ब्लड शुगर घटाती हैं ये 6 तरह की रोटियां, जानें डायबिटीज मरीजों के लिए इनके फायदे...
डायबिटीज और मोटापा दुनिया की दो ऐसी समस्याएं हैं, जिनसे आज के समय में अमूमन लोग ग्रसित हैं। डायबिटीज और मोटापे का खान पान से सीधा संबंध है। असंतुलित जीवनशैली और गलत खान पान के कारण यह बीमारियां होती हैं। आज हम बताएंगे कि शरीर में ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए कौन सी रोटियां खाना फायदेमंद होती है।
1. ओट्स की रोटी
वजन कम करने के लिए दुनियाभर में माने जाना वाला ओट्स डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है। ओट्स से बनी रोटी खाने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है। इसका सेवन टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को भी कम करता है। ओट्स में ग्लाइकोसेमिक कम मात्रा में होता है। वहीं इसमें पाए जाने वाला फाइबर ब्लड शुगर को रेगुलेट करने में मदद करता है। ओट्स में पाए जाने वाला बीटा ग्लूकॉन भी डायबिटीज बढऩे के खतरे को कम करता है। यही नहीं ओट्स की रोटी का सेवन दिल से जुड़ी बीमारियों से भी बचाती है।
बनाने की विधि -ओट्स की रोटी बनाने के लिए गेहूं का आटा लें। इसमें अपने अनुसार मिर्च आदि डाल सकते हैं। अब ओट्स को मिक्सी में बारीक पीस लें। अब इसे निकालकर गेहूं के आटे के साथ इसका मिश्रण करें। इसे गूंथ लें और सामान्य रोटी की तरह तवे पर सेंक लें।
2. सोया रोटी
सोया पर हुए एक शोध में यह पाया गया कि सोया में आइसोफ्लेवोन्स की मात्रा पाई जाती है, जो डायबिटीज नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है। इसका सेवन करने से लड शुगर लेवल घटता है और यह शरीर में ग्लूकोज टॉलरेन्स को भी बढ़ाता है। सिर्फ डायबिटीज ही नहीं इसका सेवन कोलेस्ट्रोल लेवल बढऩे से रोकता है और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का भी खतरा कम करता है। माना जाता है कि सोया की रोटी का रोजाना सेवन डायबिटीज को पूर्णता नियंत्रित रखता है।
बनाने कि विधि- क कप गेहूं का आटा लें। इसके साथ ही 2 से 3 टेबल स्पून सोया का आटा लें। इसमें आप स्वादानुसार नमक, मिर्च आदि डालकर गूंथ ले। अब इसे भी गेहूं की रोटी की तरह ही सेक लें।
3. बाजरे की रोटी
डायबिटीज से बचाव के लिए और ब्लड शुगर कम करने में बाजरे की रोटी को वरदान माना जाता है। बाजरे मे भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो रक्त शर्करा को बढऩे से रोकता है। कच्चे बाजरे में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम मात्रा में पाया जाता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढऩे की संभावना काफी कम हो जाती है। इसलिए डायबिटीज के रोगियों को खासतौर पर बाजरे से बनी रोटी का सेवन करना चाहिए।
बनाने की विधि - इसके लिए आपको बाजरे का आटा और गेहूं का आटा लेकर गूंथ लें और इसे रोटी की तरह सेंक लें। स्वाद के लिए इसमें स्वाद अनुसार मेथी पत्ती या फिर अजवाइन डाला जा सकता है।
4. रागी के आटे की रोटी
रागी के आटे से बनी रोटी डायबिटीज के मरीजों के ले बहुत फायदेमंद होती है। इसमें पॉलीफेनॉल्स के साथ ही डायटरी फाइबर की प्रचुरता पाई जाती है, जो ब्लड़ शुगर लेवल को बिलकुल नहीं बढऩे देती है। यही नहीं इसमें मिनिरल्स और एमीनो एसिड की भी अधिक मात्रा पाई जाती है, जो ब्लड शुगर कंट्रोल करने में सहायक माना जाता है।
बनाने की विधि - एक कप रागी के आटे के साथ जरूरत अनुसार पानी लें। इसे गूंथ के सही आकार दें। रोटी को सेंकते समय उसे एक कपड़े की मदद से हल्के हाथों से दबाते रहें।
5. ज्वार के आटे की रोटी
ज्वार का आटा भी डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी लाभदायक होता है। ज्वार में मैग्नीशियम, प्रोटीन और डायट्री फाइबर्स की मात्रा पाई जाती है। जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में असरदार होती है। ज्वार की रोटी मे ग्लूटेन नहीं होता है। अक्सर चिकित्सकों द्वारा भी ज्वार की रोटी का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसे भी बाजरे की रोटी की तरह बनाया जाता है। .
6. चने की रोटी
चने की रोटी भी डायबिटीज के खतरे को और डायबिटीज के नियंत्रण में बहुत ही प्रभावी मानी जाती है। चने की रोटी ग्लूटेन फ्री होती है। वहीं ग्लूटेन वाले पदार्थों में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ा देते हैं। लेकिन चने के आटे की रोटी ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी काफी कम होता है। इससे बनी रोटी का सेवन रोजाना करने से ब्लड शुगर लेवल में गिरावट आती है। इसे खाने से शरीर में गुड कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ती है।
बनाने की विधि - एक कप गेहूं का आटा लें अधिक लाभ के लिए उसमें कम से कम दो कप चने का आटा मिलाएं। आप चाहें तो इममें थोड़ी से बेसन की भी मात्रा डाल सकते हंै। इसे गूंथकर रोटियां बना लें।
डायबिटीज के मरीजों को गेहूं के आटे के सेवन से बचना चाहिए। गेहूं के आटे में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 100 के करीब होता है। जबकि बाकी आटों में यह बहुत कम मात्रा मे पाया जाता है।
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