जब नवजात संजय दत्त की जगह किसी और बच्चे की तस्वीर प्रकाशित हुई
जन्मदिन पर विशेष
आलेख-शिखा शर्मा
अभिनेता संजय दत्त आज अपने परिवार के साथ अपना 61 वां जन्मदिन मना रहे हैं। मशहूर अभिनेता सुनील दत्त और एक्ट्रेस नरगिस के बेटे संजय ने अपने निजी जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। उनका कॅरिअर से लेकर निजी जिंदगी हमेशा चर्चा में रही। दो शादियां टूटने के बाद उन्होंने मान्यता से शादी की और अब जाकर उनकी जिंदगी से संघर्ष के काले बादल का साया छंट गया है। वे पत्नी मान्यता और अपने दो बच्चों शहरान और इकारा के साथ खुशहाल जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं। उनका फिल्मी कॅरिअर भी अच्छा ही चल रहा है।
अभिनेता संजय दत्त हिंदी सिनेमा में अपने बेहतरीन अभिनय के लिए जाने जाते हैं। लोग उन्हें प्यार से संजू बाबा, मुन्ना भाई भी कहकर पुकारते हैं। वे पॉलिटिक्स में भी कुछ समय के लिए अपना हाथ आजमा चुके हैं।
जब 29 जुलाई 1959 को संजय दत्त पैदा हुए थे, तब उनके माता- पिता नरगिस और सुनील दत्त ने उन्हें मीडिया वालों से दूर ही रखा था। वे नहीं चाहते थे कि उनके बच्चे की तस्वीरें किसी भी अखबार या पत्रिका में प्रकाशित हो। लेकिन ऐसा संयोग हुआ कि एक दिन संजय की तस्वीर छप ही गई, लेकिन मजे की बात यह हुई कि यह किसी और बच्चे की फोटो थी।
यह वाकया कुछ इस प्रकार है-संजय जब पैदा हुए तो सुनील और नरगिस से पत्रकारों ने नवजात शिशु के फोटो मांगे, लेकिन पति-पत्नी नहीं चाहते थे कि बच्चे की तस्वीर पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो। इसी सोच कर नर्सिग होम के मालिक को, जहां संजय का जन्म हुआ था, सख्त हिदायत दी गई कि किसी भी ऐसे व्यक्ति को भीतर न आने दिया जाए, जिसके पास कैमरा हो या जिसका मीडिया से कोई सरोकार हो।
दरअसल, उन दिनों नरगिस के बेटे की तस्वीर प्रकाशित करने के लिए सभी पत्र-पत्रिकाएं, विशेष रूप से दैनिक अखबार उत्सुक थे, लेकिन फोटो नहीं मिल रहा था। तभी एक दैनिक अखबार के दफ्तर के फोन की घंटी बजी। उधर से फोन पर एक फोटोग्राफर था। उसने अखबार के मालिक से यह कहा कि वह नरगिस के नवजात शिशु की तस्वीर दे सकता है। कीमत तय हो गई। कुछ ही घंटे बाद वह फोटोग्राफर पालने में लेटे एक नन्हे बच्चों का फोटो अखबार मालिक को दे गया।
अगले दिन उस दैनिक में संजय की तस्वीर छपी। नरगिस भी यह देखकर चौंक गई। फिर उन्होंने ध्यान से फोटो को देखा, तो स्पष्टï हुआ कि यह किसी और बच्चे की तस्वीर है। नरगिस ने तत्काल उस दैनिक अखबार को सूचित किया गया कि वह तस्वीर उनके बेटे की नहीं है। उनकी शिकायत पर अखबार वाले ने जांच की, तो पता चला कि वह फोटोग्राफर उन्हें मूर्ख बना गया।
दरअसल, जब उस फोटोग्राफर को पता चला कि नरगिस के बेटे के फोटो की बहुत मांग है, तो पहले उसने नर्सिग होम में घुसने की कोशिश की और जब सफलता नहीं मिली, तो उसको एक तरकीब सूझी। उसने सोचा नरगिस के बेटे को कोई पहचानता तो नहीं है। सारे बच्चे तो एक जैसे ही लगते हैं। इसलिए उसने किसी और की तस्वीर खींची और अखबार के मालिक को बेच दी। कीमत तो उसे मिल गई , लेकिन वस्तुस्थिति उजागर होने के बाद उस फोटोग्राफर का नाम ब्लैकलिस्टेड हो गया और फिर वह कहीं और काम करने लायक नहीं रहा।
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