अब कहां है सीरियल रामायण में दशरथ और कौशल्या का किरदार निभाने वाले कलाकार
मुंबई। रामानंद सागर के लोकप्रिय सीरियल रामायण का प्रसारण एक बार फिर दूरदर्शन पर किया जा रहा है। सीरियल के कलाकारों को लोग आज भी याद करते हैं। इन्हीं में एक हैं बाल धुरी और जयश्री गड़कर, जिन्होंने रामायण सीरियल में राजा दशरथ और माता कौशल्या का किरदार निभाया था। असल जिंदगी में भी दोनों पति- पत्नी हैं और सीरियल में उनकी बॉन्डिंग काफी बेहतरीन थी।
हालांकि सीरियल की सफलता को फिर से देखने के लिए जयश्री गड़कर अब इस दुनिया में नहीं हैं। जयश्री गड़कर लोकप्रिय अभिनेत्री रही हैं और उन्होंने हिन्दी और मराठी फिल्मों में सफलता की एक लंबी पारी खेली है। 1950 से 1980 के दौर में उन्होंने बहुत सी फिल्मों में काम किया। दोनों पति- पत्नी मराठी थियेटर के मंजे हुए कलाकार रहे हैं। रामानंद सागर के सीरियल रामायण ने उन्हें और भी लोकप्रिय बना दिया था। जयश्री गडकर का निधन 29 अगस्त 2008 को हुआ।
वहीं 1944 में महाराष्ट्र में ही पैदा हुए बाल धुरी को बचपन से ही अभिनय का शौक था। उन्होंने पहले थियेटर में काम किया और फिर मराठी फिल्मों में भी काफी नाम कमाया। बाल धुरी का असली नाम भैयूजी है, लेकिन घर में सब लोग बाल कहकर पुकारते थे, इसलिए उन्होंने अपना नाम ही बाल धुरी रख लिया। कहा जाता है कि सीरियल रामायण के प्रसारण के बाद बाल धुरी और जयश्री दोनों की लोकप्रियता काफी बढ़ गई थी। दोनों जहां भी जाते, लोग उन्हें राजा दशरथ और मां कौशल्या कहकर पुकारते थे। बाल धुरी बताते हैं कि पहले घरवाले उनके अभिनय कॅरिअर के खिलाफ थे, लेकिन रामायण सीरियल ने उनकी सोच बदल कर रख दी थी। बाल धुरी एक इंजीनियरिंग थे और एक अच्छी नौकरी भी कर रहे थे। उन्होंने नौकरी को अलविदा कहा और अभिनय को कॅरिअर बना लिया। उन्हें पहली बार मराठी फिल्म देवाचिए द्वारी में काम करने का मौका मिला।
रामानंद सागर जब रामायण के पात्रों का चयन कर रहे थे, तब माता कौशल्या के रोल के लिए उनके दिमाग में एक ही नाम था और वो थीं जयश्री गडकर। जयश्री जब सीरियल के सिलसिले में रामानंद सागर से मिलने के लिए उनके दफ्तर गईं, तो पति बाल धुरी भी उनके साथ थे। रामानंद सागर ने पहली बार बाल धुरी को तभी देखा था। उसी वक्त रामानंद सागर ने उन्हें मेघनाद का रोल ऑफर कर दिया। लेकिन बाल धुरी ने राजा दशरथ का रोल मांग लिया। बताते हैं कि उनकी इस डिमांड को सुनकर रामानंद सागर आश्चर्य में पड़ गए थे, क्योंकि राजा दशरथ का रोल काफी छोटा था और कुछ ही एपिसोड में वह खत्म हो जाने वाला था।
आखिरकार रामानंद सागर ने उन्हें मनचाहा रोल दे दिया और सभी जानते हैं कि इस रोल के साथ बाल धुरी ने पूरा न्याय किया। हालांकि सीरियल के एक सीन को लेकर बाल धुरी और जयश्री गड़कर के बीच वैचारिक मतभेद हुआ। दरअसल राजा दशरथ के निधन के बाद उन्हें चिता पर लिटाया जाता है। बताया जाता है कि जयश्री ने तब इस सीन के लिए मना कर दिया था। लेकिन फिर बाल धुरी ने उन्हें मना लिया और यह आखिरी सीन भी पति-पत्नी ने बखूबी निभाया। बाल धुरी अब 76 साल के हो चुके हैं। वे भले ही अब रंगमंच में सक्रिय नहीं हैं, लेकिन मराठी फिल्मों में अब भी काम कर रहे हैं।
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