तान किसलिए खड़ा है।'' उन्होंने कहा कि दुनिया ने यह भी देखा कि भारत ने विश्व को अहिंसा जबकि पाकिस्तान ने आतंकवाद दिया है।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव हुए हैं और नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करके छात्रों के समग्र और बहुआयामी विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। मोदी ने एनईपी के पांच साल पूरे होने पर एक संदेश में कहा कि शिक्षा मंत्रालय मंगलवार को अखिल भारतीय शिक्षा समागम (एबीएसएस) का आयोजन कर रहा है और कार्यक्रम के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में नयी पहल शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा वह माध्यम है, जो व्यक्ति को आत्मनिर्भर और राष्ट्र को सशक्त बनाती है। हमारा उद्देश्य ऐसी शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना है, जिसमें विद्यार्थी अपनी रुचि, क्षमता और सपनों के अनुरूप आगे बढ़ सकें। आज देश गौरवशाली भारतीय संस्कृति से जुड़ी शिक्षा को तकनीक और वैश्विक मानकों से सुसज्जित कर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।'' मोदी ने कहा, ‘‘पिछले पांच वर्षों के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव हुए हैं। चाहे वह मातृभाषा में शिक्षा हो, स्कूली शिक्षा को मजबूत करना हो या कौशल आधारित शिक्षा पर विशेष जोर देना हो, राष्ट्रीय शिक्षा नीति अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करके छात्रों के समग्र और बहुआयामी विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत काल में भारत एक भव्य और विकसित देश के निर्माण की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरान हमारे युवाओं के आत्मविश्वास, जिज्ञासा और रचनात्मकता को बढ़ावा देने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। शिक्षा समागम हमारे साझा संकल्प और सहयोग की भावना का प्रतीक है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि यह आयोजन न केवल शैक्षणिक संस्थानों को अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं, रणनीतियों और उपलब्धियों को साझा करने का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए निरंतर प्रयासों को भी और सशक्त करेगा।'' शिक्षा मंत्रालय मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की पांचवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एबीएसएस का आयोजन कर रहा है, जहां शिक्षाविद, नीति निर्माता, शिक्षक, उद्योग जगत के दिग्गज और सरकार इस महत्वाकांक्षी नीति के क्रियान्वयन में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे। भारत मंडपम में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे।