82 साल के हुए अभिनेता असरानी... गायकी का भी शौक रखते हैं....
मुंबई। जाने माने अभिनेता असरानी आज 82 साल के हो गए हैं। उनके प्रशंसक उन्हें बधाई देने के साथ ही उनकी लंबी उम्र की दुआ कर रहे हैं।
असरानी बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेताओं में शुमार हैं। इन्होंने फिल्मों में अधिकांश कॉमेडी रोल और सपोर्टिव रोल ही किए हैं। मगर, अपने अभिनय कौशल से उन सभी किरदारों में जान फूंक दी। असरानी के अभिनय कौशल से तो फैंस वाकिफ हैं, मगर इनके अंदर सिंगिंग का भी हुनर है यह बात शायद कम लोग जानते हैं। जी हां, असरानी ने कई फिल्मों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा है।
असरानी का जन्म 1 जनवरी 1941 को जयपुर में एक सिंधी परिवार में हुआ। इनका पूरा नाम गोवर्धन असरानी है, लेकिन इन्हें असरानी नाम से ही जाना जाता है। असरानी के पिता की कारपेट की दुकान थी। मगर, परिवार के बिजनेस में असरानी की बिल्कुल दिलचस्पी न थी। ऊपर से गणित की पढ़ाई में भी वे कमजोर थे। राजस्थान कॉलेज से स्नातक करने के बाद इन्होंने ऑल इंडिया रेडियो, जयपुर में वॉइस आर्टिस्ट के रूप में काम करना शुरु किया। 1964 में उन्होंने पुणे के फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया में दाखिला लिया और वहीं से अभिनय सीखा।
फिल्मी करियर की बात करें तो असरानी ने करीब पांच दशक तक काम किया है। यह अपने करियर में 350 से भी ज्यादा फिल्में कर चुके हैं। हालांकि शुरुआत में असरानी को ज्यादा रोल नहीं मिले इसलिए वो एफटीआईआई में ही शिक्षक बन गए थे। असरानी ने दर्शकों को सिर्फ हंसाया ही नहीं, बल्कि मधुर संगीत भी सुनाया है। 1977 में आई फिल्म 'आलाप' में असरानी ने दो गाने गाए, जो उन्हीं पर फिल्माए भी गए। इसके अलावा 'फूल खिले हैं गुलशन गुलशन' में मशहूर गायक किशोर कुमार के साथ भी एक गाना गाया था।
असरानी ने अधिकतर फिल्मों में साइड रोल किए हैं, मगर 'चला मुरारी हीरो बनने' और 'सलाम मेमसाहब' जैसी फिल्मों में उन्होंने लीड एक्टर के तौर पर भी काम किया। असरानी ने 1967 में रिलीज हुई फिल्म 'हरे कांच की चूडिय़ां' से फिल्मों में कदम रखा। असरानी ने कई फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ी है, लेकिन 'शोले' में जेलर के किरदार ने इन्हें खूब लोकप्रियता दिलाई। इसके अलावा 'मेरे अपने', 'बावर्ची', 'परिचय', 'अभिमान', 'महबूब, 'बंदिश', 'चुपके-चुपके' जैसी फिल्मों में असरानी ने शानदार अभिनय किया।
'हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं!' फिल्म 'शोले' का यह डायलॉग आज भी याद किया जाता है। इस डायलॉग को मशहूर बनाने के पीछे असरानी का ही हाथ है। इस फिल्म में उनका शानदार अंदाज सभी ने देखा।
परिवार
असरानी के परिवार के बारे में बहुत कम लोगों को पता है। उन्होंने मंजू बंसल से शादी की थी। उनका एक बेटा है नवीन असरानी। मंजू बंसल भी एक अभिनेत्री रही हैं। 70-80 के दशक में उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। फिल्म नमकहराम की शूटिंग के दौरान उनमें इश्क हुआ और फिर दोनों ने शादी कर ली।
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