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 राज्यपाल रमेन डेका ने पिथौरा के गोड़बहाल में ली समीक्षा बैठक

-विकास कार्यों में तेजी व योजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
-सभी संकेतकों को पूर्ण करने के दिए निर्देश
 महासमुंद / महामहिम राज्यपाल श्री रमेन डेका ने शुक्रवार को पिथौरा के गोड़बहाल में विकासखंड स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर पिथौरा में आकांक्षी विकासखंड के अंतर्गत चल रहे विकास कार्यों, शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कृषि, कौशल विकास, वित्तीय समावेश एवं बुनियादी ढांचे में सुधार को लेकर विभागीय प्रदर्शन की विस्तृत समीक्षा की और सभी विभागों को निर्देशित किया कि आकांक्षी विकासखंड के सभी संकेतकों को 90 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए तेजी से कार्य करें। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकताओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए सभी विभाग समन्वित प्रयास करें।
राज्यपाल श्री डेका ने जल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए कहा कि प्रत्येक ग्राम में जल संचयन के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। उन्होंने डाबरी निर्माण, शोक पिट (सोखता गड्ढा), इंजेक्शन वेल जैसे संरचनात्मक कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि वर्षा जल का अधिक से अधिक संग्रहण और भूजल स्तर में सुधार हो सके।
राज्यपाल ने पशुपालन को ग्रामीण आजीविका का सशक्त माध्यम बताते हुए इसे बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुपालन से न केवल आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह पोषण सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। पर्यटन विकास की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि स्थानीय प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। इससे स्थानीय रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। सड़क सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी पहल की जाए और व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाए जाएं। उन्होंने हेलमेट और यातायात नियमों के प्रति सतत् जागरूकता के निर्देश भी दिए।
राज्यपाल ने महिला स्व सहायता समूहों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि समूहों की आर्थिक गतिविधियों का और विस्तार किया जाए। उन्होंने बैंकिंग सुविधाओं को सुदृढ़ और सुगम बनाने पर विशेष जोर दिया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को मजबूती मिले।  
स्वास्थ्य और पोषण को लेकर उन्होंने कुपोषित बच्चों की पहचान एवं सघन मॉनिटरिंग करने, न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भर्ती और पोषण ट्रैकर से निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने मितानिन, महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय से डाटा संकलन करने कहा। वार्षिक प्रशिक्षण कैलेण्डर के अनुसार शिक्षकों का नियमित प्रशिक्षण, राज्य एवं जिला स्तर पर विषय-विशेष प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों से आपसी समन्वय और सूचकांकों के सतत सुधार की रणनीति पर कार्य करने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने अधिकारियों को योजनाओं की जमीनी स्तर पर जांच के लिए फील्ड विजिट करने और लाभार्थियों से फीडबैक लेने के निर्देश दिए। एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को मिशन बताते हुए राज्यपाल ने सभी को पेड़ लगाने और दूसरों को भी प्रेरित करने का आह्वान किया। सभी सरकारी कार्यालयों में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधरोपण के निर्देश दिए।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने जिले की प्रगति और लक्ष्यों की पूर्ति को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जिले में आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षा, स्वच्छता, जल प्रबंधन, महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में निरंतर विकास के लिए प्रयास किया जा रहा है। शिक्षा में नवाचार और सहभागिता से पिथौरा, बागबाहरा और महासमुंद विकासखंड के 40 चयनित ग्राम पंचायतों के 77 स्कूलों में पंचायतों के नेतृत्व में आधारभूत मूल्यांकन कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।  विशेष रूप से कमजोर और पढ़ाई छोड़ चुके छात्रों के लिए अतिरिक्त अध्ययन समय की व्यवस्था की गई है। 213 शिक्षकों को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए प्रशिक्षित किया गया। 6 ग्राम पंचायत हाई स्कूलों में सामुदायिक पुस्तकालय स्थापित किए गए। जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में 18 विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की।
उन्होंने बताया कि 55 ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस मॉडल का दर्जा प्राप्त हुआ है और 98 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। ब्लॉक में 84 प्रतिशत परिवारों को फंक्शनल नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। सभी गांव खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुके हैं। 100 पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत घोषित किया गया है 112 सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। 400 से अधिक एनीमिया पीड़ित किशोरियाँ अब स्वस्थ हो चुकी हैं। 51 बच्चे गंभीर कुपोषण श्रेणी से बाहर आ चुके हैं।
महिला सशक्तिकरण और आर्थिक समृद्धि की दिशा में 6 स्वयं सहायता समूहों ने अपने उत्पादों के लिए ट्रेडमार्क प्राप्त किया है। अधिकांश स्वयं सहायता समूह आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से संलग्न हैं। कृषि के क्षेत्र में पिथौरा ब्लॉक के 27461 किसानों को केसीसी के माध्यम से 176.35 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है। 23000 किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी हैं। 1160 मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाए गए हैं। ब्लॉक में सभी पशुओं को एफएमडी टीका लगाया जा चुका है। डिजिटल और वित्तीय समावेशन के लिए 614 बैंकिंग टच पॉइंट (बैंक शाखा, बीसी केंद्र) ब्लॉक में कार्यरत हैं। पीएम डिजिटल साक्षरता अभियान के अंतर्गत 250 नागरिकों को डिजिटल प्रमाणन प्रदान किया गया है। 86 प्रतिशत से अधिक नागरिकों के आयुष्मान भारत कार्ड बनाए गए हैं। बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला एवं बाल विकास, और अन्य विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहे।

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