बास्केटबाल की राष्ट्रीय स्पर्धा की रंगारंग शुरुआत
-सीबीएसई की देश-विदेश के 20 क्लस्टर की 41 विजेता और उपविजेता टीमें पहुंची
राजनांदगांव। शहर में बास्केटबाल की पांच दिवसीय राष्ट्रीय प्रतियोगिता की गुरुवार को रंगारंग शुरूआत हुई। सीबीएसई की देश-विदेश के 20 क्लस्टर की 41 विजेता और उपविजेता टीमें भाग लेने पहुंची हैं। कुल 96 मैच खेले जाएंगे। सभी डीपीएस व दिग्विजय स्टेडियम के कोट में होंगे। अतिथियों ने मशाल जलाकर प्रतियोगिता का उदघाटन किया। बाद में चैंपियनशिप के संदेश वाले गुब्बारे उ़ड़ाए गए।
दिल्ली पब्लिक स्कूल राजनांदगांव द्वारा 16 से 20 नवंबर तक बालक वर्ग की सीबीएसई नेशनल बास्केटबाल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इस प्रतियोगिता में देश-विदेश के 20 क्लस्टर की 41 विजेता और उपविजेता टीमें भाग ले रहीं है। जिसमें 600 खिलाड़ी, प्रशिक्षक मैनेजर, 60 अंपायर्स एवं रेफरी भाग ले रहे हैं। प्रतियोगिता के मैचेस दिल्ली पब्लिक स्कूल राजनांदगांव के दो मैदान एवं सांई ट्रेनिंग सेंटर राजनांदगांव के आठ मैदान पर खेले जायेंगे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व्हीलचेयर बास्केटबाल फेडरेशन आफ इंडिया के महासचिव लूईस जार्ज थे। विशिष्ट अतिथि सीबीएसई आब्जर्वर संतोष कुमार सिंह, जीवनमाल एमबीबीएस के एमडी डा. आशिष, व अंतर्राष्ट्रीय बास्केटबाल प्रशिक्षक कालवा राजेश्वर राव सहित अन्य अतिथि उपस्थित रहे। अतिथियों का स्वागत शाला के निदेशकों व प्राचार्या निर्मला सिंह ने पुष्प गुच्छ से किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि ने माँ सरस्वती के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित करते हुए मशाल जलाकर, गुब्बारे आसमान में छोड़कर किया। देश-विदेश एवं विभिन्न राज्यों से आए हुए खिलाड़ियों का परेड स्थल पर अतिथियों ने मार्च पास्ट की सलामी ली। मुख्य अतिथि लूईस जार्ज ने खिलाड़ियों को खेल भावना के साथ अनुशासन में रहने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें तुलानात्मक अध्ययन करने की आवश्यकता है। हम किसी से तुलना करके आगे बढ़ने की प्रेरणा लेते है। इसी संदर्भ में सीबीएसई आब्जर्वर संतोष कुमार सिंह ने खिलाड़ियों को लक्ष्य की प्राप्ति हेतु किसी भी विषम परिस्थिति का सामना करने के लिए प्रेरित किया क्योंकि हार के बाद ही जीत है। डॉ. आशिष जीवनमल ने कहा कि खेल से हमें जीवन में अनुशासित रहने की शिक्षा मिलती है। आपस में सहयोग की भावना बढ़ती है। और अनेकता में एकता की भावना विकसित होती है। खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए उनकी विजयश्री की कामना की।
शाला के निदेशक अभिषेक वैष्णव ने डीपीएस परिवार की तरफ से सभी का स्वागत करते हुए कहा कि यह डीपीएस राजनांदगांव के लिए गौरव का विषय है कि हमें आतिथ्य सत्कार करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। खेल के माध्यम से शारीरिक स्वस्थता के साथ-साथ मानसिक विकास भी होता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है अतः सार्वांगीण विकास के लिए जीवन में खेल की अहम भूमिका रही है। शाला की प्राचार्या निर्मला सिंह ने आए हुए कोच रेफरी एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। शाला के छात्र कार्यकारिणी के सदस्यों द्वारा आए हुए अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान किया गया।






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