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नई दिल्ली। डाक विभाग ने इनलैंड स्पीड पोस्ट (दस्तावेज़) शुल्क में बदलाव की घोषणा की है, जिससे न केवल डाक सेवा के शुल्क में संशोधन हुआ है, बल्कि सुविधा और सुरक्षा भी दोगुनी हो गई है। 1 अक्टूबर 2025 से लागू होने वाले नए शुल्क और तकनीकी सुधारों का उद्देश्य स्पीड पोस्ट को और अधिक विश्वसनीय, सुरक्षित और आधुनिक बनाना है।
नई संरचना के अनुसार, स्पीड पोस्ट दस्तावेज़ों का शुल्क अब वजन और दूरी के आधार पर अलग-अलग होगा। 50 ग्राम तक के आइटम के लिए शुल्क स्थानीय डिलीवरी पर ₹19 से लेकर 2000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर ₹47 तक होगा। 51 ग्राम से 250 ग्राम तक के आइटम ₹24 से ₹77 के बीच शुल्क पर उपलब्ध होंगे, जबकि 251 ग्राम से 500 ग्राम तक के पार्सल ₹28 से ₹93 में भेजे जा सकेंगे। सभी शुल्क पर लागू वस्तु एवं सेवा कर अतिरिक्त देय होगा।सेवा की सुविधा, सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए डाक विभाग ने आधुनिक तकनीकी सुविधाएँ भी शुरू की हैं। अब ग्राहक वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आधारित सुरक्षित वितरण, ऑनलाइन भुगतान विकल्प, रियल-टाइम डिलीवरी ट्रैकिंग, शॉर्ट मैसेज सर्विस (एसएमएस) आधारित सूचना, ऑनलाइन बुकिंग सेवाएँ और उपयोगकर्ता पंजीकरण जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।‘पंजीकरण’ और ‘वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) डिलीवरी’ जैसी मूल्य वर्धित सेवाएँ प्रति आइटम ₹5 शुल्क, साथ में लागू वस्तु एवं सेवा कर, पर उपलब्ध हैं। पंजीकरण सेवा सुनिश्चित करती है कि वस्तु केवल प्राप्तकर्ता या उसके अधिकृत प्रतिनिधि को ही वितरित की जाए, जबकि ओटीपी डिलीवरी सुविधा में वस्तु केवल तभी प्राप्तकर्ता को दी जाएगी, जब साझा किया गया सुरक्षित कोड सफलतापूर्वक पुष्टि हो।छात्रों को सुविधा प्रदान करने के लिए स्पीड पोस्ट शुल्क पर 10 प्रतिशत की छूट लागू की गई है, जबकि नए बल्क ग्राहकों के लिए 5 प्रतिशत की विशेष छूट भी उपलब्ध है।स्पीड पोस्ट की शुरुआत 1 अगस्त 1986 को भारतीय डाक के आधुनिकीकरण प्रयासों के तहत की गई थी। तब से यह सेवा देश की सबसे विश्वसनीय और कुशल डाक सेवाओं में विकसित हुई है और निजी लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं के बीच भी मजबूती से प्रतिस्पर्धा कर रही है। इन नई सुविधाओं और शुल्क संशोधन के साथ, स्पीड पोस्ट अपनी प्रतिबद्धता दोबारा पुष्टि करती है कि यह राष्ट्र के लिए एक सुरक्षित, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम डाक सेवा प्रदाता है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोमवार को बताया कि ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान’ के तहत पूरे देश में अब तक 9 लाख स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए हैं।
उन्होंने राजधानी में एक मीडिया कार्यक्रम में कहा कि इन शिविरों में अब तक 3.6 करोड़ से अधिक लोगों की उच्च रक्तचाप (Hypertension), मधुमेह (Diabetes), कैंसर और अन्य गैर-संक्रामक बीमारियों की जांच की जा चुकी है। नड्डा ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर हुई थी और यह गांधी जयंती तक चलेगा। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2 तक यह आंकड़ा 4 करोड़ से ऊपर पहुँच सकता है।देशभर के इन स्वास्थ्य शिविरों में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा (Cervical) कैंसर, मुँह के कैंसर और एनीमिया की जांच की गई है। साथ ही, गर्भवती महिलाओं के लिए जांच, बच्चों को जीवन रक्षक टीके, और परिवारों को पोषण (Nutrition) पर सलाह भी दी गई।इसके अलावा, इन शिविरों में तपेदिक (Tuberculosis) और सिक्ल सेल डिजीज (Sickle Cell Disease) की जांच, रक्तदाता पंजीकरण और नए आयुष्मान/प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) कार्ड जारी किए गए।नड्डा ने कहा कि पिछले दस साल में देश की स्वास्थ्य नीति में बदलाव हुआ है और 2014 के बाद से एक समग्र स्वास्थ्य दृष्टिकोण (Holistic Health Approach) अपनाया गया है, जिसमें रोकथाम, स्वास्थ्य संवर्धन, पहचान, इलाज और देखभाल शामिल हैं।उन्होंने बताया कि इस दिशा में सरकार ने 1,79,000 आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए हैं, जो 140 करोड़ नागरिकों के स्वास्थ्य से जुड़ने का पहला कदम हैं।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब किसी महिला को गर्भधारण होता है, तो ASHA कार्यकर्ता उनकी सेहत, जांच और देखभाल की जानकारी राज्य सरकार के साथ साझा करती हैं।नड्डा ने यह भी कहा कि संस्थागत प्रसव (Institutional Delivery) की दर अब 79% से बढ़कर करीब 90% हो गई है। इसका कारण ASHA कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन देना और हर मातृ प्रसव को मुफ्त बनाना है, जिसमें अस्पताल आने-जाने के लिए परिवहन की सुविधा भी सरकार द्वारा दी जाती है।अंत में उन्होंने पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए फिट इंडिया मूवमेंट, पोषण अभियान (POSHAN Abhiyan) और खेलो इंडिया जैसे स्वास्थ्य एवं जीवनशैली सुधार कार्यक्रमों का जिक्र किया और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता में सुधार और गुणवत्तापूर्ण दवाओं की उपलब्धता को भी सराहा। -
नई दिल्ली। तमिलनाडु के करूर में भगदड़ की घटना के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सोमवार को क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों से घटना के बारे में जानकारी ली। इस भगदड़ में अब तक बहुत से लोगों की मौत हो चुकी है, और कई घायल हुए हैं।
जानकारी के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करेंगी। इसके अलावा, वे घटना में घायल हुए लोगों से भी मुलाकात कर सकती हैं। उनके साथ केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन और तमिलनाडु भाजपा प्रमुख नैनार नागेंद्रन भी होंगे।इस बीच, आज सोमवार को चेन्नई में एक श्रद्धांजलि सभा रखी गई, जिसमें एआईएडीएमके सदस्यों की उपस्थिति में मोमबत्तियां जलाकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।गौरतलब हो, 27 सितंबर को तमिलनाडु के करूर में तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) पार्टी के प्रमुख और अभिनेता विजय की रैली के दौरान भगदड़ हुई थी। विजय का भाषण सुनने के लिए भारी भीड़ जमा होने के बाद यह हादसा हुआ। अधिकारियों के अनुसार, उनके भाषण के अंत में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे रैली स्थल पर भीड़भाड़ बढ़ गई और भगदड़ मच गई।भगदड़ के समय बड़ी संख्या में लोग नीचे गिरने से दब गए, जिनमें से अभी तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है। घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है।घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की कई बड़ी हस्तियों ने दुख व्यक्त किया। पीएम मोदी की तरफ से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की गई, जबकि घायलों को 50-50 हजार रुपए सहायता राशि मिलेगी। वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भगदड़ के कारणों का पता लगाने और भविष्य के आयोजनों के लिए सुरक्षा उपायों की सिफारिश करने के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में एक न्यायिक जांच का आदेश दिया है। -
नयी दिल्ली/पटना. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि सरकार छठ महापर्व को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए प्रयासरत है और ऐसा होने पर दुनिया के कोने-कोने में लोग इस त्योहार की भव्यता और दिव्यता का अनुभव कर पाएंगे। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात' में प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि कुछ समय पहले सरकार के इसी तरह के प्रयासों के कारण कोलकाता की दुर्गा पूजा भी यूनेस्को की सूची का हिस्सा बनी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पर्व, त्योहार भारत की संस्कृति को जीवंत बनाए रखते हैं। छठ पूजा ऐसा एक पावन पर्व है जो दिवाली के बाद आता है। सूर्य देव को समर्पित यह महापर्व बहुत ही विशेष है। इसमें हम डूबते (अस्ताचलगामी) सूर्य को भी अर्ध्य देते हैं, उनकी आराधना करते हैं।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘छठ ना सिर्फ देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाता है, बल्कि दुनिया भर में इसकी छटा देखने को मिलती है। अब यह एक वैश्विक त्योहार बन रहा है।'' मोदी ने कहा, मुझे आपको यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि भारत सरकार भी छठ पूजा को लेकर एक बड़े प्रयास में जुटी हुई है। भारत सरकार छठ महापर्व को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल कराने का प्रयास कर रही है।'' उन्होंने कहा कि छठ पूजा के यूनेस्को की सूची में शामिल हो जाने पर दुनिया के कोने-कोने में लोग इसकी भव्यता और दिव्यता का अनुभव कर पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कुछ समय पहले भारत सरकार के ऐसे ही प्रयासों से कोलकाता की दुर्गा पूजा भी यूनेस्को की इस सूची का हिस्सा बनी। हम अपने सांस्कृतिक आयोजनों को ऐसे ही वैश्विक पहचान दिलाएंगे तो दुनिया भी उनके बारे में जानेगी, समझेगी, उनमें शामिल होने के लिए आगे आएगी।'' दिवाली के छह दिन बाद छठ महापर्व मनाया जाता है, जिस दौरान व्रती उदीयमान और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि मोदी ने ‘मन की बात' में बिहारवासियों के दिल को छू लिया है। उन्होंने विश्वास जताया कि जिस तरह दुर्गा पूजा को यूनेस्को की मान्यता मिली, उसी तरह छठ महापर्व भी जल्द इस सूची में शामिल हो जाएगा। बिहार सरकार ने छठ पूजा को यूनेस्को की सूची में शामिल कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
‘इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज' (इंटैक) के बिहार प्रमुख भैरव लाल दास ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि छठ से संबंधित दस्तावेज तैयार करने की जिम्मेदारी इंटैक को सौंपी गई है। -
नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को माओवादियों द्वारा दिए गए संघर्ष विराम के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि अगर चरमपंथी हथियार डालकर आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है और सुरक्षा बल उन पर एक भी गोली नहीं चलाएंगे। शाह ने कहा, “हाल ही में भ्रम फैलाने के लिए एक पत्र लिखा गया, जिसमें कहा गया कि अब तक जो कुछ हुआ है वह एक गलती है, युद्ध विराम घोषित किया जाना चाहिए और हम (नक्सली) आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। मैं कहना चाहता हूं कि कोई संघर्षविराम नहीं होगा। अगर आप आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, तो संघर्षविराम की कोई जरूरत नहीं है। हथियार डाल दें, एक भी गोली नहीं चलेगी।” उन्होंने कहा कि यदि नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, तो उनके लिए “लाभदायक” पुनर्वास नीति के साथ भव्य स्वागत किया जाएगा। ‘नक्सल मुक्त भारत' पर आयोजित संगोष्ठी के समापन सत्र को संबोधित करते हुए शाह ने वामपंथी उग्रवाद को वैचारिक समर्थन देने के लिए वामपंथी दलों पर निशाना साधा और उनके इस तर्क को खारिज कर दिया कि विकास की कमी के कारण माओवादी हिंसा हुई। उन्होंने कहा कि यह “लाल आतंक” के कारण ही था कि कई दशकों तक देश के कई हिस्सों में विकास नहीं हो सका। शाह ने यह बात कुछ समय पहले भाकपा (माओवादियों) द्वारा की गई संघर्ष विराम की पेशकश के जवाब में कही। यह पेशकश सुरक्षा बलों द्वारा छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर चलाए गए “ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट” सहित कई शीर्ष नक्सलियों के सफाए के बाद की गई थी। मंत्री ने कहा कि ऐसे कई लोग हैं, जो मानते हैं कि नक्सलियों द्वारा की जा रही हत्याओं को रोकना ही भारत से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा, हालांकि यह सच नहीं है, क्योंकि भारत में नक्सलवाद इसलिए विकसित हुआ, क्योंकि इसकी विचारधारा को समाज के लोगों ने ही पोषित किया। उन्होंने कहा, “देश में नक्सल समस्या क्यों पैदा हुई, बढ़ी और विकसित हुई? किसने उन्हें वैचारिक समर्थन दिया? जब तक भारतीय समाज यह नहीं समझेगा, नक्सलवाद का विचार और समाज में वे लोग जिन्होंने वैचारिक समर्थन, कानूनी समर्थन और वित्तीय सहायता प्रदान की, तब तक नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं होगी।” शाह ने कहा, “हमें उन लोगों की पहचान करनी होगी और उन्हें समझना होगा जो नक्सल विचारधारा को पोषित करना जारी रखे हुए हैं।” गृहमंत्री ने कहा कि देश 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 75वें जन्मदिन के मौके पर आयोजित 'सेवा पखवाड़ा' के तहत रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में विशेष ‘नमो रन' का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों युवाओं ने हिस्सा लिया। एक बयान के अनुसार, यह दौड़ शहर के 15 स्थानों से शुरू हुई और कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में समाप्त हुई। बयान के अनुसार, ‘विकसित दिल्ली' के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में 7,500 से अधिक बच्चे और युवा शामिल हुए। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन देश निर्माण के प्रति युवाओं की ऊर्जा और उत्साह को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल दौड़ नहीं, बल्कि विकसित भारत और विकसित दिल्ली के संकल्प को पूरा करने के लिए एक जन आंदोलन है।'' गुप्ता ने बताया कि प्रतिभागियों ने सेंट्रल पार्क में तिरंगे के नीचे देश की प्रगति में सक्रिय योगदान देने की शपथ ली। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी और उनके बलिदान को याद किया। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि ‘नमो रन' सामूहिक संकल्प और जन भागीदारी का प्रतीक है। उन्होंने कहा, ‘‘बच्चों और युवाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि दिल्लीवासी प्रधानमंत्री के सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'' समापन समारोह में प्रतिभागियों को पदक, प्रमाणपत्र और पुरस्कार दिए गए। बयान के अनुसार, इस अवसर पर सरकारी अधिकारी, प्रशिक्षक और शारीरिक शिक्षक भी मौजूद थे।
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नयी दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने से महज कुछ दिन पहले रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि निस्वार्थ सेवा की भावना और अनुशासन का पाठ ही संघ की असली ताकत है और इसके स्वयंसेवकों के प्रत्येक कार्य में ‘राष्ट्र प्रथम' को प्राथमिकता दी जाती है। मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात' संबोधन में कहा कि केशव बलिराम हेडगेवार ने देश को बौद्धिक गुलामी से मुक्त कराने के लिए 1925 में विजयादशमी के दिन आरएसएस की स्थापना की थी और तब से इसकी यात्रा जितनी प्रेरणादायक है उतनी ही उल्लेखनीय और अभूतपूर्व भी रही है। खुद आरएसएस के प्रचारक रहे मोदी ने हेडगेवार के उत्तराधिकारी एम एस गोलवलकर की भी प्रशंसा की और कहा कि उनका यह कथन कि “यह मेरा नहीं है, यह राष्ट्र का है” लोगों को स्वार्थ से ऊपर उठकर राष्ट्र के प्रति समर्पण के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा, "गुरुजी गोलवलकर के इस कथन ने लाखों स्वयंसेवकों को त्याग और सेवा का मार्ग दिखाया है। त्याग, सेवा और इससे मिलने वाला अनुशासन ही संघ की वास्तविक ताकत है। आज सौ वर्षों से भी अधिक समय से आरएसएस राष्ट्र सेवा में निरंतर जुटा हुआ है।” हाल ही में कुछ मौकों पर प्रधानमंत्री ने संगठन की उदारतापूर्वक प्रशंसा की है। इससे पहले उन्होंने इस साल स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में संगठन की सराहना की थी, इसके अलावा 11 सितंबर को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के जन्मदिन पर उनके नेतृत्व को सराहा था। अगले सप्ताह विजयादशमी पर आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे। संगठन को सत्तारूढ़ भाजपा की वैचारिक संस्था माना जाता है। मोदी ने कहा कि जब संघ की स्थापना हुई थी, तब देश सदियों से गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था और देश के स्वाभिमान व आत्मविश्वास को गहरी चोट पहुंची थी। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता को पहचान के संकट से जूझना पड़ रहा था।
मोदी ने कहा, “हमारे देशवासी हीन भावना का शिकार हो रहे थे। इसलिए देश की आजादी के साथ-साथ यह भी जरूरी था कि यह बौद्धिक गुलामी से मुक्त हो।” उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी प्राकृतिक आपदा आने पर आरएसएस के स्वयंसेवक सबसे पहले पहुंचते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, “लाखों स्वयंसेवकों के हर कार्य और हर प्रयास में "राष्ट्र प्रथम" की भावना सदैव सर्वोपरि रहती है।” मोदी ने ‘मन की बात' के 126वें संस्करण में एक बार फिर स्वदेशी पर जोर देते हुए लोगों से दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर खादी की कोई वस्तु खरीदने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “वोकल फोर लोकल को खरीदारी का मंत्र बना दीजिए। ठान लीजिए, हमेशा के लिए, जो देश में तैयार हुआ है, वही खरीदेंगे। जिसे देश के लोगों ने बनाया है, वही घर ले जाएंगे। जिसमें देश के किसी नागरिक की मेहनत है, उसी सामान का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा, “जब हम ऐसा करते हैं, तो हम सिर्फ कोई सामान नहीं खरीदते, हम किसी परिवार की उम्मीदों को जगाते हैं, किसी कारीगर की मेहनत को सम्मान देते हैं, किसी युवा उद्यमी के सपनों को पंख देते हैं।” मोदी ने यह भी कहा कि सरकार छठ पर्व को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल कराने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के इसी तरह के प्रयासों के कारण, कोलकाता की दुर्गा पूजा भी इस यूनेस्को सूची का हिस्सा बन गई है। प्रधानमंत्री ने नाविका सागर परिक्रमा के दौरान अदम्य साहस और अडिग संकल्प का उदाहरण पेश करने वालीं नौसेना की महिला अधिकारियों - लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा से भी बात की। उन्होंने उनके प्रयासों की सराहना की और कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रही हैं।
आगामी गांधी जयंती का उल्लेख करते हुए, मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य से आजादी के बाद भारत में खादी के प्रति आकर्षण कम हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, पिछले 11 वर्षों में, खादी के प्रति आकर्षण में उल्लेखनीय रूप से बढ़ोतरी हुई है और इसकी बिक्री लगातार बढ़ रही है। मैं आपसे दो अक्टूबर को खादी उत्पाद खरीदने का आग्रह करता हूं। ” प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह और प्रख्यात गायिका लता मंगेशकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “अमर शहीद भगत सिंह हर भारतीय, खासकर देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।”
लता मंगेशकर के योगदान की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने देशभक्ति के गीत गाए हैं जिनसे लोगों को बहुत प्रेरणा मिली है। रेडियो प्रसारण के दौरान मंगेशकर का गाया गीत 'ज्योति कलश छलके' भी बजाया गया।
रामायण के रचयिता और विशेष रूप से दलितों के बीच पूजनीय संत वाल्मीकि की जयंती सात अक्टूबर से पहले मोदी ने कहा कि अयोध्या में राम के मंदिर के साथ-साथ निषादराज और महर्षि वाल्मीकि को समर्पित मंदिर भी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘रामायण का यह प्रभाव मंदिर में निहित भगवान राम के आदर्शों और मूल्यों के कारण है। भगवान राम ने सेवा, सद्भाव और करुणा की भावना से सभी को गले लगाया। इसलिए हमें लगता है कि महर्षि वाल्मीकि की रामायण के राम माता शबरी और निषादराज के साथ ही पूर्ण हैं।'' उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि जब वे राम मंदिर जाएं तो इन मंदिरों के भी दर्शन करें।
मोदी ने इस दौरान असम के प्रसिद्ध गायक जुबिन गर्ग को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने प्रसिद्ध कन्नड़ लेखक एस.एल. भैरप्पा को भी श्रद्धांजलि दी। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद भगत सिंह और ‘भारत रत्न’ लता मंगेशकर की जयंती पर उन्हें नमन किया है। ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 126वें एपिसोड को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने उन दोनों महान हस्तियों के योगदान को भी याद किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भगत सिंह को एक प्रेरणा पुंज बताते हुए कहा, “अमर शहीद भगत सिंह हर भारतवासी और खासकर युवाओं के लिए प्रेरणा पुंज हैं। निर्भीकता उनके स्वभाव में कूट-कूटकर भरी थी। देश के लिए फांसी के फंदे पर झूलने से पहले शहीद भगत सिंह ने अंग्रेजों को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि मैं चाहता हूं कि आप मुझसे और मेरे साथियों से युद्ध बंदी जैसा व्यवहार करें, इसलिए हमारी जान फांसी से नहीं, बल्कि गोली मारकर ली जाए।”उन्होंने कहा, “यह उनके अदम्य साहस का प्रमाण है। शहीद भगत सिंह लोगों की पीड़ा के प्रति भी बहुत संवेदनशील थे और मदद के लिए हमेशा आगे रहते थे। मैं शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”लता मंगेशकर की जयंती पर प्रधानमंत्री ने उनके संगीतमय योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, “लता मंगेशकर की जयंती है। भारतीय संस्कृति और संगीत में रुचि रखने वाला कोई भी उनके गीतों को सुनकर अभिभूत हुए बिना नहीं रह सकता है। उनके गीतों में वह सब कुछ है, जो मानवीय संवेदनाओं को झकझोरता है। उन्होंने देशभक्ति के जो गीत गाए, उन्होंने लोगों को बहुत प्रेरित किया। भारत की संस्कृति से भी गहरा जुड़ाव था। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”इस अवसर पर उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर का भी जिक्र किया, जिनसे लता मंगेशकर गहरे रूप से प्रेरित थीं। पीएम मोदी ने कहा, “लता दीदी, जिन महान विभूतियों से प्रेरित थीं, उनमें वीर सावरकर भी एक हैं, जिन्हें वे ‘तात्या’ कहती थीं। उन्होंने वीर सावरकर के कई गीतों को अपने सुरों में पिरोया।”प्रधानमंत्री मोदी ने लता मंगेशकर के साथ अपने रिश्ते को याद करते हुए कहा, “मेरा लता दीदी से स्नेह का जो बंधन था, वो हमेशा कायम रहा। वह मुझे बिना बोले हर साल राखी भेजा करती थीं। मुझे याद है, मराठी सुगम संगीत की महान हस्ती सुधीर फड़के ने सबसे पहले लता दीदी से मेरा परिचय कराया था। मैंने उन्हें बताया था कि उनका गाया और सुधीर जी की ओर से संगीतबद्ध ‘ज्योति कलश छलके’ मुझे बहुत पसंद है।” ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने वह गीत भी सुनाया। -
नयी दिल्ली.। उच्चतम न्यायालय ने ‘बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर' (बीपीडी) से पीड़ित वास्तुकला में स्नातक प्रथम वर्ष के एक छात्र की याचिका पर आईआईटी खड़गपुर और अन्य से जवाब मांगा है। छात्र ने चिकित्सा आधार पर आईआईटी दिल्ली में स्थानांतरण किये जाने का अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर, आईआईटी दिल्ली और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को नोटिस जारी किया है। पीठ ने कहा, ‘‘प्रतिवादियों को नोटिस जारी किये जाते हैं, जिनका जवाब 10 अक्टूबर 2025 तक दिया जाये।''
बीपीडी एक मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति की भावनाओं, आत्म-छवि और रिश्तों में अस्थिरता होती है, जिसके कारण वे तीव्र और अनियंत्रित व्यवहार प्रदर्शित करते हैं। याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता विपिन नायर के माध्यम से दायर अपनी याचिका में दलील दी कि सभी निर्धारित प्रक्रियाओं और स्थापित मिसालों के अनुपालन के बावजूद उन्हें स्थानांतरण से वंचित कर दिया गया। याचिका में कहा गया है, ‘‘यह चिकित्सा सुविधा खड़गपुर में उपलब्ध नहीं है और इसलिए एम्स दिल्ली में इलाज कराने का अनुरोध किया गया है, जो आईआईटी दिल्ली के बहुत करीब है।'' इसमें कहा गया है, ‘‘वर्तमान मामले जैसे मामलों में लागू स्थानांतरण नियम स्पष्ट रूप से चिकित्सा आधार पर ऐसे स्थानांतरण की अनुमति देते हैं।'' याचिकाकर्ता को ‘बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर' नामक बीमारी है, जिसके लिए एम्स, दिल्ली में उपलब्ध विशेष ‘रिपीटिटिव ट्रांसक्रेनियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन' थेरेपी और माता-पिता की देखरेख की आवश्यकता है। छात्र का दावा है कि आईआईटी खड़गपुर द्वारा स्थानांतरण से इनकार करने के कारण उसे जीवन रक्षक चिकित्सा उपचार नहीं मिल पाया। उसने दावा किया कि संस्थान ने अन्य छात्रों के लिए भी इसी तरह के चिकित्सा स्थानांतरण को मंजूरी दी है। - शिमला। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में दो अक्टूबर को विजयादशमी से शुरू होने वाले अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव से पहले सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। कुल्लू शहर के ढालपुर मैदान में इस सात दिवसीय उत्सव में लगभग चार-पांच लाख लोग आते हैं। इस उत्सव का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। यह पर्यटकों को आकर्षित करता है तथा स्थानीय हस्तशिल्प और कारीगरों को बढ़ावा देता है। इस भव्य उत्सव में 200 से अधिक देवी-देवताओं की प्रतिमाएं शामिल की जाती हैं। इसे एक अंतरराष्ट्रीय उत्सव का दर्जा दिया गया है। कानून व्यवस्था बनाये रखने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मध्य रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) राहुल नाथ को उत्सव व्यवस्था का समग्र प्रभारी नियुक्त किया गया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक तिवारी ने शनिवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि नाथ कानून-व्यवस्था, सुरक्षा, यातायात और प्रोटोकॉल कर्तव्यों के सभी पहलुओं पर प्रत्यक्ष निरीक्षण करेंगे। उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन त्योहार के संबंध में कानून एवं व्यवस्था, यातायात प्रबंधन और प्रोटोकॉल कर्तव्यों के लिए विशेष रूप से जिम्मेदार होंगे, जबकि मंडी के पनोह स्थित तीसरी भारतीय रिजर्व बटालियन के कमांडेंट पदम चंद मेला स्थल और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा और तैनाती के प्रभारी होंगे। बयान में कहा गया है कि दो वर्षों तक कुल्लू के पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य कर चुके पदम चंद दशहरा उत्सव की सुरक्षा व्यवस्था से अच्छी तरह परिचित हैं और सुरक्षा व्यवस्था की योजना बनाने एवं उसे क्रियान्वित करने में अपने पिछले अनुभव का उपयोग करेंगे। इस उत्सव का इतिहास 17वीं शताब्दी का है, जब स्थानीय राजा जगत सिंह ने प्रायश्चित के प्रतीक के रूप में अपने सिंहासन पर रघुनाथ की मूर्ति स्थापित की थी। इसके बाद, भगवान रघुनाथ को घाटी का शासक देवता घोषित किया गया।
- कोलकाता.। क्रिसिल इंटेलिजेंस ने अपनी सितंबर की रिपोर्ट में कहा कि भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका के उच्च शुल्क लगाने से देश की वृद्धि के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि शुल्क भारतीय वस्तुओं के निर्यात और निवेश दोनों को प्रभावित करेंगे।हालांकि, क्रिसिल इंटेलिजेंस ने यह भी कहा कि कम मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में कटौती से प्रेरित घरेलू खपत से वृद्धि को समर्थन मिलने की उम्मीद है। देश की जीडीपी वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गई, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 7.4 प्रतिशत थी। रिपोर्ट में कहा गया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति के चालू वित्त वर्ष में पिछले वर्ष के 4.6 प्रतिशत से घटकर 3.5 प्रतिशत रहने की संभावना है। इसमें यह भी कहा गया कि कृषि क्षेत्र की अच्छी वृद्धि से खाद्य मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहने की उम्मीद है, हालांकि अत्यधिक वर्षा के प्रभाव का अभी पूरी तरह से आकलन नहीं किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि कच्चे तेल की कम कीमतों और वैश्विक स्तर पर जिंस कीमतों में नरमी से गैर-खाद्य मुद्रास्फीति पर लगाम लगने की उम्मीद है।
- पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार प्रदेश चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को पटना में घर-घर चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया। प्रधान ने इस दौरान दीघा विधानसभा क्षेत्र के आदर्श चौक, वेस्टर्न पटेल नगर और अन्य इलाकों का दौरा कर लोगों से मुलाकात की। उन्होंने इस दौरान लोगों से बातचीत की और स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया।केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘जनसंपर्क के दौरान मिले अपार स्नेह और समर्थन से यह स्पष्ट है कि बिहार की जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सशक्त नेतृत्व में राजग की सरकार बनाने का संकल्प ले चुकी है।'' प्रधान ने लोगों से केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से हो रहे लाभों के बारे में प्रतिक्रिया भी ली। उन्होंने कहा कि जनता बदलते बिहार को लेकर सकारात्मक राय रख रही है और भाजपा के जनसंपर्क अभियान की सराहना कर रही है। इस मौके पर पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा और पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रभारी संजय मयूख भी उनके साथ मौजूद थे।
- नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शनिवार को यहां संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में स्वयंसेवकों के वार्षिक पथ संचलन का निरीक्षण किया। आरएसएस की स्थापना केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में नागपुर में की थी।इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले भी उपस्थित थे। वैसे तो पारंपरिक रूप से आरएसएस का पथ संचलन विजयादशमी या दशहरा के अवसर पर आयोजित किया जाता है, लेकिन इस वर्ष इसे त्योहार से कई दिन पहले निकाला गया। अलग-अलग पथ संचलन तीन स्थानों (कस्तूरचंद पार्क, यशवंत स्टेडियम और विदर्भ हॉकी ग्राउंड) से शुरू हुए और वेरायटी स्क्वायर पर एकत्रित हुए, जहां भागवत ने मंच से संयुक्त पंथसंचलन का निरीक्षण किया। इस अवसर पर भागवत ने संघ प्रार्थना की ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी की।संप्रमुख ने अपने संबोधन में कहा, "संघ प्रार्थना भारत माता के प्रति भक्ति, प्रेम और समर्पण की अभिव्यक्ति है। यह इस बात की प्रार्थना है कि हम देश को क्या दे सकते हैं और फिर ईश्वर से प्रार्थना है कि वह हमें देश की सेवा करने में मदद करें।"
- नयी दिल्ली ।आगरा का ताजमहल वित्तीय वर्ष 2024-25 में घरेलू और विदेशी पर्यटकों के बीच, केंद्र द्वारा संरक्षित एवं प्रवेश शुल्क वाला सबसे लोकप्रिय स्मारक रहा। पर्यटन मंत्रालय की ओर से 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर जारी रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में विदेशी पर्यटकों के आगमन (एफटीए) का आंकड़ा 2024 में 99.5 लाख तक पहुंच गया, जो 2023 से 4.52 फीसदी अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित एवं प्रवेश शुल्क वाले स्मारकों में “ताजमहल घरेलू (62.6 लाख) और विदेशी (6.45 लाख) पर्यटकों, दोनों के आगमन के लिहाज से शीर्ष पर रहा।” मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में ताजमहल बनवाया था। इस भव्य स्मारक का निर्माण 1631 से 1648 के बीच हुआ था और यह यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू पर्यटकों के बीच लोकप्रिय, अन्य प्रवेश शुल्क वाले स्मारकों में ओडिशा का कोणार्क स्थित सूर्य मंदिर (35.7 लाख) और दिल्ली स्थित कुतुब मीनार (32 लाख) शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि विदेशी पर्यटकों के बीच ताजमहल के बाद आगरा किला (2.2 लाख पर्यटक) और कुतुब मीनार (2.2 लाख पर्यटक) का स्थान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में भारत की यात्रा करने वाले प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) की संख्या 1.062 करोड़ तक पहुंच गई, जो 2023 के मुकाबले 13.22 फीसदी और 2019 के महामारी-पूर्व स्तर की तुलना में 52.15 प्रतिशत अधिक है। इसमें कहा गया है कि 2024 में भारत में अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आगमन (आईटीए) 2.05 करोड़ तक पहुंच गया, जो एक साल पहले की तुलना में 8.89 फीसदी और 2019 के मुकाबले 14.82 प्रतिशत की वृद्धि है। केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
- संयुक्त राष्ट्र।. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत आजादी के बाद से ही आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है जबकि उसका पड़ोसी देश ‘वैश्विक आतंकवाद का केंद्र' रहा है। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र की आम बहस को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सीमा पार बर्बरता का सबसे ताजा उदाहरण पहलगाम हमला है। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से दुनिया भर के नेताओं को संबोधित करते हुए “भारत की जनता की ओर से नमस्कार” के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि दशकों से बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हमलों का कारण इसी एक देश को माना जाता रहा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में उपस्थित लोगों की तालियों के बीच कहा, “भारत आजादी के बाद से ही आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है क्योंकि उसका पड़ोसी देश वैश्विक आतंकवाद का केंद्र रहा है।” विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल हैं।उन्होंने कहा, “पड़ोसी मुल्क की सीमा पार से हुई बर्बरता का सबसे ताजा उदाहरण इस साल अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या है।” जयशंकर ने कहा, “भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया और आतंकवाद के आकाओं और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया।” भारत ने आगाह किया कि जो लोग आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों का समर्थन करते हैं, उन्हें पता चलेगा कि यह उन्हें ही काटेगा। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में मई में ‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी।
- ठाणे.। महाराष्ट्र के ठाणे जिले में शनिवार को 22 वर्षीय युवक ने प्रेमिका से विवाद के बाद आवासीय इमारत की 11वीं मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, यह घटना डोंबिवली के उमेश नगर इलाके में हुई, जहां ऋषिकेश परब ने इमारत से छलांग लगा दी। यह घटना मोबाइल के कैमरे में रिकॉर्ड हो गई।पुलिस के मुताबिक, इमारत की छठी मंजिल पर रहने वाले ऋषिकेश की सुबह फोन पर अपनी गर्लफ्रेंड से बहस हो गई थी, जिसके बाद उसने अपना फोन घर के अंदर फेंक दिया और सुबह करीब आठ बजे इमारत की छत पर चला गया। विष्णु नगर पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राम चोपड़े ने बताया कि इसके बाद ऋषिकेश ने दोपहर करीब 12 बजे इमारत की 11वीं मंजिल से छलांग लगा दी, जिससे उसकी मौत हो गई। चोपड़े ने बताया, ‘‘प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि प्रेमिका से विवाद के कारण ऋषिकेश ने आत्महत्या की। फिलहाल आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है।'' उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस घटना का वीडियो साझा न करें और मृत युवक के परिजनों की भावनाओं का सम्मान करें। file photo
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नयी दिल्ली. नासा-इसरो के संयुक्त उपग्रह से प्राप्त पहली तस्वीरों में अमेरिका के संकरे जलमार्ग, द्वीप समूह, जंगल व आर्द्रभूमि और बड़े-बड़े खेत दिखाई दिये। नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) उपग्रह से प्राप्त पहली तस्वीरें इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने जारी की। ‘निसार' को अब तक का सबसे महंगा उपग्रह बताया जा रहा है।
‘मेन' तट पर स्थित माउंट डेजर्ट द्वीप की 21 अगस्त को ली गई एक तस्वीर में द्वीप के बीचों बीच से गुजरते संकरे जलमार्ग और उसके आसपास पानी में मौजूद छोटे-छोटे द्वीप दिखाई दे रहे हैं। ‘एल-बैंड' एसएआर ने 23 अगस्त को ग्रैंड फोर्क्स और वॉल्श काउंटियों से घिरे उत्तर-पूर्वी नॉर्थ डकोटा के एक हिस्से का डेटा एकत्र किया। तस्वीर में फॉरेस्ट नदी पश्चिम से पूर्व की ओर और उत्तर व दक्षिण की ओर खेतों से होकर गुजरती हुई दिखाई दे रही है। गहरे हरे रंग के परती कृषि भूमि को दर्शाते हैं जबकि हल्के रंग चारागाह या सोयाबीन और मक्का जैसी फसलों की उपस्थिति को दर्शाते हैं। वाशिंगटन स्थित नासा मुख्यालय में विज्ञान मिशन निदेशालय की एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर निकी फॉक्स ने बताया, “ये शुरुआती तस्वीरें उस गहन वैज्ञानिक खोज की एक झलक मात्र हैं, जो भविष्य में निसार द्वारा ली जाएंगी। ये आंकड़े और जानकारियां वैज्ञानिकों को पृथ्वी की बदलती जमीन व बर्फ की सतहों का अभूतपूर्व विस्तार से अध्ययन करने में सक्षम बनाएंगी तथा नीति निर्माताओं को प्राकृतिक आपदाओं और अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करेंगी। ‘निसार' उपग्रह को 30 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया था। -
नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तीन अक्टूबर को यहां चौथे कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन (केईसी 2025) का उद्घाटन करेंगी। इस बार सम्मेलन का विषय 'अशांत समय में समृद्धि की तलाश' है।
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर पांच अक्टूबर को भारत की विदेश और आर्थिक नीति पर विचार-विमर्श के साथ इस सम्मेलन का समापन करेंगे। इसमें कहा गया कि तीन दिवसीय केईसी 2025 एक गतिशील मंच है, जो भारत की घरेलू प्राथमिकताओं को वैश्विक नजरिये के साथ जोड़ेगा और उथल-पुथल के दौर में समृद्धि का मार्ग तैयार करेगा। इसमें कहा गया कि अपने समृद्ध अनुभव के आधार पर केईसी ने समकालीन चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 30 से अधिक देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 75 विदेशी प्रतिभागियों के साथ अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति को बढ़ाया है। -
नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि संगठन की 'प्रार्थना' भारत माता की प्रार्थना और देश एवं ईश्वर के प्रति संघ के स्वयंसेवकों का सामूहिक संकल्प है। उन्होंने कहा कि जहां व्यक्तिगत संकल्प प्रत्येक स्वयंसेवक के दृष्टिकोण तक सीमित रहते हैं, वहीं साझा मिशन और मूल्य संघ की प्रार्थना से उत्पन्न होते हैं, जिसका प्रतिदिन पाठ किया जाता है। भागवत ने नागपुर के रेशमबाग महर्षि व्यास सभागार में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान संघ की प्रार्थना का ऑडियो जारी किया, जिसे गायक शंकर महादेवन ने आवाज दी है। कार्यक्रम में अभिनेता सचिन खेडेकर, वरिष्ठ प्रस्तोता हरीश भिमानी और संगीतकार राहुल रानाडे भी उपस्थित थे। नागपुर में आयोजित कार्यक्रम में भागवत ने कहा, “यह भारत माता के प्रति भक्ति, प्रेम और समर्पण को अभिव्यक्ति है। यह प्रार्थना है कि हम देश को क्या दे सकते हैं और फिर ईश्वर से प्रार्थना है कि देश सेवा में हमारी सहायता करे। ” उन्होंने कहा कि ऑडियो जारी होने के साथ ही यह प्रार्थना ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी।
उन्होंने कहा कि प्रार्थना एक भावना है जो स्वयंसेवकों को मातृभूमि के प्रति भक्ति, प्रेम और समर्पण के सामूहिक संकल्प में मदद करती है। यह गीत लंदन के एक स्टूडियो में रॉयल फिलहारमोनिक ऑर्केस्ट्रा के साथ रिकॉर्ड किया गया था, जिसमें सभी संगीतकार विदेशी थे। महादेवन ने इस संगीतमय प्रस्तुति में अपनी आवाज दी है जबकि मराठी में खेडेकर ने और हिंदी में भिमानी ने वर्णन किया। आठ अलग-अलग भाषाओं में स्वर दिए गए।
संघ की मूल प्रार्थना के रचनाकार नरहरि नारायण भिड़े थे और पहली बार यादव राव जोशी ने 23 अप्रैल, 1940 को पुणे में संघ शिक्षा वर्ग में इसे गाया था। प्रार्थना का प्रारंभिक प्रारूप 1939 में पुणे में एक बैठक के दौरान तैयार किया गया था। भागवत ने कहा, "संघ प्रार्थना भारत माता की प्रार्थना है। 1940 से स्वयंसेवक प्रतिदिन इसका पाठ करते हैं। यह प्रार्थना संघ का सामूहिक संकल्प है। प्रार्थना की भावना संकल्प की शक्ति है, और यह मातृभूमि के प्रति भक्ति, प्रेम व समर्पण का प्रतीक है। -
नयी दिल्ली. सरकार संसद की स्थायी समितियों का कार्यकाल बढ़ाकर दो साल करने पर विचार कर रही है, क्योंकि कुछ सांसदों ने शिकायत की है कि मौजूदा एक साल का कार्यकाल कोई सार्थक योगदान देने के लिए बहुत कम है। सरकार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति सी. पी. राधाकृष्णन के साथ विचार-विमर्श के बाद इस संबंध में कोई निर्णय ले सकती है। संसदीय समितियों का नया कार्यकाल आमतौर पर सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत में प्रारंभ होता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि समितियां किस तारीख को गठित की गई हैं। संसद से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कुछ सदस्यों ने सरकार से समितियों का कार्यकाल वर्तमान एक साल से बढ़ाकर कम से कम दो साल करने का अनुरोध किया था ताकि समितियां विचार-विमर्श के लिए चुने गए विषयों पर प्रभावी ढंग से विचार कर सकें। नई लोकसभा के गठन के तुरंत बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के परामर्श से समितियों का गठन किया जाता है, जिन्हें सदन में उनकी संख्या के अनुपात में इन समितियों की अध्यक्षता का दायित्व सौंपा जाता है। आमतौर पर नई लोकसभा के कार्यकाल की शुरुआत में नामित अध्यक्ष, हर साल समितियों के गठन के दौरान अपने पद पर बने रहते हैं, जब तक कि किसी राजनीतिक दल द्वारा बदलाव का अनुरोध न किया जाए। कई बार सदस्य किसी अन्य समिति का हिस्सा बनना चाहते हैं और ऐसे अनुरोधों पर संबंधित सदनों के पीठासीन अधिकारियों द्वारा भी सकारात्मक रूप से विचार किया जाता है। संसद की 24 विभाग-संबंधित स्थायी समितियां हैं। इनमें आठ की अध्यक्षता राज्यसभा के सदस्य करते हैं, जबकि 16 का नेतृत्व लोकसभा के सदस्य करते हैं। संसदीय प्रणाली में वित्तीय समितियां, तदर्थ समितियां और अन्य समितियां भी शामिल हैं जिनका गठन समय-समय पर विधेयकों और अन्य मुद्दों पर विचार के लिए किया जाता है।
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नई दिल्ली। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन 2029 तक चालू हो जाएगी और गुजरात में सूरत और बिलिमोरा के बीच भारत के पहले हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का 50 किमी का हिस्सा 2027 तक खुलने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने निर्माणाधीन सूरत स्टेशन का निरीक्षण किया, जिसमें ट्रैक बिछाने और पहला टर्नआउट शामिल था। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, बुलेट ट्रेन से मुंबई और अहमदाबाद के बीच की दूरी दो घंटे सात मिनट में तय की जा सकेगी, जबकि गूगल मैप्स पर यह दूरी 9 घंटे की दिखाई जाती है।केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कुल प्रगति बहुत अच्छी रही है। सूरत और बिलिमोरा के बीच पहला 50 किमी का सेक्शन 2027 तक खुल जाएगा। 2028 तक, ठाणे-अहमदाबाद सेक्शन चालू हो जाएगा और 2029 तक पूरी मुंबई-अहमदाबाद लाइन खुल जाएगी।”केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया, जिसमें ट्रैक के किनारे वाइब्रेशन एब्जॉर्ब करने वाले सिस्टम और तेज हवा और भूकंप से निपटने के लिए खास सुरक्षा सुविधाएं शामिल हैं।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सूरत स्टेशन पर निर्माण कार्य पूरा हो गया है और ट्रैक जोड़ने के साथ-साथ फिनिशिंग और यूटिलिटी का काम चल रहा है। पहले टर्नआउट को रोलर बियरिंग और कंपोजिट स्लीपर जैसी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से लगाया गया है। मेन लाइन को 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने के लिए डिजाइन किया गया है, जबकि लूप लाइन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। सेवाओं को इस तरह डिजाइन किया गया है कि सुबह और शाम के पीक टाइम में हर आधे घंटे में एक ट्रेन चलेगी।केंद्रीय मंत्री ने पहले कहा था कि जब पूरा नेटवर्क स्थिर हो जाएगा तो पीक टाइम में हर 10 मिनट में एक ट्रेन चलेगी। इस प्रोजेक्ट से कॉरिडोर के किनारे प्रमुख शहरों की अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ जोड़ने और जापान की हाई-स्पीड रेल के बाद हुए विकास की तरह क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।508 किमी लंबी मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर भारत का पहला बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट है।( -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 के दूसरे दिन 21 कंपनियों ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इससे इस कार्यक्रम में निवेश के लिए समझौतों की कुल कीमत 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गई है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इन 21 कंपनियों ने 25,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश का वादा किया। भारत मंडपम में समिट के दूसरे दिन वैश्विक नियामक, इंडस्ट्री लीडर्स, स्टार्टअप और नीति-निर्माताओं ने भाग लिया। बातचीत में सस्टेनेबिलिटी, टेक्नोलॉजी, निवेश और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी पर ध्यान केंद्रित किया गया।खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने कार्यक्रम के पांच स्तंभों पर केंद्रित 13 सत्र आयोजित किए। इसमें पेट फूड, स्पेशलिटी फूड, न्यूट्रास्यूटिकल्स, शराब और प्लांट-बेस्ड फूड जैसे मुख्य विषय शामिल थे। बयान में कहा गया कि इस दिन उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, झारखंड और बिहार जैसे भागीदार राज्यों के साथ न्यूजीलैंड, वियतनाम, जापान और रूस के प्रतिनिधिमंडलों के सत्र भी हुए।कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण और विश्व बैंक ने भी चर्चाएं आयोजित कीं। बयान में कहा गया कि सम्मेलन के हिस्से के रूप में, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में सहयोग को मजबूत करने के लिए रूस और पुर्तगाल के समकक्षों के साथ महत्वपूर्ण बैठकें हुईं।इसी समय, भारत समुद्री खाद्य निर्यातक संघ द्वारा आयोजित 24वें इंडिया इंटरनेशनल सीफूड शो में देश की बढ़ती समुद्री खाद्य निर्यात क्षमता और वैश्विक बाजार के संबंध दिखाए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 कार्यक्रम के पहले दिन कहा कि भारत में विविधता, मांग और पैमाने की ट्रिपल ताकत है।पीएम मोदी ने भी जोर देते हुए कहा कि घरेलू मांग में यह ताकत भारत को प्रतिस्पर्धी बढ़त देती है और इसे निवेशकों के लिए पसंदीदा स्थान बनाती है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज भारत की पहचान दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में होती है। इनमें से कई सारे स्टार्टअप्स फूड और एग्रीकल्चर सेक्टर में काम कर रहे हैं। भारत में डाइवर्सिटी, डिमांड और इनोवेशन सभी कुछ मौजूद हैं। इन्वेस्टमेंट का भारत में विस्तार करने का यही समय है। -
नई दिल्ली। गुजरात के उधना (सूरत) और ओडिशा के बरहामपुर के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस की शुरुआत हो चुकी है। ट्रेन यात्रियों ने नई सुविधा से लैस अमृत भारत एक्सप्रेस शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के झारसुगुड़ा में आयोजित कार्यक्रम से वर्चुअली अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर सूरत में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौजूद रहे।
अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए दोनों राज्यों के बीच किफायती और आरामदायक संपर्क बनाने और प्रमुख आर्थिक जिलों को जोड़ने की कोशिश की गई है। ट्रेन यात्रियों का कहना है कि दीवाली और छुट्टियों में ओडिशा जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। उन्होंने नई सुविधा से लैस अमृत भारत एक्सप्रेस शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया।माधव प्रधान ने बताया कि सूरत से बरहामपुर जाना पहले मुश्किल था, क्योंकि ट्रेन सीधे बरहामपुर तक नहीं जाती थी। अब अमृत भारत एक्सप्रेस की शुरुआत होने से फायदा होगा।अजय दुबे ने कहा, “जो ट्रेन शुरू हुई है, यह बेहद अच्छा फैसला है। इससे पहले ट्रेनों में भारी भीड़ रहती थी, लेकिन नई ट्रेन शुरू होने से भीड़ कम होगी और लोगों को सफर में सुविधा होगी।”कैलाश साईं ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस ट्रेन के शुरू होने से अब उन्हें अपने घर आने-जाने में सुविधा होगी। इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव शनिवार को सूरत पहुंचे और उधना रेलवे स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्यों की जानकारी ली। उनके साथ केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल भी मौजूद रहे।अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उधना रेलवे स्टेशन का भविष्य की जरूरतों को देखते हुए नवनिर्माण हो रहा है। सूरत एक तेजी से विकसित होने वाला शहर है और यहां इकोनॉमिक एक्टिविटी के कारण देशभर के लोग काम करने के लिए आते हैं। यहां टेक्सटाइल और डायमंड सेंटर हैं। यहां से ट्रेन की डिमांड बहुत होती है।( -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के झारसुगुड़ा से भारत के पूरी तरह स्वदेशी 4जी स्टैक और 97,500 से अधिक बीएसएनएल टावरों के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि ये टावर देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी की नई क्रांति लाने जा रहे हैं। 4जी तकनीक के विस्तार से देश भर में 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा, “भारत की कंपनियों ने देश को दुनिया के उन पांच देशों की सूची में ला खड़ा किया है, जिनके पास 4जी सर्विसेज शुरू करने की पूरी तरह स्वदेशी टेक्नोलॉजी उपलब्ध है। बीएसएनएल अपनी स्थापना का 25वां वर्ष मना रहा है। बीएसएनएल और उसके सहयोगियों की मेहनत से आज भारत ग्लोबल टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।”उन्होंने इस टेक्नोलॉजी की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि आज देश ने आत्मनिर्भरता की ओर बहुत बड़ा कदम उठाया है। जब टेलीकॉम की दुनिया में 2जी, 3जी और 4जी जैसी सेवाएं शुरू हुईं तो उनमें भारत बहुत पीछे रह गया था। 2जी, 3जी और 4जी जैसी सर्विसेज की टेक्नोलॉजी के लिए भारत विदेशों पर निर्भर रहा। ऐसी स्थिति देश के लिए ठीक नहीं थी। इसलिए देश ने संकल्प लिया कि टेलीकॉम सेक्टर की यह जरूरी टेक्नोलॉजी देश में ही विकसित हो।उन्होंने कहा, “हमारे लिए गौरव की बात है कि बीएसएनएल ने अपने ही देश में पूरी तरह स्वदेशी 4जी टेक्नोलॉजी विकसित कर ली है। अपनी मेहनत, लगन, कुशलता से बीएसएनएल ने नया इतिहास रच दिया है। मैं इस काम में जुड़े देश के नौजवानों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।”पीएम मोदी ने कहा कि यह ओडिशा के लिए भी गर्व की बात है कि आज झारसुगुड़ा से बीएसएनएल के स्वदेशी 4जी नेटवर्क का शुभारंभ हो रहा है। जिसमें करीब 1 लाख 4 जी टावर हैं। उन्होंने आगे कहा, “करीब 30 हजार ऐसे गांव जहां हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधा नहीं थी, वहां भी अब यह सुविधा मिलने जा रही है। बीएसएनएल की स्वदेशी 4जी सर्विसेज का सबसे अधिक फायदा आदिवासी क्षेत्रों, दूर दराज के गांवों और पहाड़ी क्षेत्रों को होगा। अब वहां के लोगों को भी बेहतरीन डिजिटल सेवाएं मिल जाएंगी।”पीएम मोदी ने देश की जनता को आश्वासन देते हुए कहा कि भारत पहले ही सबसे तेज 5जी सर्विसेज को रोलआउट कर चुका है। बीएसएनएल के टावर भी बहुत आसानी से 5जी सर्विसेज के लिए भी तैयार हो जाएंगे। - नई दिल्ली। तमिलनाडु के करूर में अभिनेता और नेता विजय की रैली में भगदड़ मचने से कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई है। इनमें 6 बच्चे, 9 पुरुष और 16 महिलाएं शामिल हैं। वहीं, 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। दरअसल, तमिलगा वेट्री कजगम (TVK) प्रमुख और अभिनेता विजय करूर में रैली निकाल रहे थे। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और हालात बेकाबू हो गए। जब विजय रैली को संबोधित कर रहे थे, तो वहां इतनी भीड़ हो गई कि लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया। इस दौरान दर्जनों लोग बेहोश हो गए। इसके बाद विजय ने अपना भाषण बीच में ही रोक दिया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंंने पार्टी कार्यकर्ताओं से लोगों की मदद करने का अनुरोध किया। विजय ने प्रचार बस के ऊपर से पानी की बोतलें भी लोगों पर फेंकी।रिपोर्ट के मुताबिक, रैली में एक बच्ची गुम हो गई थी। विजय ने उसे तलाशने की अपील की। इसके बाद भगदड़ जैसे हालात बन गए। विजय ने लोगों से शांति की अपील की, लेकिन अंतत: भगदड़ मच गई।एक दूसरी वजह रैली में अनुमान से ज्यादा लोगों का जुटना भी बताई जा रही है। रैली के लिए 10,000 लोगों की अनुमति थी और प्रशासन को 50,000 लोगों के जुटने का अनुमान था। हालांकि, एक लाख से ज्यादा लोग आ गए।प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुखघटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, 'तमिलनाडु के करूर में एक राजनीतिक रैली के दौरान हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं इस कठिन समय में उन्हें शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं। सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।'विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और AIADMK महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी ने भी घटना पर दुख जताया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन कल (28 सितंबर) को करूर का दौरा कर सकते हैं। उन्होंने कई मंत्रियों को पहले ही करूर पहुंचने का निर्देश दिया है।विजय ने इसी साल बनाई है राजनीतिक पार्टीविजय ने इसी साल 2 फरवरी को अपनी पार्टी TVK लॉन्च की थी। पिछले महीने ही उन्होंने पार्टी का चुनाव चिन्ह और झंडा भी लॉन्च किया था। TVK को चुनाव आयोग से राजनीतिक पार्टी के तौर पर मान्यता भी मिल गई है। विजय ने कहा है कि अगले साल आने वाली 'थलपति 69' उनकी आखिरी फिल्म होगी। इसके बाद वे पूरी तरीके से राजनीति में ही उतरेंगे। विजय दक्षिण के जाने-माने अभिनेता हैं।

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