बुढ़ापे में सता रहा है घुटने का दर्द? बचाव के लिए करें ये 5 उपाय
चलने या खेलने के दौरान हम अपने घुटनों पर कितना जोर देते हैं, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। लेकिन घुटनों की देखभाल न करने के कारण बुढ़ापे में आपको घुटनों का दर्द सता सकता है। उम्र बढ़ने के साथ घुटनों में मौजूद लिक्विड खत्म होने लगता है जिससे घुटनों में दर्द और इंजरी की आशंका बढ़ जाती है। बुढ़ापे में घुटनों के दर्द से बचने के लिए आप आज से ही कुछ तरीकों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं जिससे आप फिट, तो रहेंगे ही साथ ही उम्र बढ़ने के साथ घुटने का दर्द नहीं सताएगा।
1. वजन कंट्रोल करें
बुढ़ापे में घुटने के दर्द से बचना है, तो आज से ही अपने वजन को कंट्रोल करना शुरु कर दें। वजन बढ़ने के कारण शरीर का भार घुटनों पर पड़ता है। घुटनों में ज्यादा दबाव पड़ने के कारण दर्द होता है। घुटनों का दर्द समय के साथ बढ़ता जाता है इसलिए अपने शरीर को फिट बनाएं। वेट लॉस डाइट और कसरत पर फोकस करें।
2. चोट लगने पर जांच करवाएं
बुढ़ापे में घुटने में दर्द होने का कारण पहली लगी कोई चोट या घुटने की इंजरी हो सकती है। अक्सर लोग चोट लगने पर हकीम या घरेलू नुस्खों में समय नष्ट कर देते हैं। शरीर के अंदर जख्म गहरा और पक्का हो जाता है। आगे चलकर चोट ही घुटने में दर्द का कारण बन सकती है। चोट लगने पर सबसे पहले जांच करवाएं और फ्रैक्चर के लक्षण समझें। उचित इलाज और दवाओं का सहारा लें।
3. स्ट्रेचिंग करें
घुटने के दर्द से बचने के लिए स्ट्रेचिंग एक जरूरी कसरत है। स्ट्रेचिंग करने से लिगामेंट्स को टाइट होने से बचाया जा सकता है। नियमित तौर पर स्ट्रेचिंग करने से अर्थराइटिस जैसी बीमारी से भी बच सकते हैं। मांसपेशियों में लचीलापन होना जरूरी है, नहीं तो आगे चलकर ये जोड़ों से जुड़ी बीमारी का कारण बन सकते हैं।
4. आरामदायक जूते पहनें
बुढ़ापे में घुटने के दर्द से बचने के लिए आरामदायक जूते पहनें। कई लोग पूरे दिन ऐसे जूते पहने रहते हैं, जो आरामदायक नहीं होते। पैरों के आराम में खलल डालने वाले जूते पहनने के कारण घुटने में दर्द हो सकता है। आगे जाकर ये गलती, अर्थराइटिस का कारण बन सकता है। गलत जूते पहनकर, शरीर के वजन को ज्यादा समय तक उठाते रहने से अर्थराइटिस के लक्षण नजर आ सकते हैं।
5. दिनचर्या को एक्टिव बनाएं
बुढ़ापे में घुटने के दर्द से बचने के लिए कदम आज से ही उठाने पड़ेंगे। आपको अपनी दिनचर्या में पैदल चलना, योगा, स्ट्रेचिंग, रनिंग, जॉगिंग और कार्डियो आदि को शामिल करना चाहिए। मांसपेशियों के लचीलेपन के लिए आपको एक्टिव रहना जरूरी है। घुटनों को स्वस्थ्य रखने के लिए गौर करें, कि आप दिनभर में कितनी देर एक्टिव रहते हैं। आलसी लोगों में बीमारियां होने की आशंका, एक्टिव लोगों के मुकाबले ज्यादा होती है।
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