महाराष्ट्र मंडल के कर्मचारी परिवार के सदस्य की तरहः काले
0- विश्वकर्मा जयंती पर महाराष्ट्र मंडल के ‘कर्मवीरों’ का सम्मान
0- स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और सहकारिता के जनक स्व. वामनराव लाखे का भी जयंती पर विशेष स्मरण
रायपुऱ। महाराष्ट्र मंडल सिर्फ एक अध्यक्ष, सचिव, कार्यकारिणी सदस्यों, पदाधिकारियों और कर्मचारियों से नहीं चल रहा। इसकी निरंतर प्रगति के पीछे यहां के कर्मचारियों का समर्पण भी शामिल है। अध्यक्ष और सचिव तो कार्य संचालन के लिए एक व्यवस्था है, लेकिन मंडल के समाजसेवी कार्यों को मूर्त रूप देने में यहां के कर्मचारियों की अपनी अलग भूमिका है। उक्ताशय के विचार महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष अजय मधुकर काले ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आयोजित कर्मचारी सम्मान समारोह में कही।
उन्होंने आगे कहा कि मैं हमेशा एक बात सभी से कहता हूं, आप जो कर रहे हैं, वह बहुत अच्छा है, लेकिन आगे इससे और अच्छा करना है, यह लक्ष्य होना चाहिए। अच्छे कार्यों से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। अभी सफलतापूर्वक आयोजित भागवत कथा में हमारे स्टाफ की जीवटता देखकर कथावाचक आचार्य धनंजय शास्त्री भी प्रसन्न हुए। आगे भी आप सभी से ऐसे ही कार्य की अपेक्षा हम रखते हैं।
विशेष अतिथि प्रशांत देशपांडे ने भगवान विश्वकर्मा और स्व. वामन राव लाखे को नमन करते हुए कहा कि कर्मचारियों के अच्छे कार्य के लिए अच्छे टीम लीडर का होना जरूरी है। इस बात में कोई संदेह नहीं कि मंडल अध्यक्ष और सचिव दोनों का व्यक्तित्व इतना प्रभावी है कि हर एक आयोजन भरपूर प्रतिसाद के साथ सफल होता ही है। आज सभी कर्मचारियों का सम्मान करते हुए ऐसा लग रहा कि मानो मेरा सम्मान हो रहा हो।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए मंडल सचिव आचार्य चेतन दंडवते ने कहा कि मैंनेजमेंट की चार आंखें होती हैं। आपका कार्य आपकी प्रगति के लिए रास्ते बनाता है और यह साबित भी करता है कि आप मैनेजमेंट की तरह ही महाराष्ट्र मंडल को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। कार्यों के प्रति आपका समर्पण ऐसा ही बना रहे। बीते दिनों भागवत कथा में भोजन व्यवस्था की कमान संभालने वाले मेस के सभी कर्मचारियों का तालियों की गूंज के साथ विशेष अभिवादन किया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र मंडल के समूचे स्टाफ का उपहार देकर अभिनंदन किया गया


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