इस गाने को गाते समय रो पड़े थे उस्ताद नुसरत फतेह अली खान
मुंबई। उस्ताद नुसरत फतेह अली खान की गायकी का हर कोई फैन रहा है। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में कई हिट गाने गाए हैं। फिल्म धड़कन में उनका एक गाना काफी लोकप्रिय हुआ था और कहा जाता है कि इस गाने को गाते समय खान साहब खुद रो पड़े थे।
वैसे तो नुसरत फतेह अली खान ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए बहुत कम गाने गाए हैं, लेकिन जो भी गाया वह हिट रहा । उनका एक गाना जो सबसे ज्यादा सुपर-डुपर हिट हुआ, वो साल 2000 में रिलीज हुई अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी और शिल्पा शेट्टी की हिट फिल्म 'धड़कन' का गाना 'दूल्हे के सेहरा सुहाना' है। इस गाने से एक बहुत ही रोचक और किस्सा जुड़ा है।
किस्सा कुछ यूं है कि इस गाने को गाते वक्त नुसरत फतेह अली खान करीब डेढ़ घंटे तक एक ही लाइन पर अटक जाते और रोने लग जाते। इस गाने के बोल दिग्गज गीतकार समीर ने लिखे थे और वहीं म्यूजिक उस दौर की हिट जोड़ी नदीम-श्रवण ने दिया था। समीर ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि नुसरत फतेह अली खान ने उनका एक ही गाना गाया है और उसी गाने को गाते वक्त नुसरत साब कई बार रोए। समीर ने कहा, 'जब मैंने ये गाना लिखा तो पूरे दिल के साथ लिखा था। इस गाने की एक लाइन नुसरत फतेह अली खान ने डेढ़ घंटे तक गाई। जैसे ही वो लाइन आती, नुसरत साब रोने लगते।'
समीर ने आगे कहा, 'हमने जब थिएटर में जाकर देखा तो जैसे ही वो लाइन आती है, पूरी ऑडियंस रोती है। ये लाइनें 'मैं तेरी बाहों के झूलों में पली बाबुल' थीं। जैसे ही नुसरत साब बाबुल बोलें और रोने लगें। बाबुल बोलते ही उन्हें अपनी बच्चियों की याद आने लगती और फिर वो रोने लग जाते। ये गाना नुसरत साब का सबसे पसंदीदा गाना था और शायद ये बॉलीवुड में उनका गाया हुआ आखिरी गाना भी था।' सही कहा है कि जो बात जहां से कही जाती है, वो वहीं पर असर करती है। समीर ने इस गाने में एक बाबुल का दर्द बयां किया है और यही वजह है कि आज भी जब ये गाना बजता है तो हर किसी की आंखें नम हो जाती हैं।
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