अमिताभ के लिए केबीसी में 20 बरसों से ये शख्स लिख रहा है डायलॉग
मुंबई। कौन बनेगा करोड़पति 12 का प्रसारण इन दिनों हो रहा है। यह टीवी के उन गिने चुने रिएलिटी शोज में से एक है जिसने कितने ही लोगों की जिंदगी बदलकर रख दी। इस शो को ऊंचाइयों पर पहुंचाने में महानायक अमिताभ बच्चन का बहुत बड़ा हाथ रहा है। वे इस शो के 12 वें सेशन को होस्ट कर रहे हैं।
शो के दौरान अक्सर अमिताभ बच्चन जबरदस्त हिंदी और उर्दू के शब्दों का इस्तेमाल करते नजर आते हैं। अमिताभ बच्चन के मुंह से निकले ये शब्द इस शो को और भी दिलचस्प बना देते हैं। अमिताभ बच्चन के इस अंदाज को ही शो की सफलता का राज माना जाता है।
इस खेल का जादूगर अमिताभ बच्चन नहीं बल्कि कोई और है जो कैमरे के पीछे बैठकर इस शो को हिट बना रहा है। यहां हम बात कर रहे हैं कौन बनेगा करोड़पति के राइटर आर.डी. तैलंग की जो कि इस शो के हर डायलॉग में जादू फूंकते हैं। मध्य प्रदेश के आर.डी. तैलंग साल 2000 से लेकर अब तक कौन बनेगा करोड़पति के साथ जुड़े हुए हैं। बीते 20 सालों से आरडी तैलंग कौन बनेगा करोड़पति के लिए स्क्रिप्ट लिखते हैं। अमिताभ बच्चन के अलावा शाहरुख खान से शुद्ध हिंदी बुलवाने वाले आरडी तैलंग ही थे। आरडी तैलंग ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि उन्होंनेे कभी नहीं सोचा था कि मुंबई में मुझे काम मिल सकता है। मैंने एक पत्रकार के तौर पर अपने कॅरिअर की शुरुआत की। 1995 में मैंने असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया। उसके बाद लेखन में अपना हाथ आजमाया। लोग राइटर्स को इज्जत देते हैं। मैंने भी ठान लिया कि अब तो एक राइटर ही बनना है। 2000 में मुझे कौन बनेगा करोड़पति शो के साथ जुडऩे का मौका मिला।
आर.डी. तैलंग ने बताया कि अमिताभ बच्चन के साथ काम करते हुए मुझे 20 साल हो चुके हैं। इतना समय काम करने के बाद भी मुझे उनसे डर लगता है। मैं अक्सर अपने डायलॉग अमिताभ बच्चन के पास लेकर जाता हूं। वो बड़ी ही गंभीरता के साथ स्क्रिप्ट पढ़ते हैं। इस दौरान मुझे ये डर लगता रहता है कि आगे क्या होने वाला है। वैसे मैं आगे भी अमिताभ बच्चन के साथ काम करना पसंद करना चाहता हूं।
अपने अजीबोगरीब शब्दों को बारे में आर.डी. तैलंग ने कहा कि कौन बनेगा करोड़पति की भाषा लोगों को अटपटी लगती है। स्क्रिप्ट में हम काफी रोचक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। चकोटी महामनी, सुईमुई, घडिय़ाल बाबू, श्रीमती टिकटिकी, मिस चलपड़ी,कंप्यूटर महोदय, चोटी की कोटी, ताला लगा दें, कंप्यूटर जी ये शब्द लोगों को खूब पसंद आते हैं। कई बार मेरे शब्दों को नकारा भी गया है। यही वजह है जो आज भी मैं अपनी हिंदी में सुधार कर रहा हूं।
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