असौंदा में महिलाओं ने संभाला शराब विरोधी मोर्चा
-बुडेनी की तर्ज पर रैली निकाल चौकसी का लिया जिम्मा
रायपुर । अवैध शराब बिक्री से त्रस्त ग्राम असौंदा के बीते रविवार को आयोजित बैठक में ग्रामीणों की एकजुटता व नजदीकी ग्रामों के समर्थन से उत्साहित महिलाओं ने ग्राम में शराब विरोधी मोर्चा संभाल लिया है । रविवार शाम से ही वे ग्राम के गली - कूचों में भ्रमण कर कोचियों को समझाईश देने के साथ - साथ बुड़ेनी की महिलाओं की तर्ज पर चौकसी कर रही हैं । फिलहाल ग्राम में अवैध शराब बिक्री का माहौल तो बंद हो चला है पर कतिपय कोचियों द्वारा अब भी चोरी छिपे शराब बेचने की शिकायत है, जिस पर ग्रामीणों की नजर है । असौंदा के ग्रामीणों ने आसपास के ग्रामों के पियक्कड़ों को असौंदा का रुख न करने की सलाह दी है।
ज्ञातव्य हो कि ग्राम असौंदा में सक्रिय 8 - 10 कोचियों ने ग्राम में अघोषित भट्ठी जैसा माहौल बनाकर रखा था । इसकी वजह से न केवल असौंदा के आम ग्रामीण वरन् असौंदा के सडक़ मार्ग से गुजरने वाले आसपास के ग्रामों के ग्रामीण भी हलाकान थे । प्रभावित आसपास के ग्रामों के ग्राम प्रमुखों व असौंदा के ग्रामीणों व खासकर महिलाओं के आग्रह पर बीते रविवार को पंचायत द्वारा शराब विरोधी मोर्चा खोलने बैठक आहूत की गयी थी । बैठक में ग्रामीणों की एकजुटता व सक्रिय सहयोग के आश्वासन से उत्साहित महिलाओं ने बैठक के तुरंत बाद ही ग्राम प्रमुखों व आमंत्रित आसपास के ग्रामों के ग्राम प्रमुखों के साथ ग्राम के गली कूचों से घूम शराब कोचियों को शराब बेचने से तौबा कर लेने की नसीहत दी थी । इसके बाद से वे रोजाना रैली निकाल चौकसी भी कर रही हैं । इसका असर भी देखने को मिल रहा है । ग्राम में चलने वाले अवैध शराब बिक्री ग्रामीणों की एकजुटता को देखते हुये फिलहाल बंद दिख रही है , लेकिन ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब भी 1 - 2 शराब कोचिये गुपचुप तरीके से शराब बेचने से बाज नहीं आ रहे हैं । वे अपने खास ग्राहकों सहित बाहरी ग्रामों से आने वाले पियक्कड़ों को गुपचुप तरीके से शराब मुहैया करा रहे हैं जिस पर ग्रामीणों की नजर है ।
इधर 2 - 3 दिनों के प्रयास व ग्रामवासियों से मिल रहे व्यापक सक्रिय जनसमर्थन व इसकी वजह से ग्राम में व्याप्त हो रही शांति से आल्हादित महिलाएं इस अभियान में और कसावट लाने की तैयारी कर रही हैं । सरपंच राजेश साहू , पूर्व सरपंचद्वय जितेन्द्र चंद्राकर व राजू टंडन सहित ग्राम प्रमुखों व महिलाओं ने बाहरी ग्रामों से आने वाले पियक्कड़ों को असौंदा की ओर रुख न करने की नसीहत देते हुये अवहेलना करने पर ग्रामीण आक्रोश का सामना करने व इसके लिये ग्राम प्रमुखों के जिम्मेदार न होने के प्रति आगाह किया है ।
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