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- रियो डी जेनेरियो. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यहां जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान ब्राजील, सिंगापुर और स्पेन सहित कई देशों के नेताओं से बातचीत की। ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला डा सिल्वा ने प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया, जो रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन का इंतजार है। गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए राष्ट्रपति लूला का आभार।'' नाइजीरिया की दो-दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद यहां पहुंचे मोदी ने शिखर सम्मेलन से इतर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस से भी मुलाकात की। मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ भी बातचीत की। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ शानदार बातचीत हुई।'' प्रधानमंत्री ने स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज़ से भी मुलाकात की, जो पिछले महीने आधिकारिक यात्रा पर भारत आए थे। मोदी ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘वडोदरा से रियो तक, बातचीत जारी है। स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज के साथ गर्मजोशी भरी बातचीत हुई।'' प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को जी20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक संघर्षों के कारण खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से ‘ग्लोबल साउथ' के देश सबसे अधिक प्रभावित हैं और जी-20 को इसे दूर करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- अबुजा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि आत्मविश्वास से भरा भारत एक नयी यात्रा पर निकल पड़ा है और अब लक्ष्य ‘विकसित भारत' का निर्माण करना है। नाइजीरिया की राजधानी में प्रवासी भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि भारत विकास, शांति, समृद्धि और लोकतंत्र का प्रतीक बनकर दुनिया के लिए एक नयी उम्मीद के रूप में उभरा है। मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत ‘‘सन्नू, नाइजीरिया'' से की, जिसका मतलब ‘‘नमस्ते नाइजीरिया'' है। मोदी ने कहा, ‘‘मैं अपने साथ भारत की मिट्टी की सुगंध और करोड़ों भारतीयों की ओर से आप सभी के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं लेकर आया हूं।'' मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अपनी सुविधाजनक स्थिति से बाहर निकल चुका है और नयी चीजें करते हुए नये रास्ते बना रहा है। उन्होंने कहा कि यही आज के भारत का सार बन गया है। प्रधानमंत्री ने ‘मोदी-मोदी' के नारों के बीच कहा, ‘‘विश्वास से भरा भारत आज एक नयी यात्रा पर निकल पड़ा है। लक्ष्य स्पष्ट है-विकसित भारत का निर्माण करना।'' मोदी ने कहा कि भारत में अब 1.5 लाख से अधिक पंजीकृत ‘स्टार्टअप' हैं।उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दशक में 100 से अधिक यूनिकॉर्न बनाए गए हैं। एक यूनिकॉर्न का मतलब है 8,000-10,000 करोड़ रुपये की पूंजी वाली कंपनी। सौ से अधिक कंपनियां भारत की स्टार्टअप संस्कृति की सफलता का सबूत हैं।'' उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले दशक में अपने सकल घरेलू उत्पाद में 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़े हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दस वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना हो गया है। आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। वह दिन दूर नहीं जब भारत पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा।" मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष उद्योग में भारत की प्रगति के लिए दुनिया उसकी प्रशंसा कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने तय किया है कि जल्द ही अपने गगनयान के जरिये भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अंतरिक्ष में अपना स्टेशन भी बनाने वाला है। उन्होंने कहा कि भारत का रक्षा निर्यात लगभग 30 गुना बढ़ गया है। मोदी ने नाइजीरिया में भारतीय समुदाय की प्रशंसा करते हुए कहा कि कई भारतीय कंपनियां इस अफ्रीकी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय समुदाय नाइजीरिया के विकास के लिए उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा है और यह भारत के लोगों की बड़ी ताकत है। हम दूसरे देश में भले ही आएं, लेकिन हम सभी के कल्याण के अपने मूल्यों को नहीं भूलते। हमारे लिए पूरा विश्व एक परिवार है।'' उन्होंने टोलाराम नूडल्स और तुलसी चैनराय फाउंडेशन का उदाहरण देते हुए कहा कि किस तरह भारतीयों ने नाइजीरिया में सकारात्मक योगदान दिया है। मोदी ने यह भी कहा कि नाइजीरिया में हिंदी भाषा तेजी से लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय फिल्मों के साथ दोस्ती स्पष्ट है...लोग सभी भारतीय फिल्मों और अभिनेताओं के नाम याद रखते हैं।'' मोदी ने कहा कि गुलामी के दौर में भारत और नाइजीरिया दोनों देशों के लोगों ने आजादी के लिए अथक प्रयास किए। उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत को आजादी मिली, तो उसने नाइजीरिया में भी स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘जहां भारत लोकतंत्र की जननी है, वहीं नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हम दोनों में लोकतंत्र, विविधता और जनसांख्यिकी की ऊर्जा की समानता है।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के दौरान जब दुनिया भर के देशों को टीकों की सख्त जरूरत थी, तब भारत ने अधिक से अधिक देशों को टीके उपलब्ध कराने की पहल की।'' मोदी ने कहा कि पिछले वर्षों में भारत ने वैश्विक मंचों पर अफ्रीका की आवाज उठाने के लिए हरसंभव प्रयास किया है। उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत को पहली बार जी-20 की अध्यक्षता मिली, तो हमने अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया और भारत इसमें सफल भी रहा।'' मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टिनुबू को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने इस सम्मान को बड़ी विनम्रता से स्वीकार किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सम्मान केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि सभी भारतीयों के लिए है। मोदी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण के नाइजीरिया में थे। यह यात्रा 17 वर्षों में भारत के प्रधानमंत्री की नाइजीरिया की पहली यात्रा थी। नाइजीरिया की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील रवाना हो गए।
- लंदन. टाइटैनिक जहाज से 700 लोगों को बचाने वाले एक जहाज के कप्तान को दी गई सोने की घड़ी नीलामी में लगभग 20 लाख अमेरिकी डॉलर में बिकी है। टाइटैनिक के मलबे से प्राप्त यादगार वस्तुओं की बिक्री का यह एक रिकार्ड स्थापित हुआ है।टिफनी एंड कंपनी की 18 कैरेट सोने की घड़ी जीवित बची तीन महिलाओं ने आरएमएस कार्पेथिया जहाज के कप्तान आर्थर रोस्ट्रॉन को दी थी। कप्तान रोस्ट्रॉन ने टाइटैनिक के उत्तरी अटलांटिक में हिमखंड से टकराकर डूबने के बाद उस पर सवार लोगों को बचाने के लिए अपने यात्री जहाज आरएमएस कार्पेथिया का मार्ग बदल दिया था। नीलामीकर्ता हेनरी एल्ड्रिज एंड सन ने शनिवार को यह घड़ी अमेरिका में एक निजी संग्रहकर्ता को 15.6 लाख ब्रिटिश पाउंड में बेची। इस कीमत में खरीदार द्वारा भुगतान किये गये कर और शुल्क भी शामिल हैं।
- लंदन. विख्यात लेखिका और राज्यसभा सदस्य सुधा मूर्ति ने ब्रिटेन में अपने दामाद एवं पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की परवरिश में उनके माता-पिता द्वारा डाले गये ‘अच्छे भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों' को लेकर उनपर (सुनक पर) गर्व जताया है। सुधा मूर्ति शनिवार शाम यहां भारतीय विद्या भवन के वार्षिक दिवाली समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं, जहां ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति (सुधा मूर्ति की बेटी) भी मौजूद थीं। भारतीय मूल के ऋषि सुनक की माता उषा सुनक और पिता यशवीर सुनक भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में विद्या भवन के ब्रिटिश विद्यार्थियों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य का मंचन किया। सुधा मूर्ति ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं हमेशा मानती हूं कि जब आप विदेश में हों, तब आपके माता-पिता को दो चीजें अवश्य करनी चाहिए: एक तो अच्छी शिक्षा है, जो आपको पंख देती है और आप कहीं भी जाकर बस सकते हैं। दूसरा महान संस्कृति, आपका मूल है जो भारतीय मूल या जड़ें हैं, वह आपको अपने माता-पिता के साथ भारतीय विद्या भवन में मिल सकती हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी संबंधी और अच्छी मित्र उषा जी को बधाई देना चाहती हूं, जिन्होंने अपने बेटे पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को भारतीय संस्कृति से जुड़ने का एक बेहतरीन रास्ता दिया, फलस्वरूप वह एक गौरवान्वित ब्रिटिश नागरिक बने और उनमें अच्छे भारतीय सांस्कृतिक मूल्य स्थापित हुए।'' उन्होंने ब्रिटिश भारतीय समुदाय से भवन (ब्रिटेन) की सांस्कृतिक गतिविधियों में ‘मानसिक, शारीरिक और वित्तीय रूप से' सहयोग करने की अपील की। वर्षों से इस सांस्कृतिक केंद्र की कट्टर समर्थक रहीं सुधा मूर्ति ने कहा, ‘‘आपको अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति को समझने के लिए यहां भेजना चाहिए, क्योंकि जब आप बूढ़े हो जाते हैं तो आप अपनी जड़ों की ओर जाते हैं... तब भारतीय विद्या भवन उस फासले को दूर करता है, इसलिए आपको उन्हें बने रहने के लिए हर तरह से मदद करनी होगी।'' इस मौके पर ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दुरैस्वामी ने मूर्ति की कृतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये पाठकों को स्वयं के प्रति सच्चे होने के लिए प्रेरित करती हैं, क्योंकि हमारी ‘मूल की कहानी मायने रखती है।'
- नयी दिल्ली. डेनमार्क की विक्टोरिया केजर थेलविग ने वर्ष 2024 का मिस यूनिवर्स का खिताब जीता है। अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता का पुरस्कार पहली बार डेनमार्क की झोली में गया है। सौंदर्य प्रतियोगिता का 73वां संस्करण शनिवार रात मेक्सिको सिटी एरिना में आयोजित किया गया, जिसमें 120 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। मिस नाइजीरिया चिडिम्मा एडेत्शिना दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि मिस मेक्सिको मारिया फर्नांडा बेल्ट्रान तीसरे स्थान पर रहीं। मिस यूनिवर्स के आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर एक पोस्ट में लिखा गया, ‘‘ एक नए युग की शुरुआत! डेनमार्क को 73वीं मिस यूनिवर्स की बधाई।''
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लीमा. लीमा में दो दिनों तक चली बैठकों के बाद एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) मंच की बैठक शनिवार को सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। अब कई लोगों को डर है कि यह वार्षिक शिखर सम्मेलन अगले चार वर्षों तक फिर नहीं दिखेगा। सम्मेलन में क्षेत्र की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की रणनीतियों पर चर्चा में केवल सामान्य बातों से आगे कुछ नहीं हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग सहित प्रशांत क्षेत्र की सीमा से लगी अर्थव्यवस्थाओं के 21 नेता इस सप्ताह पेरू की यात्रा पर ऐसे समय आए, जब अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक मुक्त व्यापार एजेंडे के नेतृत्व से अमेरिका को हटाने की कसम खाई है। कुछ लोगों को यह जरूर दिखा होगा कि शनिवार को एपीईसी की पारिवारिक फोटो में बाइडन का देर से प्रवेश करना चर्चा का विषय बन गया, क्योंकि बाकी नेता मंच पर पोज देने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन चारों ओर देखने पर बाइडन नहीं दिखे। बाकी नेता पांच मिनट तक अजीबोगरीब तरीके से हंसते रहे, फिर अचानक बाइडन सामने आए और सबसे पीछे कोने में अपनी जगह ले ली। बाइडन थाईलैंड के 38 वर्षीय प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा और वियतनाम के राष्ट्रपति लुओंग कुओंग के बीच खड़े हो गए। मंच से उतरते हुए, बाइडन ने खुद को संभालने के लिए शिनावात्रा का हाथ थामा। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को सदन में, मेजबान पेरू के राष्ट्रपति दीना बोलुआर्टे के बगल में सबसे आगे और बीच में सबसे अच्छा स्थान मिला। उन्होंने इस सप्ताह खुद को वैश्वीकरण के बैनर में लपेटा, पेरू में 1.3 अरब डॉलर के विशाल मेगापोर्ट का उद्घाटन किया।
- इस्लामाबाद. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान में सात अरब अमेरिकी डॉलर के ऋण पैकेज को लागू करने के लिए कर संग्रह में कमी और विदेशी ऋणों को अमलीजामा पहनाने में देरी पर चिंता जताई। आईएमएफ मिशन ने पाकिस्तान यात्रा के दौरान अधिकारियों के साथ पांच दिनों तक गहन बैठकें कीं और ऋण से जुड़ी शर्तों को लागू करने पर विचार किया। समाचार पत्र एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि इस दौरान वैश्विक ऋणदाता ने पंजाब के नए कृषि आयकर कानून के बारे में भी चिंता जताई, जो अभी भी संघीय कानून के साथ पूरी तरह जुड़ा नहीं है। एक सूत्र ने कहा कि आईएमएफ मिशन ने शुक्रवार को दो प्रमुख चिंताओं का जिक्र किया- पहली, संघीय राजस्व बोर्ड (एफबीआर) का खराब प्रदर्शन और दूसरी, 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर के अंतर को भरने के लिए ऋणों को अंतिम रूप देने में देरी। आईएमएफ ने पाकिस्तान से कहा कि वह आस्थगित भुगतान पर तेल पाने के लिए रियाद से संपर्क करे और बीजिंग से ऋण पुनर्गठित करने का अनुरोध करे।
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सिंगापुर. सिंगापुर की विदेश मंत्री सिम एन ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और चीन की क्षेत्रीय वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए सिंगापुर और दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र को दोनों देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने चाहिए। विदेश मंत्री ने वैश्विक मंच पर आर्थिक महाशक्तियों और अहम देशों के रूप में चीन और भारत के महत्व को रेखांकित किया। सिम एन ने यह टिप्पणी ‘चीन और भारत: वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने वाले दो बड़े देश' कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में की। इस कार्यशाला का आयोजन नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) में ईस्ट एशियन इंस्टीट्यूट (ईएआई) और इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज (आईएसएएस) ने किया था। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दोनों देशों के बारे में अपने विचार और राय साझा करते हुए बताया कि क्रय शक्ति समता के आधार पर दुनिया की पहली और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं क्रमश: चीन और भारत का वैश्विक स्तर पर बहुत अधिक प्रभाव है। विश्व की 35 फीसदी आबादी दोनों देशों में रहती है तथा अनुमान है कि 2024 में वैश्विक आर्थिक विकास में इनका योगदान 50 प्रतिशत होगा। ईएआई के निदेशक अल्फ्रेड शिपके ने कहा कि चीन और भारत वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में खड़े हैं। आईएसएएस के निदेशक इकबाल सिंह सेविया ने कहा कि भारत और चीन दोनों ही डिजिटलीकरण के भविष्य और हरित अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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न्यूयॉर्क. इस साल ज्यादातर समय सोने की कीमतों में तेजी रही। हालांकि, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद पीली धातु का आकर्षण कम हो रहा है और इसकी कीमतों में गिरावट आ रही है। चुनाव के दिन से लेकर अब तक चार दिन में सोने की कीमत में चार प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है, जबकि व्यापक अमेरिकी शेयर बाजार में लगभग चार प्रतिशत की तेजी आई थी। ऐसा तब है जब निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि व्हाइट हाउस कर दरों को कम करेगा और शुल्क बढ़ाएगा। ऐसा संयोजन अमेरिकी सरकार के कर्ज और मुद्रास्फीति को बढ़ा सकता है। ये दोनों ही चीजें सोने की कीमत में मदद कर सकती हैं। सोमवार देर रात तक सोने की कीमत 2,618 डॉलर प्रति औंस पर थी, जो पिछले महीने के आखिर में लगभग 2,800 डॉलर के रिकॉर्ड से कम है। इसका मतलब यह भी है कि सोने ने साल के सबसे अच्छे प्रदर्शन वाले निवेश के रूप में अपनी चमक खो दी है। सोने की कीमत पर नज़र रखने वाले सबसे बड़े एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड ने वर्ष 2024 के लिए अपने लाभ को कुछ सप्ताह पहले के लगभग 35 प्रतिशत से घटकर 27 प्रतिशत से नीचे आते देखा है। क्या हो रहा है? गिरावट का एक हिस्सा अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने के साथ मेल खाता है। अमेरिका द्वारा शुरू किए गए शुल्क और व्यापार युद्ध, यूरो और अन्य देशों की मुद्राओं के मूल्य को नीचे धकेल सकते हैं, और एक मजबूत अमेरिकी डॉलर उन अन्य मुद्राओं का उपयोग करने वाले खरीदारों के लिए सोना खरीदना अधिक महंगा बनाता है। कम करों और उच्च शुल्क के लिए ट्रंप की प्राथमिकता भी वॉल स्ट्रीट को इस बात की उम्मीदों को कम करने के लिए मजबूर कर रही है कि फेडरल रिजर्व अगले साल ब्याज दरों में कितनी कटौती करेगा। कम दर कटौती का मतलब होगा कि सरकारी बॉन्ड पहले की अपेक्षा अधिक ब्याज देगा, और यह बदले में सोने की कीमत को नुकसान पहुंचा सकता है। बेशक, दुनिया भर में अस्थिरता के दौरान सोना अब भी निवेशकों के लिए एक सुरक्षित निवेश विकल्प है। चाहे वह युद्ध या राजनीतिक संघर्ष के कारण हो, निवेशक अक्सर सोने की ओर आकर्षित होते हैं। ऐसा तब होता है जब वे अन्य निवेश के बारे में आश्वस्त नहीं होते हैं। पश्चिम एशिया, यूक्रेन और अन्य जगहों पर युद्ध अब भी जारी है, जबकि राजनीतिक तनाव भी पहले की तरह ही उच्चस्तर पर है, ऐसे में सोना संभवतः कई निवेशकों के पोर्टफोलियो में बना रहेगा। बड़े संस्थागत निवेशकों के लिए निवेश को संभालने वाली कंपनी रोबेको के कोष प्रबंधकों के अनुसार, ‘‘सोना निवेशकों और केंद्रीय बैंकों दोनों के लिए पसंदीदा सुरक्षित निवेश विकल्प बना हुआ है।
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वाशिंगटन. अमेरिका में 24 से अधिक सांसदों और भारतीय अमेरिकियों ने ‘कैपिटल' में दिवाली मनाई। पिछले सप्ताह के राष्ट्रपति चुनाव के बाद अमेरिकी कांग्रेस में यह पहला बड़ा आयोजन था। मंगलवार को ‘‘कैपिटल हिल में दिवाली'' का वार्षिक आयोजन बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर द्वारा हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन, सिख फॉर अमेरिका, जैन एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका और आर्ट ऑफ लिविंग समेत कई अन्य भारतीय अमेरिकी संगठनों के सहयोग से किया गया था। पिछले सप्ताह राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने जीत हासिल की थी।
दिवाली समारोह को संबोधित करते हुए सीनेटर रैंड पॉल ने कहा कि अमेरिका अप्रवासियों की भूमि है, जो विश्वभर से सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभाशाली लोगों को आकर्षित करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे मिलकर अमेरिका को एक महान देश बनाते हैं। पॉल ने कहा, ‘‘मैं वैध आव्रजन नियमों का बड़ा समर्थक हूं और इसे बढ़ाने के लिए मेरे पास कई विधेयक हैं और मैं इस पर काम करना जारी रखूंगा। दिवाली की शुभकामनाएं।'' इस मौके पर भारतीय अमेरिकियों को बधाई देते हुए मिसिसिपी की सीनेटर सिंडी हाइड-स्मिथ ने कहा कि वह अगले चार वर्षों के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस देश में समृद्धि लाना चाहते हैं, उन लोगों के लिए, जो कुछ नया करना चाहते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम आपको प्रोत्साहित करना चाहते हैं , हम एक स्थिर माहौल चाहते हैं। हम एक बेहतरीन अर्थव्यवस्था चाहते हैं। हम हर किसी के लिए एक सुरक्षित जगह चाहते हैं, जहां वे अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें।'' इस समारोह में अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा भी मौजूद थे।
क्वात्रा ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘यह (दीपावली) एक भारतीय त्योहार है जिसे दुनियाभर में मनाया जाता है। आपकी यहां उपस्थिति, इतने सारे सांसदों और सीनेटर की उपस्थिति ने इसे सबसे खास बना दिया है। यह रिश्ते के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।'' कांग्रेस सदस्य श्री थानेदार ने कहा, ‘‘मैं हिंदू मंदिरों पर हमलों के मामले में विदेश विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा हूं और यह सुनिश्चित कर रहा हूं कि पूरे अमेरिका में हमारे समुदाय की सुरक्षा हो। मैं बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के मामले में भी विदेश विभाग के साथ संपर्क में हूं।'' अपने संबोधन में कांग्रेस सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘आप अमेरिका में सबसे तेजी से बढ़ने वाले जातीय अल्पसंख्यक हैं। आप सबसे समृद्ध, सबसे शिक्षित हैं। हर सात डॉक्टरों में से एक देसी है।'' प्रतिनिधि सभा के पूर्व नेता स्टेनी होयर ने देश की प्रगति में भारतीय अमेरिकियों के योगदान की सराहना की। -
पेशावर. पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांत में दो अभियानों में 12 आतंकवादियों को ढेर कर दिया। सेना ने बुधवार को यह जानकारी दी। सेना ने बताया कि खैबर पख्तूनख्वा के मीरानशाह जिले में 12 और 13 नवंबर को पहला अभियान चलाया गया और उत्तरी वजीरिस्तान क्षेत्र में मुठभेड़ में आठ आतंकवादियों को मार गिराया गया। इस मुठभेड़ में छह आतंकवादी घायल भी हो गए। पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस' (आईएसपीआर) के अनुसार दूसरे अभियान में सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान के केच जिले के बलगाटर में एक कथित आतंकवादी ठिकाने को निशाना बनाया। सेना की कार्रवाई में बलगाट में चार आतंकवादी मारे गए जिनमें कुख्यात आतंकवादी सना उर्फ बारू भी शामिल है। सेना ने कहा कि बारू केच में ‘मजीद ब्रिगेड' के लिए आतंकवादियों की भर्ती करने वाला एक प्रमुख एजेंट था। वह विशेष रूप से ‘आत्मघाती हमलावरों' की भर्ती में संलिप्त था। कानून प्रवर्तन एजेंसी की वांछित सूची में भी उसका नाम दर्ज है।
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वाशिंगटन. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सांसद मार्को रुबियो को विदेश मंत्री के रूप में नामित किया और कहा कि रुबियो अमेरिका के लिए एक मजबूत पैरोकार, उसके सहयोगियों के सच्चे मित्र और एक निडर नेता होंगे जो कभी भी विरोधियों के सामने नहीं झुकेंगे। इस संबंध में औपचारिक घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘‘यह ऐलान करते हुए मुझे बेहद गर्व हो रहा है कि फ्लोरिडा के सांसद मार्को रुबियो को अमेरिका के विदेश मंत्री के रूप में नामित किया गया है।'' राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बैठक के तुरंत बाद ट्रंप ने अपने बयान में कहा, ‘‘वह (रुबियो) हमारे देश के लिए एक मजबूत पैरोकार, हमारे सहयोगियों के लिए एक सच्चे दोस्त और एक निडर नेता होंगे जो हमारे विरोधियों के सामने कभी नहीं झुकेंगे। मैं मार्को के साथ मिलकर अमेरिका और दुनिया को फिर से सुरक्षित और महान बनाने के लिए काम करने का आकांक्षी हूं।'' इसके अलावा, ट्रंप ने कहा कि वह फ्लोरिडा के सांसद मैट गेट्ज को अपने अटॉर्नी जनरल के रूप में नामित करेंगे। ट्रंप ने सांसद का चयन करते समय कुछ प्रतिष्ठित वकीलों को दरकिनार कर दिया, जिनके नाम इस पद के दावेदार के रूप में लिए जा रहे थे। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, ‘‘वह (गेट्ज) राजनीतिक फायदे के लिए हथियार के इस्तेमाल के चलन को समाप्त करेंगे, हमारी सीमाओं की रक्षा करेंगे, आपराधिक संगठनों का सफाया करेंगे और न्याय विभाग में अमेरिकियों के लगभग खत्म हो चुकी आस्था और विश्वास को बहाल करेंगे।
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वाशिंगटन. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को घोषणा की कि डेमोक्रेटिक पार्टी की पूर्व सदस्य तुलसी गबार्ड ‘डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस' (डीएनआई) के रूप में सेवाएं देंगी। गबार्ड चार बार सांसद रह चुकी हैं और 2020 में वह राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए उम्मीदवार भी थीं। गबार्ड के पास पश्चिम एशिया और अफ्रीका के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में तीन बार तैनाती का अनुभव है। वह हाल ही में डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़कर रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हुई थीं। ट्रंप ने घोषणा की, ‘‘मुझे यह ऐलान करते हुए काफी खुशी हो रही है कि पूर्व सांसद लेफ्टिनेंट कर्नल तुलसी गबार्ड डीएनआई के रूप में सेवाएं देंगी। दो दशकों से अधिक समय तक तुलसी ने हमारे देश और सभी अमेरिकियों की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की पूर्व उम्मीदवार के रूप में उन्हें दोनों दलों में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन अब वह रिपब्लिकन पार्टी की अहम सदस्य हैं...।
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पेशावर. पाकिस्तान के पहाड़ी गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में एक बस के सिंधु नदी में गिर जाने से कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और एक महिला घायल हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। उसने बताया कि बस में सवार सभी लोग एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए जा रहे थे।
‘डॉन' अखबार की खबर के अनुसार, बस एस्टोर से पंजाब के चकवाल जिले जा रही थी, तभी यह तेलची पुल से नदी में गिर गई। स्थानीय पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि 16 शव बरामद किए गए हैं, जबकि शेष लोगों की तलाश जारी है। - वाशिंगटन। अमेरिका में हाल में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को एरिजोना राज्य में भी विजयी परचम लहराया। इसके साथ ही उन्होंने सभी सात प्रमुख राज्यों में डेमोक्रेटिक पार्टी की अपनी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस को हरा दिया है। इस चुनाव में सात प्रमुख राज्य एरिजोना, नेवादा, विस्कॉन्सिन, मिशिगन, पेन्सिलवेनिया, नॉर्थ कैरोलाइना और जॉर्जिया थे। एरिजोना में जीत के साथ ट्रंप के ‘इलेक्टोरल वोट' की संख्या 312 पहुंच गई है जबकि निवर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को 226 वोट मिले हैं। एरिजोना में 11 इलेक्टोरल वोट हैं। रिपब्लिकन पार्टी ने सीनेट में फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया है और वह प्रतिनिधि सभा में बहुमत बरकरार रखने के लिए तैयार है। अभी, पार्टी के पास सीनेट में 52 सीट हैं जबकि डेमोक्रेट के पास 47 सीट हैं।प्रतिनिध सभा में रिपब्लिकन अभी तक डेमोक्रेट की 209 सीटों के मुकाबले 216 सीट हासिल कर चुके हैं। बहुमत का आंकड़ा 218 है। रिपब्लिकन को विश्वास है कि उन्हें बहुमत के लिए आवश्यक सीट मिल जाएंगी। साल 2020 में निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन 1996 में बिल क्लिंटन के बाद एरिजोना से जीत दर्ज करने वाले पहले डेमोक्रेट बने थे। ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान सीमा सुरक्षा, आव्रजन और अवैध शरणार्थियों द्वारा किए जाने वाले अपराधों के मुद्दों पर बात की थी। ट्रंप ने अवैध शरणार्थियों को वापस उनके देश भेजने का संकल्प लिया था। एरिजोना छठा राज्य है जिसे ट्रंप ने बाइडन से छीन लिया है जहां उन्हें 2020 में जीत मिली थी। इसके अलावा ट्रंप ने इस साल जॉर्जिया, मिशिगन, नेवादा, पेन्सिलवेनिया और विस्कॉन्सिन में भी जीत हासिल की है जो पहले बाइडन ने जीते थे। ट्रंप ने नॉर्थ कैरोलाइना में भी जीत दर्ज की है। ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे।
- वाशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी 2025 को होने वाले अपने शपथ ग्रहण समारोह की योजना बनाने और अन्य आयोजनों के लिए एक समिति के गठन की शनिवार को घोषणा की। ट्रंप (78) ने देश में हाल में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में जीत हासिल की है और 47वें राष्ट्रपति चुने गए हैं। वे निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन का स्थान लेंगे। ‘ट्रंप वेंस इनॉगरल कमेटी' शपथ ग्रहण कार्यक्रम की योजना बनाएगी और इस समिति की सह-अध्यक्षता ट्रंप के करीबी मित्र स्टीव विटकॉफ तथा सीनेटर केली लोफ्लर करेंगे। ट्रंप ने कहा, ‘‘चुनाव की रात हमने इतिहास रच दिया और मुझे अमेरिका का 47वां राष्ट्रपति निर्वाचित होने का असाधारण सम्मान प्राप्त हुआ है। इसका श्रेय देश भर के उन लाखों मेहनती अमेरिकियों को जाता है जिन्होंने हमारे ‘अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे का समर्थन किया।'' उन्होंने कहा की यह समिति इस शानदार जीत का जश्न समारोह आयोजित करेगी।ट्रंप ने कहा, ‘‘ यह मेरे प्रशासन की शुरुआत होगी जो अमेरिका को फिर से महान बनाने के अपने वादों को पूरा करेगा। हम साथ मिलकर इस पल का जश्न मनाएंगे और फिर अपने लोगों के लिए काम करेंगे...।''
- वाशिंगटन. अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन और नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुधवार को ‘ओवल ऑफिस' में मुलाकात करेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस' ने शनिवार को यह जानकारी दी। ‘ओवल ऑफिस' अमेरिका के राष्ट्रपति का ‘व्हाइट हाउस' में स्थित औपचारिक कार्यस्थल है।प्रेस सचिव कैरीन जीन पियरे की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि बाइडन के निमंत्रण पर ट्रंप पूर्वाह्न 11 बजे उनसे ‘ओवल ऑफिस' में मिलेंगे। चुनाव के बाद निवर्तमान राष्ट्रपति और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के बीच ऐसी बैठक पारंपरिक रूप से होती है, लेकिन 2020 में रिपब्लिकन पार्टी के नेता और तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप ने चुनाव हारने के बाद डेमोक्रेटिक नेता और उस समय राष्ट्रपति निर्वाचित हुए बाइडन के साथ ऐसी कोई बैठक नहीं की थी।
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वाशिंगटन. अमेरिका में हाल में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को नेवादा राज्य में भी विजय का परचम लहराया। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के बाद से पहली बार यह राज्य और इसके छह ‘इलेक्टोरल वोट' रिपब्लिकन पार्टी के पास लौटे हैं। इससे पहले 2004 में बुश ने इस राज्य से जीत हासिल की थी। ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी रहीं कमला हैरिस ने इस साल राज्य में कई बार प्रचार किया। नेवादा की ज्यादातर काउंटी ग्रामीण हैं और इसने 2020 में ट्रंप के लिए भारी मतदान किया था। लेकिन डेमोक्रेट जो. बाइडन ने उस समय दो सबसे घनी आबादी वाली काउंटी वैशू और क्लार्क से जीत हासिल की थी। एसोसिएटेड प्रेस ने ट्रंप के विजयी होने की जानकारी दी।
- वाशिंगटन। अमेरिका के विधि मंत्रालय ने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या किए जाने की ईरान की नाकाम साजिश के संबंध में शुक्रवार को आपराधिक आरोपों की घोषणा की। मैनहट्टन में संघीय अदालत में दायर एक आपराधिक शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ईरान के अर्धसैनिक बल ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड' के एक अधिकारी (जिसका नाम ज्ञात नहीं है) ने सितंबर में अपने संपर्क वाले एक व्यक्ति को ट्रंप पर नजर रखने और अंततः उनकी हत्या करने का षड्यंत्र बनाने का निर्देश दिया था।
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वाशिंगटन. अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जनवरी में सत्ता का शांतिपूर्ण एवं व्यवस्थित हस्तांतरण सुनिश्चित करने का बृहस्पतिवार को संकल्प लिया और लोगों से चुनाव परिणामों को स्वीकार करने की अपील की। बाइडन ने 78 वर्षीय ट्रंप के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के एक दिन बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में यह टिप्पणी की। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार एवं निवर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराया और इसी के साथ वह अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति चुने गए। बाइडन ने कहा कि उन्होंने ट्रंप और हैरिस से बात की।
बाइडन ने कहा, ‘‘मैंने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप को सत्ता के शांतिपूर्ण और व्यवस्थित हस्तांतरण का आश्वासन दिया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी लोग इसी के हकदार हैं।... 200 से अधिक वर्षों से अमेरिका ने विश्व के इतिहास में स्वशासन का सबसे बड़ा प्रयोग किया है।'' उन्होंने कहा कि लोग मतदान करते हैं और अपने नेताओं को चुनते हैं और वे यह काम शांतिपूर्वक तरीके से करते हैं। बाइडन ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में लोगों की इच्छा हमेशा सर्वोपरि होती है।''उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह चुनाव अमेरिकी चुनाव प्रणाली की शुचिता पर उठे सवाल को समाप्त कर देगा। बाइडन ने कहा, ‘‘उन्होंने (अमेरिकियों ने) नागरिकों के रूप में अपना कर्तव्य निभाया, मैं राष्ट्रपति के रूप में अपना कर्तव्य निभाऊंगा। मैं अपनी शपथ पूरी करूंगा और संविधान का सम्मान करूंगा। हम 20 जनवरी को यहां अमेरिका में शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण करेंगे।'' बाइडन ने कहा कि उनका प्रशासन अमेरिका को दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था के तौर पर छोड़कर सत्ता से जा रहा है। बाइडन ने हैरिस के बारे में कहा, ‘‘वह एक साझेदार और एक जनसेवक रही हैं। उन्होंने एक प्रेरणादायक चुनाव प्रचार अभियान चलाया।... उनका चरित्र बहुत बढ़िया और सच्चा है।'' उन्होंने अमेरिकियों से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आप चाहे किसी को भी वोट दें, आपको एक-दूसरे को विरोधी के रूप में नहीं बल्कि साथी अमेरिकी के रूप में देखना चाहिए।'' बाइडन ने ये टिप्पणियां ऐसे समय में की हैं जब राष्ट्रपति पद के चुनाव के कड़े मुकाबले के परिणाम आने के बाद अमेरिका दो समूहों में बंटा दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘असफलताएं अपरिहार्य हैं, लेकिन हार मान लेना अक्षम्य है।' -
मेसा (एरिजोना) .फीनिक्स के उपनगर में स्थित एक हवाई अड्डे के पास एक छोटे व्यवसायिक विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पांच लोगों की मौत हो गई, जिसमें 12 वर्षीय एक बच्चा भी शामिल था। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। प्रारंभिक जानकारी से पता चला है कि छह सीटों वाला 'होंडाजेट एचए-420 विमान' यूटा के प्रोवो की ओर जा रहा था। मंगलवार दोपहर को मेसा के फाल्कन फील्ड हवाई अड्डे से इसने उड़ान भरी। अधिकारियों के अनुसार, विमान हवाई अड्डे की धातु की बाड़ को तोड़कर पश्चिमी हिस्से में सड़क पर जा रहे एक वाहन से टकरा गया। यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विमान उड़ान क्यों नहीं भर पाया। 'नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड' संघीय विमानन प्रशासन और मेसा अधिकारियों की मदद से जांच कर रहा है। मेसा पुलिस ने बुधवार को बताया कि विमान में सवार पांच यात्रियों में से चार की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। अज्ञात पायलट को गंभीर रूप से घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। विमान में सवार लोगों में 12 वर्षीय ग्राहम किमबॉल और उनके 44 वर्षीय पिता ड्रू किमबॉल शामिल थे। दो अन्य पीड़ित रस्टिन रैंडल (48) और स्पेंसर लिंडाहल (43) थे। दुर्घटना में एक वाहन चालक की भी मौत हो गई।
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बुडापेस्ट(हंगरी). यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और नाटो महासचिव मार्क रूट सहित लगभग 50 यूरोपीय नेता अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद संबंधों पर पड़ने वाले असर का आकलन करेंगे। पहले से ही जटिल आर्थिक स्थिति को और मुश्किल बनाते हुए, यूरोप की आर्थिक महाशक्ति जर्मनी, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज द्वारा अपने वित्त मंत्री को बर्खास्त करने के बाद राजनीतिक संकट में फंस गई है। यह घटनाक्रम कुछ महीनों में चुनाव होने और यूरोप में कट्टर दक्षिणपंथी और प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच एक और गतिरोध की आशंका को बढ़ाता है। पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा कि इन दो घटनाओं ने साथ मिलकर स्थिति को और गंभीर बना दिया है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का असर पड़ना अभी बाकी है।
यूरोपीय परिषद के प्रमुख चार्ल्स मिशेल ने कहा, अमेरिका के साथ हमारा संबंध महत्वपूर्ण है और हम इसे प्रगाढ़ करने के लिए तैयार हैं।'' ब्रिटेन, तुर्की और बाल्कन देशों के नेताओं के शाम में रवाना होने के शीघ्र बाद यूरोपीय संघ (ईयू) के 27 देश एक अलग शिखर बैठक करेंगे। अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान, ट्रंप ने यूरोप के साथ व्यापार युद्ध से लेकर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) प्रतिबद्धताओं को वापस लेने और रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन के समर्थन में बुनियादी बदलाव लाने तक की बात कही थी - ये सभी मुद्दे पूरे यूरोप के देशों के लिए क्रांतिकारी परिणाम ला सकते हैं। शिखर सम्मेलन के मेजबान और ट्रंप के प्रशंसक, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने बृहस्पतिवार सुबह कहा कि उन्होंने रात में ट्रंप के साथ फोन पर बात की, और घोषणा की कि ‘‘हमारे पास भविष्य के लिए बड़ी योजनाएं हैं!'' इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने रोम और वाशिंगटन को एक सूत्र में पिरोने वाली गहरी और ऐतिहासिक रणनीतिक साझेदारी की सराहना की। यह साझेदारी ट्रंप के प्रथम कार्यकाल के दौरान, 2017 से 2021 तक निरंतर दबाव में रही।
पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन ने विदेशी उत्पादों के अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होने के दावों के आधार पर यूरोपीय संघ के इस्पात और एलुमिनियम पर 2018 में शुल्क लगा दिया था। यूरोपीय और अन्य सहयोगियों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका निर्मित मोटरसाइकिल, बर्बन व्हिस्की, पीनट बटर और जींस सहित अन्य वस्तुओं पर शुल्क लगा दिया। अमेरिकी चुनाव परिणाम का प्रभाव यूरोप में आने वाले वर्षों में महसूस किया जा सकता है, जिसमें यूक्रेन और पश्चिम एशिया में युद्ध, साथ ही प्रवासन और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे होंगे। बृहस्पतिवार को सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं में जेलेंस्की भी शामिल हैं। उम्मीद की जा रही है कि वह अपने देश को रूसी आक्रमण से बचाने के लिए और अधिक सहायता की अपील करेंगे। यह समय इसलिए महत्वपूर्ण है कि ट्रंप ने निर्वाचित होने के ‘‘24 घंटे के भीतर'' युद्ध समाप्त करने का संकल्प लिया है। -
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में बड़े निर्णय लेने का वादा किया है। ट्रंप का एजेंडा नागरिक अधिकारों पर राष्ट्रपति की शक्तियों का विस्तार करेगा।
ट्रंप की प्रस्तावित नीतियों की एक झलक:
आव्रजन:
ट्रंप के 2016 के अभियान का नारा “दीवार बनाओ” इतिहास में सबसे बड़ा सामूहिक निर्वासन कार्यक्रम बन गया है। ट्रंप ने इस प्रयास में नेशनल गार्ड का इस्तेमाल करने और घरेलू पुलिस बलों को सशक्त बनाने का आह्वान किया है। फिर भी, ट्रंप ने इस बारे में बहुत कम जानकारी दी है कि यह कार्यक्रम कैसा होगा और वह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि यह केवल अवैध रूप से अमेरिका में रहने वाले लोगों को लक्षित करे। अंतत: उनका दृष्टिकोण न केवल अवैध प्रवास पर नकेल कसेगा, बल्कि कुल मिलाकर आव्रजन को कम करेगा।
गर्भपात:
ट्रंप ने गर्भपात को दूसरे कार्यकाल की प्राथमिकता के रूप में ज्यादा तवज्जो नहीं दी है, हालांकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गर्भपात के लिए एक महिला के संघीय अधिकार को समाप्त करने और गर्भपात विनियमन राज्य सरकारों को वापस करने का श्रेय लिया है। ट्रंप के आग्रह पर, जीओपी के मंच पर पिछले कुछ दशकों में पहली बार गर्भपात पर राष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने का आह्वान नहीं किया गया है। ट्रंप ने अब तक यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा है कि वह राष्ट्रपति के रूप में काम शुरू करने पर राष्ट्रीय गर्भपात प्रतिबंधों को खारिज कर देंगे।
कर:
ट्रंप की कर नीतियां व्यापक रूप से निगमों और धनवान अमेरिकियों की ओर झुकाव वाली लगती हैं। ऐसा मुख्य रूप से उनके 2017 के कर सुधार को आगे बढ़ाने के वादे के कारण है, जिसमें कॉर्पोरेट आयकर दर को मौजूदा 21 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने जैसे कुछ उल्लेखनीय बदलाव शामिल हैं। इसमें डेमोक्रेट राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा सबसे धनी अमेरिकियों पर आयकर बढ़ोतरी को वापस लेना भी शामिल है। इन नीतियों के बावजूद, ट्रंप ने कामकाजी और मध्यम वर्ग के अमेरिकियों के लिए नए प्रस्तावों पर अधिक जोर दिया है जिनमें सामाजिक सुरक्षा वेतन और ओवरटाइम वेतन को आयकर से छूट देना शामिल है।
व्यापार और शुल्क:
अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर ट्रंप का रुख विश्व बाजारों पर अविश्वास का है क्योंकि उनके मुताबिक वे अमेरिकी हितों के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने विदेशी वस्तुओं पर 10 से 20 प्रतिशत तक शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा है। कुछ भाषणों में उन्होंने इससे भी अधिक प्रतिशत का उल्लेख किया है। उन्होंने चीनी खरीदारों द्वारा अमेरिका में ‘किसी भी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे' की खरीद पर रोक का संकल्प व्यक्त किया है।
एलजीबीटीक्यू और नागरिक अधिकार:
ट्रंप ने विविधता पर सामाजिक जोर को वापस लेने और एलजीबीटीक्यू नागरिकों के लिए कानूनी सुरक्षा का आह्वान किया है। ट्रंप ने संघीय निधि का लाभ उठाकर सरकारी संस्थानों में विविधता, समानता और समावेशन कार्यक्रमों को समाप्त करने का आह्वान किया है।
विनियमन, संघीय नौकरशाही और राष्ट्रपति के अधिकार:
निर्वाचित राष्ट्रपति आर्थिक क्षेत्रों में संघीय नौकरशाहों और विनियमों की भूमिका को कम करना चाहते हैं। ट्रंप सभी विनियामक कटौतियों को एक आर्थिक जादू की छड़ी के रूप में पेश करते हैं। उन्होंने जीवाश्म ईंधन उत्पादन में बाधाओं को दूर करके अमेरिकी घरों के बिलों में भारी गिरावट का वादा किया है। ट्रंप ने विनियमों में कटौती करके आवास निर्माण को बढ़ावा देने का वादा किया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह ‘पर्यावरण चरमपंथियों की तुच्छ मुकदमेबाजी' को समाप्त करेंगे।
सामाजिक सुरक्षा, चिकित्सा देखभाल:
ट्रंप का जोर इस बात पर है कि वह सामाजिक सुरक्षा, चिकित्सा देखभाल तथा बुजुर्ग अमेरिकियों से जुड़े लोकप्रिय कार्यक्रमों पर ध्यान देंगे।
किफायती देखभाल अधिनियम और स्वास्थ्य देखभाल:
ट्रंप 2015 से ही किफायती देखभाल अधिनियम को रद्द करने की वकालत करते रहे हैं। लेकिन उन्होंने अब तक इसमें बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं रखा है। सितंबर की डिबेट में उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि उनके पास इस संबंध में एक योजना है।
जलवायु और ऊर्जा:
ट्रंप, जो यह झूठा दावा करते हैं कि जलवायु परिवर्तन एक ‘धोखा' है, जीवाश्म ईंधन पर अमेरिकी निर्भरता को कम करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन को लेकर बाइडन प्रशासन में किए गए खर्च की आलोचना करते हैं। वह एक ऊर्जा नीति और परिवहन अवसंरचना व्यय का प्रस्ताव करते हैं जो जीवाश्म ईंधन पर आधारित हो।
राष्ट्रीय रक्षा और दुनिया में अमेरिका की भूमिका:
विश्व मामलों में ट्रंप की बयानबाजी और नीतिगत दृष्टिकोण कूटनीतिक रूप से पृथकतावादी, सैन्य तौर पर गैर हस्तक्षेपवादी और आर्थिक दृष्टि से संरक्षणवादी है, जैसा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अमेरिका रहा है। उन्होंने सेना के विस्तार का वादा किया, पेंटागन के खर्च को मितव्ययिता प्रयासों से बचाने का वादा किया और एक नई मिसाइल रक्षा प्रणाली का प्रस्ताव रखा। ट्रंप का जोर इस बात पर रहा है कि वह यूक्रेन में रूस के युद्ध और इजराइल-हमास युद्ध को समाप्त कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि ऐसा वह कैसे करेंगे। ट्रंप ने अपने दृष्टिकोण को पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के इस वाक्यांश के माध्यम से संक्षेप में प्रस्तुत किया: ‘शक्ति के माध्यम से शांति'। लेकिन वह नाटो और शीर्ष अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के आलोचना रहे हैं। ट्रंप ने पेंटागन के अधिकारियों के बारे में कहा, ‘‘मैं उन्हें नेता नहीं मानता।''
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वाशिंगटन। डॉनल्ड ट्रंप ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को कड़े मुकाबले में हराकर अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में वापसी की है। इस चुनाव में ट्रंप ने अपने प्रसिद्ध ‘अमेरिका को फिर से महान बनाएं’ थीम पर जोर दिया और आर्थिक विकास को पुनर्जीवित करने का वादा किया। ट्रंप की यह जीत उन्हें ग्रोवर क्लीवलैंड के बाद पहले ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति बनाती है जिन्होंने दोबारा चुनाव हारने के बाद वापसी कर राष्ट्रपति पद हासिल किया है।
78 साल की उम्र में ट्रंप अमेरिका के सबसे उम्रदराज निर्वाचित राष्ट्रपतियों में से एक हैं। इससे पहले, राष्ट्रपति बाइडन भी 2020 में 78 की उम्र में चुने गए थे, जिनकी मानसिक क्षमता पर ट्रंप ने अपने अभियान के दौरान कड़ा सवाल उठाया था। फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच में अपनी जीत का जश्न मनाते हुए ट्रंप ने इसे “सबसे बड़े राजनीतिक आंदोलन की जीत” बताया। उन्होंने 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल करते हुए जीत दर्ज की। उन्होंने उत्साहित समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, “हमने उन बाधाओं को पार किया जिनकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी,”इस चुनाव में ट्रंप को एलन मस्क जैसे प्रमुख हस्तियों का समर्थन मिला, और उन्होंने जॉर्जिया, नॉर्थ कैरोलिना और पेंसिल्वेनिया जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में जीत दर्ज की, जिससे उन्हें जीत के लिए जरूरी 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट्स मिल गए। अभियान के दौरान ट्रंप ने कई कानूनी चुनौतियों का सामना किया। इन मुश्किलों ने ट्रंप के समर्थकों को और मजबूती दी।अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने जुलाई में हुए हत्या के प्रयास का जिक्र करते हुए कहा, “कई लोगों ने मुझसे कहा है कि ईश्वर ने मुझे किसी कारण से बचाया, और वह कारण था हमारे देश को बचाना और अमेरिका को फिर से महान बनाना।”डोनाल्ड ट्रंप का अभियान उन अमेरिकी मतदाताओं के बीच लोकप्रिय हुआ, जो अर्थव्यवस्था, महंगाई और अवैध इमिग्रेशन से परेशान थे। डॉनल्ड ट्रंप का अभियान एक गहरे बंटे हुए अमेरिका के मतदाताओं के साथ गूंजा, जो अर्थव्यवस्था, महंगाई, और अवैध इमिग्रेशन से परेशान थे।ट्रंप ने बड़े बदलावों का वादा किया, जैसे दक्षिणी सीमा को पूरी तरह से बंद करना, अमेरिकी निर्माण उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए टैरिफ लगाना, और अंतरराष्ट्रीय संघर्षों से दूरी बनाना। उन्होंने “फ्रीडम सिटीज़” बनाने की योजना और सख्त इमिग्रेशन नीतियों का संकेत दिया, जिसमें नए मुस्लिम बैन और बड़े पैमाने पर निर्वासन अभियान शामिल हो सकते हैं।इज़राइल-हमास संघर्ष में ट्रंप ने इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का समर्थन किया, लेकिन गाजा में अभियान को जल्दी खत्म करने की सलाह दी और चेताया कि इज़राइल “पब्लिक इमेज की लड़ाई” हार सकता है।ट्रंप की जीत से अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव की संभावना है, खासकर NATO और यूक्रेन को लेकर। उनकी अलगाववादी सोच और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रशंसा ने अमेरिकी सहयोगियों के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।ट्रंप बनाम हैरिस: रिपब्लिकन राष्ट्रपति की जीत की वजहें2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप ने दूसरी बार किसी महिला उम्मीदवार को हराया है। इससे पहले, 2016 में उन्होंने हिलेरी क्लिंटन को हराया था। इस बार भी लिंग से जुड़े मुद्दे चर्चा में रहे, खासकर ट्रंप की सुप्रीम कोर्ट में की गई तीन नियुक्तियों के फैसलों के कारण, जिनसे 2022 में गर्भपात से जुड़े कानून पलटे गए थे।अपराध के आरोपों के बावजूद ट्रंप का अभियान मजबूत रहा। हैरिस, जो बाइडन प्रशासन की कोविड के बाद की आर्थिक सुधार योजनाओं को लेकर प्रचार कर रही थीं, ट्रंप के सामाजिक सुरक्षा, टिप्स और ओवरटाइम पर टैक्स घटाने के वादों का सही से जवाब नहीं दे पाईं। बढ़ती महंगाई हैरिस के लिए एक बड़ा मुद्दा बनी रही, और उन्होंने ग्रॉसरी, हाउसिंग, बच्चों की देखभाल और बुजुर्गों की देखभाल जैसे आर्थिक मुद्दों पर फोकस किया। ट्रंप के साथी और अगले उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने इस जीत को “अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी राजनीतिक वापसी” कहा। - कैनबरा। विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हमले की घटना को ‘‘बेहद चिंताजनक'' बताते हुए मंगलवार को कहा कि यह कनाडा में ‘‘चरमपंथी ताकतों'' को एक तरह से दी जा रही ‘‘राजनीतिक जगह (गुंजाइश)'' की ओर इंगित करता है। उन्होंने यहां अपनी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान रविवार को कनाडा पर ‘‘बिना विस्तृत जानकारी दिए आरोप लगाने की प्रवृत्ति'' का भी आरोप लगाया। भारत और कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक विवाद के बीच जयशंकर रविवार को उत्तर अमेरिकी देश के ब्रैम्पटन में हुई घटना से संबंधित एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे, जहां खालिस्तानी झंडे लिए प्रदर्शनकारियों ने हिंदू सभा मंदिर में लोगों के साथ झड़प की। इससे मंदिर के अधिकारियों और भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न हुई। जयशंकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कनाडा में हिंदू मंदिर में जो कुछ हुआ... वह निश्चित रूप से बेहद चिंताजनक है। आपने पहले हमारे आधिकारिक प्रवक्ता का बयान देखा होगा और फिर हमारे प्रधानमंत्री ने भी चिंता व्यक्त की होगी।'' विदेश मंत्री 3-7 नवंबर तक ऑस्ट्रेलिया की आधिकारिक यात्रा पर हैं।पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तान चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘‘संभावित'' संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था। हालांकि, भारत ने इस आरोप को ‘‘ बेबुनियाद'' बताकर खारिज कर दिया था। निज्जर कनाडा का नागरिक था लेकिन भारत ने उसे आतंकवादी घोषित किया था। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा अपनी धरती से गतिविधियां चला रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों को बिना किसी रोक-टोक के मौका दे रहा है। भारत ने कनाडा के आरोपों को दृढ़तापूर्वक खारिज करते हुए छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था तथा निगरानी के दायरे में आये अपने उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य अधिकारियों को कनाडा से वापस बुला लिया। कैनबरा में प्रेस वार्ता के दौरान जयशंकर से कनाडा द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों के बारे में भी पूछा गया। जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे तीन बात कहने दें। एक, कनाडा ने विशेष विवरण दिए बिना आरोप लगाने का एक पैटर्न बना लिया है। दूसरा, जब हम कनाडा को देखते हैं, तो हमारे लिए, यह तथ्य कि...हमारे राजनयिक निगरानी में हैं, कुछ ऐसा है जो अस्वीकार्य है।'' उन्होंने कहा, ‘‘तीसरी वो घटना है जिसके बारे में सज्जन (प्रश्ननकर्ता) ने बात की, वीडियो जरूर देखें। मुझे लगता है कि इससे पता चलेगा कि वहां चरमपंथी ताकतों को किस तरह राजनीतिक जगह (गुंजाइश) दी जा रही है।''विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए, हम स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं ... हम यह भी मानते हैं कि स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। हमने (अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष की ओर इशारा करते हुए) इस बारे में बात की, बिल्कुल उसी तर्ज पर जिस पर मैंने बात की है।'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं। हिंसा की ऐसी हरकतें भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर पाएंगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम कनाडा सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून का शासन कायम रखेगी।'' इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि उसे उम्मीद है कि हिंसा में शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। इसने कनाडा सरकार से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि सभी पूजा स्थलों को इस तरह के हमलों से बचाया जाए। बयान में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के हवाले से कहा गया, ‘‘हम कल (रविवार) ब्रैम्पटन, ओंटारियो में हिंदू सभा मंदिर में चरमपंथियों और अलगाववादियों द्वारा की गई हिंसा की निंदा करते हैं। हम कनाडा सरकार से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि सभी पूजा स्थलों को ऐसे हमलों से बचाया जाए।''