पी.एम. धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ
दुर्ग / प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा आज पी.एम. धन धान्य कृषि योजना, पल्सेस मिशन एवं अन्य योजना दलहन व तिलहन सहित 1100 अन्य परियोजनाओं का एन.ए.एस.सी. कॉम्प्लेक्स, पूसा, नई दिल्ली से शुभारंभ किया गया। जिसका सीधा प्रसारण कृषि विज्ञान केन्द्र, पाहंदा (अ), दुर्ग में किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. विजय जैन ने स्वागतीय उद्बोधन में इस कार्यक्रम का किसानों के लिये होने वाली उपयोगिता की जानकारी प्रदान की।
मुख्य अतिथि सांसद श्री विजय बघेल जी ने अपने व्याख्यान में कहा हमारा जो देश कृषि प्रधान देश है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा किसानों के हित में निरंतर नये योजनाएं लाई जाती है। जिसके अंतर्गत पी.एम. धन धान्य कृषि योजना लाई गई है, जिसका उद्देश्य कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना फसल विविधिकरण और टिकाऊ खेती को अपनाना है। कृषि विज्ञान केन्द्र की सराहना करते हुए कहा कि इस विषय में समय-समय पर वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों को विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
जिला पंचायत सभापति श्रीमती नीलम राजेश चन्द्राकर, जनपद अध्यक्ष श्रीमती किर्ती दुर्गेश नायक, उपाध्यक्ष जनपद पंचायत पाटन श्री कमलेश वर्मा, पूर्व जिला सदस्य श्रीमती हर्षा लोकमणी चन्द्राकर, जिला अध्यक्ष किसान मोर्चाा श्री विनायक ताम्रकर, सरपंचत ग्राम पंचायत श्रीमती ईशरावती ठाकुर, सरपंच बटंग श्री गेंदूराम वर्मा उपस्थित रहें।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. ईश्वरी कुमार साहू तकनीकी सत्र के अंतर्गत धान से आने वाली कीड़े बिमारी की समस्याओं का संपूर्ण जानकारी देते हुए धन धान्य कृषि योजनान्तर्गत कम लागत में उत्पादन बढ़ाने तथा छ.ग. राज्य को दलहन व तिलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने हेतु चना, तिवड़ा, अरहर, सरसों आदि के खेती के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दिया गया।
इस अवसर पर कृषि, बागवानी, पशुपालन एवं जैविक खेती, प्राकृतिक खेती से संबंधित नवीनतम तकनीकों की जानकारी भी किसानों को प्रदान की गई। कार्यक्रम में कुल 236 से अधिक किसानों ने भाग लिया और योजनाओं से जुड़ी शंकाओं का समाधान प्राप्त किया।
इस कार्यक्रम में उप संचालक कृषि श्री संदीप भोई, उप संचालक उद्यानिकी नारायण सिंह लावत्रे, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. ललिता रामटेके, डॉ. विनय कुमार नायक, डॉ. कमल नारायण, प्रक्षेत्र प्रबंधक डॉ. आरती टिकरिहा उपस्थित थे।



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