नीति आयोग ने बैटरी अदला-बदली नीति का मसौदा जारी किया, प्रोत्साहन, कड़ी परीक्षण व्यवस्था का प्रस्ताव
नयी दिल्ली. नीति आयोग ने बृहस्पतिवार को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये बैटरी अदला-बदली नीति का मसौदा जारी किया। इसमें अन्य बातों के अलावा प्रोत्साहन देने के साथ-साथ कड़ी परीक्षण व्यवस्था के सुझाव दिये गये हैं। यह मसौदा नीति ऐसे समय लायी गयी है, जब इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने के कई मामलों के बाद इन गाड़ियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है। इसके तहत पहले चरण में बैटरी अदला-बदली नेटवर्क के विकास को लेकर 40 लाख से अधिक आबादी वाले सभी महानगरों को प्राथमिकता दी जाएगी। दोपहिया और तिपहिया वाहनों के महत्व को देखते हुए राज्यों की राजधानियों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यालय समेत पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को दूसरे चरण में शामिल किया जाएगा। नीति में सभी कारोबारी मॉडल में समान अवसर उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है। इसमें बैटरी के साथ या अदला-बदली के तहत बिना बैटरी वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि ईवी खरीद के लिये मौजूदा या नई योजनाओं के तहत दिये जाने वाले मांग संबंधित प्रोत्साहन बैटरी अदला-बदली वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को उपलब्ध कराये जा सकते हैं। नीति के मसौदे में सुझाव दिया गया है, ‘‘प्रोत्साहन के आकार का निर्धारण बैटरी की किलोवॉट रेटिंग और ईवी के आधार पर किया जा सकता है।'' इसमें यह भी प्रस्ताव किया गया है कि सब्सिडी के वितरण को लेकर एक उपयुक्त प्रणाली संबंधित मंत्रालय या विभाग तैयार करेगा। बैटरी के मामले में उच्चस्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर आयोग ने एक मजबूत / कड़ी परीक्षण व्यवस्था का प्रस्ताव किया है। इसमें कहा गया है कि बैटरी की प्रबंधन प्रणाली निश्चित तौर पर स्व-प्रमाणित होनी चाहिए और परीक्षण के लिए खुली होनी चाहिए ताकि विभिन्न प्रणालियों के साथ इसकी उपयुक्तता तथा सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता की जांच की जा सके। नीति के मसौदे में कहा गया है कि मौजूदा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में लिथियम ऑयन बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति उपकरणों पर जीएसटी क्रमश: 18 प्रतिशत और पांच प्रतिशत है। ‘‘जीएसटी प्रावधानों पर निर्णय लेने वाली जीएसटी परिषद दोनों कर दरों में अंतर को कम करने पर विचार कर सकती है।'' नीति के मसौदे के अनुसार, कोई भी व्यक्ति या इकाई किसी भी स्थान पर बैटरी अदला-बदली स्टेशन स्थापित करने को स्वतंत्र है। लेकिन इसके लिये जरूरी है कि निर्धारित तकनीकी, सुरक्षा और प्रदर्शन मानकों का पालन किया जाए। चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने को लेकर शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि केंद्र ईवी परिवेश में दक्षता में सुधार को लेकर बैटरी अदला-बदली नीति लाएगा। आधिकारिक बयान के अनुसार, इस संदर्भ में नीति आयोग ने मजबूत और व्यापक नीति रूपरेखा तैयार करने के लिए फरवरी, 2022 में अंतर-मंत्रालयी चर्चा शुरू की थी। आयोग ने मसौदा तैयार करने से पहले बैटरी अदला-बदली संचालक, बैटरी विनिर्माता, वित्तीय संस्थान समेत संबंधित पक्षों के विभिन्न समूहों के साथ व्यापक चर्चा की है। बैटरी अदला-बदली ईवी वाहनों के लिये एक वैकल्पिक व्यवस्था है। इसमें ‘डिस्चार्ज' बैटरी को ‘चार्ज' बैटरी से बदला जाता है। बैटरी अदला-बदली व्यवस्था वाले वाहनों को बिना बैटरी के बेचा जाएगा। इससे इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खरीदारों के लिये गाड़ी की लागत कम बैठेगी। मसौदा विचार-विमर्श के लिये जारी किया गया है। आयोग ने पांच जून तक लोगों से इस पर अपने सुझाव देने को कहा है।
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