मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का निधन
मुंबई। जानी-मानी कोरियोग्राफर सरोज खान का निधन हो गया है। वे 72 साल की थी। सरोज खान पिछले करीब 10 दिन से अस्पताल में भर्ती थीं। सरोज खान को सांस लेने में तकलीफ होने के बाद मुंबई में बांद्रा स्थित गुरू नानक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को रात 1:52 पर कार्डिएक अरेस्ट के चलते उनका निधन हुआ।
उनके निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर कलाकार उन्हें श्रद्धाजंलि दे रहे हैं। अमिताभ बच्चन ने लिखा- हाथ जुड़े हैं, मन अशांत है। वहीं शबाना आजमी, अक्षय कुमार, पार्थ घोष, कुणाल कोहली, आदि ने भी सरोज खान के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
ऐसा रहा कॅरिअर
सरोज खान ने अपना करिअर एक असिस्टेंट कोरियोग्राफऱ के तौर पर शुरू किया था। वर्ष 1974 में अभिनेत्री साधना की फि़ल्म गीता मेरा नाम में उन्होंने पहली बार गानों को स्वतंत्र रूप से निर्देशित किया।
तीन बार जीत चुकी हैं नेशनल अवॉर्ड
सरोज खान बेस्ट कोरियोग्राफी के लिए तीन बार नेशनल अवॉर्ड जीत चुकी हैं, जिसमें फिल्म देवदास, जब वी मेट और तमिल फिल्म श्रृंगारम शामिल हैं। उन्होंने करीब 2 हजार गानों को कोरियोग्राफ किया जिसमें बॉलीवुड के कई मशहूर गाने शामिल हैं। उन्हें जिन गानों से प्रसिद्धि मिली उनमें तेज़ाब फि़ल्म का गाना एक-दो-तीन, देवदास का डोला रे डोला, और जब वी मेट का गाना ये इश्क हाय जैसे गाने शामिल हैं। उन्होंने अपने कॅरिअर में बहुत सी जानी-मानी अभिनेत्रियों के साथ काम किया।
13 साल की उम्र में हुई शादी
सरोज खान का असली नाम निर्मला किशनचंद्र संधु सिंह नागपाल था। बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत आ गया था। उन्होंने तीन साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट श्यामा नाम से फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। सरोज खान की शादी महज 13 साल की उम्र में हो गई थी। उन्होंने 43 साल के डांस मास्टर बी सोहनलाल से शादी करने के लिए इस्लाम कबूल कर लिया था। बी सोहनलाल की इससे पहले भी शादी हो चुकी थी। वह चार बच्चों के पिता भी थे।
सरोज खान ने अपनी शादी के बारे में एक इंटरव्यू में बताया कि जब मेरी शादी हुई उस वक्त मैं स्कूल जाया करती थी। मुझे नहीं पता था कि शादी के मायने क्या होते हैं। एक दिन मास्टर सोहनलाल ने उनके गले में एक धागा बांध दिया। उन्हें लगा कि उनकी शादी हो गई है। सरोज खान की इस शादी में काफी परेशानियां आई थी। सरोज खान को पता नहीं था कि उनके पति पहले से ही शादीशुदा हैं। बेटे राजू खान के जन्म के बाद उन्हें इस बारे में पता चला। उस समय वह 14 साल की थीं। साल 1965 में उन्होंने दूसरे बच्चे को जन्म दिया। उसकी आठ महीने बाद ही मृत्यु हो गई थी। सरोज खान के बच्चों को उनके पति ने नाम देने से इंकार कर दिया। इस कारण दोनों अलग हो गए। हालांकि सोहन के हार्ट अटैक आने के बाद दोनों फिर एक हुए। इस दौरान उनकी बेटी कुकु का जन्म हुआ। सरोज ने दोनों की परवरिश अकेले की थी।
डांस रियलिटी शो के प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाती थीं
सरोज खान ने कई डांस रियलिटी कार्यक्रमों में निर्णायक के तौर पर हिस्सा लिया इनमें नच बलिए, झलक दिखला जा और नचले वे विद सरोज ख़ान जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। बाद में वे टीवी पर अक्सर डांस रियलिटी शो में विशेष मेहमान के तौर आती रहती थी। उनके आने से स्टेज पर अलग ही माहौल बन जाता था। वे बेहतरीन डांस परफार्म करने वाले प्रतिभागी का उत्साह बढ़ाने के लिए उन्हें बतौर इनाम 500 का नोट दिया करती थी। उनकी यह अदा दर्शकों को काफी पसंद आई थी।
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