एनआईटी में “पावर कंट्रोल और कम्प्यूटिंग टेक्नोलॉजी” पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का किया जा रहा है आयोजन
रायपुर | राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर में “पावर कंट्रोल और कम्प्यूटिंग टेक्नोलॉजी” पर 18 जनवरी 2024 से लेकर 20 जनवरी 2024 तक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के द्वारा तीसरे अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। यह कांफ्रेंस इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (आईईईई), इंडस्ट्री एप्लीकेशन सोसाइटी, छात्र शाखा एनआईटी रायपुर और आईईईई मध्य प्रदेश सेक्शन के सहयोग द्वारा आयोजित की जा रही है। यह कांफ्रेंस दुनिया भर के रिसर्च स्कॉलर और छात्रों को इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विभिन्न तकनीकी प्रगति पर चर्चा करने के लिए मंच प्रदान करता है।
इस कांफ्रेंस के मुख्य संरक्षक एनआईटी रायपुर के डायरेक्टर डॉ एन.वी रमना राव हैं। उद्घाटन समारोह के सम्मानित अतिथि वैज्ञानिक और प्रमुख आरआरसीएटी इंदौर, आरएफ बिजली आपूर्ति अनुभाग के श्री एम.के बड़ापंडा, और मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के सदस्य श्री पी.के.गुप्ता रहे | इस दौरान डीन (रिसर्च एंड कंसलटेंसी) डॉ. प्रभात दीवान, डीन (अकादमिक) ,डॉ. श्रीश वर्मा, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की एचओडी और सम्मेलन की अध्यक्षा डॉ. अनामिका यादव तथा अन्य प्रतिष्ठित संकाय सदस्य और छात्र मौजूद रहें । इस कांफ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. सचिन जैन, प्रोफेसर, डॉ इभा कोले, एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ एस पटनायक एसोसिएट प्रोफेसर, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग विभाग है |
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन समारोह के साथ हुई। इसके बाद डॉ. अनामिका यादव ने सभी उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए सभा का उद्घाटन किया तथा उन्होने संस्थान के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की शानदार यात्रा पर प्रकाश डाला और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभाग के कार्यों की के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि इस कांफ्रेंस के लिए कुल 351 शोधपत्र पंजीकृत हुए थे जिनमें से 164 शोधपत्रो का चयन किया गया | डॉ. एन.वी रमना राव ने आयोजकों को बधाई दी और उनके प्रयासों की सराहना की जो न केवल युवा छात्रों और विद्वानों की बढ़ती बुद्धि के लिए एक मंच प्रदान करता है, बल्कि प्रतिष्ठित वक्ताओं के अनुभव से प्राप्त ज्ञान को समझने का अमूल्य मौका भी प्रदान करता है।
श्री गुप्ता ने बिजली नियंत्रण और उपयोग के महत्वपूर्ण विषय पर प्रकाश डाला और इसके सर्वोपरि महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को चर्चा में सक्रिय रूप से शामिल होने को कहा और एक ऐसे माहौल को बढ़ावा दिया। । श्री एम.के बडापंडा ने छात्रों से कॉन्क्लेव की पूरी क्षमता का उपयोग करने का आग्रह किया तथा सम्मेलन को न केवल एक कार्यक्रम के रूप में बल्कि एक परिवर्तनकारी अनुभव के रूप में देखने को कहा जो उनके बौद्धिक ज्ञान को आकार दे सके।
डॉ. श्रीश वर्मा ने प्रतिष्ठित स्कोपस इंडेक्स्ड जर्नल्स में संस्थान के 1000 शोध पत्र प्रकाशनों को पार करने की उपलब्धि की घोषणा की। डॉ. दीवान ने शैक्षणिक वर्ष के भीतर नौ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के सफल आयोजन की घोषणा की। सम्मानित व्यक्तियों द्वारा स्मारिका प्रकाशित की गई जिसके बाद डॉ. शुभोजीत घोष ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ।
कॉन्क्लेव में तीन दिनों में 15 तकनीकी सेमिनार होंगे जिसमें आकर्षक पेपर प्रस्तुतियाँ और चर्चाएँ शामिल होंगी।








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