बहुत खुशमिजाज थी मधुबाला....अंतिम समय में केवल हड्डियों का ढांचा रह गई थी !
14 फरवरी को हिन्दी फिल्मी दुनिया की एक बेहद हसीन अदाकारा ने जन्म लिया था, साल था 1933। उनकी खूबसूरती पर न जाने कितने लोग फिदा हुए और कितनों को प्यार हुआ! मगर, वह ताउम्र प्यार को तरसती रही। उस लड़की को जमाना अभिनेत्री मधुबाला के नाम से जानता है। उन्हें 'वीनस ऑफ इंडियन सिनेमा' के रूप में भी याद किया जाता है। महज 36 साल की उम्र में उन्होंने इस संसार को अलविदा कह दिया था।
मधुबाला के दिल में एक छेद था और इस बात का पता उन्हें 1950 के दशक के मध्य में फिल्म 'मुगल ए आजम' की शूटिंग के दौरान लग गया था, लेकिन अपने बड़े परिवार की जिम्मेदारियों के तले दबे होने के कारण और अपने करियर की बुलंदी पर होने की वजह से मधुबाला ने इस गंभीर बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में धीरे-धीरे ये बीमारी और बड़ी हो गई। आखिरकार 23 फरवरी 1969 को महज 36 साल की उम्र में मधुबाला इस दुनिया को छोड़ गईं।
मधुबाला का असली नाम बेगम मुमताज जहां देहलवी था. वहीं, मधुबाला और दिलीप कुमार एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे लेकिन इनकी शादी नहीं हो सकी थी. दिलीप कुमार से अलग होने के बाद एक्ट्रेस की लाइफ में किशोर कुमार की एंट्री हुई थी और जल्द इन्होंने शादी कर ली थी। कहते हैं कि बीमारी के दिनों में किशोर कुमार भी एक्ट्रेस को कभी कभार ही देखने जाया करते थे और मधुबाला का ज्यादातर समय अकेलेपन में रोते हुए ही कटता था। मधुबाला की बहन मधुर भूषण की मानें तो मधुबाला लगभग नौ सालों तक बिस्तर पर थीं। इस दौरान वे बेहद कमजोर हो चुकी थीं और उनका वजन कम हो गया था जिसकी वजह से वह सिर्फ हड्डियों का ढांचा रह गई थीं। एक्ट्रेस को इस बात का गम सताता था कि फिल्म इंडस्ट्री में उनके साथ काम कर चुके कई लोग उनका हालचाल तक पूछने नहीं आते थे। वे अक्सर इलाज कर रहे डॉक्टर से यह कहती थीं कि वे मरना नहीं चाहती थीं।
एक्ट्रेस के बारे में यह किस्सा काफी मशहूर था कि वे इतनी खुशमिजाज थीं कि अपनी हंसी नहीं रोक पाती थीं। यही वजह थी कि एक्ट्रेस के हंसने की आदत के कारण फिल्म 'मुगल-ए-आजमÓ का एक सीन पूरे सात दिनों तक शूट नहीं हो सका था।
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