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 इश्क-विश्क फिल्म की एक्ट्रेस शेनाज ट्रेजरी को हुई चेहरा भूलने की समस्या, जानें क्या है ये बीमारी
 बॉलीवुड फिल्म "इश्क विश्क" की एक्ट्रेस शेनाज ट्रेजरी  ने खुलासा किया है कि प्रोसोपैग्नोसिया नामक बीमारी से पीडि़त हैं। एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम पर स्टोरी शेयर करते हुए अपनी स्थिति बताई है। प्रोसोपैग्नोसिया के अर्थ को समझाने के लिए उन्होंने स्टोरी पर इस विकार से जुड़े हुए स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं। बता दें कि हाल ही में हॉलीवुड स्टार ब्रैड पिट ने भी इस बात का खुलासा किया था कि उन्हें प्रोसोपैग्नोसिया  है। इस स्थिति में उन्हें लोगों के चेहरे याद नहीं रहते हैं।
 एक्ट्रेस शेनाज ट्रेजरी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर लिखा, "मुझे पता चला है कि मैं प्रोसोपैग्नोसिया से ग्रसित हूं। अब मुझे समझ आ गया है कि मैं चेहरे को एक साथ याद क्यों नहीं रख पाती हूं? यह एक कॉगनेटिव डिसऑर्डर है। मुझे शर्म आती है कि मैं चेहरे को पहचान नहीं सकती हूं, मैं बस आवाजें पहचानती हूं।" बता दें कि प्रोसोपैग्नोसिया  एक मानसिक स्थिति है, जिसमें लोगों को चेहरा याद नहीं रहता है।  
 क्या है प्रोसोपैग्नोसिया  
दिल्ली के एसएल रहेजा हॉस्पिटल के कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर कौस्तुभ महाजन का कहना है कि प्रोसोपैग्नोसिया एक तरह की मानसिक समस्या है, जिससे पीडि़त व्यक्ति लोगों  की पहचान करने में सक्षम नहीं हो पाता है। इससे पीडि़त व्यक्ति को अनजान या ज्ञात चेहरों को याद रखने की क्षमता नहीं होती है। ऐसे में कई बार सामने वाले व्यक्ति को लगता है कि वह उसे इग्नोर कर रहा है या फिर जान कर ऐसा कर रहा  है। यह काफी दुर्लभ स्थिति है। इस तरह की समस्या लगभग दो प्रतिशत लोगों में देखी गई है।
 प्रोसोपैग्नोसिया के कारण   
मस्तिष्क के फ्यूजीफॉर्म गाइरस  हिस्से में किसी तरह की समस्या, क्षति या फिर चोट लगने की वजह से प्रोसोपैग्नोसिया होने का खतरा रहता है। इस तरह की समस्या में टेम्पोरल लोब  का एक हिस्सा प्रभावित होता है।  मस्तिष्क के इस हिस्से का इस्तेमाल चेहरे को याद करने के लिए किया जाता है। ध्यान रखें कि यह स्थिति मेमोरी लॉस, ब्लाइंडमेड या किसी अन्य विकलांगता की वजह से नहीं होता है। 
 प्रोसोपैग्नोसिया के लक्षण  
-चेहरा याद न रहना प्रोसोपैग्नोसिया का आम लक्षण है। इसके अलावा  कई बार ऐसे व्यक्ति के लिए चेहरों के बीच अंतर करना मुश्किल हो सकता है।
-इस समस्या सेगंभीर रूप से प्रभावित व्यक्तियों में ऐसे लोगों को पहचानने की भी क्षमता नहीं रह जाती है, जिनसे वो रोज मिल रहा होता है जैसे- परिवार के सदस्य,  सहकर्मी, पड़ोसी आदि। 
-पीडि़त व्यक्ति जब किसी को देखता है या फिर मिलता है, तो वह उसके चेहरे को पहचानने की बजाय उनकी विशेषताओं को याद रखने की कोशिश करता है। 
-इसके अलावा इस समस्या के कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे-
-सार्वजनिक स्थानों पर जाने में असहज महसूस करना। 
-दोस्त बनाने में परेशानी होना। 
-बाहर न जाना।
-घर में अधिक समय बिताना 
-स्कूल, कॉलेज और ऑफिस जैसे स्थानों पर अलग-थलग रहना।
 प्रोसोपैग्नोसिया का इलाज 
डॉक्टर महाजन बताते हैं कि प्रोसोपैग्नोसिया का कोई  विशेष इलाज नहीं है। यदि किसी व्यक्ति के मस्तिष्क में चोट या फिर ब्लड  क्लॉट की परेशानी हुई है, तो इसका समय पर इलाज होना जरूरी है। समय पर इलाज के जरिए प्रोसोपैग्नोसिया होने की संभावना को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही कुछ प्रशिक्षण प्रोग्राम के जरिए पीडि़त व्यक्ति को चेहरा पहचानने में मदद मिल सकती है, जैसे- व्यक्ति की आवाज को याद रखना, शरीर पर टैटू इत्यादि।
 ध्यान रखें कि प्रोसोपैग्नोसिया की स्थिति के कारण पीडि़त व्यक्ति के व्यक्तिगत संबंधों पर प्रभाव पडऩे की संभावना बढऩे लगती है। ऐसे में पीडि़त व्यक्ति  मानसिक रूप से परेशान रहने लगता है और उसे डिप्रेशन, चिंता जैसी समस्याएं  हो सकती हैं। इस स्थिति में व्यक्ति को डॉक्टर से सलाह की जरूरत होती है।   
 

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