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प्रोटीन से भरपूर है कटहल का आटा.... डायबिटीज कंट्रोल में रखता है
  डाइट में कटहल शामिल करने से डायबिटीज के रोगियों को आराम मिलता है। इससे ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। कटहल की सब्जी का सेवन आपने कई बार किया होगा, लेकिन इसका आटा भी डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहायक होता है।   कटहल के बीज के आटे में  विटामिन ए, विटामिन सी, नियासिन, कैल्शियम, थियामिन, राइबोफ्लेविन, पोटेशियम, आयरन और मैग्नीशियम पाए जाते हैं। कटहल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसलिए  इसे गेहूं के आटे से अच्छा  माना जा सकता है।
 उच्च फाइबर 
कटहल के बीजों में फाइबर उच्च मात्रा में पाया जाता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक होता है। इसमें मौजूद फाइबर ब्लड में शुगर को बढ़ने नहीं देता है और यह कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा कर देता है। फाइबर से व्यक्ति को कब्ज व पेट संबंधी अन्य समस्याएं नहीं होती हैं। डायबिटीज के रोगियों को कब्ज की समस्या होना एक आम बात है, लेकिन कटहल के आटे से उनको इस परेशानी में आराम मिलता है। 
 प्रोटीन से भरपूर 
कटहल के बीज प्रोटीन से भरपूर होते हैं। प्रोटीन शरीर में इंसुलिन के स्तर को बेहतर करता है, जिससे शरीर में ग्लूकोज का उपयोग सही तरह से होता है। इसके अलावा, प्रोटीन शरीर के लिए एक आवश्यक तत्व होता है, जो मांसपेशियों को मजबूत बनाने में सहायक है। 
 एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार 
कटहल के बीज में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स की वजह से होने वाले डैमेज से बचाने का कार्य करते हैं। इसकी वजह कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है, जो डायबिटीज होने की संभावना को बढ़ाता है। लेकिन कटहल के बीज के आटे में विटामिन सी, फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सीडेंट जैसे आवश्यक विटामिन और यौगिक पाए जाते हैं, जो डायबिटीज के खतरे को कम करने में सहायक होते  हैं।  एक्सपर्ट्स के अनुसार कटहल का आटा ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन (HbA1c), फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज (FBG) और खाने के बाद के ग्लूकोज (PPG) को कम करता है।
 कटहल का आटा कैसे बनता है?  
कटहल का आटा बाजार व इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध है। लेकिन आप इसे घर पर भी बना सकते है। इसे बनाने के लिए कटहल के बीज को निकालकर उसे सुखा  लें। जब ये सूख जाएं , तो इसके छिलके को उतारकर पीस लें। आप गेंहू के आटे में भी कटहल के आटे को मिलाकर यूज कर सकते हैं।     
 डायबिटीज के रोगियों को नर्वस सिस्टम, किडनी और हार्ट संबंधी रोग होने की संभावना अधिक होती है । ऐसे में उनको डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए योग व एक्सरसाइज को लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाना चाहिए। साथ ही, डायबिटीज ज्यादा होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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