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अमेरिका में नीतिगत दर घटने की उम्मीद से सेंसेक्स 1,022 अंक चढ़ा, निफ्टी रिकॉर्ड स्तर के करीब

मुंबई. स्थानीय शेयर बाजार में तीन कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर बुधवार को विराम लगा और चौतरफा लिवाली से बीएसई सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक चढ़ गया जबकि एनएसई निफ्टी ने फिर से 26,000 अंक के स्तर को प्राप्त कर लिया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर घटाने की उम्मीद के बीच वैश्विक बाजारों में तेजी और विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह से घरेलू बाजार में उछाल आया। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,022.50 अंक यानी 1.21 प्रतिशत चढ़कर 85,609.51 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, यह 1,057.18 अंक तक चढ़ गया था। वहीं पचास शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 320.50 अंक यानी 1.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 26,205.30 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी अपने अबतक के उच्चतम स्तर से केवल 10 अंक कम है। कारोबार के दौरान, निफ्टी 330.35 तक चढ़ गया था।
 विशेषज्ञों के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम को लेकर बढ़ती उम्मीद ने भी निवेशकों की धारणा को मजबूत किया। सेंसेक्स की कंपनियों में बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मा, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स, एक्सिस बैंक और इन्फोसिस प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। दूसरी तरफ, भारती एयरटेल और एशियन पेंट्स के शेयर नुकसान में रहे।
 बाजार में भागीदारी व्यापक रही। धातु, ऊर्जा और आईटी सूचकांकों में बढ़त दर्ज की गई। मझोली और छोटी कंपनियों से जुड़े सूचकांकों में भी एक प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। एशिया के अन्य बाजारों में, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंग सेंग सकारात्मक दायरे में रहे। हालांकि, चीन का शंघाई कम्पोजिट गिरावट के साथ बंद हुआ। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख था। अमेरिकी बाजार मंगलवार को बढ़त के साथ बंद हुए। जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर, दिसंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की बढ़ती उम्मीद के साथ ही डॉलर के कमजोर होने से बाजार धारणा में सुधार हुआ है। इसके अलावा, रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम को लेकर बढ़ती उम्मीद जोखिम उठाने की क्षमता को बढ़ा रही है।'' शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 785.32 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने भी 3,912.47 करोड़ रुपये की लिवाली की। मझोली कंपनियों से जुड़ा मिडकैप सूचकांक 1.32 प्रतिशत चढ़ा जबकि छोटी कंपनियों का स्मॉलकैप 1.23 प्रतिशत के लाभ में रहा। बीएसई में सूचीबद्ध 2,800 शेयरों में तेजी रही जबकि 1,371 शेयरों में गिरावट आई। 154 शेयरों में कोई बदलाव नहीं आया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.03 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 62.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा कि दिसंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के संभावित ब्याज दरों में कटौती को लेकर नए सिरे से उम्मीद बढ़ने और अगले महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीदों ने निवेशकों की धारणा को बेहतर बनाया। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, यूक्रेन और रूस के बीच शांति की दिशा में प्रगति की उम्मीद से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी बाजार धारणा को मजबूत बनाया।'' सेंसेक्स मंगलवार को 313.70 अंक टूटा था जबकि निफ्टी में 74.70 अंक की गिरावट आई थी। 

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