रिजर्व बैंक ने रेपो दर 4.25 प्रतिशत पर बरकरार रखी
नई दिल्ली। भारतीय रिवर्ज बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा है कि मौद्रिक नीति समिति ने बैंकों की नीतिगत दरों को चार प्रतिशत के स्तर पर बरकरार रखने का सर्वसम्मति से फैसला किया है। उन्होंने कहा कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी को सवा चार प्रतिशत और रिवर्स रेपोरेट को 3.35 के स्तर पर यथावत रखा गया है।
श्री दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति का विचार था कि मुद्रास्फीति की दर के फिलहाल उच्च स्तर पर बने रहने की संभावना है, हालांकि खरीफ की भरपूर फसल की संभावना को देखते हुए, जल्द खराब होने वाली वस्तुओं की कीमतों में सर्दी के मौसम के दौरान कमी आ सकती है।
रिजर्व बैंक के गर्वनर ने कहा कि अर्थव्यवस्था में मौटे तौर पर सुधार के संकेत नहीं है लेकिन इसके लिए लगातार नीतिगत सहायता देना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि 2020-21 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद विकास-दर ऋणात्मक स्तर पर साढ़े सात प्रतिशत रहने की संभावना है।
श्री दास ने कहा कि ग्रामीण मांग में सुधार से अर्थव्यवस्था और सुदृढ़ होगी जबकि शहरी मांग ने पहले ही जोर पकडऩा शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण कंपनियों के कारोबारी माहौल में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा है कि निजी निवेश अब भी कम है और क्षमता के उपयोग में गिरावट से पूरी तरह उबरना अभी बाकी है।
श्री दास ने कहा कि सप्लाई-चेन में व्यवधान की वजह से उत्पन्न मुद्रास्फीति के कुचक्र को तोडऩे के लिए उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपूर्ति में बाधाओं के कारण जो मुद्रास्फीति पैदा हुई है उसे कम करने के लिए और अधिक प्रयास आवश्यक हैं। श्री दास ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता बनाए रखने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है और इसके लिए जो कुछ भी संभव होगा, करेगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बताया कि अर्थव्यवस्था में संकुचन दूर होने लगा है और बाजार में निवेश का प्रवाह बढ़ रहा है।
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