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 बस्तर अंचल को कुपोषण मुक्त बनाने मिशन मोड में कार्य करने पर जोर
 -सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती आबिदी ने विभागीय कार्यों की विस्तृत समीक्षा की
- महिलाओं को पात्रतानुसार शासन की योजनाओं से शत-प्रतिशत लाभान्वित करने के दिए निर्देश
 रायपुर, / महिला बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी ने जगदलपुर कलेक्टोरेट के प्रेरणा सभाकक्ष में विभागीय गतिविधियों एवं योजनाओं के क्रियान्वयन स्थिति की विस्तृत समीक्षा बैठक लेकर धरातल पर हो रही प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को मिशन मोड पर कार्य कर बस्तर अंचल को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए व्यापक सहभागिता निभाने पर जोर दिया। साथ ही कहा कि माताओं-बहनों को शासन की सभी योजनाओं से शत-प्रतिशत लाभान्वित कर बस्तर ईलाके में विकास की बयार को सोशल सेक्टर में भी बेहतर प्रदर्शन करने कहा।
सचिव श्रीमती आबिदी ने एकीकृत बाल विकास सेवाओं को धरातल में कारगर ढ़ंग से सुलभ कराने के निर्देश देते हुए कहा कि शासन की अन्य कल्याणकारी योजनाओं से भी क्षेत्र के महिलाओं को योजनाबद्ध तरीके से लाभ पहुंचाया जाना है। इस दिशा में सेवाओं को परिणामदायी बनाने हेतु जनजागरूकता लाने सहित सेवाओं की गुणवत्ता एवं सेवाओं के विस्तार के लिए प्रभावी पहल किया जाए। सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि महिला बाल विकास विभाग की महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना, रेडी-टू-ईट, नोनी सुरक्षा योजना का लाभ सभी हितग्राहियों को मिले। उन्होंने गर्भवती, शिशुवती माताओं, बच्चों और किशोरी बालिकाओं का नियमित अंतराल पर स्वास्थ्य परीक्षण, टीकाकरण और वजन लेने कहा। वहीं स्कूल पूर्व प्रारंभिक शिक्षा, पूरक पोषण आहार तथा पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा को परिणाममूलक बनाने के लिए संवेदनशीलता के साथ दायित्व निर्वहन किये जाने के निर्देश दिए।
पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कुपोषित बच्चों को भर्ती करने रोस्टर तैयार करने के निर्देश
  सचिव महिला एवं बाल विकास ने पोषण पुनर्वास केन्द्रों पर कुपोषित बच्चों के उपचार के लिए नियमित रूप से शत-प्रतिशत बिस्तरों के अनुरूप भर्ती करने कहा। इस हेतु प्रत्येक 15 दिवस में भर्ती करने के लिए कुपोषित बच्चों का रोस्टर तैयार कर लाभान्वित किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनांतर्गत निर्धन जरूरतमन्द महिलाओं को लाभान्वित कर योजना के उद्देश्य की सार्थकता साबित करने कहा। वहीं मिशन वात्सल्य के अंतर्गत बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत बच्चों को नियमित स्कूल या ओपन स्कूल के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने एवं उन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण देने के लिए कार्ययोजना प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिए। बैठक में बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सहायिका के रिक्त पदों पर भर्ती, आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण की स्वीकृति, संचालित एवं प्रगतिरत भवनों इत्यादि की समीक्षा की गई।
  बैठक में महिला बाल विकास विभाग की संचालक सुश्री तुलिका प्रजापति सहित महिला बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित बस्तर, बीजापुर, दन्तेवाड़ा एवं सुकमा जिले के जिला स्तरीय अधिकारी और बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं सुपरवाइजर्स उपस्थित थे।

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