*छत्तीसगढ़ की विधानसभा ने कई कीर्तिमान स्थापित किए-मुख्यमंत्री
*वर्ष 2047 तक इस मजबूत बुनियाद पर विकसित छत्तीसगढ़ की इमारत खड़ी होगी*
रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा के विशेष सत्र के समापन अवसर पर कहा कि यह लोकतंत्र का मंदिर है। यह विधानसभा भवन केवल एक परिसर नहीं है, यह हमारे छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ निवासियों की उम्मीदों और आकांक्षाओं का प्रतीक है। इस भवन से छत्तीसगढ़ विधानसभा के अब तक के सभी सदस्यों की स्मृतियां जुड़ी हुई हैं। यह संविधान का अमृत वर्ष है। हमें अपने संविधान को आत्मार्पित किए 75 वर्ष हो गए हैं, ऐसे में यह अवसर संवैधानिक मूल्यों से प्रेरणा लेते हुए लोकतांत्रिक परंपराओं को समृद्ध करने वाली विभूतियों के स्मरण का भी है।
*श्रेष्ठ संसदीय परंपराओं का विकास हुआ*
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह विधानसभा भवन अंत्योदय और जनकल्याण की उपलब्धियों का साक्षी रहा है। सभी सदस्यगणों ने अपनी पूरी ऊर्जा और प्रतिभा के साथ इस विधानसभा भवन में जो कड़ी मेहनत की है, वह अविस्मरणीय रहेगी। उन्होने कहा कि विधानसभा के इस भवन में जो विधेयक पारित हुए हैं, जो कानून बनाये गए हैं, उनके माध्यम से आज 25 वर्षों की गौरवशाली संसदीय यात्रा में समृद्ध छत्तीसगढ़ की नींव तैयार हुई है। श्री साय ने कहा कि राज्य बनने के बाद विधानसभा के पहले सत्र का आयोजन राजकुमार कॉलेज के जशपुर हॉल में हुआ था और उसके बाद इस भवन में विधानसभा शुरू हुई। फिर अनेक गौरवशाली पलों का यह विधानसभा भवन साक्षी रहा है। भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से लेकर वर्तमान राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु तक अनेक गणमान्य अतिथियों की यहां उपस्थिति एवं प्रेरक सम्बोधनों ने संवैधानिक परम्परा को मजबूत किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के स्वरूप को निखरते हुए सभी सदस्यों ने देखा है। कैसे न्यूनतम साधनों से छत्तीसगढ़ महतारी के सपूतों ने इन पच्चीस बरसों में छत्तीसगढ़ को संवारा है। प्रत्येक सदस्य इस बात के गवाह है। विधानसभा का यह भवन छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित रहेगा। लोकतंत्र के इस मंदिर की बहुत सारी स्मृतियां, यहां के सत्र, तीखी और मीठी नोंक-झोंक, सबकुछ इस परिसर ने देखा है और यह दस्तावेज के रूप में संकलित है।
*समृद्धि छत्तीसगढ़ की हुई नींव तैयार*
श्री साय ने कहा कि 25 बरस पहले जब हमने विधानसभा की यात्रा आरंभ की थी, तब हम सभी अपने साथ अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा की गौरवशाली परंपराएं लेकर आये थे। हमने हर श्रेष्ठ संसदीय परंपरा का पूरी प्रतिबद्धता से निर्वहन किया है। अविभाजित मध्यप्रदेश की विधानसभा में जिन सुंदर विधायी परंपराओं का निर्माण हुआ, उनके पीछे छत्तीसगढ़ की विभूतियों की भी प्रमुख भूमिका रही है। मुझे भी अविभाजित मध्यप्रदेश में विधायक रहने का अवसर प्राप्त हुआ। हमें गर्व है कि सभी श्रेष्ठ संसदीय परंपराओं को इस विधानसभा भवन ने समृद्ध करने का काम किया है।
*25 वर्षों की जनाकांक्षा, जन संघर्ष और जन गौरव का उत्सव*
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य स्थापना के रजत महोत्सव के दिन हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों छत्तीसगढ़ के नये विधानसभा परिसर का लोकार्पण हुआ है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि ‘‘यह केवल एक इमारत का समारोह नहीं, बल्कि 25 वर्षों की जनाकांक्षा, जन संघर्ष और जन गौरव का उत्सव है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व में देश स्वर्णिम शिखर की ओर बढ़ा और एक नवंबर वर्ष 2000 को छत्तीसगढ़ पृथक राज्य के रूप में और हमारा यह विधानसभा अस्तित्व में आया। स्व. श्री बाजपेयी ने राज्य का निर्माण तो किया ही, साथ ही केंद्र में जनजातीय कार्य मंत्रालय की स्थापना की। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के रूप में ग्रामीण बसाहटों को जोड़ने की महती योजना तैयार की, जिसका इसका भरपूर लाभ छत्तीसगढ़ को मिला। छत्तीसगढ़ के नवनिर्माण के लिए 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री के रूप में आपने और हमारे विधानसभा के साथियों ने बहुत पसीना बहाया है। सबको खाद्य सुरक्षा दिलाने की आपकी पहल से प्रदेश के लाखों लोगों को भूख से मुक्ति मिली। छत्तीसगढ़ के पीडीएस मॉडल को देश के अन्य राज्यों ने भी अपनाया। धान खरीदी के व्यवस्थित मॉडल से लाखों किसानों को पहली बार अपने फसल का बढ़िया मूल्य प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विधानसभा नीति निर्माण का मंच होने के साथ सामाजिक सुधार का सेतु भी है। इसी विधानसभा भवन में मातृ शक्ति के सम्मान को सुरक्षित रखने टोनही प्रताड़ना निवारण विधेयक, शासन और लोक सेवकों की जनता के प्रति जवाबदेही तय करने छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी विधेयक तथा युवाओं को कौशल विकास का अधिकार प्रदान किया गया। उन्होेने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास को डबल इंजन की सरकार से शक्ति मिल गई और चहुँओर ऐसे कार्य आरंभ हुए, जिससे छत्तीसगढ़ के विकास का ग्राफ तेजी से उत्तरोत्तर चढ़ता गया।
*26 लाख से अधिक पीएम आवास स्वीकृत*
श्री साय ने कहा कि इस विधानसभा भवन ने श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी तथा वर्तमान यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के संकल्प को साकार करने अहम भूमिका निभाई है। वर्ष 2023 में जब हमारी सरकार बनी, तो सबसे पहले हमने प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़ी फाइल को मंजूरी प्रदान की। प्रदेश में अब तक 26 लाख से अधिक पीएम आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं। घर भी बने और घर के अंदर रसोई भी बदली। चूल्हे की जगह उज्ज्वला सिलेंडर प्रदान किया गया।
*हर घर बिजली पहुंचाई*
मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 वर्षों में हमने हर घर बिजली पहुंचाई है। अब लोग प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के माध्यम से बिजली का उत्पादन भी कर रहे हैं। इसी विधानसभा में पिछले दो साल में ज्ञान और गति आधारित ऐतिहासिक बजट पेश किया। इस सदन द्वारा जनविश्वास विधेयक, लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक, कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक, नगर पालिका तथा नगर निगम संशोधन विधेयक, निजी विश्वविद्यालय स्थापना संशोधन विधेयक, राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण विधेयक, राजिम माघी पुन्नी मेला संशोधन विधेयक और भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक समेत अनेक जनकल्याणकारी विधेयक पारित किए गए।
*छत्तीसगढ़ का हर किसान उम्मीद से भरा*
मुख्यमंत्री श्री साय ने विधान सभा में कहा कि विधानसभा भवन को हमने धान की बालियों से सजाया है। छत्तीसगढ़ का हर किसान उम्मीद से भरा है, क्योंकि पर्याप्त पानी है, बिजली है और उनके उत्पादन का उचित मूल्य है। जब किसान भरपूर मेहनत करते हैं, खूब अन्न उपजाते हैं तो एक संवेदनशील सरकार की यह भी जिम्मेदारी होती है कि किसानों के उत्पादन के अनुरूप खरीदी का स्तर भी बढ़ाये। हमने 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी के साथ ही 21 क्विंटल प्रति एकड़ तक धान खरीदी का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 25 बरसों की इस यात्रा में मातृशक्ति की अहम भूमिका है। विधानसभा में बैठी हुईं महिला सदस्य राज्य को संवारने में कड़ी मेहनत कर रही हैं। पूर्व में भी महिला सदस्यों ने अपनी ऊर्जा और प्रतिभा से छत्तीसगढ़ को संवारा है। महिला सशक्तीकरण की दिशा में क्रांतिकारी पहल करते हुए इसी विधानसभा भवन से पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का मार्ग प्रशस्त किया गया है।
*विकास यात्रा को युवा शक्ति ने लगातार गढ़ा*
श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का संकल्प लिया है, इस संकल्प में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में छत्तीसगढ़ ने विज़न डॉक्युमेंट नवा अंजोर 2047 के रूप में लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने का कि छत्तीसगढ़ की 25 बरसों की विकास यात्रा को युवा शक्ति ने लगातार गढ़ा है। इस रजत यात्रा में ऐसी अनेक संस्थाएं प्रदेश में स्थापित हुई हैं जिन्होंने प्रदेश के मानव संसाधन की प्रतिभा को उभारने में बड़ी भूमिका निभाई। हमारे यहां एनआईटी, आईआईटी, ट्रिपलआईटी, आईआईएम और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी है। यहां निफ्ट, फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट जैसी राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थाएं भी यहां आरंभ किया जा रहा है। हमारा नवा रायपुर आधुनिक भारत की सबसे नई बसाहट है। रायपुर, दुर्ग-भिलाई तथा नवा रायपुर को मिलाकर हमने स्टेट कैपिटल रीजन बनाया है। यह आईटी हब, फार्मा हब, टैक्सटाइल हब के रूप में उभरेगा। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल ने हमंे एम्स दिया, मोदी जी ने हमें मेडिकल कॉलेजों की सौगात दी, हम एम्स की तरह ही सुपर स्पेशयिलिटी हॉस्पिटलों की श्रेणी खड़ी करेंगे। इसके साथ ही हम मेडिसिटी बना रहे हैं।
*बस्तर के गांवों में नया आत्मविश्वास उत्पन्न*
श्री साय ने कहा कि माओवाद की वजह से पिछड़ गये बस्तर जैसे इलाकों के लिए यहां से विकास की नई कहानी लिखी जा रही है। नियद नेल्ला नार योजना, पीएम जनमन योजना, प्रधानमंत्री जनजातीय उत्कृष्ट ग्राम अभियान, जैसी अनेक योजनाओं के माध्यम से बस्तर विकसित छत्तीसगढ़ के आकाश में नक्षत्र की तरह उभरने की तैयारी कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने नक्सल उन्मूलन पर बात करते हुए कहा कि बीते महीनों में सैकड़ों नक्सलियों का आत्मसमर्पण, टॉप कैडर की गिरफ्तारियाँ और लगातार सफल ऑपरेशन्स यह संकेत देते हैं कि नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में पहुँच गया है। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में बस्तर में शांति, विश्वास और विकास की नई धारा प्रवाहित हो रही है। नियद नेल्ला नार, नक्सलियों के पुनर्वास की प्रभावी नीति और नए सुरक्षा कैंपों की स्थापना ने जनविश्वास को अत्यधिक मजबूत किया है और बस्तर के गांवों में नया आत्मविश्वास उत्पन्न किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूर्ण अंत हो जाएगा।
*200 यूनिट तक हाफ बिजली का लाभ देने का निर्णय*
राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा के विशेष सत्र में नई बिजली योजना की घोषणा की। अब प्रदेश के ऐसे घरेलू उपभोक्ताओं को जिनका 200 यूनिट तक विद्युत खपत है उन्हें 200 यूनिट तक हाफ बिजली का पूरा लाभ प्राप्त होगा। इस निर्णय से राज्य के 36 लाख घरेलू उपभोक्ता सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। 200 से 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को भी अगले 1 वर्ष तक 200 यूनिट तक हॉफ बिजली बिल का लाभ मिलेगा, इससे 6 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। इन उपभोक्ताओं को 1 वर्ष तक की छूट दी गई है ताकि इस अवधि में वे अपने घरों में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत सोलर प्लांट स्थापित करा सके। इस तरह 200 यूनिट तक हॉफ बिजली बिल योजना से प्रदेश के 45 लाख उपभोक्ताओं में से 42 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे, वहीं प्रधानमंत्री सूर्य घर मुक्त बिजली योजना का लाभ प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता हर उपभोक्ता को सस्ती, सुचारू और भरोसेमंद विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराना है। सोलर प्लांट स्थापना प्रक्रिया में समय लगने के कारण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 1 दिसंबर से नई योजना लागू की जा रही है, जिससे आम जनता के बिजली बिल में महत्वपूर्ण कमी आएगी।
*पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत फ्री बिजली का लाभ*
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी बताया कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है, जिसके तहत 1 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट पर 15,000 रुपये तथा 2 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता के प्लांट पर 30,000 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। यह व्यवस्था राज्य में सौर ऊर्जा अपनाने को प्रोत्साहित करेगी और आने वाले समय में उपभोक्ताओं को हाफ बिजली से फ्री बिजली की ओर ले जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय न केवल जनता के बिजली बिल को कम करेगा बल्कि राज्य को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा। राजनीतिक प्रतिस्पर्धा एवं वैचारिक भिन्नता के बावजूद छत्तीसगढ़ विधानसभा ने मर्यादित और संसदीय आचरण की श्रेष्ठता को बरकरार रखा है। यह देश की अन्य विधानसभाओं के लिए अनुकरणीय है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज विधानसभा के विशेष सत्र के समापन अवसर पर कहा कि’ सत्ता पक्ष की ओर 15 और विपक्ष की ओर से 10 सदस्यों इस तरह 25 वर्ष की विकास यात्रा में संयोग से 25 माननीय सदस्यों ने सदन में विशेष सत्र में अपनी बात रखी। मुझे इस बात की ख़ुशी है कि जिसकी बुनियाद हमारे पुरोधाओं ने रखी थी उसकी मर्यादा को यहाँ माननीय सदस्यों ने क़ायम रखा। उन्होंने कहा कि प्रेम प्रकाश पांडेय जी के विधानसभा अध्यक्ष रहते क्लोज़ डोर मीटिंग हुई। यह सदन केवल क़ानून नहीं बनाता बल्कि बेहतर भविष्य बनाता है। दिसम्बर 2023 को मेरे सार्वजनिक जीवन का वह क्षण था, जिसे मेरे लिए शब्दों में बाँध पाना संभव नहीं।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने आगे कहा कि आज जो दायित्व निभा रहा हूँ वह बड़ा दायित्व है। मैं इसके काबिल बनने का प्रयास कर रहा हूँ । विधानसभा अध्यक्ष का पद शक्ति का नहीं, उत्तरदायित्व का है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की विशेष पहचान बनी है। उनके नेतृत्व में राज्य और मुझे लगता है कि राष्ट्र की सबसे बड़ी समस्या माओवाद आतंक का समाधान होने जा रहा है । विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण शून्य ब्याज दर मिलने और सड़क का नेटवर्क यही से पास हुआ । मेडिकल कॉलेज सहित जनहित के सभी विकास कार्यों और कार्यक्रमों का निर्णय यही से हुआ। उन्होंने कहा कि विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से 17 दिसंबर 2025 तक आयोजित होगा। उन्होंने रजत जयंती वर्ष में विधानसभा के विशेष सत्र के समापन अवसर पर सदस्यों और मीडिया के साथियों ने सहयोग दिया उसके लिए धन्यवाद दिया।


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