दंतेवाड़ा में उत्साह और गौरव के साथ मनाया गया जन जातीय गौरव दिवस
-वर्चुअल कार्यक्रम में प्रधानमंत्री द्वारा जिलें को दी गई दो एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की सौगात
-जननायक बिरसा मुंडा का जीवन संदेश भावी पीढ़ी के लिए अनुकरणीय
-जनजातीय वीर वीरांगनाओं के शौर्य और बलिदान के लिए सदैव ऋणी रहेगा देश-विधायक
दंतेवाड़ा । जिले में जन जातीय गौरव दिवस आज अत्यंत उत्साह, सम्मान और गरिमामय वातावरण में जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा स्थित माँ दंतेश्वरी मंदिर प्रांगण, मेंढ़क डोबरा परिसर में भव्य रूप से आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक श्री चैतराम अटामी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ, नगर पालिका एवं जनपद पंचायत पदाधिकारियों तथा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
कार्यक्रम के दौरान देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा जन जातीय गौरव दिवस एवं भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए दिए गए वर्चुअल संदेश का सीधा प्रसारण दिखाया गया। प्रधानमंत्री ने इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी देशवासियों एवं विशेष रूप से जनजातीय समाज को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। जिला मुख्यालय में उपस्थित जनप्रतिनिधियों, अधिकारी-कर्मचारियों, ग्रामीणों तथा बड़ी संख्या में पहुंचे स्कूली छात्र-छात्राओं ने प्रधानमंत्री के उद्बोधन को अत्यंत उत्साह के साथ सुना। इसी वर्चुअल कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय गीदम एवं एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कुआकोंडा का शिलान्यास भी किया, जिसे उपस्थित जनसमुदाय ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया।
कार्यक्रम के अवसर पर विधायक श्री चैतराम अटामी ने कहा कि आज हम सभी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के पावन अवसर पर जन जातीय गौरव दिवस बड़े ही सम्मान और गर्व के साथ मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा केवल एक व्यक्ति नहीं थे, बल्कि पूरे भारत और विशेषकर जनजातीय समाज के लिए एक युग, एक चेतना और एक क्रांति थे। बिरसा मुंडा ने अपने अल्प जीवन में जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए वह संघर्ष किया, जिसने उन्हें धरती आबा धरती के पिता का स्थान दिया।
विधायक श्री अटामी ने कहा कि बिरसा मुंडा ने शोषण और अन्याय के विरुद्ध आदिवासी समाज को संगठित किया, अपने असाधारण नेतृत्व से ‘उलगुलान’ अर्थात महान क्रांति का बिगुल फूंका और गरीबों, किसानों एवं वनवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि भारत देश की आजादी और सामाजिक न्याय की लड़ाई में अनेक क्रांतिकारियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और उनमें बिरसा मुंडा का स्थान सर्वोपरि है। आज उनका जीवन संदेश हमें प्रेरित करता है कि हम अपनी संस्कृति, परंपरा, प्रकृति और अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा जागरूक और संगठित रहें। विधायक श्री अटामी ने यह भी बताया कि धरती आबा योजना के अंतर्गत जिले के विभिन्न ग्रामों में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जिसके माध्यम से शासन की विविध योजनाओं की जानकारी, लाभ और जागरूकता गाँव-गाँव तक पहुँचाई जा रही है। विधायक श्री अटामी ने सभी स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन हमारी समृद्ध आदिवासी विरासत को आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं। इस क्रम में महिला आयोग की सदस्य श्रीमती ओजस्वी मंडावी जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नंदलाल मुड़ामी एवं उपाध्यक्ष श्री अरविंद कुजांम द्वारा भी जननायक भगवान बिरसा मुंडा के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए भावी पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेने का आग्रह किया गया।
कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों, सामाजिक नेताओं, वरिष्ठजनों एवं जिले वासियों का हार्दिक स्वागत करते हुए जय जोहार कहा। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जनजाति गौरव दिवस को छत्तीसगढ़ शासन की मंशानुसार पूरे प्रदेश में उत्साह, सम्मान और गर्व के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘‘आज हम सभी माननीय प्रधानमंत्री जी के उद्बोधन को सुन रहे थे, जिसमें उन्होंने आदिवासी समाज के अमूल्य योगदान, संस्कृति और परंपराओं को अक्षुण्ण बनाए रखने पर विशेष जोर दिया। हमारे देश के इतिहास को समृद्ध बनाने में जनजातीय समाज का योगदान अतुलनीय है और इस गौरव को सम्मान देने के लिए ही यह दिवस समर्पित है।’’
कलेक्टर ने आगे कहा कि जिले में जनजातीय समाज की सांस्कृतिक पहचान, परंपराओं और संवेदनाओं को संरक्षित और सुदृढ़ करने के लिए धरती आबा योजना के तहत विशेष पहलें की जा रही हैं। इस योजना के तहत जिले की सभी ग्राम पंचायतों में शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय परंपराओं का दस्तावेजीकरण, पारंपरिक ज्ञान का संकलन, युवाओं में सांस्कृतिक जागरूकता, तथा जनजातीय नायकों के जीवन और संघर्षों पर विस्तृत चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि शिविरों के माध्यम से ग्रामीणों को शासन की विविध जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई तथा उन्हें अपने अधिकारों और अवसरों के प्रति जागरूक किया गया। इसके साथ ही, आदिवासी कला, गीत, नृत्य, हस्तशिल्प एवं पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रदर्शन और प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। कलेक्टर श्री दुदावत ने कहा कि ‘‘जनजातीय गौरव दिवस केवल उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत का स्मरण और संरक्षण का संकल्प है। जिला प्रशासन जनजातीय समाज के उत्थान, शिक्षा, आजीविका, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए निरंतर कार्य कर रहा है और आगे भी इस दिशा में नए नवाचार और कार्यक्रम जारी रहेंगे। कलेक्टर ने यह भी कहा कि जिस प्रकार वर्चुअल कार्यक्रम में लखपती दीदियों ने आत्मनिर्भरता का अनुभव साझा किया है। इस संबंध में जिला प्रशासन का यह प्रयास रहेगा कि जिले में भी लखपति दीदी योजना अंतर्गत महिलाओं के लिए नये कार्यक्षत्रों में अवसर उपलब्ध कराये जायेगें।
इस अवसर पर विविध जनजातीय लोक नृत्यों कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियां भी दी गईं। जिले के विभिन्न विकास खंडों से आए नृत्य दलों और स्कूली छात्र-छात्राओं ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन पर आकर्षक प्रदर्शन कर कार्यक्रम में उत्साह और ऊर्जा का संचार किया। लोक नृत्यों प्रस्तुतियों के मूल्यांकन उपरांत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दलों का चयन किया गया, जिन्हें आगामी अंबिकापुर में आयोजित राज्य स्तरीय जन जातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में जिले का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलेगा। इस गरिमामय अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पायल गुप्ता, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुनीता भास्कर, अन्य जनप्रतिनिधि कमला विनय नाग, संतोष गुप्ता, सर्व समाज प्रमुख, पुलिस अधीक्षक श्री गौरव राय, जिला पंचायत सीईओ श्री जयंत नाहटा, अपर कलेक्टर श्री राजेश पात्रे, आदिवासी आयुक्त श्री राजीव नाग, सहित जिले के अन्य अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।



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