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विटामिन डी की मात्रा कम या ज्यादा होने के लक्षण, सेहत पर पड़ता है क्या असर?
शरीर को अन्य पोषक तत्वों की तरह विटामिन डी की भी आवश्यकता होती है। विटामिन डी को सनशाइन विटामिन के नाम से भी जाना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ शरीर में विटामिन डी की पूर्ति के लिए सूरज की रोशनी लेने की सलाह देते हैं। यह विटामिन डी की पूर्ति का अच्छा तरीका है। हालांकि इसके अलावा भरपूर पौष्टिक चीजों के सेवन से भी विटामिन डी की कमी पूरी की जा सकती है। विटामिन डी से सेहत को होने वाले फायदे की बात करें तो यह शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करने का काम करता है। इसके साथ ही मांसपेशियों की कोशिकाओं को सेहतमंद रखता है। विटामिन डी के फायदे और विटामिन डी की पूर्ति के स्रोत के बारे में तो आपने जान लिया लेकिन क्या आपको पता है कि शरीर को कितना विटामिन डी चाहिए होता है? आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है, इसके क्या लक्षण हैं? और विटामिन डी का अगर जरूरत से ज्यादा सेवन कर लिया जाएं तो क्या नुकसान हो सकते हैं? चलिए जानते हैं शरीर में विटामिन डी की कमी के लक्षण, विटामिन डी अधिक होने के नुकसान के बारे में...
विटामिन डी की कमी के लक्षण
शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर थकान और कमजोरी महसूस होती है। विटामिन डी की कमी से हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन हो सकती है। घुटनों में भी दर्द की समस्या रहती है।
विटामिन डी की कमी को कैसे पूरा करें?
विटामिन डी अन्य विटामिनों से अलग है। विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आहार में बहुत ही कम विकल्प हैं। सूरज की रोशनी विटामिन डी की पूर्ति का बड़ा और प्रमुख स्त्रोत है। ये एक तरह का हार्मोन होता है, जो सूर्य की रोशनी पड़ने पर त्वचा से निकलता है। सर्दियों में धूप न निकलने पर विटामिन डी की कमी बढ़ सकती है। ऐसे में विटामिन डी की पूर्ति के लिए सूरज की रोशनी के अलावा विटामिन डी की गोलियों का सेवन कर सकते हैं लेकिन अधिक विटामिन डी की दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
विटामिन डी ज्यादा होने के नुकसान
सूर्य के प्रकाश से विटामिन डी शरीर में ज्यादा नहीं होता लेकिन अगर आप विटामिन डी सप्लीमेंट का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो शरीर में जरूरत से ज्यादा विटामिन डी बढ़ जाता है। ऐसा होने पर सबसे पहले आपको विटामिन डी की गोलियां लेने पर रोक लगा देनी चाहिए। शरीर में विटामिन डी बढ़ जाना या हाइपरविटामिनोसिस डी होना एक खतरनाक स्थिति है। ऐसा होने से शरीर को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।
हड्डियों में दर्द
विटामिन डी बढ़ने के कारण रक्त प्रवाह में ज्यादा कैल्शियम बढ़ सकता है। इससे हार्मोन के लिए हड्डियों को पोषक तत्व पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। इस वजह से हड्डियों में दर्द होने लगता है और फ्रेक्चर या अंदरूनी चोट का खतरा बढ़ जाता है।
किडनी में दिक्कत
विटामिन डी की अधिकता से किडनी डैमेज का खतरा हो सकता है। विटामिन डी बढ़ने से खून में कैल्शियम का स्तर बढ़ने लगता है, जो यूरिन की मात्रा को भी बढ़ा सकता है। यूरिन बढ़ने हमेशा टॉयलेट जाने की परेशानी होती है। इस दिक्कत को ‘पॉल्यूरिया’ कहा जाता है।  
 

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