रागमंजरी ने गीतों की रिमझिम फुहारों से संगीत प्रेमियों का तन-मन भिगोया
- लेजेंड्री संगीतकार पंचमदा की जयंती पर सुर संध्या आयोजित
टी सहदेव
भिलाई नगर। हिंदी फिल्मों के लेजेंड्री एवं बेजोड़ संगीतकार तथा गायक आरडी बर्मन की स्मृति में रागमंजरी ने गीतों की रिमझिम फुहारों से श्रोताओं के तन-मन को भिगो दिया। सावन के पहले पड़ी बारिश की बौछारों ने जहां संगीत प्रेमियों के तन को तर किया, वहीं सुरों की सरिता ने मन को तरबतर कर दिया। पंचमदा की जयंती पर स्वामी आत्मानंद उद्यान व खेल परिसर में आयोजित सुर संध्या में एक अजनबी हसीना, होगा तुमसे प्यारा कौन, मेरी भीगी-भीगी सी पलकें, भीगी-भीगी रातों में, रिमझिम गिरे सावन, बड़ा नटखट है रे, प्यार दीवाना होता है, रात कली एक ख्वाब में आई, चुरा लिया है तुमने जो दिल को जैसे अमर फिल्मी गीतों का संगीत प्रेमियों ने रसास्वादन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत पंचमदा को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। फिर उसके बाद शुरू हुआ एक के बाद एक लगभग दो दर्जन फिल्मी तरानों का संगीतमय सफर। संगीत का खुमार ऐसा छाया कि गायकों के साथ श्रोता भी झूमझूम कर गाने लगे। इस दौरान लोगों ने गानों की फरमाइश भी की, जिसे गायकों ने पूरा किया। आरडी बर्मन के सदाबहार गीत पेश कर सुरों की महफिल सजाने वाले रागमंजरी कराओके के कलाकारों में तपन कुमार नाथ, जाह्नवी दत्ता, जीवनंदन वर्मा, सुरेश बारसागड़े, प्रमोद ताम्रकर, सुमन जोशी, राजेश्वरी साहू, वंदना देशमुख, तामेश्वर साहू और तिलक वर्मा शामिल हैं। इस मौके पर गायकों का स्मृति चिह्न देकर सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में समिति के पदाधिकारियों केशव बंछोर तथा प्रवीण कुमार चोपड़ा की खास भूमिका रही।
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