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ई20 ईंधन की मांग बढ़ने की संभावना के मद्देनजर एथनॉल का ‘कैरीओवर स्टॉक' बनाने पर विचार

 ई20 ईंधन की मांग बढ़ने की संभावना के मद्देनजर एथनॉल का ‘कैरीओवर स्टॉक' बनाने पर विचार

 
नयी दिल्ली.देश में ई20 ईंधन की मांग बढ़ने की संभावना को देखते हुए सरकार अगले साल के लिए एथनॉल का कैरीओवर स्टॉक (पिछले स्टॉक से बनाया गया भंडार) बनाने की योजना बना रही है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। ई20 ईंधन पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथनॉल का मिश्रण है। सरकार का लक्ष्य 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का है। खाद्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सुबोध कुमार ने कहा, ‘‘एथनॉल मिश्रण का काम अच्छी तरह से चल रहा है। पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने देश के 31 शहरों में लगभग 100 बिक्री केन्द्रों में ई20 ईंधन का वितरण शुरू कर दिया है। हमने ई20 ईंधन शुरू कर दिया है, अगर यह ठीक से चलता है तो आवश्यकता अधिक मात्रा की होगी।'' उन्होंने कहा कि चीनी की तरह सरकार एथनॉल वर्ष 2023-24 (दिसंबर-नवंबर) के लिए ओएमसी और डिस्टिलरीज के साथ ‘‘एथनॉल का कैरीओवर स्टॉक बनाने की योजना बना रही है'' और इसके लिए अधिक गन्ना शीरे का इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार ने चालू एथनॉल वर्ष 2022-23 में 12 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण लक्ष्य रखा है, जबकि अगले वर्ष के लिए 15 प्रतिशत का लक्ष्य तय किया गया है। अधिकारी ने कहा, 'फरवरी के अंत तक करीब 120 करोड़ लीटर एथनॉल पेट्रोल में मिलाया जा चुका है। हम लगातार 12 प्रतिशत मिश्रण कर रहे हैं। एथनॉल की उपलब्धता और उत्पादन क्षमता इस साल के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।' चालू वर्ष के लिए, लगभग 50 लाख टन चीनी या गन्ना शीरे को एथनॉल उत्पादन के लिए उपयोग में लाये जाने का अनुमान है, जो 2021-22 में 36 लाख टन के आंकड़े से कहीं अधिक है। अधिकारी ने कहा कि अगले साल 15 प्रतिशत सम्मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 150 करोड़ लीटर एथनॉल की जरूरत होगी और सरकार चीनी मिलों और डिस्टिलरी को उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस साल फरवरी तक एथनॉल उत्पादन क्षमता 1,040 करोड़ लीटर हो गई है। सरकार ब्याज सहायता योजना के तहत एथनॉल क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित कर रही है। अधिकारी ने कहा कि सरकार ने 243 परियोजनाओं को मंजूरी दी है और बैंकों ने पहले ही 20,334 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया है और इसमें से 11,093 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह सरकार ने आगामी परियोजनाओं की समीक्षा की और अगले 9-10 महीनों में लगभग 250-300 करोड़ लीटर एथनॉल क्षमता आ जाएगी। केंद्र ने वर्ष 2001 में एथनॉल मिश्रित प्रायोगिक परियोजना शुरू की थी और ‘फील्ड' परीक्षणों की सफलता ने अंततः जनवरी, 2003 में एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम शुरू करने का मार्ग प्रशस्त किया। पिछले साल भारत में पेट्रोल में 10.02 प्रतिशत एथनॉल मिलाया गया था।

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