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 मशहूर संगीतकार वनराज भाटिया का निधन, अंकुर , 'भूमिका , 'जुनून  जैसी फिल्मों में दिया संंगीत
 मुंबई। मशहूर संगीतकार वनराज भाटिया का शुक्रवार को मुंबई में उनके आवास पर निधन हो गया। भाटिया के एक दोस्त ने बताया कि वह पिछले कुछ समय से बीमार थे।
 भाटिया 94 साल के थे। उन्होंने श्याम बेनेगल की फिल्म 'अंकुर , 'भूमिका , 'जुनून  तथा धारावाहिक 'यात्रा  और 'भारत एक खोज  के लिए संगीत दिया। वह नेपियन सी रोड पर रूंगटा हाउसिंग कॉलोनी में अपने अपार्टमेंट में अकेले रहते थे। संगीत इतिहासकार और दोस्त पवन झा ने  बताया, "मैं उनके साथ नियमित रूप से संपर्क में था। उनकी देखभाल करने वाले ने मुझे सुबह नौ बजे के आसपास सूचित किया कि उनका निधन हो गया है। उन्हें डाइमेंशिया, गठिया था। वह एक महीने से अधिक समय से बिस्तर पर थे।"
 मुंबई के एलिफिन्सटन कॉलेज से स्नातक करने के बाद भाटिया ने लंदन और पेरिस में पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण लिया। वतन वापसी के बाद भाटिया विज्ञापन जगत से जुड़ गए और करीब 6 हजार  विज्ञापन जिंगल के लिए काम किया। समानांतर सिनेमा में भाटिया ने काफी नाम कमाया। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ पश्चिमी शैली का मिश्रण कर अनूठा संगीत दिया। भाटिया ने अपर्णा सेन की '36 चौरंगी लेनÓ और कुंदन शाह की 'जाने भी दो यारो  का भी संगीत दिया। गोविंद निहलानी के धारावाहिक 'तमस  के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीत का राष्ट्रीय पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी सम्मान भी मिला। भाटिया को 2012 में भारत का चौथा शीर्ष असैन्य सम्मान पद्म श्री से नवाजा गया।
 भाटिया के निधन पर कई हस्तियों ने शोक व्यक्त किया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्विटर पर कहा, "वनराज भाटिया के निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। वागले की दुनिया, जाने भी दो यारो के साथ ही वह अनगिनत यादों को पीछे छोड़ गए। उनके प्रियजनों और प्रशंसकों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।" 
अभिनेता-निर्देशक फरहान अख्तर ने भाटिया की "शानदार" संगीत रचनाओं के लिए उन्हें याद करते हुए उनको श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट किया, "आरआईपी वनराज भाटिया.. उनके द्वारा रचित कई अन्य शानदार संगीत कार्यों के अलावा, मैं 'तमस' के संगीत को बहुत याद करता हूं, जो इतनी पीड़ा से भरी चीख के साथ शुरू हुआ था, यह किसी के भी दिल को झकझोर सकता है।" 
गीतकार और सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी ने कहा कि भाटिया के साथ काम करना हमेशा सीखने वाला अनुभव था। उन्होंने लिखा, "वनराज भाटिया को हमेशा एक बहुत ही प्रेरक संगीतकार के रूप में याद करेंगे, जिन्होंने अपनी धुनों और रचनाओं के साथ लगातार खोज की है। आप अपने संगीत के माध्यम से जीवित रहेंगे।"  

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