अष्ट चूर्णम खाने के 5 फायदे और तरीका
मौजूदा समय में लोगों का आयुर्वेद की ओर काफी रुझान बढ़ा है। लोग इस विधा का इस्तेमाल अपने इलाज और कई तरह की बीमारियों से बचने के लिए कर रहे हैं। अष्ट चूर्णम, एक तरह की आयुर्वेदिक औषधि है। इसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों और अन्य समस्याओं में किया जाता है। आज हम इस लेख में जानेंगे, अष्ट चूर्णम के फायदे और इस्तेमाल का तरीका।
अष्ट चूर्णम पाचन समस्याओं से राहत दिलाता है
अष्ट चूर्णम की मदद से पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे अपच, गैस्ट्राइटिस, अम्लता से छुटकारा पाया जा सकता है। 2019 में साइमन एट एल द्वारा अष्ट चूर्णम पर एक अध्ययन किया गया था। इस अध्ययन में यह स्पष्ट हुआ कि अष्ट चूर्णम की मदद से कई तरह पेट संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है। इनमें मुख्य रूप, से पेट फूलना, पांचन संबंधी समस्या, एसिडिटी आदि शामिल हैं। हालांकि, यह कहना गलत नहीं होगा कि अब भी अष्ट चूर्णम के विस्तरित उपयोग और लाभ के लिए और भी अध्ययनों का किया जाना जरूरी है।
बालों के लिए
अष्ट चूर्णम का इस्तेमाल बालों के लिए भी किया जाता है। हाल के सालों में हमने देखा है कि कम उम्र में ही लोगों के बाल सफेद होने लगे हैं। ऐसे में आप विशेषज्ञों की सलाह पर अष्ट चूर्णम का इस्तेमाल कर सकते हैं। माना जाता है कि अष्ट चूर्णम के इस्तेमाल से बालों के सफेद होने की प्रकिया को धीमा किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए विशेषज्ञ अष्ट चूर्णम के साथ कोई अन्य विशेष दवा मिक्स करके देते हैं, जिस संबंध में आप उनसे परामर्श कर सकते हैं।
भूख के लिए
अष्ट चूर्णम भूख बढ़ाने के काम भी आता है। असल में, मौजूदा समय में बच्चे हों या बड़े, शारीरिक गतिविधियों में कमी और सारा दिन कंप्यूटर स्क्रीन के पास बैठे रहने के कारण उनकी भूख में काफी कमी आ गई है। इसके पीछे, खराब जीवनशैली भी जिम्मेदार है। इन्हीं सब कारणों की वजह से कई लोग ऐसे हैं, जो कमजोरी और दुर्बलता का शिकार हो चुके हैं। इससे निपटने के लिए जरूरी है कि आप अष्ट चूर्णम की मदद लें। इसके सेवन से आपकी भूख में सुधार होगा, पेट संबंधी समस्याएं कम होंगी और कई संक्रामक बीमारियां भी खत्म होंगी।
गठिया के लिए
अष्ट चूर्णम में एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द को कम करने में बेहद फायदेमंद होते हैं। इसकी मदद से ऑटोइम्यून इंफ्लेमेटरी डिजीज जैसे रूमेटाइड अर्थराइटिस होने की संभावना में कमी आती है। इसके अलावा, मासंपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में हो रही तकलीफ को भी अष्ट चूर्णम की मदद से ठीक किया जा सकता है।
डायरिया में मददगार
अष्ट चूर्णम एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-डायरियल गुणों से भरपूर होता है। इसकी मदद से पेट में मौजूद उन बैक्टीरिया को बाहर निकाला जाता है, जो डायरिया के लिए जिम्मेदार होते हैं। यही नहीं, आंतों से संबंधित संक्रमण में भी अष्ट चूर्णम महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा, अष्ट चूर्णम की मदद से दस्त का इलाज भी किया जा सकता है।
अष्ट चूर्णम का उपयोग कैसे करें
अष्ट चूर्णम पाउडर और सिरप दोनों रूप में आता है। आमतौर पर, महज 3 ग्राम तक ही अष्ट चूर्णम पाउडर का सिरप का सेवन किया जाता है। इसके बावजूद, आप इसका सेवन किस उद्देश्य से करना चाहते हैं, ये बात आप पर निर्भर करती है। इसके अलावा, ये लिवर की समस्या में, हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, पीलिया जैसी बिमारियों में भी उपयोग की जाती है। इसलिए बेहतर होगा कि अष्ट चूर्णम का सेवन करने से पहले डॉक्टर की राय ले जरूर लें।
अष्ट चूर्णम पाउडर
जड़ी बूटी मात्रा
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कैरम कॉप्टिकम 125 ग्राम
जीरा सिमियम 125 ग्राम
फेरुला हींग 125 ग्राम
कलौंजी 125 ग्राम
मुरलीवाला longum 125 ग्राम
पाइपर नाइग्रम 125 ग्राम
जिंजिबर ऑफिसिनेल 125 ग्राम
काला नमक 125 ग्राम
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