मच्छर जनित रोगों की रोकथाम हेतु निगम का सघन अभियान, हजारों घरों का सर्वेक्षण, लार्वा प्रजनन स्रोतों का उन्मूलन
भिलाई नगर। निगम क्षेत्रांतर्गत नागरिकों को मच्छर जनित रोग जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से सुरक्षित रखने के लिए आयुक्त राजीव कुमार पांडेय के निर्देशों पर एक व्यापक जन जागरूकता और मच्छर उन्मूलन कार्यक्रम जोर-शोर से चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत निगम का विशेष दस्ता और जिला मलेरिया विभाग के सर्वेलेंस कार्यकर्ताओं की संयुक्त टीम घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर रही है और मच्छर प्रजनन स्रोतों को समाप्त करने का कार्य कर रही है। निगम द्वारा गठित विशेष दस्ता के नेतृत्वकर्ता वरिष्ठ स्वच्छता निरीक्षक के.के. सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 01 अप्रैल 2025 से 30 नवंबर 2025 तक चलाए गए सघन अभियान के दौरान महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की गई हैं।
कुल सर्वेक्षण किए गए घर 16,168 जांच किए गए और खाली कराए गए मच्छर प्रजनन स्रोत कुल 8,825, कूलर 3,327, टंकी 2,370 ड्रम/कंटेनर 3,096 अन्य स्रोत से 32 लार्वा नियंत्रण हेतु छिड़काव 13,253 घरों के 8,864 कूलरों में पानी मिश्रित एक्यूगार्ड का छिड़काव किया गया। 19,125 कूलरों में पानी मिश्रित मैलाथियान का छिड़काव कार्य कराया गया।
निगम आयुक्त राजीव कुमार पांडेय ने इस अवसर पर नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि, "मच्छर अपने जीवन काल की प्रारंभिक तीन अवस्थाएं - अण्डा, लार्वा और प्यूपा - पानी में ही पूरी करते हैं। मच्छरों को व्यस्क अवस्था में पहुँचने से पूर्व ही प्रारंभिक स्तर पर मच्छर प्रजनन स्रोतों को समाप्त करना सबसे प्रभावी बचाव है।"
उन्होंने मच्छरों के पनपने के स्थान को खत्म करने के लिए उपाय करने की अपील की जिसमें पानी संग्रहण पात्रों को ढंककर रखें। कूलर, टंकी, ड्रम या कंटेनर में संग्रहित पानी को सप्ताह में कम से कम एक दिन अवश्य खाली कर/सूखाकर ही नया पानी भरकर उपयोग करें।
घर के आसपास पानी का जमाव नहीं होने दें। यदि पानी जमा होता है, तो उसमें जला हुआ मोबिल ऑयल अवश्य डालें, ताकि व्यस्क मच्छरों की उत्पत्ति न हो सके।
आयुक्त महोदय ने यह भी दोहराया कि मच्छर उन्मूलन कार्यक्रम में आम नागरिकों के सक्रिय सहयोग से ही डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से पूरी तरह बचा जा सकता है।










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