बाबू मोशाय जिंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं...
राजेश खन्ना- पुण्यतिथि पर विशेष
भारतीय सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की आज पुण्यतिथि है। राजेश खन्ना ने अपने बॉलीवुड करिअर में 180 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उनके बारे में कई किस्से मशहूर रहे हैं। उन्होंने लगातार 15 सुुपर-डुपर फिल्में देकर पहले सुपर स्टार होने का खिताब हासिल किया। किशोर कुमार को लोकप्रियता में सबसे बड़ा हाथ राजेश खन्ना की फिल्मों का ही रहा है। राजेश खन्ना के लिए मुकेश, मन्ना डे और रफी ने भी अपनी आवाज दी, लेकिन सबसे ज्यादा किशोर कुमार की आवाज उन पर फिट बैठी।
राजेश खन्ना ने रोमांटिक हीरो की ऐसी इमेज बनाई कि लोग उनके दीवाने हो गए। लड़कियां उन्हें अपने खून से भरे खत लिखने लगीं। उनकी लोकप्रियता से प्रभावित होकर ही कमसिन डिंपल ने राजेश खन्ना के साथ शादी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया, जबकि दोनों की उम्र में बहुत अधिक अंतर था। राजेश खन्ना रोमांटिक भूमिकाओं में जितने पसंद किए गए, उससे कहीं अधिक संजीदा रोल उन पर फिट बैठे। फिल्म आनंद, सफर, अमर प्रेम, बावर्ची ऐसी ही कुछ फिल्मेंं हैं। फिल्मी परदे पर उनकी जोड़ी शर्मिला टैगोर, हेमामालिनी, मुमताज के साथ बहुत पसंद की गई। मुमताज ने जब शादी का फैसला लेकर फिल्म इंडस्ट्री छोडऩे का ऐलान किया , तो सबसे ज्यादा दुख राजेश खन्ना को ही हुआ था।
60 के दशक में राजेश खन्ना ने अपना कॅरिअर शुरू किया और लगातार सफलता की सीढिय़ां चढ़ते गए। सत्तर के दशक में राजेश खन्ना पर यह आरोप लगने लगे कि वह केवल रूमानी भूमिका ही निभा सकते है। राजेश खन्ना को इस छवि से बाहर निकालने में निर्माता -निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी ने मदद की और उन्हें लेकर 1972 में फिल्म बावर्ची जैसी हास्य से भरपूर फिल्म का निर्माण कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। 1972 में ही प्रदर्शित फिल्म आनंद में राजेश खन्ना के अभिनय का नया रंग देखने को मिला। ऋषिकेश मुखर्जी निदेर्शित इस फिल्म में राजेश खन्ना बिल्कुल नये अंदाज में देखे गये । फिल्म के एक दृश्य में राजेश खन्ना का बोला गया यह संवाद बाबू मोशाय ..हम सब रंगमंच की कठपुतलियां है जिसकी डोर ऊपर वाले की उंगलियों से बंधी हुई है कौन कब किसकी डोर खींच जाये ये कोई नहीं बता सकता ..उन दिनों सिने दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था और आज भी सिने दर्शक उसे नहीं भूल पाये।
इसी दौरान दुबले पतले लंबे अमिताभ बच्चन ने बड़ी संजीदगी से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। समय के पाबंद अमिताभ ने निर्माता-निर्देशकों के बीच ऐसी छाप छोड़ी की राजेश खन्ना की लोकप्रियता का ग्राफ नीचे उतरता गया और उनकी फिल्में भी फ्लॉप होती गईं। अमिताभ ने फिल्म इंडस्ट्री में एंग्री यंग मैन का नया ट्रेंड चलाया कि राजेश खन्ना गुम से हो गए।
खैर आज राजेश खन्ना की पुण्यतिथि पर हम उनकी फिल्मों के कुछ लोकप्रिय संवाद का जिक्र कर रहे हैं, जो आज भी लोगों को जुबानी याद हैं।
- बाबू मोशाय जिंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं- फिल्म- आनंद
-ऐ, बाबू मोशाय, जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ है। उसे न आप बदल सकते हैं और न मैं- आनंद
- मैंने तुमसे कितनी बार कहा पुष्पा मुझे ये आंसू नहीं देखे जाते। आई हेट टियर्स- फिल्म - अमर प्रेम
- किसी बड़ी खुशी के इंतजार में हम ये छोटी-छोटी खुशियों के मौके खो देते हैं- फिल्म- बावर्ची
- जिसमें इंसान की भलाई हो, वो काम कभी बुरा नहीं होता- बावर्ची
- मैंने तेरा नमक खाया है इसलिए तेरी नजरों में नमक हराम जरूर हूं- फिल्म नमक हराम
-ये तो मैं ही जानता हूं कि जिदंगी के आखिरी मोड़ पर कितना अंधेरा है- फिल्म सफर
- मैं मरने से पहले मरना नहीं चाहता- फिल्म सफर
-एक छोटा सा जख्म बहुत गहरा दाग बन सकता है और एक छोटी सी मुलाकात जीवनभर का साथ बन सकती है- फिल्म आराधना
- इंसान को दिल दे, दिमाग दे, जिस्म दे पर कमबख्त ये पेट न दे फिल्म रोटी
- सेठ जिसे तुम खरीदने चले हो उसके चेहरे पर लिखा है नॉट फॉर सेल- फिल्म अवतार
-प्यार तो न बिकने की चीज है, न खरीदने की चीज है... बस करने की चीज है फिल्म अमरदीप।
-इस दुनिया में दो टांग वाला जानवर सबसे ज्यादा खतरनाक जानवर है- फिल्म हाथी मेरे साथी
(छत्तीसगढ़आजडॉटकॉम- विशेष)
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