शारीरिक दर्द दूर करने के लिए ट्राई करें पोटली मसाज, इन समस्याओं से भी मिलेगा छुटकारा
पोटली मसाज भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति का एक हिस्सा है। पोटली मसाज कई तरह की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और तेलों को मिलाकर बनाई जाती है। कई बार पोटली मसाज में ताजा आयुर्वेदिक पत्तियों को मिलाया जाता है, तो कई बार इसमें तेल की मात्रा ज्यादा होती है। पोटली मसाज में मिलाए जाने वाली जड़ी-बूटियां दर्द और समस्या के हिसाब से तय की जाती है। पोटली मसाज करने से शारीरिक दर्द को दूर करने, स्किन को ग्लोइंग बनाने और शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करने में मदद मिलती है।
पोटली मसाज के फायदे क्या हैं-
-नियमित तौर पर पोटली मसाज करने से जोड़ों के दर्द, सिर दर्द और मांसपेशियों के दर्द से राहत पाई जा सकती है। सर्दियों के मौसम में जिन बुजुर्गों के घुटनों और जोड़ों में ज्यादा दर्द होने लगता है उन्हें दिन में दो बार पोटली मसाज करने की सलाह दी जाती है।
-नियमित तौर पर पोटली मसाज करने से तनाव, डिप्रेशन और अनिद्रा की समस्या से राहत पाने में मदद मिलती है। तनाव से जूझ रहे लोगों को शाम के समय पोटली मसाज करवाने की सलाह दी जाती है।
-पेट में बनने वाले कब्ज, सूजन और दर्द से भी राहत दिलाने में पोटली मसाज काफी फायदेमंद साबित होती है।
-पोटली मसाज करने से शरीर और चेहरे पर होने वाले दाग-धब्बे भी दूर होते हैं।
पोटली मसाज में किन चीजों का इस्तेमाल होता है?
-आयुर्वेद के अनुसार तनाव और अनिद्रा से बचाव के लिए पोटली मसाज में अश्वगंधा के पाउडर और तेल का इस्तेमाल किया जाता है।
-शारीरिक दर्द को खत्म करने के लिए पोटली मसाज में सरसों के बीज, नीम का तेल और अदरक का इस्तेमाल किया जाता है।
-सिर के दर्द को खत्म करने के लिए पोटली मसाज में नींबू और पुदीने की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ जगहों पर सिर के दर्द के इलाज में मसाज पोटली में राई का भी इस्तेमाल होता है।
-शरीर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक करने के लिए चावल या चावल के आटे और रोजमेरी का इस्तेमाल मसाज पोटली में किया जाता है।
-पोटली मसाज का प्रयोग 14वीं सदी से भारत और दुनिया के कई हिस्सों में शारीरिक समस्याओं के समाधान के तौर पर किया जाता रहा है। पोटली मसाज सुनने में जितनी आसान लगती है ये उससे कहीं ज्यादा मुश्किल है। ध्यान रखें कि अगर आप मसाज पोटली से मसाज करना चाहते हैं तो एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
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