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 कोरोना मरीजों में देखे जा रहे हैं 'डबल निमोनिया' के मामले,  क्या हैं इसके लक्षण, कारण और इलाज

इस समय कोरोना संक्रमित कुछ मरीजों में दोनों लंग्स  प्रभावित होने के   मामले सामने आ रहे हैं। दोनों लंग्स प्रभावित होने की इस समस्या को डबल निमोनिया  का नाम दिया जा रहा है। मेदांता हॉस्पिटल के चेयरमैन और चेस्ट सर्जन डॉक्टर अरविंद कुमार से जानते हैं डबल निमोनिया कोरोना के मरीजों को किस तरह कर रहा है प्रभावित? कैसे होता है इसका इलाज? क्या हैं इसके गंभीर लक्षण?  

 क्यों होता है कोरोना के मरीजों को डबल निमोनिया? 
डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि पहले जब किसी व्यक्ति को निमोनिया होता था, तब सिर्फ एक ही लंग्स इंफेक्टेड होता था। पहले कीटाणु या फिर वायरस शरीर में प्रवेश करके लंग्स के किसी एक हिस्से को प्रभावित करते थे। अब कोविड-19  से ठीक हुए कुछ व्यक्ति के दोनों लंग्स प्रभावित हो रहे हैं। डॉक्टर का कहना है कि लंग्स कोरोना वायरस   की वजह से प्रभावित नहीं हो रहा है, बल्कि वायरस के द्वारा बॉडी के अंदर इम्यून रिस्पॉन्स होता है। वह इम्यून रिस्पॉन्स वायरस को प्रभावित करने के साथ-साथ लंग्स को भी प्रभावित कर रहा है। यह इम्यून रिस्पॉन्स शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है। यानि मरीज के शरीर में मौजूद एंटीबॉडीज  अपने ही लंग्स को प्रभावित करने लगते हैं। यह एंटीबॉडीज शरीर के अपने ही अंग को प्रभावित करने लगते हैं, जिसमें लंग्स प्रमुख अंग है। मेडिकल भाषा में इस समस्या को साइटोक्रोम स्टॉम कहा जाता है। सामान्य भाषा में इस समस्या को डबल निमोनिया  नाम दिया गया है, क्योंकि इसके कारण दोनों लंग्स इफेक्टेड होते हैं। 
 डबल निमोनिया के लक्षण  
डॉक्टर का कहना है कि डबल निमोनिया के लक्षण सामान्य निमोनिया की तरह ही होते हैं। जैसे-  खांसी , छाती में दर्द, सांस फूलना, ऑक्सीजन स्तर कम होना, कंजेक्शन, फीवर, ब्रीथिंग रेट बढऩा, काफी ज्यादा थकान महसूस होना, डायरिया, मानसिक स्वास्थ्य पर असर, नकसीर इत्यादि लक्षण देखने को मिल रहे हैं। 
हॉस्पिटल जाने की कब है जरूरत? 
अगर मरीज को सांस लेने में तकलीफ और सीने में काफी दर्द हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में उन्हें जल्द से जल्द डॉक्टर के पास ले जाने की जरूरत है। निमोनिया के माइल्ड लक्षण फ्लू या फिर कोल्ड की तरह दिख सकते हैँ। लेकिन अगर यह लक्षण 3 दिन से अधिक दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि लंग्स पूरी तरह से इंफेक्टेड होने से बच सके। 
 किन लोगों को है डबल निमोनिया का अधिक खतरा? 
कोरोना हर एक वर्ग को प्रभावित कर रहा है। ऐसे में डबल निमोनिया होने का खतरा हर एक व्यक्ति को है। लेकिन कुछ लोगों को डबल निमोनिया का खतरा ज्यादा रहता है। जैसे-  बच्चों और नवजात शिशुओं को, 65 से अधिक उम्र के बुजुर्गों को, कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्ति को, गंभीर बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति को (जैसे- अस्थमा, डायबिटीज, हार्ट फैलियर), शराब और धूम्रपान करने वाले लोगों को 
 कितना गंभीर है डबल निमोनिया?
डॉक्टर का इस बारे में कहना है कोरोना से जितनी मौतें हो रही हैं, उसमें 99 फीसदी मौत लंग्स प्रभावित होने का कारण ही हो रही हैं। हालांकि, यह कहना सही नहीं होगा कि डबल निमोनिया से ग्रसित मरीजों की मौत हो जाएगी। डॉक्टर का कहना है कि डबल निमोनिया से ग्रसित करीब 10 फीसदी मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 90 फीसदी मरीज घर में ही खुद-ब-खुद ठीक हो चुके हैं। यानि गंभीरता की बात कि जाए, तो यह 0 से 100 फीसदी तक हो सकता है। इसलिए अगर किसी तरह की परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 
 घर में कैसे किया जा सकता है डबल निमोनिया इलाज 
डॉक्टर अरविंद का कहना है कि अगर आपके लंग्स गंभीर रूप से प्रभावित नहीं हुए हैं, तो आप घर पर रहकर भी इसका इलाज करवा सकते हैं। जैसे- अगर आपका ऑक्सीजन लेवल सही है, ज्यादा खांसी नहीं हो रही, फीवर भी कम है, सांस नहीं फूल रही है, तो ऐसे मरीज घर पर रहकर इलाज करवा सकते हैं। कोरोना के करीब 90 फीसदी ऐसे ही मरीज होते हैं। सिर्फ 10 फीसदी ऐसे मरीज हैं, जिसमें गंभीर लक्षण देखे गए हैं। 
 
 

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