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- इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज टेनिस खिलाड़ी हामिद उल हक के लिए भारतीय कोच और कप्तान जीशान अली से इस्लामाबाद में मुलाकात करना अपने बिछड़े हुए भाई से फिर से मिलने जैसा था। लगभग 36 साल पहले बेंगलुरु का दौरा करने वाले पाकिस्तान के डेविस कप टीम के पूर्व कप्तान को अच्छी तरह से याद है कि जीशान के पिता, दिवंगत अख्तर अली ने कैसे पाकिस्तान के खिलाड़ियों की देखभाल की थी। उन्हें वह वाक्या भी याद है जब वह बिना वीजा के त्रिवेंद्रम चले गये थे लेकिन एक डीआईजी (पुलिस उपमहानिरीक्षक) ने उन्हें परेशान किये बिना वापस भेज दिया। अब 62 साल के हो चुके हामिद अभी भी भारतीय खिलाड़ी श्रीनिवासन वासुदेवन शुक्रगुजार है, जो उन्हें 1987 में बेंगलुरु में आवास खोजने के लिए संघर्ष करते समय अपने घर ले आये थे। वह एक ‘सैटेलाइट टूर्नामेंट' में प्रतिस्पर्धा करने के लिए इस शहर में गए थे। हामिद ने कहा कि दिल्ली का खाना भी उतना ही मसालेदार होता था, जितना कराची में मिलता था।साल 2000 में प्राइड ऑफ परफॉर्मेंस (पाकिस्तान में एक उपाधि) से सम्मानित हामिद इस बात से बेहद खुश हैं कि भारत की टेनिस टीम पाकिस्तान आई है। उन्होंने कहा, ‘‘अब जब मैं यहां इस्लामाबाद में भारतीय दल से मिल रहा हूं, तो ऐसा लग रहा है जैसे मैं अपने ही भाइयों से मिल रहा हूं, जो अलग हो गए थे। कोच जीशान अली मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। उनके पिता अख्तर अली भी हमारी बहुत मदद करते थे। वह हमारे लिये पिता और कोच की तरह थे, वह पाकिस्तानियों की बहुत मदद कर रहे थे।'' उन्होंने कहा, ‘‘ दुबई में एशिया कप के दौरान मैं सेमीफाइनल में जीशान से हार गया था। लाहौर में भी मैं उसके खिलाफ खेला हूं। मुझे पता था कि वह आ रहे हैं, मैं उत्साह से उसका इंतजार कर रहा था। मैं उसे अपने घर ले जाना चाहता हूं और शहर देखने में उसकी मदद करना चाहता हूं, लेकिन आप जानते हैं, मौजूदा परिस्थितियों में यह संभव नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक तनाव के कारण दोनों देशों के आवेदकों को शहर-विशिष्ट वीजा मिलता है।'' पाकिस्तान के लिए 1984 और 1997 के बीच डेविस कप खेलने वाले हमीद ने 1982 में एशियाई खेलों के लिए दिल्ली की यात्रा की थी और उन दिनों की यादें साझा कीं। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं भारत जाता हूं तो मुझे नहीं लगता कि मैं किसी विदेशी सरजमीं पर हूं। भारत और पाकिस्तान एक जैसे है। दोनों देशों की भाषा, भोजन, पोशाक, सब कुछ एक जैसा है। जैसा मसालेदार खाना हम कराची में खाते हैं, वैसा ही स्वाद हमें दिल्ली में भी मिलता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मैं 1987 में सैटेलाइट टूर्नामेंटों के लिए बॉम्बे (अब मुंबई), बैंगलोर (अब बेंगलुरु) और त्रिवेंद्रम गया था। मुझे आवास मिलने में परेशान हो रही थी और भारतीय खिलाड़ी वासुदेवन को जब इसके बारे में पता चला तो सुरक्षा चिताओं की परवाह किये बिना वह मुझे अपने घर लेकर गये थे।'' हामिद के पिता सिराज उल हक अविभाजित भारत के बेहतरीन टेनिस खिलाड़ियों में से एक थे। उन्होंने हॉकी भी खेली। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान धन जुटाने के लिए एमेच्योर और पेशेवर खिलाड़ियों के बीच एक चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया था। सिराज उस समय सर्वश्रेष्ठ पेशेवर खिलाड़ी थे जबकि गौस मोहम्मद सर्वश्रेष्ठ एमेच्योर खिलाड़ी थे। हामिद ने बताया , ‘‘ इसके मुकाबले बॉम्बे, मद्रास (अब चेन्नई) और लाहौर में खेले गये थे। मेरे पिता उन दिनों की बातें करते थे। उन्होंने हॉकी में भी हाथ आजमाया है और आगा खान गोल्ड कप खेला है। वह 1942 में इस टूर्नामेंट को जीतने वाली पहली मुस्लिम टीम के सदस्य थे।'' आगामी मुकाबले के बारे में पूछे जाने पर हामिद ने कहा कि भारतीय टेनिस हमेशा से पाकिस्तान टेनिस से आगे रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने भारतीय टेनिस से बहुत कुछ सीखा है। जब अनिल खन्ना शीर्ष पर थे, तो उन्होंने हमारा बहुत समर्थन किया। हमें घास वाले कोर्ट पर कुछ अच्छे परिणाम मिले हैं, लेकिन भारतीय टीम भी इस सतह पर बहुत अच्छी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि भारत के पास इस मुकाबले को जीतने की बेहतर संभावना है, लेकिन पाकिस्तान के पास अकील खान और ऐसाम उल हक कुरैशी के रूप में दो बहुत अनुभवी खिलाड़ी हैं। ये दोनों अगर एकल खेलते हैं, तो मुकाबला कड़ा होगा।''
- इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में बुधवार को 14 साल जेल की सजा सुनाई गई। एक दिन पहले ही मंगलवार को गोपनीयता उल्लंघन मामले में एक विशेष अदालत ने खान (71) को 10 साल जेल की सजा सुनाई थी। नयी सजा सुनाए जाने से आठ फरवरी के आम चुनाव से सत्ता में लौटने की उनकी कोशिश को एक और झटका लगा है। जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में रावलपिंडी की अदियाला जेल में सुनवाई की। इसी जेल में पूर्व प्रधानमंत्री एक अन्य मामले में सजा काट रहे हैं। अदालत ने अपने फैसले में दोनों पर 10 साल तक किसी भी सरकारी पद पर रहने से प्रतिबंध लगाया है और प्रत्येक पर 78.70-78.70 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। बुशरा बीबी आज अदालत में पेश नहीं हुईं।
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नई दिल्ली। पाकिस्तान में गोपनीय सूचना के उल्लंघन के मामले में विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को 10 साल जेल की सजा सुनाई। इस मामले में पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरेशी को भी 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
यह मामला एक गुप्त राजनयिक दस्तावेज़ से संबंधित है। स्थानीय मीडिया के अनुसार यह सज़ा उस समय सुनाई गई है जब पाकिस्तान में 8 फरवरी को होने वाले चुनाव नजदीक आ रहे हैं।अक्टूबर में गोपनीय सूचना को उजागर करने के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद श्री खान और श्री कुरैशी ने खुद को निर्दोष बताया था। इमरान खान को इस मामले में दिसंबर में जमानत दे दी गई थी। लेकिन कई अन्य कानूनी मामलों के कारण वह सलाखों के पीछे रहे। इमरान खान की यह दूसरी सजा है, उन्हें पिछले साल अगस्त में तोशाखाना मामले में भी दोषी ठहराया गया था और तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उनकी सजा निलंबित कर दी थी। -
लंदन. ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय को 'प्रोस्टेट' के उपचार के बाद सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। निजी लंदन क्लिनिक से बाहर निकलते हुए 75 वर्षीय चार्ल्स ने मुस्कुराते हुए जनता की ओर हाथ हिलाया। इस दौरान उनके साथ महारानी कैमिला पार्कर भी थीं। चार्ल्स ने अस्पताल में तीन रातें बिताईं और रविवार को महारानी ने उनसे दो बार मुलाकात की। चार्ल्स शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती हुए थे। रविवार अपराह्न कार से मध्य लंदन स्थित 'द लंदन क्लिनिक' पहुंची कैमिला करीब तीन घंटे से अधिक समय बाद अस्पताल से निकलते समय मुस्कुराई। बकिंघम पैलेस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि चार्ल्स ने ''पूरी तरह से ठीक होने तक चार्ल्स ने आगामी सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों को पुनर्निर्धारित कर दिया है।'' बयान के मुताबिक, चार्ल्स ने अस्पताल में अपने बिताए वक्त और उपचार में शामिल सभी लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि हाल के दिनों में उन्हें प्राप्त हुए सभी संदेशों के लिए वह आभारी हैं।
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काहिरा (मिस्र) .परंपरागत भारतीय घाघरा चोली पहने हुए ‘देश रंगीला' देशभक्ति गीत गाने वाली मिस्र की एक युवती की सराहना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य नेताओं ने की है। यहां भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में गीत गाती हुई लड़की का वीडियो क्लिप दूतावास द्वारा जारी किये जाने के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री ने उसकी प्रशंसा की। मिस्र में भारतीय मिशन के आधिकारिक ‘एक्स' हैंडल पर रविवार शाम को लिखा गया, ‘‘मिस्र की युवती करीमन ने ‘इंडिया हाउस' में 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में देशभक्ति का गीत ‘देश रंगीला' प्रस्तुत किया। उसके सुमधुर गायन और सही उच्चारण ने बड़ी संख्या में भारतीयों और मिस्र वासियों को प्रभावित किया।'' इसके 24 घंटे से भी कम समय के भीतर प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘मिस्र की करीमन की यह प्रस्तुत सुरीली है। मैं इस प्रयास के लिए उन्हें बधाई देता हूं और भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।'' विदेश मंत्री एस जयशंकर और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी ‘एक्स' पर प्रधानमंत्री मोदी के पोस्ट को साझा किया। मोदी की प्रशंसा के बाद एक मिनट के इस वीडियो को छह लाख से अधिक बार देखा गया।
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बीजिंग। चीन में एक बुजुर्ग महिला ने अपने बच्चों से दुखी होकर लगभग 23 करोड़ रुपये की दौलत पालतू कुत्ते-बिल्लियों को देने का फैसला कर लिया। महिला का कहना है कि उसके बच्चे कभी उसकी देखभाल करने और हालचाल लेने तक नहीं आते। बुढ़ापे में केवल उसके पालतू जानवर ही उसका साथ देते हैं। इसलिए उसके बेटे और बेटियां इस लायक ही नहीं हैं कि उनके नाम संपत्ति की जाए। महिला शंघाई की रहने वाली है और उसका नाम लिउ है।
लिउ ने अपनी वसीयत में बदलाव करवा दिया है। हालांकि इस काम में उसे काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। दरअसल चीन के कानून के तहत कोई भी व्यक्ति जानवरों के नाम वसीयत नहीं कर सकता है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक लिउ ने जब अपनी पूरी दौलत अपने पालतू कुत्ते-बिल्लियों के नाम करने की इच्छा जाहिर की तो जानकारों ने कहा कि कानून इसकी इजाजत नहीं देता है। महिला का कहना था कि जब वह बीमार थी तब भी उसके बच्चे उसे देखने नहीं आए।
महिला की उम्र कन्फर्म नहीं हो पाई है। हालांकि रिपोर्ट में महिला को बुजुर्ग बताया गया है। चीन के विल रजिस्ट्रेशन सेंटर के एकअधिकारी चेन काई के मुताबिक उन्होंने ही वसीयत करने का एक विकल्प सुझाया। उन्होंने कहा कि लिउ की मौजूद वसीयत वनवे है। ऐसे में उन्हें किसी विश्वसनीय व्यक्ति को पालतू जानवरों की देखभाल करने के लिए चुनना चाहिए। इसके बाद उसके नाम पर ही वसीयत कर देनी चाहिए। उससे भी शपथपत्र ले लेना चाहिए कि वह अपने वादे को पूरा करेगा।
कुछ अधिकारियों ने लिउ को चेतावनी भी दी कि अपनी सारी संपत्ति किसी वेटनरी क्लीनक के ओनर के नाम कर देने से वह मुसीबत में भी फंस सकती हैं। वहीं अगर बाद में बच्चों का व्यवहार बदलता है और वह अपनी संपत्ति उन्हें देना चाहती हैं तो मुसीबत खड़ी हो जाएगी। हालांकि लिउ ने इसकी ओर ध्यान नहीं दिया। हालांकि बुजुर्ग महिला ने अपना इरादा नहीं बदला और अपने पड़ोस के ही एक वेटनरी क्लीनिक के मालिक के नाम पर वसीयत कर दी।
चीन में सोशल मीडिया पर भी इस बात की चर्चा होने लगी। बहुत सारे लोगों ने महिला की प्रशंसा की है। उनका कहना है कि अगर कोई भी बेटा अपनी मां की देखभाल नहीं करेगा तो उसका यही हश्र होना चाहिए। हालांकि यह पहली बार नहीं हुआ है जब किसी ने अपनी संपत्ति अपने पालतू जानवरों के नाम की है। साल 2010 में मशहूर फैशन डिजाइनर भी अपनी 97 हजार डॉलर की संपत्ति अपने पालतू कुत्ते के लिए छोड़ गए थे। -
इस्लामाबाद. पूर्वी अफगानिस्तान में अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 33 लोगों की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हुए हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। काबुल पुलिस के प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और पूर्वी नंगरहार प्रांत को जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग पर काबुल प्रांत के सोराबी जिले में 10 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें दो बच्चों और चार महिलाओं सहित 17 लोगों की मौत हो गई। जादरान ने कहा कि दुर्घटनाओं में 10 अन्य घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच, लघमान पुलिस प्रमुख के एक बयान के अनुसार, पूर्वी लघमान प्रांत में काबुल और नंगरहार के बीच उसी राजमार्ग के अन्य हिस्से पर चार अतिरिक्त सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई। इसमें कहा गया है कि लघमान प्रांत के अन्य हिस्से में हुए हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। अफगानिस्तान में यातायात दुर्घटनाएं आम हैं, जिसका मुख्य कारण सड़कों की जर्जर स्थिति और राजमार्गों पर चालकों की लापरवाही है।
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कोलंबो. हिंदू बहुल उत्तरी श्रीलंका में भी कई मंदिरों में अयोध्या में आयोजित 'राम लला' की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाया गया। भारत में आयोजित आधिकारिक समारोह के साथ-साथ उत्तरी श्रीलंका में भी कई अनुष्ठान किये गये। प्रतिष्ठित नल्लूर कोविल मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में सोमवार को अनुष्ठान किए गए। इस कार्यक्रम में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी भी शामिल हुए। उत्तरी प्रांत के जाफना जिले में स्थित नल्लूर कंडास्वामी कोविल या नल्लूर मुरुगन कोविल सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में से एक है। मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ी, जहां भक्तों ने सुबह के समय मूर्तियों की साफ-सफाई की। बाद में मंदिरों में प्रार्थनाएं की गई और राम भजन गाए गये। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, श्रीलंका की 2.10 करोड़ की आबादी में साढ़े 12 फीसदी से ज्यादा हिंदू आबादी है। वहीं, जाफना की आबादी साढ़े छह लाख है, जिसमें से 80 फीसदी से ज्यादा हिंदू हैं।
- नयी दिल्ली. चीन के दक्षिणी शिनजियांग क्षेत्र में सोमवार देर रात 7.2 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया, जिसके झटके दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' के जरिए बताया कि भूकंप का केंद्र चीन के दक्षिणी शिनजियांग क्षेत्र में 80 किलोमीटर की गहराई में था।
- वाशिंगटन/पोर्ट ऑफ स्पेन। अयोध्या में सोमवार को हुई रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का उत्सव मनाने के लिए राम भक्तों और भारतीय समुदाय के सदस्य न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित टाइम्स स्कवायर सहित दुनियाभर में विभिन्न स्थानों पर एकत्र हुए, प्रार्थना सभाएं कीं, कार रैली निकाली और अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये। अमेरिका में न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कवायर पर बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के सदस्य एकत्र हुए। उन्होंने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण देखा। लोगों को पारंपरिक पोशाक पहने, नृत्य करते, भजन और अन्य गीत गाते देखा गया। वाशिंगटन में वर्जीनिया के फेयरफैक्स काउंटी में स्थित एसवी लोटस टेम्पल में सिख, मुस्लिम और पाकिस्तानी-अमेरिकी समुदाय के सदस्य भी इस समारोह में शामिल हुए। रविवार को हुए कार्यक्रम में 2,500 से ज्यादा लोग शामिल हुए। अमेरिकी शेयर बाजार ‘नैस्डैक' की स्क्रीन पर भी राम मंदिर की तस्वीरें प्रदर्शित की गईं।अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होने के तुरंत बाद वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका और विश्व हिंदू परिषद ऑफ कनाडा ने दोनों देशों में एक हजार से अधिक मंदिरों के दर्शन के लिए 'राम मंदिर यात्रा' की घोषणा की। विहिप अमेरिका द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, यह यात्रा 25 मार्च को मैसाचुसेट्स के बिलेरिका में ओम हिंदू केंद्र से शुरू होगी, जिसमें श्री राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियां एक सजे-धजे वाहन पर होंगी। अमेरिका और कनाडा में होने वाली इस महत्वाकांक्षी यात्रा को 45 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर त्रिनिदाद और टोबैगो में हजारों की संख्या में लोग एक कार्यक्रम में शामिल हुए जिनमें बड़ी संख्या भारतीय समुदाय के सदस्य थे। रविवार को आयोजित इस समारोह में 5,000 से अधिक लोग शामिल हुए। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोकप्रिय भजन एवं गीत भी गाए गए। त्रिनिदाद और टोबैगो की राम जन्मभूमि स्थापना समिति ने भारतीय प्रवासियों और सामुदायिक संगठनों के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में 550 दीये भी जलाए गये।त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों द्वारा आयोजित भव्य समारोह में भाग लेना सम्मान की बात है।'' वहीं मॉरीशस सरकार ने इस ऐतिहासिक अवसर पर देशभर में होने वाली प्रार्थना सभाओं में भाग लेने के लिए हिंदू धर्म के कर्मचारियों को दो घंटे की विशेष छुट्टी दी। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "आइए श्री राम के अयोध्या लौटने पर खुशी मनाएं। उनका आशीर्वाद और शिक्षाएं, शांति व समृद्धि की दिशा में हमारा मार्ग प्रशस्त करती रहे। जय हिंद! जय मॉरीशस!" अयोध्या में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह की पूर्व संध्या पर मेक्सिको के क्वेरेटारो शहर में भगवान राम के पहले मंदिर की स्थापना हुई। क्वेरेटारो में भगवान हनुमान का मंदिर पहले से है। मेक्सिको में भारतीय दूतावास ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''भारत से लाई गई मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा एक अमेरिकी पुजारी द्वारा की गयी। भारतीय प्रवासियों द्वारा गाए गए भजन और गीत से पूरा सभागार गूंज उठा।'' इस कार्यक्रम में भारतीय मूल के 250 से ज्यादा प्रवासी भारतीय शामिल हुए।इसके अलावा, फिजी के सुवा में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और फिजी की श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा ने 18 से 22 जनवरी तक रामलला उत्सव का आयोजन किया था।
- वाशिंगटन। अमेरिका में सैकड़ों की संख्या में मंदिरों और सामुदायिक संस्थाओं ने सोमवार को अयोध्या में 'राम लला' की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाने के लिए न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित टाइम्स स्क्वायर सहित विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए। अमेरिका की विश्व हिंदू परिषद ने रविवार को यहां पूरे देश में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किए। वहीं समुदाय के कई सदस्य इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के लिए न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित टाइम्स स्क्वायर पर इकट्ठा हुए। उन्होंने आने-जाने वाले लोगों को लड्डू बांटे। साथ ही टाइम्स स्क्वायर की स्क्रीन पर अयोध्या के राम मंदिर की तस्वीरें और दृश्य भी प्रदर्शित किये गये। वाशिंगटन में वर्जीनिया के फेयरफैक्स काउंटी में स्थित एसवी लोटस टेम्पल में सिख, मुस्लिम और पाकिस्तानी अमेरिकी समुदाय के लोग भी इस समारोह में शामिल हुए। उनका कहना है कि यह पूरे समुदाय के लिए खुशी मनाने का क्षण है और यह एक सपने के सच होने जैसा है। 'सिख ऑफ अमेरिका' संगठन के सदस्य जस्सी सिंह ने कहा, ''यह एक बहुत ही खुशी का मौका है।''सिंह ने कहा, ''सिख समुदाय और 'सिख ऑफ अमेरिका' की ओर से मैं भारत में श्रीराम मंदिर के उद्घाटन के इस खुशी के अवसर पर अपने हिंदू भाइयों और बहनों को शुभकामनाएं देता हूं। हम सभी समुदाय सिख, हिंदू, मुस्लिम और ईसाई यहां इस खुशी के मौके पर जश्न मना रहे हैं।'''मुस्लिम ऑफ अमेरिका' संगठन के सदस्य और पाकिस्तानी अमेरिकी साजिद तरार भी वर्जीनिया के एसवी लोटस टेम्पल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा, ''मैं यहां शांति और सद्भाव का संदेश लेकर आया हूं। हम वर्षों से उपमहाद्वीप में एक साथ रह रहे हैं लेकिन आज हमारे बीच बहुत सारे मतभेद पैदा हो गये हैं। मुझे लगता है कि अब आगे बढ़ने का समय आ गया है।'' उन्होंने मंदिर के उद्घाटन के लिए हिंदू समुदाय को बधाई दी।
- ह्यूस्टन (अमेरिका) .अयोध्या स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अमेरिका में कैलिफोर्निया के बे एरिया में 1,100 से अधिक लोगों ने राम मंदिर के चित्र वाले भगवा झंडे थामकर विशाल कार रैली निकाली। इस रैली का आयोजन बे एरिया के छह स्वयंसेवी हिंदुओं ने किया। रैली सनीवेल से वार्म स्प्रिंग बीएआरटी स्टेशन, गोल्डन गेट तक निकाली गई। इसके अलावा शनिवार शाम को एक भव्य ‘टेस्ला कार लाइट शो' का आयोजन किया गया। विशाल राम रथ के साथ निकाली गई इस रैली ने लगभग 100 मील की दूरी तय की और इस दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस की दो कार भी तैनात रहीं। इस रैली के छह आयोजकों में से एक रोहित शर्मा ने फोन पर कहा, ‘‘राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में आयोजित इस कार्यक्रम को उम्मीद से बढ़कर प्रतिक्रिया मिली।'' मुख्य आयोजक दीप्ति महाजन ने कहा, ‘‘अप्रत्याशित बारिश के कारण समापन स्थल बदलकर वार्म स्प्रिंग बीएआरटी स्टेशन किया गया। बारिश के बावजूद दो हजार से अधिक राम भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। केसरिया झंडे लिये राम भक्तों ने ढोल नगाड़े बजाकर और राम भजन गाकर पूरे क्षेत्र को ‘छोटे-अयोध्या' में बदल दिया।'' आयोजकों में से एक दीपक बजाज ने कहा, ‘‘यह अमेरिका में हिंदुओं द्वारा आयोजित अपनी तरह की पहली रैली थी और इस रैली में हिस्सा लेने वाले लोग काफी उत्साहित और खुश नजर आये।'
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वाशिंगटन. अमेरिका में स्थित सैकड़ों की संख्या में मंदिर अयोध्या के राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जश्न मनाने की तैयारियों में जुट गये हैं। अमेरिका के हिंदू विश्वविद्यालय के अध्यक्ष कल्याण विश्वनाथन ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, ''अयोध्या विनाश और उपेक्षा से पुन: उभर रही है, जो सनातन धर्म की शाश्वत प्रकृति का प्रतीक है। 550 वर्षों के बाद राम लला मंदिर में होने वाला प्राण प्रतिष्ठा समारोह शहर और दुनियाभर के लगभग एक अरब हिंदुओं के लिए खुशियां लेकर आ रहा है।'' अयोध्या मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होगा।
टेक्सास में ‘श्री सीता राम फाउंडेशन' के कपिल शर्मा ने कहा कि 500 वर्षों के इंतजार के बाद अयोध्या धाम में भगवान राम के मंदिर का निर्माण दुनिया भर के हिंदुओं के लिए आस्था और उत्सव का एक महत्वपूर्ण दिन है। श्री सीता राम फाउंडेशन ने ह्यूस्टन में अपने मंदिर में श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि उत्सव की शुरुआत सुंदरकांड से होगी, जिसके बाद नृत्य, गायन और संगीत के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसके बाद हवन और भगवान राम का पट्टाभिषेक होगा, जिसका समापन भगवान राम की शोभा यात्रा और प्रसाद वितरण के साथ होगा। शर्मा ने कहा, ''अयोध्या धाम से मंगाये गये प्रसाद और धूल को वितरित करना भी हमारे लिए सम्मान की बात है, जिसे विशेष रूप से हमारे कार्यक्रम के लिए यहां लाया जा रहा है।'' मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर शनिवार को वाशिंगटन के एक उपनगर में राम मंदिर उत्सव कार्यक्रम में भाग लेने वाले हैं। कुछ पाकिस्तानी अमेरिकी भी ग्रेटर वाशिंगटन क्षेत्र में होने वाले उत्सव में शामिल होंगे।
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नई दिल्ली। जापान का मून मिशन चंद्रमा पर सफलता के साथ लैंड कर गया है. अमेरिका, रूस, चीन और भारत के बाद जापान अब चंद्रमा पर उतरने वाला पांचवां देश बन गया है. जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXAने कहा कि उसके स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) ने चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की है. जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने लक्ष्य के 100 मीटर (328 फीट) के भीतर मून स्नाइपर नामक प्रोब की लैंडिंग का प्रयास किया है. जापान की स्पेस एजेंसी ने कहा है कि यह सत्यापित करने में एक महीने तक का समय लगेगा कि एसएलआईएम ने सटीक लक्ष्य हासिल कर लिए हैं या नहीं.
जापान का मून मिशन स्नापर 25 दिसंबर को चांद के ऑर्बिट में दाखिल हुआ था. इसे बाद से ही ये चांद के चक्कर काट रहा था और धीरे-धीरे सतह की तरफ बढ़ रहा था. JAXA का कहना है कि स्नाइपर अब तक हुए मून मिशन्स में लैंडिंग के लिहाज से सबसे एडवांस्ड तकनीक से लैस है. चांद के इक्वेटर पर रडार से लैस स्लिम लैंडर शुक्रवार को लैंड हुआ.चांद पर क्या खोजेगा JAXA का मून स्नाइपर?मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर JAXA के मून मिशन का मकसद क्या है? चांद पर जापान स्पेस एजेंसी का लैंडर उतर कर कौन सी खोज करने वाला है? CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक मून मिशन स्नापर का लक्ष्य चांद के शिओली क्रेटर यानी वहां मौजूद गड्ढाें की जांच करना है. बताया जाता है कि चांद के सी ऑफ नेक्टर हिस्से में ज्वालामुखी फटा था. JAXA का काम यहां ये शोध करना है कि आखिर चांद की उत्पत्ति कैसे हुई. मून स्नाइपर चांद पर मिनरल्स की जांच कर उसके ढांचे और अंदरूनी हिस्सों के बारे में जानकारी जुटाएगा. जापान स्पेस एजेंसी के इस मिशन में करीब 102 मिलियन डॉलर खर्च आने की बात बताई जा रही है. - दावाओ। दक्षिणी फिलीपींस में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में एक घर दब गया जिससे पांच बच्चों समेत कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। घटना के समय ईसाई समुदाय के लोग घर में प्रार्थना कर रहे थे। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।सरकार के नागरिक सुरक्षा कार्यालय के क्षेत्रीय प्रमुख एडनार दयानघिरंग ने बताया कि यह घटना दवाओ डी ओरो प्रांत के मोनकायो कस्बे में दूरस्थ पहाड़ी पर स्थित एक गांव में हुई। इस घटना में दो लोग घायल भी हुए हैं और कम से कम एक ग्रामीण लापता है। घटनास्थल पर एक और भूस्खलन होने की आशंका के कारण गुरुवार को खोज अभियान रोक दिया गया।शुक्रवार को अभियान बहाल किए जाने के बाद तीन और शव बरामद हुए। दयानघिरंग ने गुरुवार को एसोसिएटेड प्रेस को टेलीफोन पर कहा, ”जब भूस्खलन हुआ तो वे लोग घर में प्रार्थना कर रहे थे। यह दुखद है लेकिन हकीकत यही है।”मोनकायो के मेयर मैनुअल जमोरा ने कहा कि रुक-रुक कर हो रही बारिश से मिट्टी खिसकने की आशंका है जिस कारण गांव के समीप रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने का आदेश दिया गया है।नागरिक सुरक्षा कार्यालय ने बताया कि कई दिनों तक हुई भारी बारिश के कारण निचले इलाकों के गांवों में पानी भर गया और दवाओ डे ओरो तथा तीन अन्य प्रांतों में 36,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए। शुक्रवार से कुछ इलाकों में मौसम साफ होने लगा है।
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काठमांडू। नेपाल में हिंदू समुदाय अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का उत्साहपूर्वक इंतजार कर रहा है। नेपाल के हिंदू विशेष तौर पर मधेश प्रांतवासी इस अवसर को बड़ी धूमधाम से मनाने की योजना बना रहे हैं। जनकपुर स्थित जानकी मंदिर कई सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों के साथ प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा है। जनकपुर को भगवान राम की पत्नी जानकी (सीता) जी का जन्मस्थान माना जाता है। भगवान राम की पत्नी सीता का दूसरा नाम जानकी है जो जनकपुर के राजा जनक की पुत्री थी। जनकपुर नेपाल की राजधानी से 220 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व में है। यह भारत के अयोध्या से लगभग 500 किमी पूर्व में है और दोनों देशों के प्राचीन रिश्तों का प्रतीक रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस अवसर पर पूरे जनकपुर उपमहानगर में सफाई अभियान शुरू किया गया है।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, जनकपुर के घरों और सड़कों को रंग-बिरंगी रोशनी, कागजों के झंडे, बैनर और मालाओं से सजाया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि इस अवसर पर गंगा आरती, रामकथा के साथ-साथ धार्मिक जुलूस निकालने की भी योजना बनाई गई है। मधेश प्रांत में होटल एसोसिएशन ऑफ नेपाल (एचएएन) के अध्यक्ष विजय झुनझुनवाला ने कहा, "यह बहुत गर्व और खुशी का क्षण है। हम सभी उत्साहपूर्वक इस आयोजन का इंतजार कर रहे हैं।" झुनझुनवाला ने बताया कि करीब तीन सप्ताह पहले जनकपुर से करीब 3000 भार जिनमें विभिन्न उपहार शामिल थे, प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या भेजे गए। उन्होंने कहा कि रामभक्तों का 21 लोगों का एक समूह प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए अयोध्या भी जाएगा। इसी तरह काठमांडू के दक्षिण-पूर्व में 300 किलोमीटर दूर विराटनगर में भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन जुलूस निकालने, दीये जलाने, प्रसाद वितरण करने और मोटरसाइकिल रैली निकालने की तैयारी की जा रही है। न्यूरो बगलामुखी सोसायटी के निदेशक बीरेंद्र बिस्ता ने कहा, "हम उत्साहपूर्वक इस भव्य अवसर का इंतजार कर रहे हैं।" - बीजिंग. चीन की जनसंख्या 2023 में 20 लाख 80 हजार घटकर 1.4097 अरब रह गई और भारत अपने पड़ोसी देश को पछाड़कर 2023 में दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया। चीन के बुधवार को जारी वार्षिक आधिकारिक आंकड़े में यह जानकारी दी गई। चीन की आबादी लगातार दूसरे साल कम हुई है।देश में सत्तारूढ़ 'कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना' ने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए ‘केवल एक संतान' की नीति का दशकों तक सख्ती से पालन किया जिसके कारण जन्म दर में काफी कमी आई और चीन की आबादी में छह दशक में पहली बार 2022 में गिरावट आई। विशेषज्ञों ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की आबादी में आगामी वर्षों में और कमी आने का अनुमान जताया है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के आंकड़ों के अनुसार, भारत पिछले साल 142.86 करोड़ आबादी के साथ चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल चीन में 90 लाख 20 हजार बच्चों का जन्म हुआ, जो 2022 (95 लाख 60 हजार) से 5.6 प्रतिशत कम है। चीन में कई दंपति संतान नहीं चाहते और इसलिए जन्म दर गिर रही है। चीन ने 1949 के बाद से जन्म दर का रिकॉर्ड रखना शुरू किया था और तब से अब तक 2023 में सबसे कम जन्म दर रही। पिछले साल प्रत्येक 1,000 लोगों पर 6.39 जन्म हुए जबकि 2022 में यह संख्या 6.77 थी। चीन ने मई 2021 में ‘तीन संतान नीति' लागू की और जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कई कदम हुए।लोग देर से शादी कर रहे हैं और कई लोग संतान पैदा नहीं करने का विकल्प भी चुन रहे हैं। इसके अलावा पढ़ाई और पालन-पोषण के अत्यधिक खर्च के कारण अधिकतर लोग केवल एक ही संतान की नीति का पालन कर रहे हैं। इसके कारण 2016 से चीन की जनसंख्या वृद्धि दर धीमी हो रही है। हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' की खबर के अनुसार, पिछले साल एक करोड़ 11 लाख लोगों की मृत्यु हुई, जिससे राष्ट्रीय मृत्यु दर प्रति 1,000 लोगों पर 7.87 हो गई। जनसांख्यिकी विशेषज्ञों ने कोविड-19 के प्रकोप के कारण मृतक संख्या में तेज बढ़ोतरी होने की आशंका जताई थी। जन्म दर में गिरावट चीन के लिए लंबे समय से आर्थिक और सामाजिक चुनौती बनी हुई है। चीन की औसत आबादी लगातार बुजुर्ग हो रही है, जिसके कारण श्रमिकों की संख्या में कमी आ सकती है और समय के साथ आर्थिक विकास धीमा हो सकता है। इसके अलावा बड़ी संख्या में बुजुर्ग आबादी को सेवाएं प्रदान करने की देश की क्षमता के लिए भी चुनौती पैदा हो सकती है।
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काठमांडू, नेपाल के लुम्बिनी प्रांत में एक बस के राप्ती नदी में गिर जाने से दो भारतीय नागरिक समेत कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 23 अन्य घायल हो गए। एक मीडिया रिपोर्ट में शनिवार को यह जानकारी दी। ‘द काठमांडू पोस्ट' की रिपोर्ट के अनुसार, यह दुर्घटना शुक्रवार देर रात हुई जब नेपालगंज से काठमांडू जा रही बस पूर्व-पश्चिम राजमार्ग पर भगलुबंग पुल से नीचे राप्ती नदी में गिर गई। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘एक बस के राप्ती नदी में गिर जाने से 12 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में दो भारतीय नागरिक शामिल हैं।'' इस हादसे में कुल 23 लोग घायल हो गए।
पुलिस उप निरीक्षक सुंदर तिवारी ने कहा, "सभी घायलों को इलाज के लिए कोहलपुर के नेपालगंज मेडिकल टीचिंग अस्पताल ले जाया गया।" पुलिस ने बताया कि हादसे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। बस चालक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। - जिनेवा. संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने बुधवार को कहा कि छुट्टियों के दौरान लोगों की भीड़-भाड़ और दुनियाभर में फैल रहे वायरस के नए स्वरूप के कारण पिछले महीने संक्रमण के मामले बढ़े। टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा कि संक्रमण के कारण दिसंबर में करीब 10,000 लोगों की मौत हुई जबकि करीब 50 देशों में अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने का आंकड़ा 42 प्रतिशत बढ़ गया। इनमें ज्यादातर यूरोप और अमेरिका से हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ने जिनेवा में अपने मुख्यालय से पत्रकारों से कहा, ‘‘हालांकि महामारी के चरम के हिसाब से एक महीने में 10,000 लोगों की मौत का आंकड़ा कम है।'' उन्होंने कहा कि यह निश्चित है कि मामले अन्य जगहों पर भी बढ़े हैं जिनकी सूचना नहीं मिली है। उन्होंने सरकारों से निगरानी बनाए रखने और उपचार एवं टीके उपलब्ध कराने की अपील की। टेड्रोस ने कहा कि जेएन.1 स्वरूप अभी दुनिया में वायरस का सबसे प्रमुख स्वरूप बन गया है। यह वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से उत्पन्न हुआ है। डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 के लिए तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कोरोना वायरस के साथ-साथ फ्लू, राइनोवायरस और निमोनिया के कारण दुनिया भर में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि का हवाला दिया। डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने सलाह दी है कि लोगों को टीका लगवाना चाहिए, मास्क पहनना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घर के अंदर हवा आने जाने की अच्छी व्यवस्था हो ।
- वाशिंगटन। यूरोपीय जलवायु एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि पृथ्वी पर पिछले साल वैश्विक वार्षिक गर्मी का रिकॉर्ड टूट गया। वर्ष 2023 कितना गर्म रहा, इसकी गणना करने वाली विज्ञान एजेंसियों की कई टीम में से एक यूरोपीय जलवायु एजेंसी कॉपरनिकस ने कहा कि वह साल (2023) पूर्व-औद्योगिक समय से 1.48 डिग्री सेल्सियस (2.66 डिग्री फ़ारेनहाइट) अधिक गर्म रहा। यह 2015 के पेरिस जलवायु समझौते में तय की गई 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा से मामूली रूप से नीचे है, जिसके भीतर रहकर दुनिया ने वैश्विक तापमान वृद्धि के सबसे गंभीर प्रभावों से बचने की उम्मीद थी।कॉपरनिकस की उपनिदेशक सामंथा बर्गेस ने कहा कि जनवरी 2024 इतना गर्म होने की राह पर है कि पहली बार 12 महीने की अवधि 1.5 डिग्री की सीमा को पार कर जाएगी। वैज्ञानिकों ने बार-बार कहा है कि सीमा से ऊपर जाने के लिए पृथ्वी को दो या तीन दशकों में औसतन 1.5 डिग्री सेल्सियस गर्म होने की आवश्यकता होगी। बर्गेस ने कहा, "1.5 डिग्री के लक्ष्य को कायम रखना होगा, क्योंकि जीवन खतरे में है और विकल्प चुनना होगा।ये विकल्प आप पर और मुझ पर प्रभाव नहीं डालते हैं, लेकिन वे हमारे बच्चों और हमारे पोते-पोतियों पर प्रभाव डालते हैं।" पिछले साल रिकॉर्ड गर्मी ने यूरोप, उत्तरी अमेरिका, चीन और कई अन्य स्थानों पर जीवन को दयनीय तथा कई बार घातक बना दिया था। लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिक प्रतिकूल मौसमी घटनाओं के लिए गर्म होती जलवायु भी जिम्मेदार है, जैसे लंबा सूखा जिसने ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका' को तबाह कर दिया, मूसलाधार बारिश जिसने बांधों को नष्ट कर दिया और लीबिया में हजारों लोगों की जान ले ली तथा कनाडा में जंगल की आग ने उत्तरी अमेरिका से यूरोप तक की हवा को खराब कर दिया। पहली बार, दिसंबर में वार्षिक संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता के लिए देशों की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि दुनिया को जलवायु परिवर्तन का कारण बनने वाले जीवाश्म ईंधन से दूर जाने की जरूरत है, लेकिन उन्होंने ऐसा करने के लिए कोई ठोस आवश्यकता निर्धारित नहीं की है। कॉपरनिकस ने गणना की कि 2023 के लिए वैश्विक औसत तापमान 2016 में स्थापित पुराने रिकॉर्ड की तुलना में एक डिग्री सेल्सियस (0.3 डिग्री फ़ारेनहाइट) का लगभग छठा हिस्सा अधिक था। बर्गेस ने कहा कि हालांकि वैश्विक रिकॉर्ड में यह एक छोटी मात्रा लगती है, लेकिन नए रिकॉर्ड के लिए यह असाधारण रूप से बड़ा अंतर है। कॉपरनिकस की गणना के अनुसार, 2023 के लिए पृथ्वी का औसत तापमान 14.98 डिग्री सेल्सियस (58.96 डिग्री फ़ारेनहाइट) था। बर्गेस ने कहा, “यह सात महीनों के लिए रिकॉर्ड तोड़ने वाला था। हमने देखा कि जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर सर्वाधिक गर्म रहे। यह सिर्फ एक सत्र या एक महीना नहीं था, जो असाधारण था, बल्कि यह आधे से अधिक वर्ष के लिए असाधारण था।'' उन्होंने कहा कि ऐसे कई कारक हैं जिन्होंने 2023 को रिकॉर्ड में सबसे गर्म वर्ष बना दिया, लेकिन अब तक का सबसे बड़ा कारक वातावरण में ग्रीनहाउस गैस की लगातार बढ़ती मात्रा है।
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रियो डी जेनेरियो. ब्राजील के उत्तरपूर्वी राज्य बाहिया में पर्यटकों को ले जा रही एक मिनीबस और एक ट्रक के बीच टक्कर में 25 लोगों की मौत हो गई जबकि छह अन्य लोग घायल हो गए। राज्य के दमकल विभाग ने सोमवार को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर यह जानकारी दी। हादसा रविवार रात स्थानीय समयानुसार रात करीब साढ़े दस बजे साओ जोस डो जैकुइप शहर के पास एक राजमार्ग पर हुआ। समाचार पत्र ‘फोल्हा डी एस. पाउलो' की खबर के अनुसार, मिनीबस बाहिया के उत्तरी तट पर पर्यटक स्थल ग्वाराजुबा समुद्र तट की यात्रा के बाद वापस जैकोबिना शहर की ओर जा रही थी। समाचार पत्र ने संघीय राजमार्ग पुलिस के हवाले से बताया कि दोनों वाहनों के बीच टक्कर संभवत: उस वक्त हुई होगी जब वाहन एक दूसरे से आगे निकलने का प्रयास कर रहे होंगे। हालांकि, अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। राजमार्ग पुलिस ने एसोसिएटेड प्रेस द्वारा जानकारी मांगे जाने के अनुरोध का तुरंत कोई जवाब नहीं दिया।
जैकोबिना की नगर पालिका ने हादसे को लेकर तीन दिनों के शोक की घोषणा की और अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर बताया कि वह शहर के जिमखाने में पीड़ितों के लिए एक सामूहिक प्रार्थना का आयोजन कर रही है। -
ढाका. बांग्लादेश में रविवार को हुए आम चुनाव में जीत हासिल करने वाले नव निर्वाचित सांसद 10 जनवरी को पद की शपथ लेंगे। मीडिया में आई खबरों में मंगलवार को यह जानकारी दी गई। देश के 12वें संसदीय चुनावों में अपनी पार्टी आवामी लीग की शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आज राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने ढाका के धनमंडी में बंगबंधु मेमोरियल संग्रहालय के अंदर बंगबंधु के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके श्रद्धांजलि अर्पित की। संसद सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि नए सांसदों का शपथ ग्रहण समारोह 10 जनवरी को सुबह 10 बजे जातीय संसद भवन के शपथ ग्रहण कक्ष में होगा। ‘ढाका ट्रिब्यून' ने मंगलवार को अवामी लीग पार्टी के कार्यालय सचिव बिप्लब बरुआ के हवाले से कहा कि संसद सचिवालय बुधवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी कर रहा है। स्पीकर शिरीन शर्मिन चौधरी शपथ दिलाएंगी।
मुख्य सचेतक नूर-ए-आलम चौधरी ने कहा कि निर्वाचन आयोग मंगलवार को चुनाव के नतीजों को राजपत्र के रूप में प्रकाशित करेगा। सदस्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे राजपत्र अधिसूचना प्रकाशन के तीन दिनों के भीतर शपथ लेंगे।
आवामी लीग की 76 वर्षीय अध्यक्ष व प्रधानमंत्री शेख हसीना 2009 से देश पर शासन कर रही हैं। रविवार को एकतरफा चुनाव में कुल मिलाकर उन्होंने पांचवीं बार जीत हासिल की। कुल 299 सीटों पर हुए चुनाव में 298 सीटों के परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। सत्तारूढ़ अवामी लीग ने 222 सीटें जीतीं; जातीय पार्टी को 11 सीटें; वर्कर्स पार्टी, जातीय समाजतांत्रिक दल और बांग्लादेश कल्याण पार्टी को एक-एक सीट तथा निर्दलीय उम्मीदवारों ने 61 सीटें जीतीं। हसीना ने चुनाव में गोपालगंज-3 सीट से भारी जीत हासिल की और सांसद के रूप में यह उनका आठवां कार्यकाल होगा। हसीना ने यहां बंगबंधु स्मृति संग्रहालय में उनको श्रद्धांजलि देने के बाद कुछ मिनटों का मौन रखा।
मुजीबुर रहमान की छोटी बेटी और प्रधानमंत्री की छोटी बहन शेख रेहाना ने भी बाद में अलग से चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर प्रधानमंत्री की बेटी साइमा वाजेद और शेख रेहाना के बेटे रदवान मुजीब सिद्दीकी भी मौजूद थे।
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न्यूयॉर्क. अमेरिका में रह रहे भारवंशी भी अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को मनाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी कर रहे हैं। इसी कड़ी में अमेरिका में कार रैली आयोजित करने की योजना हैं। समूह ‘कैलिफ़ोर्निया इंडियंस' 20 जनवरी को ‘भगवान श्री राम जी की घर वापसी' का जश्न मनाने के लिए एक विशेष कार रैली का आयोजन कर रहा है। आयोजकों ने कहा कि 400 से अधिक कारें रैली में शामिल होंगी, जिसके साउथ बे से प्रतिष्ठित गोल्डन गेट ब्रिज तक जाने की उम्मीद है। आयोजकों ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि ‘‘उत्तरी कैलिफोर्निया के भारतीय भारत के आधुनिक इतिहास के सबसे बड़े और गौरवपूर्ण कार्यक्रम का जश्न मनाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।'' पूरे अमेरिका में स्थानीय मंदिर और प्रवासी संगठनों ने 22 जनवरी तक विशेष उत्सव आयोजित करने की योजना बनाई है। 22 जनवरी अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। पिछले कई हफ्तों से वाशिंगटन, शिकागो और अन्य अमेरिकी शहरों में कार रैलियां आयोजित की जा रही हैं।
आयोजकों ने कहा कि रोहित शर्मा, मणि किरण, परम देसाई, दैपायन देब, दीपक बजाज और बिमल भागवत सहित समुदाय के नेता कैलिफोर्निया रैली की योजना बना रहे हैं। आयोजकों ने कहा, ‘‘हम अयोध्या नहीं जा सकते लेकिन राम जी हमारे दिल में हैं और उनकी घर वापसी में यही हमारा योगदान और भक्ति है।' - रोम।’ पोप फ्रांसिस ने सोमवार को सरोगेसी से मातृत्व की ‘घृणित’ प्रथा पर सार्वभौमिक प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने अपने वार्षिक संबोधन में वैश्विक शांति और मानवीय गरिमा के लिए खतरों की सूची में गर्भावस्था के ‘‘व्यवसायीकरण’’ को भी शामिल किया।पवित्र वेटिकन से मान्यता प्राप्त राजदूतों को एक विदेश नीति संबोधन में, फ्रांसिस ने अफसोस जताया कि 2024 इतिहास में एक ऐसे समय में शुरू हुआ है जिसमें शांति ‘‘का तेजी से ह्रास हो रहा है, यह कमजोर हो रही है और कुछ हद तक खो गई है।’’यूक्रेन-रूस युद्ध, इजराइल-हमास युद्ध, प्रवासन, जलवायु संकट और परमाणु और पारंपरिक हथियारों के ‘अनैतिक’ उत्पादन का हवाला देते हुए, फ्रांसिस ने मानवता को प्रभावित करने वाली खामियों और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन कर उन्हें अनुमति देने की एक लंबी सूची पेश की।फ्रांसिस ने छोटे पैमाने के मुद्दों का भी उल्लेख किया और कहा कि सरोगेसी सहित ये मुद्दे शांति और मानवीय गरिमा के लिए खतरा हैं।उन्होंने कहा कि अजन्मे बच्चे के जीवन की रक्षा की जानी चाहिए और उसे ‘‘दबाया या तस्करी की वस्तु नहीं बनाया जाना चाहिए।’’ पोप ने कहा, ‘‘मैं तथाकथित सरोगेसी से मातृत्व की प्रथा को घृणित मानता हूं, जो मां की भौतिक आवश्यकताओं के शोषण के आधार पर महिला और बच्चे की गरिमा का गंभीर उल्लंघन दर्शाती है।’’
- ढाका। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लगातार चौथा कार्यकाल हासिल कर लिया है। हालांकि, हसीना पांचवीं बार पीएम बनेंगी। रविवार को छिटपुट हिंसा और मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनालिस्ट पार्टी (बीएनपी) व उसके सहयोगियों के बहिष्कार के बीच हुए 12वें आम चुनावों में हसीना की पार्टी अवामी लीग ने 200 सीटों पर जीत हासिल कर दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया। विपक्षी जातीय पार्टी 10 और निर्दलीय 45 सीटों पर विजयी हुए हैं।हसीना ने गोपालगंज-3 सीट से 1986 के बाद आठवीं बार जीत हासिल की। उन्हें 2,49,965 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बांग्लादेश सुप्रीम पार्टी के उम्मीदवार एम. निजामुद्दीन लश्कर को सिर्फ 469 वोट ही प्राप्त हुए।76 वर्षीय हसीना वर्ष 2009 से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं और वह इस एकतरफ चुनाव में लगातार चौथी बार और कुल पांचवी बार कार्यकाल हासिल करने जा रही हैं। 300 सदस्यों वाली संसद की 299 सीटों पर रविवार को मतदान हुआ।एक उम्मीदवार की मृत्यु के कारण एक सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया। इन चुनावों में 27 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया जिनमें विपक्षी जातीय पार्टी भी शामिल है। जातीय पार्टी के अलावा चुनाव में हिस्सा लेने वाली बाकी पार्टियां अवामी लीग के गठबंधन की सदस्य हैं।जातीय पार्टी के अध्यक्ष जीएम कादर रंगपुर-3 सीट से विजयी हुए हैं। अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने दावा किया कि लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी के बहिष्कार को नकार दिया। शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, चुनावों में लगभग 40 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, लेकिन ये आंकड़े गिनती पूरी होने तक बदल सकते हैं। 2018 के आम चुनावों में 80 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था।चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर चुनाव अधिकांशत: शांतिपूर्ण रहा। एक पुलिस अधिकारी को धमकाने के कारण चुनाव आयोग ने उत्तरपूर्वी चट्टोग्राम में अवामी लीग के एक प्रत्याशी की उम्मीदवारी रद कर दी।एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि यूक्रेन और जर्मनी के हैकरों द्वारा किए गए साइबर हमले की वजह से रविवार को बांग्लादेश चुनाव आयोग का एप धीमा हो गया और उसने समुचित रूप से काम नहीं किया।मतदान का प्रतिशत कम रहने का कारण नजरबंद पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी और 15 अन्य दलों द्वारा चुनाव बहिष्कार को माना जा रहा है। उन्होंने लोगों से चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया था। उनका आरोप था कि वर्तमान सरकार के तहत निष्पक्ष एवं विश्वसनीय चुनाव नहीं कराए जा सकते।78 वर्षीय खालिदा जिया भ्रष्टाचार के दोष में नजरबंद हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बीएनपी ने 2014 के चुनावों का भी बहिष्कार किया था। इस बीच, बीएनपी ने आम चुनावों को फर्जी बताते हुए कहा कि वह मंगलवार से शांतिपूर्ण सार्वजनिक भागीदारी कार्यक्रम के माध्यम से अपने सरकार विरोधी आंदोलन को तेज करने की योजना बना रही है।बीएनपी के बहिष्कार के बीच हुए चुनाव की स्वीकार्यता से जुड़े सवाल पर हसीना ने कहा, 'मेरे लिए महत्वपूर्ण यह है कि लोग इस चुनाव को स्वीकार करते हैं या नहीं। इसलिए मैं उनकी (विदेशी मीडिया) स्वीकार्यता की परवाह नहीं करती। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आतंकी पार्टी ने क्या कहा या नहीं कहा।'उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश के यह आम चुनाव 100 से ज्यादा पर्यवेक्षकों की निगरानी में हुए, जिनमें से तीन भारत के थे। देश के पूर्व चुनाव आयुक्त ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) सखावत हुसैन ने कहा, 'यह अनोखा चुनाव है.. चुनाव के नतीजे निश्चित हैं, हर कोई जानता है कि कौन जीतने वाला है। एकमात्र अनिश्चित बात यह है कि विपक्षी सीटों पर कौन होगा।'