ब्रेकिंग न्यूज़

 बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण व टीकाकरण पर रखे विशेष ध्यान

*-बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण में लापरवाही किए जाने पर होगी कार्यवाही*
*- महिला बाल विकास विभाग के कार्यो की समीक्षा*
दुर्ग/ कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में विभाग के अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सहायिका के रिक्त पदों के भर्ती के संबंध में जानकारी ली। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि कुल 1470 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत हैं एवं सामुदायिक आधारित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम (C-SAM) के तहत 1460 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 
 कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों को दिए जाने वाले नाश्ता, गरम भोजन के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को बच्चों के सुपोषण एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य करने को कहा। उन्हें पौष्टिक भोजन देने के साथ ही बच्चों के अभिभावकों को भी बच्चों के सुपोषण के संबंध में जागरूकता लाने को कहा। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन सहित सभी विकासखण्डों के परियोजना अधिकारी उपस्थित थे। 
     कलेक्टर ने बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण कराने तथा समय पर टीकाकरण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने धमधा परियोजना के अंतर्गत स्वास्थ्य परीक्षण में लापरवाही किए जाने पर अधिकारी को फटकार लगाई और उन्हें शिविर लगाकर आंगनबाड़ी बच्चों का शीघ्र स्वास्थ्य परीक्षण कराने को कहा। उन्होंने कहा कि बच्चों का समय पर वजन कराते हुए उनके स्वास्थ्य एवं सुपोषण की मॉनिटरिंग करते रहें। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में कुपोषित बच्चों की जानकारी ली। आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों की जानकारी लेते हुए कहा कि जिन आंगनबाड़ी भवनों में मरम्मत की आवश्यकता है उसे शीघ्र मरम्मत कराएं। 
   जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए विभाग द्वारा अल्प वजन और अतिकुपोषित-कुपोषित (सैम-मैम) बच्चों का चिन्हांकन किया जा रहा है। शून्य से पांच वर्ष तक के लगभग 83 हजार बच्चों का वजन और लंबाई के आधार पर सैम-मैम बच्चों की पहचान किया गया है। कुपोषण की सबसे गंभीर श्रेणी में सैम-मैम, गंभीर अल्प वजन के बच्चे आते हैं। साथ ही दिव्यांग बच्चों को भी चिन्हित किया जा रहा है। यदि किसी बच्चे का वजन उसकी आयु के हिसाब से मानक से कम होता है तो उसके स्वास्थ्य का परीक्षण कराया जाता है और चिकित्सक को बुलाकर उपचार कराया जाता है।
   कलेक्टर ने हमर सुघ्घर लईका अभियान के तहत स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत चिकित्सकीय रूप से गंभीर बीमार बच्चों की जानकारी लेते हुए कहा कि ऐसे बच्चों का शीघ्र उपचार कराएं। साथ ही उन्होंने भूख परीक्षण में अनफिट पाए गए एवं मेडिकल किट वितरित किए गए बच्चों की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्वयं जाकर निरीक्षण करने को कहा, ताकि आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन सुचारू रूप से हो सके। बैठक में जिला कार्यक्रय अधिकारी एवं सभी परियोजना अधिकारी उपस्थित थे।
 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english